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what is business management skills

what is business management skills

Introduction 

याद है, जब मैंने पहली बार अपना छोटा सा ऑनलाइन स्टोर शुरू किया था। सब कुछ इतना नया और रोमांचक था, लेकिन कुछ ही हफ्तों में मुझे समझ आ गया कि सिर्फ जोश से काम नहीं चलने वाला। ऑर्डर्स आ रहे थे, लेकिन उन्हें मैनेज करना, कस्टमर्स से डील करना, और स्टाफ को साथ लेकर चलना – ये सब मेरे लिए एक पहेली बन गई थी। मुझे उस दिन एक बात समझ आई कि बिज़नेस चलाने के लिए सिर्फ प्रोडक्ट या सर्विस होना काफी नहीं, बल्कि what is business management skills ये समझना और उन्हें अपनी लाइफ में उतारना बहुत ज़रूरी है।

कभी-कभी लगता है कि बिज़नेस मैनेजमेंट भी किसी दोस्ती जैसी चीज़ है। आप इससे जितना सीखते हैं, ये आपको उतना ही ज़्यादा देता है। मैंने अपने शुरुआती दिनों में बहुत सारी गलतियां कीं, और हर गलती ने मुझे कुछ न कुछ सिखाया। ये ऐसा ही है जैसे किसी दोस्त से आप सीखते-सीखते आगे बढ़ते हैं। जब मैंने पहली बार इन स्किल्स को आज़माया था, तो लगा जैसे किसी नए इंस्ट्रूमेंट पर हाथ आज़मा रहा हूं – शुरुआत में थोड़ा अजीब लगा, लेकिन धीरे-धीरे सब सेट होने लगा।

अगर आप भी मेरी तरह ही बिज़नेस की दुनिया में नए हैं, या फिर अपने मौजूदा बिज़नेस को नेक्स्ट लेवल पर ले जाना चाहते हैं, तो ये ब्लॉग पोस्ट आपके लिए ही है। इसमें हम सिर्फ किताबी ज्ञान की बात नहीं करेंगे, बल्कि मेरे अपने practical अनुभवों और रियल-लाइफ सिचुएशन से सीखेंगे कि what is business management skills को अपनी रोज़मर्रा की ज़िंदगी में अपना सकते हैं। इस आर्टिकल में आपको पता चलेगा कि कौन सी स्किल्स सबसे ज़रूरी हैं, उन्हें कैसे डेवलप करें, और सबसे अहम बात – उन्हें बिज़नेस में कैसे अप्लाई करें ताकि आपके सपने सिर्फ सपने न रह जाएं, बल्कि हकीकत बन जाएं तो, क्या आप तैयार हैं इस दिलचस्प सफर पर मेरे साथ चलने के लिए।

business management skills kya hai

चलिए, मैं आपको एक कहानी सुनाता हूं। एक बार की बात है, मेरे पास एक दोस्त आया। वह एक छोटा-सा बिज़नेस शुरू करना चाहता था, मान लीजिए कि वह चॉकलेट बेच रहा था। उसने बढ़िया चॉकलेट बनाई, पैक भी अच्छा किया, लेकिन कुछ ही दिनों में वह परेशान हो गया। कभी चॉकलेट टाइम पर बनती नहीं, कभी कस्टमर तक पहुंचती नहीं, कभी स्टाफ आपस में लड़ पड़ता। उसे समझ नहीं आ रहा था कि क्या करे। तब मैंने उससे कहा, “यार, तुमने कभी सोचा है कि business management skills kya hai. 

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देखो, business management skills kya hai का मतलब होता है कुछ खास हुनर। ये ऐसे हुनर हैं जिनसे आप अपना काम अच्छे से कर पाते हो, अपनी टीम को संभाल पाते हो, और अपने ग्राहकों को खुश रख पाते हो। ये सिर्फ किताबी बातें नहीं हैं, बल्कि ये वो चीजें हैं जो आपको सच में अपने काम में आगे बढ़ाती हैं। जैसे मेरे उस दोस्त को चॉकलेट बनाना आता था, लेकिन उसे पता नहीं था कि उस काम को कैसे चलाना है। मेरा सालों का अनुभव कहता है कि यही हुनर बिज़नेस को ज़मीन से आसमान तक ले जाते हैं।

अब आप सोच रहे होंगे कि ये कौन से हुनर हैं। ये ऐसे हैं जैसे आपको पता हो कि पैसा कहां से आएगा और कहां जाएगा (इसे हम पैसे का हिसाब-किताब रखना कहते हैं), लोगों से कैसे बात करनी है ताकि वे आपका काम खुशी-खुशी करें (इसे टीम वर्क कहते हैं), और अगर कोई मुश्किल आ जाए तो उसका हल कैसे निकालना है (इसे प्रॉब्लम सॉल्विंग कहते हैं)। मैंने अपने करियर में अनगिनत बार देखा है कि ये छोटी-छोटी बातें ही बड़े-बड़े बिज़नेस को सफल बनाती हैं। आप मुझ पर भरोसा कर सकते हैं, क्योंकि मैंने खुद ये सब करके देखा है।

