Introduction
हाँ, आजकल की डिजिटल दुनिया सच में कितनी छोटी हो गई है, है ना? कभी-कभी तो लगता है जैसे ये कोई जादू ही हो मुझे आज भी याद है जब मैंने अपना पहला ब्लॉग शुरू किया था; मैं बस इंडिया के लोगों के लिए लिखता था, और फिर एक दिन अचानक देखा कि जर्मनी और ब्राजील जैसे दूर-दराज के देशों से भी लोग मेरे ब्लॉग पर आ रहे हैं। मैं तो यह देखकर हैरान रह गया था। उसी दिन मुझे समझ आया कि अगर मुझे अपने ब्लॉग को ग्लोबल बनाना है, तो सिर्फ़ लोकल SEO से बात नहीं बनेगी। यहीं से मेरा सामना हुआ what is international SEO.
मुझे आज भी याद है जब मैंने पहली बार “what is international SEO” का नाम सुना था—थोड़ा डर लगा, लगा कि ये कोई बहुत टेक्निकल और बड़ी कंपनियों वाली चीज़ होगी। लेकिन जब मैंने इसे समझना शुरू किया, तो देखा कि असल में ये तो एक स्मार्ट तरीका है अपनी ऑनलाइन पहचान को दुनिया भर में फैलाने का। ये ठीक वैसा ही है जैसे आप अपनी छोटी सी दुकान को सिर्फ़ अपने शहर में नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में खोल रहे हों। और खास बात ये है कि ये सिर्फ़ बड़ी कंपनियों के लिए नहीं है—अगर आप एक ब्लॉगर हैं, छोटा व्यवसाय चलाते हैं या बस अपनी आवाज़ को ग्लोबली पहुंचाना चाहते हैं, तो International SEO आपके लिए एक असली गेम चेंजर बन सकता है।
इस ब्लॉग पोस्ट में, मैं आपको अपनी उसी जर्नी पर ले जाने वाला हूं – बिल्कुल एक दोस्त की तरह, बिना किसी किताबी ज्ञान के हम जानेंगे कि what is international seo ये क्यों आपके लिए इतना ज़रूरी है, और सबसे मज़ेदार बात, मैं आपके साथ वो सारे प्रैक्टिकल टिप्स और ट्रिक्स शेयर करूंगा जो मैंने अपने एक्सपीरियंस से सीखे हैं। यकीन मानिए, इसे पढ़कर आपको लगेगा कि आपने भी अपने ब्लॉग को दुनिया भर में पॉपुलर बनाने का एक सीक्रेट मैप पा लिया है तो, तैयार हैं आप इस ग्लोबल एडवेंचर के लिए चलो, शुरू करते हैं।
international SEO strategy
नमस्ते दोस्तों। क्या आपने कभी सोचा है कि कैसे एक कहानी या कोई जानकारी पूरी दुनिया में लोगों तक पहुँचती है जैसे आपकी दादी की कहानियाँ सिर्फ आपके घर में ही नहीं, बल्कि आपके दूर रहने वाले दोस्तों तक भी पहुँच सकती हैं। ठीक वैसे ही, जब हम इंटरनेट पर कुछ लिखते हैं, तो हम चाहते हैं कि वह सिर्फ हमारे पड़ोस के लोगों तक ही नहीं, बल्कि दुनिया के कोने-कोने में बैठे लोगों तक पहुँचे। इसे ही हम international SEO strategy कहते हैं।
मैं कई सालों से इस काम में लगा हूँ। जब मैंने पहली बार इंटरनेट पर काम करना शुरू किया था, तब मुझे भी नहीं पता था कि अपनी बात दुनिया के दूसरे देशों तक कैसे पहुँचाई जाए। लेकिन धीरे-धीरे, मैंने सीखा कि यह कोई जादू नहीं है, बल्कि कुछ खास तरीके हैं। मैंने बहुत से छोटे-छोटे वेबसाइट्स को बड़ा होते देखा है, जो पहले सिर्फ अपने शहर में जाने जाते थे, और अब पूरी दुनिया उन्हें जानती है। यह सब एक अच्छी international SEO strategy का ही कमाल है।
सबसे पहले, हमें यह सोचना होगा कि दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में लोग क्या ढूंढ रहे हैं। जैसे, अगर आप भारत में “किताब” कहेंगे, तो अमेरिका में लोग उसे “book” कहेंगे। तो हमें यह समझना होगा कि हर जगह के लोग किन शब्दों का इस्तेमाल करते हैं। यह थोड़ा जासूस का काम है, है ना।
फिर, हमें यह देखना होता है कि हमारी वेबसाइट अलग-अलग भाषाओं में ठीक से काम कर रही है या नहीं। अगर कोई जापान में बैठकर आपकी वेबसाइट खोले और उसे सिर्फ अंग्रेजी में सब कुछ दिखे, तो उसे थोड़ी मुश्किल होगी। इसलिए, हमें अपनी वेबसाइट को उनकी भाषा में भी दिखाना होता है, ताकि उन्हें लगे कि यह खास उनके लिए ही बनाई गई है।
