inplit.com

what is backlink

what is backlink 

Introduction

याद है, एक बार मेरा एक दोस्त था, जिसने नई-नई दुकान खोली थी। उसने मुझे बताया, “यार, मैंने बढ़िया सामान रखा है, दाम भी अच्छे हैं, पर ग्राहक आ ही नहीं रहे।” मैंने उससे पूछा, “क्या किसी को तुम्हारी दुकान के बारे में पता है।” तब मुझे समझ आया कि सिर्फ़ अच्छा सामान होने से काम नहीं चलता, लोगों को पता भी होना चाहिए कि तुम्हारी दुकान कहाँ है और क्या बेचती है। यही कहानी ऑनलाइन दुनिया की भी है, जहाँ हर कोई अपनी वेबसाइट या ब्लॉग को करोड़ों लोगों तक पहुँचाना चाहता है।

अक्सर ऐसा लगता है कि वेबसाइट या ब्लॉग बनाना तो कोई बड़ी बात नहीं, असली मेहनत तो तब शुरू होती है जब उसे लोगों तक पहुँचाना हो। जब मैंने पहली बार ब्लॉगिंग की शुरुआत की, तो मुझे लगा कि बस अच्छा कंटेंट लिखने से ही ट्रैफिक आ जाएगा। लेकिन कुछ ही समय में समझ आया कि ऐसा नहीं होता। उसी दौरान मुझे एक अहम तकनीक के बारे में पता चला what is backlink नाम छोटा है, लेकिन इसकी भूमिका ऑनलाइन सफलता में बहुत बड़ी है। तभी मुझे एहसास हुआ कि अगर आप चाहते हैं कि आपकी वेबसाइट गूगल में बेहतर रैंक करे, तो बैकलिंक के महत्व को समझना बेहद ज़रूरी है।

अगर आप भी मेरी तरह कभी सोचते हैं कि ‘मेरी वेबसाइट Google में ऊपर क्यों नहीं आती।’ या ‘कैसे मैं अपने ब्लॉग पर ज़्यादा लोगों को लाऊँ।’, तो ये ब्लॉग पोस्ट आपके लिए ही है। इसमें हम सिर्फ़ टेक्निकल बातें नहीं करेंगे, बल्कि मैं आपको अपने सालों के अनुभव और कुछ प्रैक्टिकल तरीक़ों से बताऊंगा कि what is backlink होता क्या है, ये क्यों ज़रूरी है, और कैसे आप इसे अपनी वेबसाइट या ब्लॉग के लिए इस्तेमाल कर सकते हो ताकि Google आपको प्यार करे। मेरा यक़ीन मानिए, ये आर्टिकल पढ़ने के बाद आपको लगेगा कि वेबसाइट को ऊपर लाना सिर्फ़ मुश्किल नहीं, बल्कि मज़ेदार भी हो सकता है।

backlinks definition

पिछली बार हमने बात की थी कि वेबसाइट को ऊपर लाने के लिए क्या-क्या करना पड़ता है, याद है। अब ज़रा समझते हैं कि वो जादूई चीज़, जिसे हम backlinks definition कहते हैं, आखिर होती क्या है। जब मैंने पहली बार इस डिजिटल दुनिया में कदम रखा था, तो मेरे एक दोस्त ने मुझसे कहा था, “ऑनलाइन दुनिया में ना, हर वेबसाइट एक दुकान जैसी है। और तुम्हारी दुकान कितनी अच्छी है, ये लोग कैसे जानेंगे।” उस दिन मुझे एक बात समझ आई कि बस अपनी दुकान खोल लेना काफ़ी नहीं है, दूसरे लोग तुम्हारी दुकान की तारीफ करें, ये भी बहुत ज़रूरी है।

WhatsApp Channel Join Now
Telegram Group Join Now

ये बिल्कुल ऐसा है जैसे आपके स्कूल में एक बहुत ही होशियार और मेहनती बच्चा है। अगर दूसरे बच्चे और टीचर उसकी तारीफ़ करते हैं, तो सब समझेंगे कि वो कितना अच्छा है। अगर कोई कहे, “अरे, वो फलाना बच्चा तो बहुत होशियार है, उससे पूछो।” तो उसकी इज़्ज़त और बढ़ जाती है, है ना। ऑनलाइन दुनिया में भी कुछ ऐसा ही होता है। मैंने अपने सालों के अनुभव में ये देखा है कि जिन वेबसाइट्स को दूसरी अच्छी वेबसाइट्स से ‘सिफारिश’ मिलती है, उन्हें Google भी ज़्यादा पसंद करता है। मुझे उस दिन एक बात समझ आई कि Google भी लोगों की तरह ‘सिफारिश’ पर भरोसा करता है।