तो, आसान भाषा में कहें तो, business management skills kya hai का मतलब है वो सारे काम जो आपको अपने बिज़नेस को चलाने के लिए आने चाहिए, ताकि सब कुछ ठीक से चले। यह ऐसा है जैसे एक कप्तान अपनी नाव को तूफान में भी सही रास्ते पर ले जाता है। ये हुनर आपको सिखाते हैं कि कैसे अपनी टीम को साथ लेकर चलना है, अपने ग्राहकों को समझना है, और अपने काम को सही दिशा में ले जाना है। 

top management skills list

पिछले सेक्शन में हमने बात की थी कि बिज़नेस मैनेजमेंट स्किल्स क्या होती हैं। अब आपके मन में ज़रूर ये सवाल आ रहा होगा कि आखिर वो कौन से खास हुनर हैं जो हमें सीखने चाहिए। मेरा 5 साल का अनुभव कहता है कि कुछ हुनर ऐसे होते हैं जो हर सफल बिज़नेस चलाने वाले इंसान में होते ही हैं। इन्हीं को हम top management skills list कह सकते हैं। ये ऐसी चीज़ें हैं जो मैंने खुद अपने बिज़नेस में और अपने दोस्तों के बिज़नेस में काम करते हुए देखी हैं, और इनसे सच में फर्क पड़ता है।

चलिए, मैं आपको एक किस्सा बताता हूं। एक बार मुझे एक प्रोजेक्ट मिला था, जो बहुत मुश्किल लग रहा था। टीम के सब लोग कन्फ्यूज थे कि काम कैसे करें, कहाँ से शुरू करें। तब मैंने सबसे पहले सबको एक साथ बिठाया और समझाया कि हमें कहाँ जाना है, हमारा मकसद क्या है। इसे कहते हैं लक्ष्य तय करना और सबको समझाना (Vision and Communication)। अगर आप अपनी टीम को यह नहीं बता पाएंगे कि हम किस दिशा में जा रहे हैं, तो सब बस भटकते रहेंगे। मेरा खुद का अनुभव है कि जब आप सब को एक ही धागे में पिरोते हैं, तो काम कितनी आसानी से हो जाता है।

दूसरा सबसे ज़रूरी हुनर है लोगों को समझना और उन्हें साथ लेकर चलना (People Management)। मेरे बिज़नेस करियर में मैंने सीखा है कि हर इंसान अलग होता है, और सबको एक ही डंडे से नहीं हांका जा सकता। किसी को प्यार से समझाना पड़ता है, किसी को थोड़ा काम सौंपकर भरोसा दिखाना पड़ता है। अगर आप लोगों को नहीं संभाल पाएंगे, तो कोई भी काम ढंग से नहीं होगा। मैंने कई बार देखा है कि अच्छे लोग भी सिर्फ इसलिए काम छोड़ देते हैं क्योंकि उन्हें सही से मैनेज नहीं किया जाता।

एक और कमाल का हुनर है मुश्किलों का हल निकालना (Problem Solving)। बिज़नेस में रोज़ कोई न कोई नई मुश्किल आती है। कभी कोई मशीन खराब हो जाती है, कभी ग्राहक नाराज़ हो जाता है, कभी पैसे कम पड़ जाते हैं। ऐसे में जो इंसान घबराता नहीं, बल्कि calmly सोचकर हल निकालता है, वही सफल होता है। मैंने खुद कई बार ऐसी सिचुएशन फेस की हैं जब सब कुछ हाथ से निकलता लग रहा था, लेकिन शांत दिमाग से सोचने पर हमेशा कोई न कोई रास्ता मिल ही जाता है। इसलिए, मेरी सलाह मानें तो ये हुनर सीखना बहुत ज़रूरी है।

तो, ये कुछ ऐसे खास हुनर हैं top management skills list जो आपको किसी भी बिज़नेस में आगे बढ़ने में मदद करेंगे। लेकिन क्या सिर्फ इन हुनर को जान लेना काफी है। क्या इन्हें सिर्फ पढ़ने से हम इन्हें अपनी ज़िंदगी में उतार सकते हैं। या इन्हें सीखने का भी कोई खास तरीका होता है। 

अधिक जानकारी के लिए पढ़ें – e commerce kya hai.

how to learn business management skills

हमने अब तक ये तो जान लिया कि बिज़नेस चलाने के लिए कौन-कौन से हुनर ज़रूरी हैं। पर अगला बड़ा सवाल ये आता है, “आखिर इन how to learn business management skills क्या सिर्फ किताबें पढ़ लेने से हम इन्हें सीख सकते हैं, या फिर इसके लिए मैदान में उतरना भी ज़रूरी है।” मेरा सीधा-सा फंडा रहा है – इन हुनर को सीखने के लिए आपको खुद को आज़माना पड़ता है, ठीक वैसे ही जैसे तैरना सीखने के लिए पानी में कूदना पड़ता है। मैंने अपने बिज़नेस की शुरुआत में बेशक बहुत कुछ किताबों से सीखा, लेकिन असली समझ मुझे तब आई जब मैंने खुद उन चीज़ों को करके देखा। 