मैंने खुद देखा है कि एक छोटी सी गलती भी आपकी वेबसाइट को ग्लोबल ऑडियंस तक पहुँचने से रोक सकती है। लेकिन जब आप सही रणनीति अपनाते हैं, तो आपकी साइट इतनी बेहतर बन जाती है कि Google खुद उसे दुनिया के सामने लाने लगता है। मेरे पास ऐसे कई उदाहरण हैं, जहाँ लोगों ने सिर्फ़ सही international SEO strategy अपनाकर अपनी छोटी-सी दुकान को एक ग्लोबल ब्रांड में बदल दिया—अब उनकी पहुँच सिर्फ़ लोकल नहीं, बल्कि इंटरनेशनल मार्केट तक है।
यह सब सिर्फ जानकारी फैलाने का तरीका नहीं है, बल्कि यह भरोसा बनाने का भी एक तरीका है। जब लोग आपकी वेबसाइट को अपनी भाषा में और अपने देश के हिसाब से देखते हैं, तो उन्हें आप पर और आपकी बातों पर ज्यादा विश्वास होता है। मैंने अपने अनुभव से यह जाना है कि जब आप सही जानकारी सही तरीके से सही लोगों तक पहुँचाते हैं, तो वे आप पर भरोसा करते हैं और बार-बार आपकी वेबसाइट पर वापस आते हैं।
multilingual SEO tips
आप सोचिए, अगर आप अपने किसी दोस्त से बात कर रहे हैं और वह आपकी भाषा नहीं समझता, तो आप क्या करेंगे। शायद आप कुछ इशारों का इस्तेमाल करेंगे या कुछ आसान शब्दों का। इंटरनेट पर भी ऐसा ही होता है। जब हम चाहते हैं कि हमारी वेबसाइट या हमारी लिखी हुई कोई जानकारी अलग-अलग भाषाओं को समझने वाले लोग भी पढ़ सकें, तो हमें कुछ खास बातें ध्यान में रखनी पड़ती हैं। यह एक तरह की multilingual SEO tips जिनसे हम अपनी बात को अलग-अलग भाषाओं में लोगों तक पहुँचाते हैं।
मैंने कई सालों से यह काम किया है। शुरू-शुरू में मुझे भी लगता था कि यह कितना मुश्किल होगा, लेकिन धीरे-धीरे मैंने समझा कि यह एक पहेली सुलझाने जैसा है। मैंने अपनी आँखों से देखा है कि कैसे एक छोटी सी दुकान की वेबसाइट, जो पहले सिर्फ हिंदी में थी, अब दस से ज़्यादा भाषाओं में उपलब्ध है और उसे देखने वाले लोग दुनिया के हर कोने से आते हैं। यह कोई जादू नहीं है, बल्कि सही multilingual SEO tips लगाने का नतीजा है।
सबसे पहले और सबसे ज़रूरी बात, हमें यह समझना होगा कि हर भाषा के लोग अलग तरीके से सोचते हैं और अलग शब्दों का इस्तेमाल करते हैं। जैसे, अगर आप भारत में “जूते” कहेंगे, तो फ्रांस में वे “chaussures” कहेंगे। तो हमें यह पता लगाना होगा कि अलग-अलग भाषाओं में लोग किन शब्दों का इस्तेमाल करते हैं जब वे किसी चीज़ को ढूंढते हैं। यह एक तरह से अलग-अलग देशों के शब्दों का पता लगाने जैसा है। मैंने अपने अनुभव से जाना है कि अगर हम सही शब्दों का इस्तेमाल नहीं करते, तो हमारी बात उन तक नहीं पहुँच पाती।
दूसरी बात, हमें अपनी वेबसाइट को उन भाषाओं में दिखाना होगा। सिर्फ एक भाषा में लिखने से काम नहीं चलेगा। अगर आप चाहते हैं कि जर्मनी के लोग आपकी बात समझें, तो आपकी वेबसाइट जर्मन भाषा में होनी चाहिए। और यह सिर्फ शब्दों को बदलने की बात नहीं है, बल्कि हमें यह भी ध्यान रखना होता है कि उस देश के लोग क्या पसंद करते हैं, उनके त्यौहार क्या हैं, और वे कैसे सोचते हैं। यह सब आपकी वेबसाइट को उनकी अपनी लगने में मदद करता है। मैं आपको बता सकता हूँ कि मैंने कई बार लोगों को अपनी वेबसाइट पर बस थोड़ी सी भाषा बदलने की सलाह दी और उनके वेबसाइट पर आने वाले लोगों की संख्या में बहुत बड़ा बदलाव आया।
यह सब करने से, जब कोई इंसान किसी दूसरी भाषा में कुछ ढूंढता है, तो आपकी वेबसाइट उनके सामने सबसे पहले आ सकती है। गूगल भी उन्हीं वेबसाइट्स को ऊपर दिखाता है जो लोगों की मदद कर सकती हैं। और जब आपकी वेबसाइट उनकी अपनी भाषा में होगी, तो वे आप पर ज्यादा भरोसा करेंगे। यह बिलकुल ऐसा है जैसे आप किसी नए शहर में जाते हैं और आपको कोई अपनी भाषा में बात करने वाला मिल जाता है, तो आपको बहुत अच्छा लगता है। यही भरोसा हमें अपनी वेबसाइट पर बनाना होता है।
तो, क्या आप तैयार हैं अपनी वेबसाइट को दुनिया की कई भाषाओं में चमकता हुआ देखने के लिए। अगर हाँ, तो अगला कदम और भी मजेदार होने वाला है।
what is hreflang tag in SEO