तो आसान शब्दों में कहें तो, backlinks definition का मतलब है कि जब कोई दूसरी वेबसाइट आपकी वेबसाइट को अपनी वेबसाइट पर लिंक करती है, तो उसे बैकलिंक कहते हैं। ये बिल्कुल ऐसा है जैसे कोई दोस्त आपकी दुकान की तारीफ़ कर रहा हो और कह रहा हो, “अगर तुम्हें ये वाली चीज़ चाहिए, तो उस दुकान पर जाओ, वहाँ बहुत अच्छी मिलती है। ये एक तरह से ऑनलाइन दुनिया की ‘सिफारिश’ है। जितनी ज़्यादा और अच्छी सिफारिशें आपकी वेबसाइट को मिलेंगी, Google की नज़रों में आपकी वेबसाइट उतनी ही ज़्यादा भरोसेमंद और अच्छी मानी जाएगी।

ये बैकलिंक सिर्फ़ एक लिंक नहीं होता, बल्कि ये Google को बताता है कि आपकी वेबसाइट पर जो जानकारी है, वो कितनी ज़रूरी और अच्छी है। अगर किसी जानी-मानी और बड़ी वेबसाइट से आपको बैकलिंक मिलता है, तो ये Google के लिए एक बहुत बड़ा ‘हाँ’ होता है कि आपकी वेबसाइट पर भरोसा किया जा सकता है। लेकिन क्या आपको पता है कि ये बैकलिंक्स कितने तरह के होते हैं और Google को कौन से वाले सबसे ज़्यादा पसंद आते हैं। 

types of backlinks in seo

पिछली बार हमने समझा था कि बैकलिंक क्या होता है और ये ऑनलाइन दुनिया की ‘सिफारिश’ कैसे काम करती है। अब ज़रा सोचिए, क्या सारी सिफारिशें एक जैसी होती हैं। क्या आपके दोस्त की सिफारिश और किसी बहुत बड़े इंसान की सिफारिश एक बराबर असर करती है। बिलकुल नहीं, है ना। मुझे याद है, जब मैं SEO की दुनिया में नया था, तो मुझे लगता था कि बस जितने ज़्यादा लिंक मिलेंगे, उतना अच्छा है। पर धीरे-धीरे मैंने सीखा कि types of backlinks in SEO अलग-अलग होते हैं, और Google कुछ खास तरह के लिंक्स को ज़्यादा पसंद करता है। ये तो बिल्कुल ऐसा है जैसे स्कूल में हर सब्जेक्ट के लिए अलग-अलग टीचर होते हैं, हर टीचर की अपनी एक खास अहमियत होती है।

ये जानना बहुत ज़रूरी है कि किस तरह के बैकलिंक आपकी वेबसाइट की रैंकिंग को बेहतर बनाने में ज्यादा असरदार होते हैं, और किनका ज़्यादा फ़ायदा नहीं होता। अपने अनुभव से मैंने यह सीखा है कि अगर आप सही तरीके से क्वालिटी बैकलिंक बनाते हैं, तो आपकी वेबसाइट सर्च इंजन में बहुत तेज़ी से ऊपर आ सकती है। मुझे उस दिन यह बात अच्छी तरह समझ में आई कि Google भी इंसानों की तरह “गुणवत्ता” को महत्व देता है, न कि सिर्फ़ “संख्या” को।

तो चलिए, आसान भाषा में जानते हैं कि types of backlinks in seo होते हैं और ये किस तरह आपकी वेबसाइट की रैंकिंग को बेहतर बनाने में मदद करते हैं।

DoFollow Backlinks (मज़बूत समर्थन वाली लिंकें): ये ऐसे बैकलिंक होते हैं जो सर्च इंजन को यह संकेत देते हैं कि लिंक की गई वेबसाइट भरोसेमंद और मूल्यवान है। जब कोई साइट आपको DoFollow लिंक देती है, तो वह अपने SEO का कुछ असर आपकी साइट को ट्रांसफर करती है। इसे ऐसे समझें जैसे कोई अनुभवी खिलाड़ी सबके सामने आपकी तारीफ करे और कहे, “इसे टीम में ज़रूर लें।” Google को ऐसे लिंक बेहद पसंद आते हैं, और यही आपकी वेबसाइट की रैंकिंग बढ़ाने में सबसे ज़्यादा असरदार साबित होते हैं। मेरे अनुभव में, ये लिंक SEO की दुनिया में असली ‘गेम चेंजर’ हैं। 