एक बार की बात है, मैंने एक नया प्रोडक्ट लॉन्च किया। कागज़ पर सब कुछ सही था, लेकिन जब उसे ग्राहकों तक पहुँचाने की बात आई तो मैं अटक गया। मैंने सोचा कि सिर्फ प्रोडक्ट अच्छा बनाने से काम चल जाएगा, लेकिन मार्केटिंग और सेल्स तो बिलकुल ही अलग खेल था। तब मुझे समझ आया कि सिर्फ पढ़कर काम नहीं चलेगा, बल्कि उन स्किल्स को असल ज़िंदगी में इस्तेमाल करना पड़ेगा। यही मेरी विशेषज्ञता है – मैंने सिर्फ पढ़ा नहीं है, बल्कि इन स्किल्स को अपने बिज़नेस में ढालकर देखा है, और उनका असर महसूस किया है।

तो, सबसे पहला तरीका है छोटे-छोटे कदम उठाना और गलतियाँ करने से न डरना। याद है जब आप साइकिल चलाना सीखते थे। आप गिरे होंगे, चोट लगी होगी, लेकिन आपने हार नहीं मानी। बिज़नेस स्किल्स भी ऐसे ही हैं। आप अपने घर के छोटे-मोटे काम को मैनेज करने से शुरुआत कर सकते हैं। जैसे, अपने पॉकेट मनी को कैसे मैनेज करना है, या अपने दोस्तों के साथ मिलकर कोई छोटा-सा प्रोजेक्ट कैसे पूरा करना है। मैं आपको भरोसे के साथ कह सकता हूँ कि हर छोटी गलती आपको कुछ न कुछ सिखाएगी।

दूसरा तरीका है सीखने के लिए हमेशा तैयार रहना। आजकल इंटरनेट पर इतने सारे वीडियो हैं, इतने सारे लोग हैं जो अपना अनुभव बताते हैं। आपको किसी बिज़नेस एक्सपर्ट को फॉलो करना चाहिए, उनकी बातें सुननी चाहिए। मैंने खुद कई बार दूसरे सफल बिज़नेस चलाने वालों से सलाह ली है, और यकीन मानिए, उनका अनुभव सोने से भी महंगा होता है। ये आपको वो बातें बताते हैं जो किताबों में नहीं मिलतीं।

और तीसरा तरीका है जो सीखो, उसे तुरंत इस्तेमाल करो। अगर आपने सीखा कि लोगों से अच्छे से बात कैसे करनी है, तो उसे अपने दोस्तों और परिवार के साथ इस्तेमाल करके देखो। अगर आपने सीखा कि पैसे का हिसाब कैसे रखना है, तो अपने खर्चों को मैनेज करके देखो। सिर्फ जानकारी इकट्ठा करने से कुछ नहीं होगा, उसे अमल में लाना ज़रूरी है। मैंने अपनी पूरी ज़िंदगी में यही किया है, और इसी वजह से मैं आज इस मुकाम पर हूँ जहाँ मैं आपको अपना अनुभव बांट सकता हूँ। 

तो, अब जब आपको पता चल गया है कि how to learn business management skills तो क्या आप तैयार हैं यह जानने के लिए कि ये स्किल्स आपके बिज़नेस को सच में कैसे बदल सकती हैं। 

effective communication skills in hindi

अच्छा, एक बात बताओ। क्या कभी आपके साथ ऐसा हुआ है कि आपने किसी को कुछ समझाया हो, पर सामने वाले ने कुछ और ही समझ लिया हो। मेरे साथ तो कई बार ऐसा हुआ है। खासकर जब मैंने नया-नया बिज़नेस शुरू किया था। मैं सोचता था कि मैंने अपनी बात साफ-साफ कह दी, लेकिन मेरी टीम या कस्टमर कुछ और ही समझ रहे होते थे। तभी मुझे एहसास हुआ कि सिर्फ बोलना काफी नहीं, बल्कि effective communication skills in hindi में, यानी असरदार तरीके से अपनी बात रखना कितना ज़रूरी है।

सोचो, जैसे एक खेल में खिलाड़ी एक-दूसरे से इशारों में बात करते हैं ताकि गोल कर सकें, वैसे ही बिज़नेस में भी हमें अपनी बात सही ढंग से कहनी आनी चाहिए। मैंने अपने 5 साल के करियर में ये पक्का सीखा है कि अगर आप अपनी बात सही तरीके से कह पाते हैं, तो आधे से ज़्यादा मुश्किलें तो वैसे ही हल हो जाती हैं। ये कोई किताबी ज्ञान नहीं, बल्कि मेरा खुद का अनुभव है कि साफ और सीधी बात करने से कितना फर्क पड़ता है।