आपने कभी सोचा है कि जब आप गूगल पर कुछ ढूंढते हैं और आप भारत में हैं, तो आपको ज्यादातर वेबसाइट्स हिंदी या अंग्रेजी में दिखती हैं। लेकिन अगर कोई दोस्त जर्मनी में बैठकर वही चीज़ ढूंढे, तो उसे शायद जर्मन भाषा में वेबसाइट्स दिखें। यह कोई जादू नहीं है, बल्कि यह एक बहुत ही खास कोड का कमाल है जिसे हम what is hreflang tag in SEO यह टैग गूगल को बताता है कि कौन सी भाषा वाली वेबसाइट किस देश या किस भाषा के लोगों के लिए है।
मैं पिछले कई सालों से इस इंटरनेट की दुनिया में काम कर रहा हूँ। मैंने देखा है कि कैसे एक छोटी सी गलती भी आपकी वेबसाइट को उन लोगों तक पहुँचने से रोक सकती है जिनके लिए वह बनी है। और यह hreflang टैग इस समस्या को हल करने में बहुत मदद करता है। मैंने खुद अपने हाथों से कई वेबसाइट्स पर इन टैग्स को लगाया है और देखा है कि कैसे लगाने के बाद उनकी वेबसाइट्स पर अलग-अलग देशों से लोग आने लगे, जैसे कि पहले कभी नहीं आते थे।
आप इसे ऐसे समझ सकते हैं कि यह एक तरह का साइनबोर्ड है जो गूगल को बताता है कि “देखो, यह वाला पेज भारत के हिंदी बोलने वाले लोगों के लिए है, और यह वाला पेज जर्मनी के जर्मन बोलने वाले लोगों के लिए।” जब हम अपनी वेबसाइट पर what is hreflang tag in SEO टैग लगाते हैं, तो हम गूगल को साफ-साफ बता देते हैं कि हमारी वेबसाइट के कौन से हिस्से किस भाषा और किस देश के लोगों के लिए हैं।
मान लीजिए आपकी एक दुकान है जहाँ आप खिलौने बेचते हैं। आपने हिंदी में भी अपनी दुकान के बारे में लिखा है और अंग्रेजी में भी। अगर कोई बच्चा भारत से “खिलौने” ढूंढेगा, तो गूगल को यह टैग बताएगा कि उसे हिंदी वाला पेज दिखाना है। और अगर कोई बच्चा अमेरिका से “toys” ढूंढेगा, तो उसे अंग्रेजी वाला पेज दिखेगा। इससे सबको अपनी पसंद की भाषा में जानकारी मिल जाती है और उन्हें आपकी वेबसाइट पर आकर बहुत अच्छा लगता है।
मेरा अनुभव है कि यह टैग लगाना बहुत ज़रूरी है, खासकर जब आपकी वेबसाइट कई भाषाओं में हो। अगर हम यह टैग नहीं लगाते, तो गूगल थोड़ा कन्फ्यूज हो सकता है और शायद गलत भाषा वाला पेज गलत इंसान को दिखा दे। मैंने कई बार देखा है कि लोग इस छोटे से टैग को लगाना भूल जाते हैं और फिर सोचते हैं कि उनकी वेबसाइट पर दूसरे देशों से लोग क्यों नहीं आ रहे। जैसे ही वे यह टैग लगाते हैं, जादू हो जाता है। यह टैग यह भी पक्का करता है कि गूगल को लगे कि आपकी वेबसाइट बहुत व्यवस्थित और भरोसेमंद है।
तो क्या आप अपनी वेबसाइट को दुनिया के सही लोगों तक सही भाषा में पहुँचाने के लिए तैयार हैं। अगर हाँ, तो अगला कदम आपको यह बताएगा कि आप इस टैग को अपनी वेबसाइट पर कैसे लगा सकते हैं।
global SEO best practices
कभी आपने सोचा है कि कैसे कुछ कहानियाँ या गाने पूरी दुनिया में मशहूर हो जाते हैं। यह सिर्फ अच्छी कहानी या गाने की बात नहीं होती, बल्कि उन्हें सही तरीके से लोगों तक पहुँचाना भी होता है। ठीक वैसे ही, जब हम अपनी वेबसाइट को पूरी दुनिया के लिए बनाते हैं, तो हमें कुछ खास बातें ध्यान में रखनी पड़ती हैं ताकि गूगल उसे सही लोगों तक पहुँचाए। इसे हम global SEO best practices तरीके कहते हैं।
मैं कई वर्षों से इस क्षेत्र में काम कर रहा हूँ और अपने अनुभव से यह जाना है कि अगर हम SEO की छोटी-छोटी बातों पर ध्यान दें, तो हमारी वेबसाइट दुनिया के हर कोने तक पहुँच सकती है। मैंने खुद कई ऐसी कंपनियाँ देखी हैं जो पहले सिर्फ अपने देश में जानी जाती थीं, लेकिन सही global SEO best practices अपनाकर आज वे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना चुकी हैं।
सबसे पहले, हमें यह पता लगाना होगा कि अलग-अलग देशों में लोग क्या पसंद करते हैं। जैसे, अगर आप भारत में दिवाली के बारे में लिख रहे हैं, तो अमेरिका में लोग क्रिसमस के बारे में ज्यादा जानना चाहेंगे। तो हमें यह समझना होगा कि हर जगह के लोग किन चीज़ों में रुचि रखते हैं और उन्हें कैसे अपनी बात समझाई जाए। यह एक तरह से जासूसी का काम है, लेकिन बहुत मज़ेदार।
फिर, हमें अपनी वेबसाइट को उन देशों के हिसाब से बनाना होगा। इसका मतलब है कि सिर्फ भाषा बदलना ही काफी नहीं है, बल्कि हमें यह भी देखना होगा कि वहाँ कौन सी मुद्रा (जैसे रुपये या डॉलर) चलती है, वहाँ कौन से त्यौहार मनाए जाते हैं, और वहाँ के लोग किस तरह की तस्वीरें या रंग पसंद करते हैं। मैंने अपने अनुभव से जाना है कि जब वेबसाइट पूरी तरह से उनके माहौल में ढल जाती है, तो लोग उसे अपना मानते हैं।
हमें यह भी पक्का करना होगा कि हमारी वेबसाइट बहुत तेज़ी से खुले, चाहे कोई उसे दुनिया के किसी भी कोने से खोले। अगर वेबसाइट खुलने में बहुत देर लगती है, तो लोग इंतज़ार नहीं करते और दूसरी वेबसाइट पर चले जाते हैं। मैंने कई बार देखा है कि तेज़ वेबसाइटें हमेशा धीमे खुलने वाली वेबसाइटों से आगे रहती हैं। यह सब छोटी-छोटी बातें हैं, लेकिन बहुत काम की हैं।
यह सब करने से गूगल को भी यह पता चलता है कि आपकी वेबसाइट बहुत अच्छी है और वह अलग-अलग देशों के लोगों की मदद कर सकती है। गूगल हमेशा ऐसी वेबसाइटों को पसंद करता है जो लोगों के लिए फायदेमंद हों। और जब आप इन global SEO best practices का इस्तेमाल करते हैं, तो आपकी वेबसाइट पर लोगों का भरोसा भी बढ़ता है। वे जानते हैं कि यह वेबसाइट उनके लिए ही बनी है।
country targeting in SEO
आपने गौर किया होगा कि जब आप गूगल पर कुछ सर्च करते हैं, तो ज्यादातर रिज़ल्ट्स आपके देश से जुड़ी जानकारी ही दिखाते हैं। उदाहरण के लिए, अगर आप भारत में हैं, तो आपको भारतीय वेबसाइट्स या खबरें पहले दिखाई देंगी, न कि अमेरिका की। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि इसमें Country Targeting in SEO की भूमिका होती है। इसका मकसद यह होता है कि वेबसाइट गूगल को यह संकेत देती है कि उसका कंटेंट खास तौर पर किस देश के लोगों के लिए ज़्यादा उपयोगी है।
मैं कई सालों से यह काम कर रहा हूँ। मैंने अपने अनुभव से सीखा है कि यह तरीका कितना ज़रूरी है। जब मैंने पहली बार एक वेबसाइट को सिर्फ एक देश के लिए बनाया, तो मैंने देखा कि उस देश से बहुत सारे लोग आने लगे। फिर जब मैंने एक और वेबसाइट को दूसरे देश के लिए बनाया, तो उस देश से भी लोग आने लगे। यह कोई जादू नहीं है, बल्कि यह country targeting in SEO बनाना का नतीजा है। मैंने अपनी आँखों से देखा है कि जब हम सही तरीके से यह काम करते हैं, तो गूगल हमारी वेबसाइट को सही लोगों तक पहुँचाने में मदद करता है।
सोचिए, आपके पास एक दुकान है जो सिर्फ भारत में लोगों को कपड़े बेचती है। आप चाहेंगे कि भारत के लोग ही आपकी दुकान के बारे में जानें, न कि अमेरिका या जापान के लोग। ठीक वैसे ही, हम गूगल को बताते हैं कि हमारी वेबसाइट किस देश के लोगों के लिए है। ऐसा करने के कई तरीके हैं।
पहला तरीका है अपनी वेबसाइट का पता (URL) ऐसा बनाना जिसमें देश का नाम हो, जैसे example.in (यह भारत के लिए है) या example.de (यह जर्मनी के लिए है)। जब हम ऐसा करते हैं, तो गूगल समझ जाता है कि यह वेबसाइट खास उस देश के लिए है।
दूसरा तरीका है गूगल सर्च कंसोल नाम के एक खास टूल का इस्तेमाल करना। यह गूगल का एक दोस्त है जो हमें अपनी वेबसाइट के बारे में बताता है। इसमें हम गूगल को सीधे-सीधे बता सकते हैं कि हमारी वेबसाइट किस देश के लिए बनी है। मैंने खुद इस टूल का कई बार इस्तेमाल किया है और देखा है कि यह कितना असरदार होता है। जब हम गूगल को साफ-साफ बता देते हैं, तो वह हमारी बात मान लेता है।
तीसरा तरीका है अपनी वेबसाइट पर ऐसी जानकारी डालना जो सिर्फ उसी देश के लोगों के लिए काम की हो। जैसे, अगर आपकी वेबसाइट भारत के त्यौहारों के बारे में है, तो गूगल खुद-ब-खुद समझ जाएगा कि यह भारत के लोगों के लिए है। हमें अपने अनुभव से पता चला है कि गूगल बहुत समझदार है और वह इन संकेतों को पहचान लेता है।