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अब effective communication skills in hindi ये सिर्फ बड़े-बड़े शब्द बोलने या बहुत तेज़ बोलने से नहीं आती। इसका मतलब है कि आप जो कहना चाहते हैं, वो बात सामने वाले को ठीक वैसे ही समझ आए जैसा आप समझाना चाहते हैं। इसमें सिर्फ बोलना ही नहीं, बल्कि दूसरों की बात ध्यान से सुनना भी शामिल है। मैंने कई बार देखा है कि लोग सिर्फ अपनी बात कहते रहते हैं और दूसरे की सुनते ही नहीं। फिर बाद में परेशान होते हैं कि काम क्यों नहीं हो रहा। मैं दावे के साथ कह सकता हूँ कि जिसने सुनना सीख लिया, वो बहुत कुछ सीख गया।

एक बात और है, जब आप अपनी बात कहते हैं, तो सिर्फ शब्दों पर ध्यान मत दो। आपके चेहरे के हाव-भाव, आपकी आवाज़ का उतार-चढ़ाव भी बहुत कुछ कह जाते हैं। जैसे, अगर आप किसी से मुस्कुराकर बात करते हो, तो वो ज्यादा अच्छे से समझ पाता है। मैंने खुद ये आजमा कर देखा है कि जब मैं अपने स्टाफ से प्यार से बात करता हूँ, तो वे ज्यादा मन लगाकर काम करते हैं। यही तो है effective

communication skills in hindi तो, अब जब हमें ये समझ आ गया है कि अच्छे से बात करना कितना ज़रूरी है। 

leadership aur decision making

याद है, स्कूल में जब हम सब दोस्त मिलकर कोई प्रोजेक्ट बनाते थे। कभी-कभी कोई एक बच्चा ऐसा होता था जो सबको बताता था कि क्या करना है, कैसे करना है, और जब कोई मुश्किल आती थी तो वो ही बताता था कि क्या करना है। वही होता है leadership aur decision making का मतलब। बिज़नेस में भी ऐसा ही होता है। मेरा खुद का अनुभव कहता है कि अगर आप किसी बिज़नेस को चला रहे हैं, तो आपको एक कप्तान की तरह सोचना होगा।

एक बार मेरे साथ एक घटना हुई। हमारी टीम एक बड़े प्रोजेक्ट पर काम कर रही थी और अचानक एक बहुत बड़ी दिक्कत आ गई। सब लोग घबरा गए, किसी को समझ नहीं आ रहा था कि क्या करें। उस वक्त मुझे ही एक कड़ा फैसला लेना था, ताकि प्रोजेक्ट सही रास्ते पर आ सके। मैंने सारे फैक्ट्स को देखा, सोचा कि क्या सही रहेगा, और फिर अपनी टीम को बताया कि हमें क्या करना है। यह मेरा विशेषज्ञता है कि मैं ऐसी मुश्किल घड़ी में शांत रहकर सही रास्ता ढूंढ पाता हूँ। अगर मैं उस दिन फैसला नहीं लेता, तो शायद हमारा बहुत बड़ा नुकसान हो जाता।

तो, leadership aur decision making मतलब सिर्फ ये नहीं कि आप सबसे आगे खड़े हो जाएं। इसका मतलब है कि आप अपनी टीम को रास्ता दिखाओ, उन्हें प्रेरित करो और मुश्किल वक्त में उनका साथ दो। जैसे, अगर आपकी टीम को कोई काम समझ नहीं आ रहा, तो उन्हें अच्छे से समझाओ। अगर वे हिम्मत हार रहे हैं, तो उन्हें फिर से जोश दिलाओ। मेरा 5 साल का बिज़नेस अनुभव कहता है कि एक अच्छा लीडर कभी अपनी टीम को अकेला नहीं छोड़ता।

और रही बात leadership aur decision making की, तो इसका मतलब है सही वक्त पर सही फैसला लेना। बिज़नेस में रोज़ाना कोई न कोई फैसला लेना पड़ता है। कभी ये तय करना होता है कि कौन सा प्रोडक्ट बनाना है, कभी ये कि किस ग्राहक से कैसे बात करनी है। इसमें घबराना नहीं चाहिए। मैंने अपने करियर में अनगिनत बार ऐसे फैसले लिए हैं जिनका असर मेरे बिज़नेस पर पड़ा है। मैंने सीखा है कि किसी भी फैसले को लेने से पहले, उसके अच्छे और बुरे दोनों पहलू देखने चाहिए, और फिर वो चुनना चाहिए जो सबसे सही लगे। आप मुझ पर भरोसा कर सकते हैं क्योंकि मैंने खुद इन दोनों चीज़ों को अपने बिज़नेस में अप्लाई करके देखा है और उनका असर देखा है।

तो, leadership aur decision making लेना ये दोनों ऐसे हुनर हैं जो आपको सिर्फ बिज़नेस में ही नहीं, बल्कि ज़िंदगी के हर मोड़ पर काम आएंगे। 

why is time management important

अच्छा, आपने कभी सोचा है कि जब हम स्कूल में होते हैं, तो एक दिन में कितनी सारी चीजें करते हैं। सुबह उठते हैं, स्कूल जाते हैं, पढ़ाई करते हैं, खेलते हैं, दोस्तों से मिलते हैं, और फिर घर आकर होमवर्क भी करते हैं। ये सब तभी हो पाता है जब हम हर काम के लिए थोड़ा-थोड़ा समय निकालते हैं। बिज़नेस में भी ऐसा ही होता है, बल्कि और ज़्यादा। इसीलिए ये जानना बहुत ज़रूरी है कि why is time management important. 

मेरे साथ एक बार ऐसा हुआ था। मेरे पास एक साथ कई बड़े प्रोजेक्ट आ गए थे, और मैंने सोचा कि मैं सब कुछ एक साथ निपटा लूँगा। मैंने कोई प्लान नहीं बनाया, बस काम पर लग गया। नतीजा ये हुआ कि मैं किसी भी प्रोजेक्ट पर ठीक से ध्यान नहीं दे पाया। सब कुछ अधूरा रह गया और मैं बहुत थक गया। उस दिन मुझे समझ आया कि समय को सही से मैनेज करना कितना ज़रूरी है। मेरा 5 साल का अनुभव कहता है कि समय किसी खजाने से कम नहीं है, और अगर आप इसे ऐसे ही बर्बाद करेंगे तो बहुत पछताएंगे।

तो, why is time management important इसका सीधा-सा मतलब ये है कि जब आप अपने वक्त को ठीक से मैनेज करते हैं, तो आप ज़्यादा चीज़ें पूरी कर पाते हैं। ज़रा सोचिए, अगर आपके पास दिन में 24 घंटे हैं, और आपने पहले ही तय कर लिया कि कौन सा काम किस वक्त करना है, तो आप हर चीज़ के लिए सही समय निकाल पाएँगे। इससे न सिर्फ आपका काम बेहतर होगा, बल्कि आप खुद भी कम थका हुआ महसूस करेंगे। मैंने खुद ये आज़मा कर देखा है कि जब मैं अपने दिन की योजना पहले ही बना लेता हूँ, तो मुझे कितना चैन मिलता है।

एक और बात, जब आप समय को मैनेज करते हो, तो आपको टेंशन भी कम होती है। बिज़नेस में रोज़ कोई न कोई नई चीज़ आती रहती है, और अगर आपने अपने समय को पहले से ही प्लान नहीं किया, तो सब कुछ गड़बड़ हो सकता है। जैसे, अगर कोई ज़रूरी मीटिंग है और आप उसे भूल गए क्योंकि आपने अपना समय ठीक से नहीं बांटा था। मेरे बिज़नेस के सफर में मैंने कई बार ऐसे लोग देखे हैं जो बहुत मेहनती होते हैं, लेकिन सिर्फ इसलिए पीछे रह जाते हैं क्योंकि उन्हें समय संभालना नहीं आता। इसलिए, मेरी सलाह मानें तो ये हुनर सीखना बहुत ज़रूरी है। आप मुझ पर भरोसा कर सकते हैं क्योंकि मैंने खुद ये सब सीखकर अपने बिज़नेस को आगे बढ़ाया है।

तो, why is time management important सिर्फ बिज़नेस के लिए ही नहीं, बल्कि आपकी पूरी ज़िंदगी के लिए बहुत ज़रूरी है। ये आपको ज़्यादा खुश और कम परेशान रहने में मदद करेगा। 

teamwork aur collaboration

कभी आपने दोस्तों के साथ मिलकर कोई बड़ा प्रोजेक्ट बनाया है। जैसे स्कूल में कोई नाटक तैयार करना या क्रिकेट टीम में खेलना। जब सब मिलकर काम करते हैं, तो कितनी आसानी से काम हो जाता है, अकेले वो सब करना मुश्किल होता है। बिज़नेस में भी ये बात बिल्कुल सही है। इसीलिए teamwork aur collaboration (साथ मिलकर काम करना) बहुत ज़रूरी है। मेरे बिज़नेस के सफर में मैंने हमेशा ये देखा है कि अकेले आप उतनी दूर नहीं जा सकते जितनी दूर एक अच्छी टीम के साथ जा सकते हैं।

मुझे आज भी याद है, मेरे शुरुआती दिनों में मैं सोचता था कि मैं सब काम खुद ही कर लूंगा। मुझे लगता था कि अगर मैं दूसरों पर भरोसा करूंगा, तो काम बिगड़ जाएगा। पर धीरे-धीरे मुझे समझ आया कि हर इंसान हर काम में माहिर नहीं हो सकता। एक बार हमारे पास एक बड़ा ऑर्डर आया, और उसे पूरा करने के लिए अलग-अलग तरह के हुनर वाले लोगों की ज़रूरत थी। मैं अकेला वो काम कभी नहीं कर पाता। जब मैंने अपनी टीम के हर सदस्य को उसकी खासियत के हिसाब से काम सौंपा और हमने मिलकर काम किया, तो वो प्रोजेक्ट बहुत अच्छे से पूरा हुआ। ये मेरा अनुभव है कि जब लोग मिलकर काम करते हैं, तो बड़ी से बड़ी मुश्किल भी आसान हो जाती है।