यह सब करने से, जब कोई इंसान किसी खास देश से कुछ ढूंढता है, तो आपकी वेबसाइट उनके सामने सबसे पहले आ सकती है। इससे आपकी वेबसाइट पर वो लोग आते हैं जो सच में आपकी जानकारी या आपके सामान में रुचि रखते हैं। यह एक तरह से सही लोगों को सही चीज़ दिखाना है, और इससे आपकी वेबसाइट पर लोगों का भरोसा भी बढ़ता है।
local vs international SEO
आपने कभी सोचा है कि जब आप अपने फोन पर “मेरे पास पिज्जा की दुकान” लिखते हैं, तो गूगल आपको आपके शहर की पिज्जा की दुकानों के बारे में बताता है? लेकिन अगर आप “सर्वश्रेष्ठ पिज्जा रेसिपी” लिखते हैं, तो आपको दुनिया भर से अलग-अलग रेसिपी मिल सकती हैं। यह सब एक खास वजह से होता है। गूगल यह पहचान लेता है कि आप स्थानीय जानकारी चाहते हैं या वैश्विक। यही असली फर्क है local vs international SEO में। जहाँ स्थानीय SEO का मकसद आपके आस-पास के लोगों तक पहुँचना है, वहीं अंतर्राष्ट्रीय SEO आपको पूरी दुनिया की ऑडियंस से जोड़ने में मदद करता है।
मैं पिछले कई वर्षों से डिजिटल दुनिया में वेबसाइट्स की पहुंच बढ़ाने का काम कर रहा हूँ। इस दौरान मैंने लोकल दुकानों से लेकर इंटरनेशनल ब्रांड्स तक के साथ काम किया है। अपने अनुभव से मैंने देखा है कि एक ही वेबसाइट, अगर सही SEO रणनीति अपनाए, तो न सिर्फ़ स्थानीय स्तर पर लोकप्रिय हो सकती है, बल्कि ग्लोबल ऑडियंस तक भी पहुँच बना सकती है। असल फर्क इस बात से पड़ता है कि आप Local SEO और International SEO का सही समय पर और सही तरीके से उपयोग कर रहे हैं या नहीं। मेरी राय में, दोनों ही जरूरी हैं — बस ये समझना ज़रूरी है कि कब कौन-सी रणनीति अपनानी है।
स्थानीय SEO को आप ऐसे समझ सकते हैं जैसे आपकी गली की कोई दुकान। इस दुकान का मालिक चाहता है कि उसके आस-पास के लोग ही उसकी दुकान के बारे में जानें और वहाँ आएं। इसके लिए वह अपनी दुकान का पता, फोन नंबर, और खुलने-बंद होने का समय जैसी जानकारी ऐसी जगह पर रखता है जहाँ स्थानीय लोग उसे आसानी से ढूंढ सकें, जैसे कि किसी स्थानीय डायरेक्टरी में या Google Maps पर। मैंने खुद कई बार छोटे व्यापारियों को सिखाया है कि कैसे अपनी दुकान को Google पर दिखाएं ताकि उनके इलाके के ग्राहक उन्हें तुरंत ढूंढ सकें। यह ग्राहकों और बिज़नेस के बीच सीधा, भरोसेमंद रिश्ता बनाता है।
वहीं, अंतर्राष्ट्रीय SEO बिल्कुल ऐसा है जैसे कोई बहुत बड़ी कंपनी जो अपना सामान दुनिया के अलग-अलग देशों में बेचना चाहती है। यहाँ हमें सिर्फ एक शहर या मोहल्ले के बारे में नहीं सोचना होता, बल्कि पूरी दुनिया के बारे में सोचना होता है। इसमें हमें अलग-अलग भाषाओं, अलग-अलग देशों की पसंद और नापसंद का ध्यान रखना पड़ता है, जैसा कि हमने पहले सीखा था। जैसे hreflang टैग और अलग-अलग देशों के लिए अलग-अलग वेबसाइटें बनाना। मैंने कई बार देखा है कि अगर आप दुनिया भर में अपनी बात पहुँचाना चाहते हैं, तो अंतर्राष्ट्रीय SEO का कोई मुकाबला नहीं है।
दोनों का मकसद एक ही है – लोगों तक पहुँचना। लेकिन उनका तरीका अलग-अलग है। स्थानीय SEO आपको आपके पड़ोस के लोगों से जोड़ता है, जबकि अंतर्राष्ट्रीय SEO आपको पूरी दुनिया से जोड़ता है। यह समझना बहुत ज़रूरी है कि आपकी ज़रूरत क्या है। अगर आपकी दुकान सिर्फ आपके शहर में है, तो स्थानीय SEO आपके लिए सबसे अच्छा है। लेकिन अगर आप अपने सामान को पूरी दुनिया में बेचना चाहते हैं, तो आपको अंतर्राष्ट्रीय SEO पर ध्यान देना होगा।
international SEO tools
क्या आपने कभी गौर किया है कि जब कोई जासूस किसी रहस्य को सुलझाता है, तो उसके पास कुछ ख़ास चीज़ें होती हैं। जैसे कोई खास लेंस या एक जादुई नक़्शा। ठीक ऐसे ही, जब हम अपनी वेबसाइट को पूरी दुनिया में पहचान दिलाना चाहते हैं, तो हमें भी कुछ मददगार चीज़ों की ज़रूरत पड़ती है। ये चीज़ें हमें समझने में मदद करती हैं कि लोग क्या खोज रहे हैं, कौन सी भाषाएँ बोल रहे हैं, और हमारी वेबसाइट कैसे काम कर रही है। इन्हीं को हम international SEO tools कहते हैं।
मैं कई सालों से इन औजारों का इस्तेमाल कर रहा हूँ। जब मैंने पहली बार ये औजार देखे थे, तो मुझे लगा था कि ये बहुत मुश्किल होंगे, लेकिन धीरे-धीरे मैंने समझा कि ये कितने काम के हैं। मैंने अपनी आँखों से देखा है कि कैसे इन औजारों की मदद से छोटी-छोटी वेबसाइटें भी पूरी दुनिया में जानी जाने लगीं। यह कोई जादू नहीं है, बल्कि इन international SEO tools का सही इस्तेमाल है। मेरे पास कई ऐसे उदाहरण हैं जहाँ मैंने लोगों को सिखाया है कि कैसे इन औजारों का उपयोग करके वे अपनी वेबसाइट को और भी बेहतर बना सकते हैं।
सबसे पहले, एक औजार होता है जो हमें बताता है कि दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में लोग किन शब्दों को खोज रहे हैं। जैसे, अगर भारत में लोग “मोबाइल फोन” ढूंढ रहे हैं, तो अमेरिका में वे शायद “सेल फोन” (cell phone) ढूंढ रहे हों। यह औजार हमें सही शब्द खोजने में मदद करता है ताकि हम अपनी वेबसाइट पर उन्हीं शब्दों का उपयोग करें जो लोग तलाश रहे हैं। यह बिल्कुल ऐसा है जैसे आप किसी को पुकार रहे हों और आप वही नाम ले रहे हों जिससे वह आपकी आवाज़ सुन सके।
दूसरा औजार हमें यह देखने में मदद करता है कि हमारी वेबसाइट अलग-अलग देशों में कैसी दिख रही है। कभी-कभी, एक ही वेबसाइट किसी एक देश में अच्छी दिखती है, लेकिन दूसरे देश में नहीं। यह औजार हमें उन चीज़ों को ठीक करने में मदद करता है ताकि हमारी वेबसाइट हर जगह अच्छी दिखे। मैंने अपने अनुभव से जाना है कि अगर आपकी वेबसाइट हर जगह अच्छी दिखती है, तो लोग उस पर ज़्यादा देर रुकते हैं और उसे पसंद करते हैं।
एक और खास औजार हमें यह जानने में मदद करता है कि हमारी वेबसाइट पर कितने लोग आ रहे हैं, वे कहाँ से आ रहे हैं, और वे क्या कर रहे हैं। यह बिलकुल ऐसा है जैसे आप अपनी दुकान में आए ग्राहकों को गिन रहे हों और देख रहे हों कि वे क्या खरीद रहे हैं। यह औजार हमें बताता है कि हमारी अंतर्राष्ट्रीय SEO रणनीति कितनी अच्छी काम कर रही है और हमें कहाँ सुधार करने की ज़रूरत है। मैंने कई बार इन आंकड़ों का इस्तेमाल करके लोगों को उनकी वेबसाइट को सफल बनाने में मदद की है।
ये सारे international SEO tools हमें एक तरह से एक नज़रिया देते हैं कि हम दुनिया में अपनी वेबसाइट के साथ कहाँ खड़े हैं। ये सिर्फ नंबर या आंकड़े नहीं हैं, बल्कि ये हमें बताते हैं कि हमें क्या करना चाहिए ताकि हमारी वेबसाइट और भी सफल हो सके। इन औजारों पर मेरा पूरा भरोसा है क्योंकि मैंने खुद इनके जादू को देखा है।
how to do international SEO
आपने कभी सोचा है कि जब कोई बड़ी कंपनी अपना सामान दुनिया के अलग-अलग देशों में बेचना चाहती है, तो वह ऐसा कैसे करती है। वह सिर्फ सामान बनाती नहीं, बल्कि उसे सही लोगों तक सही तरीके से पहुँचाती भी है। इंटरनेट पर भी ऐसा ही होता है। जब हम अपनी वेबसाइट को पूरी दुनिया के लोगों तक पहुँचाना चाहते हैं, तो हमें कुछ खास कदम उठाने पड़ते हैं। यही है how to do international SEO का तरीका।
मैं कई सालों से इस इंटरनेट की दुनिया में काम कर रहा हूँ। मैंने अपनी आँखों से देखा है कि कैसे सही तरीके से अंतर्राष्ट्रीय SEO करने से एक छोटी वेबसाइट भी बड़ी बन जाती है। मैंने बहुत से लोगों को यह सिखाया है कि वे अपनी वेबसाइट को कैसे दुनिया के अलग-अलग कोनों तक पहुँचा सकते हैं। मेरे अनुभव में, यह कोई जादू नहीं, बल्कि एक व्यवस्थित तरीका है जिसे कोई भी सीख सकता है। मेरा मानना है कि अगर आप सही दिशा में काम करें, तो आपकी वेबसाइट को सफल होने से कोई नहीं रोक सकता।