तो, teamwork aur collaboration और साथ मिलकर काम करना का सीधा-सा मतलब है कि हर सदस्य अपनी ज़िम्मेदारी निभाए और ज़रूरत पड़ने पर एक-दूसरे का हाथ बटाए, ताकि सब मिलकर जो काम करें, वो सबसे बढ़िया हो। ये ऐसे ही है जैसे एक दीवार बनाने के लिए हर ईंट अपनी जगह पर सही से लगती है। और कोलैबोरेशन का मतलब है कि सब मिलकर सोचें, अपनी बातें एक-दूसरे से शेयर करें, और एक साथ किसी चीज़ पर काम करें। जैसे, अगर कोई मुश्किल आती है, तो सब मिलकर उसका हल ढूंढें। मैंने अपनी विशेषज्ञता से ये सीखा है कि जब लोग एक-दूसरे से खुल कर बात करते हैं और अपनी राय देते हैं, तो नए और बेहतर आइडियाज़ निकलते हैं।

ये सिर्फ बिज़नेस की बात नहीं है, बल्कि ज़िंदगी के हर मोड़ पर काम आता है। जब आप अपने परिवार के साथ मिलकर कोई फैसला लेते हैं, या दोस्तों के साथ किसी इवेंट की तैयारी करते हैं, तो वहां भी teamwork aur collaboration काम आता है। मैं आपको भरोसे के साथ कह सकता हूँ कि जिसने ये हुनर सीख लिया, वो किसी भी काम को अकेले से बेहतर तरीके से कर पाएगा। 

problem solving in business

क्या कभी आपके साथ ऐसा हुआ है कि आप कोई गेम खेल रहे हों और अचानक एक ऐसा मुश्किल लेवल आ जाए, जहाँ आपको समझ ही न आ रहा हो कि अब आगे क्या करें। आप सोचते हैं, दिमाग पर ज़ोर डालते हैं, और फिर एक रास्ता मिल जाता है, बिज़नेस में भी हर रोज़ ऐसी ही छोटी-बड़ी चुनौतियाँ आती रहती हैं। इसीलिए problem solving in businessबहुत ज़रूरी है। मेरे 5 साल के अनुभव ने मुझे सिखाया है कि जो लोग परेशानियों से घबराते नहीं, बल्कि उनका समाधान ढूंढते हैं, वही असल में आगे बढ़ते हैं।

एक बार मेरे साथ एक बहुत अजीब सी सिचुएशन हुई। हमारा एक बड़ा ग्राहक अचानक से हमारे प्रोडक्ट से नाखुश हो गया। वह कह रहा था कि प्रोडक्ट वैसा नहीं है जैसा उसने सोचा था। मेरी टीम के कुछ लोग तो डर गए, उन्हें लगा कि ग्राहक चला जाएगा और हमें नुकसान होगा। पर मैंने सोचा कि ऐसे घबराने से काम नहीं चलेगा। मुझे उस ग्राहक की परेशानी को समझना था और उसका कोई रास्ता निकालना था। यह मेरा विशेषज्ञता है कि मैं ऐसी मुश्किल घड़ी में शांत रहकर सही रास्ता ढूंढ पाता हूँ।

तो, problem solving in business का मतलब है कि जब कोई दिक्कत आए, तो आप घबराओ नहीं, बल्कि उसे समझो और उसका कोई अच्छा सा उपाय ढूंढो। ये ऐसे ही है जैसे आप किसी पहेली को सुलझाते हो। इसमें सबसे पहले ये समझना होता है कि असली दिक्कत क्या है, फिर सोचना होता है कि इसके क्या-क्या हल हो सकते हैं, और फिर सबसे अच्छा वाला हल चुनकर उसे करना होता है। मैंने खुद अपने बिज़नेस में अनगिनत बार ऐसे हालात देखे हैं जहां दिक्कत बहुत बड़ी लगती थी, पर थोड़ा दिमाग लगाने पर उसका आसान सा हल मिल जाता था। आप मुझ पर भरोसा कर सकते हैं।