सबसे पहले और सबसे ज़रूरी बात, हमें यह सोचना होगा कि हम किस देश के लोगों तक पहुँचना चाहते हैं और वे कौन सी भाषा बोलते हैं। जैसे, अगर आप भारत के साथ-साथ जर्मनी में भी अपने खिलौने बेचना चाहते हैं, तो आपको अपनी वेबसाइट का एक हिस्सा हिंदी में और एक हिस्सा जर्मन में बनाना होगा। यह वैसा ही है जैसे आप एक दुकान खोलें और उसमें अलग-अलग देशों के ग्राहकों के लिए अलग-अलग सेक्शन हों। मैंने कई बार देखा है कि लोग इस पहले कदम को ठीक से नहीं करते और फिर उन्हें मनचाहे नतीजे नहीं मिलते।
दूसरा कदम है hreflang टैग का इस्तेमाल करना, जिसके बारे में हमने पहले बात की थी। यह एक तरह का गुप्त संदेश है जो हम Google को भेजते हैं। यह संदेश बताता है कि “देखो Google, यह वाला पेज भारत के लोगों के लिए है, और यह वाला पेज जर्मनी के लोगों के लिए।” जब आप यह टैग सही जगह पर लगाते हैं, तो Google को पता चल जाता है कि किस व्यक्ति को कौन सा पेज दिखाना है। मेरे अनुभव से, यह टैग छोटी सी चीज़ लगती है, पर इसका असर बहुत बड़ा होता है। अगर आप इसे नहीं लगाते, तो Google थोड़ा भ्रमित हो सकता है।
तीसरा काम है अपनी वेबसाइट को उन देशों के हिसाब से बनाना। इसका मतलब सिर्फ भाषा बदलना नहीं है। आपको यह भी देखना होगा कि वहाँ कौन सी मुद्रा (जैसे रुपये या यूरो) चलती है, वहाँ के लोग किन चीज़ों को पसंद करते हैं, और उन्हें किस तरह की तस्वीरें या डिज़ाइन अच्छे लगते हैं। सोचिए, एक ही कहानी को अलग-अलग देशों में अलग-अलग तरीकों से सुनाया जाता है ताकि लोग उसे पसंद करें। ठीक वैसे ही, हमें अपनी वेबसाइट को भी उस देश के लोगों के हिसाब से ढालना होगा। मैंने खुद लोगों को उनकी वेबसाइट के रंगों और तस्वीरों में बदलाव करके देखा है कि कैसे उनकी वेबसाइट पर आने वाले लोगों की संख्या बढ़ जाती है।
आखिरी बात, आपको हमेशा देखते रहना होगा कि आपकी वेबसाइट कैसी चल रही है। क्या लोग उसे पसंद कर रहे हैं। क्या वे उसे ढूंढ पा रहे हैं। इसके लिए अंतर्राष्ट्रीय SEO के औजार काम आते हैं, जिनके बारे में हमने अभी बात की थी। ये औजार आपको बताते हैं कि कहाँ सुधार की ज़रूरत है। मेरी सलाह है कि आप इन्हें नियमित रूप से देखते रहें, क्योंकि इंटरनेट की दुनिया हमेशा बदलती रहती है।
international SEO checklist
क्या आपने कभी किसी बड़े काम को करने से पहले एक सूची बनाई है? जैसे, मान लो आप एक बड़ी यात्रा पर जा रहे हो, तो आप शायद एक लिस्ट बनाते हो जिसमें कपड़े, ज़रूरी कागज़ात और खाने का सामान जैसी चीज़ें लिखी होती हैं, ताकि कुछ भी छूट न जाए। ठीक ऐसे ही, जब हम अपनी वेबसाइट को दुनिया के कोने-कोने तक पहुँचाना चाहते हैं, तो हमें भी एक खास लिस्ट की ज़रूरत पड़ती है। इस लिस्ट में वो सारी ज़रूरी बातें लिखी होती हैं जो हमें करनी हैं। इसी को हम international SEO checklist कहते हैं।
मैं पिछले कई सालों से इस डिजिटल दुनिया में काम कर रहा हूँ। मेरे अनुभव में, मैंने देखा है कि जब लोग इस तरह की चेकलिस्ट का इस्तेमाल करते हैं, तो वे कभी कोई ज़रूरी चीज़ नहीं भूलते और उनका काम बहुत अच्छे से होता है। मैंने खुद कई कंपनियों को इस चेकलिस्ट का इस्तेमाल करते हुए देखा है और उन्होंने अपनी वेबसाइट को दुनिया के हर कोने में पहुँचाया है। यह कोई मुश्किल काम नहीं है, बस आपको पता होना चाहिए कि क्या-क्या करना है, और यह चेकलिस्ट उसमें आपकी पूरी मदद करेगी। मेरा मानना है कि व्यवस्थित तरीके से काम करने से हमेशा सफलता मिलती है।
तो, इस international SEO checklist में क्या-क्या होता है।
सबसे पहले, हमें यह तय करना होगा कि हम किन-किन देशों और भाषाओं के लोगों तक पहुँचना चाहते हैं। यह आपकी चेकलिस्ट का पहला और सबसे ज़रूरी बिंदु है। जैसे, अगर आपकी वेबसाइट खिलौने बेचती है, तो क्या आप सिर्फ भारत में बेचना चाहते हैं, या अमेरिका और जर्मनी में भी।
देश और भाषा तय करें: सबसे पहले पता करें कि आपको किन देशों और कौन-कौन सी भाषाओं के लोगों तक अपनी बात पहुँचानी है।
दूसरा, हमें अपनी वेबसाइट के पते (URL) को उन देशों के हिसाब से बनाना होगा। जैसे, भारत के लिए उदाहरण.in और जर्मनी के लिए उदाहरण.de। यह Google को सीधे-सीधे बता देता है कि आपकी वेबसाइट किस देश के लिए बनी है।
सही वेबसाइट पता (URL) चुनें: अपनी वेबसाइट के लिए ऐसा पता चुनें जो देश के हिसाब से सही हो (जैसे .in, .de)।
तीसरा, अपनी वेबसाइट का हर पेज उन भाषाओं में तैयार करना बहुत ज़रूरी है। सिर्फ शब्दों का मशीनी अनुवाद (जैसे गूगल ट्रांसलेट से) काफी नहीं होता। हमें यह भी देखना होगा कि उस देश के लोग कौन से खास शब्दों का इस्तेमाल करते हैं और उनकी संस्कृति क्या है।
भाषा और संस्कृति का ध्यान रखें: अपनी वेबसाइट का कंटेंट उन देशों की भाषा और संस्कृति के हिसाब से लिखें, सिर्फ अनुवाद न करें।
चौथा, वह जादुई hreflang टैग लगाना मत भूलना! यह Google को बताता है कि आपकी वेबसाइट का कौन सा पेज किस भाषा और किस देश के लिए है। यह बहुत ज़रूरी है ताकि सही लोगों को सही पेज दिखे।
hreflang टैग लगाएं: Google को बताने के लिए कि आपकी वेबसाइट के कौन से पेज किस भाषा और देश के लिए हैं, hreflang टैग का इस्तेमाल करें।
पाँचवां, अपनी वेबसाइट को उन देशों के हिसाब से तेज़ और बेहतर बनाएं। अगर कोई आपकी वेबसाइट को दूर देश से खोलता है और वह धीरे खुलती है, तो लोग चले जाएंगे।
वेबसाइट की स्पीड और अनुभव बेहतर बनाएं: सुनिश्चित करें कि आपकी वेबसाइट हर देश में तेज़ी से खुले और लोगों को उसे इस्तेमाल करना आसान लगे।
छठा और आखिरी, हमेशा देखते रहें कि आपकी अंतर्राष्ट्रीय SEO रणनीति कैसी चल रही है। क्या लोग आ रहे हैं। क्या वे आपकी चीज़ें खरीद रहे हैं। इसके लिए हमें उन औजारों का इस्तेमाल करना होगा जिनके बारे में हमने पिछले लेख में बात की थी।
प्रदर्शन पर नज़र रखें: अपनी वेबसाइट पर आने वाले लोगों और उनके व्यवहार पर लगातार नज़र रखें ताकि पता चले कि क्या काम कर रहा है और क्या नहीं।
यह international SEO checklist आपको एक अच्छा रास्ता दिखाएगी। यह आपकी वेबसाइट को पूरी दुनिया में पहचान दिलाने में मदद करेगी, ठीक वैसे ही जैसे एक अच्छी कहानी आपको अंत तक बांधे रखती है। क्या आप तैयार हैं इस चेकलिस्ट का इस्तेमाल करके अपनी वेबसाइट को नए मुकाम पर ले जाने के लिए।
conclusion
तो दोस्तों, देखा आपने, अपनी वेबसाइट को दुनिया के कोने-कोने तक पहुँचाना कोई रॉकेट साइंस नहीं है। ये बिलकुल ऐसा है जैसे आप अपने घर में बैठे-बैठे दुनिया के हर शहर में अपने दोस्तों से बात कर रहे हों। हमने देखा कि कैसे अंतर्राष्ट्रीय SEO रणनीति बनानी है, अलग-अलग भाषाओं में लोगों तक कैसे पहुँचना है, वो छोटा सा लेकिन कमाल का hreflang टैग कैसे काम करता है, और आखिर में कुछ खास औजार और एक चेकलिस्ट कैसे हमारी मदद करते हैं।
मेरे लिए तो सबसे ज़्यादा काम की चीज़ हमेशा से ये समझना रहा है कि हर देश के लोग अलग होते हैं, उनकी पसंद-नापसंद अलग होती है। अगर मैं अपने छोटे भाई को ये सब समझाता, तो यही कहता कि “भाई, तू पहले ये देख कि तुझे किससे बात करनी है, और फिर उसकी भाषा में, उसके तरीके से बात कर।” बस यही मूल मंत्र है।
ये सब सुनने में शायद थोड़ा ‘टेक्निकल’ लगे, लेकिन यकीन मानो, जब आप इसे खुद करके देखते हो ना, तो बड़ा मज़ा आता है। और हाँ, डरने की कोई बात नहीं, क्योंकि इस सफ़र में हम सब साथ हैं।
अब बताओ, तुम्हारा इस पूरे सफर में कैसा अनुभव रहा। क्या कोई चीज़ तुम्हें सबसे ज़्यादा दिलचस्प लगी। या कोई बात जो तुम्हें पहले मुश्किल लगती थी, पर अब आसान लगने लगी। कमेंट्स में ज़रूर बताना, मुझे तुम्हारे अनुभव जानने का इंतज़ार रहेगा। चलो मिलते हैं अगले किसी सफर पर।