ये हुनर सिर्फ बड़े-बड़े बिज़नेस चलाने वालों के लिए नहीं है, बल्कि हर किसी के लिए ज़रूरी है। चाहे आपको अपने स्कूल के प्रोजेक्ट में कोई दिक्कत आ रही हो, या घर में कोई चीज़ टूट गई हो, अगर आप problem solving in business जानते हैं, तो आप आसानी से उसका हल ढूंढ लेंगे। यही तो है एक अच्छे लीडर की निशानी – कि वो सिर्फ सपने नहीं देखता, बल्कि मुश्किलों से लड़कर उन्हें हकीकत में बदलता है। तो, अब जब आपको ये पता चल गया है कि बिज़नेस में मुश्किलों का हल निकालना कितना ज़रूरी है। 

strategic thinking skills

कभी आपने शतरंज का खेल देखा है। उसमें खिलाड़ी सिर्फ एक चाल चलने के बारे में नहीं सोचता, बल्कि वो ये भी सोचता है कि उसकी चाल से सामने वाला क्या करेगा, और फिर अगली चाल क्या होगी। बिज़नेस में भी ऐसा ही होता है। आपको सिर्फ आज के बारे में नहीं सोचना होता, बल्कि ये भी सोचना होता है कि अगले एक साल या पाँच साल में आपका बिज़नेस कहाँ होगा। इसे ही कहते हैं strategic thinking skills मेरे 5 साल के बिज़नेस अनुभव में, मैंने ये सीखा है कि जो लोग लंबी सोच रखते हैं, वही असल में बड़े खिलाड़ी बनते हैं।

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एक बार की बात है, मैंने एक नया बिज़नेस शुरू किया। उस वक्त बहुत से लोग सिर्फ आज के फायदे के बारे में सोच रहे थे। वे जल्दी-जल्दी पैसा कमाना चाहते थे। पर मैंने सोचा कि मुझे कुछ ऐसा करना है जो लंबे समय तक चले। मैंने उस समय के हिसाब से नहीं, बल्कि आने वाले समय के हिसाब से प्लान बनाया। मैंने अपने ग्राहकों की ज़रूरतों को समझा और देखा कि भविष्य में उन्हें क्या चाहिए होगा। यह मेरा विशेषज्ञता है कि मैं दूर की सोच पाता हूँ और उसी हिसाब से अपने बिज़नेस के लिए रास्ते बना पाता हूँ। आज मेरा बिज़नेस वहीं खड़ा है जहाँ मैंने 5  साल पहले उसे देखने का सपना देखा था।

तो, strategic thinking skills का मतलब क्या है। इसका मतलब है कि आप सिर्फ आज की प्रॉब्लम नहीं देखते, बल्कि ये भी सोचते हैं कि आने वाले समय में कौन सी नई चीज़ें आ सकती हैं, आपके ग्राहक क्या चाहेंगे, और आप अपने कॉम्पिटिटर से कैसे आगे रह सकते हैं। ये ऐसे ही है जैसे आप एक मैप बनाते हो और देखते हो कि आपको कहाँ पहुँचना है और वहाँ तक पहुँचने के लिए कौन-कौन से रास्ते हैं। इसमें सिर्फ प्लान बनाना ही नहीं, बल्कि उस प्लान को बदलने के लिए भी तैयार रहना होता है अगर हालात बदलें। मैंने अपने करियर में कई बार अपनी स्ट्रेटेजी बदली है, और इससे मुझे हमेशा फायदा ही हुआ है। आप मुझ पर भरोसा कर सकते हैं।

ये हुनर सिर्फ बड़े बिज़नेस के लिए नहीं है। आप इसे अपनी रोज़मर्रा की ज़िंदगी में भी इस्तेमाल कर सकते हैं। जैसे, अगर आपको अच्छे नंबर लाने हैं, तो आप सिर्फ आज पढ़ाई नहीं करते, बल्कि ये भी सोचते हैं कि पूरे साल कैसे पढ़ना है, कौन से सब्जेक्ट पर ज़्यादा ध्यान देना है, और एग्ज़ाम के लिए कैसे तैयारी करनी है। यही तो है लंबी सोच का जादू। तो, अब जब आपको ये समझ आ गया है कि लंबी सोच रखना कितना ज़रूरी है।

skills kaise improve karein

तो अब तक हमने बिज़नेस चलाने के लिए ज़रूरी कई सारे हुनर के बारे में बात कर ली है। लेकिन एक और बड़ा सवाल है, आखिर इन skills kaise improve karein क्या सिर्फ ये जान लेने से काम चल जाएगा, या फिर इन्हें निखारने के लिए कुछ खास मेहनत करनी पड़ेगी। मेरा सीधा-सा अनुभव कहता है कि कोई भी हुनर सिर्फ सीखने से नहीं आता।  उसे बार-बार अभ्यास करने और लगातार बेहतर बनाने से आता है। ठीक वैसे ही जैसे अगर आपको अच्छी क्रिकेट खेलनी है, तो सिर्फ नियम जानने से काम नहीं चलेगा, आपको रोज़ प्रैक्टिस करनी पड़ेगी। 

मुझे याद है, जब मैंने पहली बार लोगों से बात करना शुरू किया था – मतलब बिज़नेस के लिए, तो मैं बहुत झिझकता था। मुझे लगता था कि मैं अपनी बात सही से नहीं रख पाऊंगा। पर मेरे एक गुरु ने मुझसे कहा, “रोज़ थोड़ा-थोड़ा करके बात करो, लोगों से मिलो, सवाल पूछो।” मैंने वही किया, और धीरे-धीरे मेरी बात करने का तरीका इतना अच्छा हो गया कि मैं आज किसी से भी आसानी से बात कर सकता हूँ। ये मेरा अनुभव है कि कोई भी हुनर रातों-रात नहीं आता, उसे समय और लगन से निखारना पड़ता है।

तो, सबसे पहला तरीका है जो भी सीखो, उसे तुरंत इस्तेमाल करो। अगर आपने सीखा कि टाइम कैसे मैनेज करते हैं, तो आज ही अपनी दिनचर्या प्लान करके देखो। अगर आपने सीखा कि लोगों से कैसे बात करनी है, तो अपने किसी दोस्त या परिवार के सदस्य से खुलकर बात करके देखो। सिर्फ़ पढ़कर या सुनकर आप कभी बेहतर नहीं बनेंगे। मैंने अपनी विशेषज्ञता से ये सीखा है कि जब आप कोई नया हुनर सीखते हैं और उसे तुरंत इस्तेमाल करते हैं, तो वो आपके दिमाग में बैठ जाता है।

दूसरा तरीका है गलतियों से सीखना। बिज़नेस में या ज़िंदगी में, गलतियाँ होंगी ही। कोई भी इंसान सब कुछ परफेक्ट नहीं कर सकता। जब मैंने पहली बार कोई बड़ा फैसला लिया और वो गलत साबित हुआ, तो मैं निराश हुआ। पर मैंने हार नहीं मानी, मैंने सोचा कि मुझसे गलती क्यों हुई, और अगली बार उसे कैसे सुधार सकता हूँ। मेरा अधिकार है कि मैं आपको ये कहूँ कि गलतियाँ ही आपके सबसे अच्छे गुरु हैं। उनसे सीखो, और आगे बढ़ो।

और तीसरा तरीका है हमेशा सीखने के लिए तैयार रहना। दुनिया बदल रही है, और बिज़नेस के तरीके भी। जो हुनर आज काम आ रहे हैं, हो सकता है 5 साल बाद उनमें कुछ बदलाव आ जाए। इसलिए, नई किताबें पढ़ो, नए वीडियो देखो, और उन लोगों से सीखो जो आपसे ज़्यादा जानते हैं। मैंने खुद अपनी पूरी ज़िंदगी में यही किया है, और इसी वजह से मैं आज भी अपने बिज़नेस में आगे बढ़ रहा हूँ। आप मुझ पर भरोसा कर सकते हैं कि ये तरीके सच में काम करते हैं।

तो, अपने हुनर को बेहतर बनाना कोई मुश्किल काम नहीं है, बस आपको थोड़ा धैर्य और लगन दिखानी होगी। अब जब आपको ये पता चल गया है कि इन skills kaise improve karein तो क्या आप ये जानने को तैयार हैं कि ये सारी मैनेजमेंट स्किल्स मिलकर आपके बिज़नेस को कैसे एक नई ऊँचाई पर ले जा सकती हैं और आपको एक सफल बिज़नेस चलाने वाला इंसान बना सकती हैं।

Conclusion 

देखा, हमने कितनी सारी बातें कीं। बिज़नेस मैनेजमेंट स्किल्स क्या हैं, कौन सी सबसे ज़रूरी हैं, उन्हें कैसे सीखा और निखारा जाए – हमने हर चीज़ पर खुलकर बात की। मेरे लिए तो सबसे ज़्यादा काम की चीज़ रही है समय का सही इस्तेमाल करना और मुश्किलों का हल निकालना। सच कहूँ तो, जब मैंने ये दो हुनर सीख लिए, तो मेरे बिज़नेस और मेरी ज़िंदगी, दोनों में गजब का बदलाव आया। अगर मैं अपने छोटे भाई को बिज़नेस शुरू करने से पहले कुछ समझाता, तो यही कहता कि पहले इन चीज़ों पर ध्यान दे।

मुझे पूरी उम्मीद है कि ये बातें सिर्फ किताबी ज्ञान बनकर नहीं रहेंगी, बल्कि आप इन्हें अपनी असल ज़िंदगी में आजमाकर देखेंगे। मेरा सालों का अनुभव कहता है कि यही छोटे-छोटे कदम आपको बड़ा बनाने में मदद करेंगे। बिज़नेस चलाने में सिर्फ पैसे कमाना ही नहीं होता, बल्कि एक टीम बनाना, लोगों को साथ लेकर चलना और हर चुनौती का सामना करना भी होता है। ये सब तभी मुमकिन है जब आप इन स्किल्स को अपनाओगे।

अब बताओ, तुम्हारा एक्सपीरियंस कैसा रहा। इस ब्लॉग पोस्ट से कुछ नया सीखा हो तो कमेंट्स में ज़रूर बताना। मुझे जानकर बहुत खुशी होगी। और हाँ, अगर कोई और सवाल हो या किसी और टॉपिक पर बात करनी हो, तो भी बेझिझक पूछना।

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