NoFollow Backlinks (बस जानकारी वाली सिफारिशें): ये वो बैकलिंक होते हैं जो Google को बताते हैं कि ‘देखो, मैंने इस वेबसाइट को लिंक तो किया है, पर मैं इसे कोई SEO ताकत नहीं दे रहा।’ ये बिल्कुल ऐसा है जैसे आप किसी को रास्ता बता रहे हो कि “उस दुकान पर तुम्हें ये चीज़ मिल सकती है”, पर आप उसकी तारीफ़ नहीं कर रहे। Google ऐसे लिंक्स को गिनता ज़रूर है, पर इनसे आपकी वेबसाइट की रैंकिंग पर सीधा असर नहीं पड़ता। ये जानकारी देने के लिए अच्छे होते हैं, पर ‘ताकत’ देने के लिए नहीं। पर हाँ, इनसे आपकी वेबसाइट पर लोग आ सकते हैं, जो अच्छी बात है।

Sponsored/UGC/Nofollow Attributes (बताकर की गई सिफारिशें): आजकल Google ने कुछ नए तरीके भी बताए हैं। अगर कोई लिंक पैसे लेकर दिया गया है (Sponsored), या वो किसी यूजर ने बनाया है (UGC – User Generated Content, जैसे कमेंट्स में), तो हमें Google को ये बताना पड़ता है। ये भी एक तरह से ‘NoFollow’ जैसे ही होते हैं, बस इसमें हम Google को और ज़्यादा जानकारी देते हैं कि ये लिंक क्यों दिया गया है। ये पारदर्शिता के लिए अच्छे हैं, और Google इन्हें पसंद करता है क्योंकि इससे उसे चीज़ें समझने में आसानी होती है।

High-Quality Backlinks (अच्छी जगहों से सिफारिशें): ये वो बैकलिंक होते हैं जो किसी बहुत अच्छी, जानी-मानी और भरोसेमंद वेबसाइट से मिलते हैं। जैसे, अगर किसी बड़े अख़बार की वेबसाइट या किसी सरकारी वेबसाइट से आपको लिंक मिलता है, तो वो बहुत ताकतवर माना जाता है। ये बिल्कुल ऐसा है जैसे आपके प्रिंसिपल आपकी तारीफ़ करें – उनकी बात का वज़न बहुत ज़्यादा होता है! मैंने देखा है कि 100 छोटे-छोटे घटिया लिंक्स से बेहतर है कि 10 अच्छे और ताकतवर लिंक मिलें।

Low-Quality Backlinks (कमजोर या बुरी सिफारिशें): ये वो बैकलिंक होते हैं जो घटिया, बेकार या स्पैमी वेबसाइट्स से मिलते हैं। कभी-कभी ये ऐसी वेबसाइट्स होती हैं जो किसी काम की नहीं होतीं या फिर Google के नियमों को तोड़ती हैं। ऐसे लिंक्स आपकी वेबसाइट को फ़ायदा पहुँचाने की बजाय नुकसान पहुँचा सकते हैं। ये बिल्कुल ऐसे दोस्तों जैसा है जो बुरी आदतों वाले हों – उनसे दूर रहना ही अच्छा है!

तो अब आप समझ गए होंगे कि types of backlinks in seo होते हैं। ये सिर्फ़ किसी भी वेबसाइट से लिंक लेना नहीं होता, बल्कि सही जगह से, सही तरीके से लिंक बनाना सबसे ज़्यादा मायने रखता है। Google बिल्कुल एक समझदार इंसान की तरह है—वो पहचान लेता है कि कौन सी सिफारिश वाकई भरोसे के लायक है और कौन सी सिर्फ़ दिखावा। इसलिए, क्वालिटी बैकलिंक्स बनाना ही SEO में सफलता की असली कुंजी है। 

importance of backlinks for seo

पिछली बार हमने जाना कि बैकलिंक्स कितने तरह के होते हैं और Google को कौन से पसंद आते हैं। पर क्या आपने कभी सोचा है कि ये बैकलिंक्स आखिर Google के लिए इतने ज़रूरी क्यों हैं। क्यों Google आपकी वेबसाइट को ऊपर लाने के लिए दूसरों की ‘सिफारिशों’ पर इतना भरोसा करता है। मुझे याद है, जब मैं SEO की दुनिया में नया-नया था, तो मैं सिर्फ़ अपनी वेबसाइट पर अच्छा-अच्छा कंटेंट लिखता था। पर मेरी वेबसाइट ऊपर नहीं आती थी। तभी मेरे एक सीनियर ने मुझे समझाया कि importance of backlinks for seo ये कोई मामूली तकनीकी चीज़ नहीं है, बल्कि ये Google के लिए आपकी वेबसाइट की साख का सबूत होता है। जितने भरोसेमंद साइट्स आपकी वेबसाइट की तरफ इशारा करती हैं, उतना ही Google आपकी साइट को महत्व देता है।

ये बिल्कुल ऐसा है जैसे आप किसी नए शहर में हो और आपको कोई अच्छी दुकान ढूंढनी है। अगर आपके 10 दोस्त एक ही दुकान का नाम लेते हैं और कहते हैं कि “वहाँ बहुत अच्छी चीज़ें मिलती हैं”, तो आप उन्हीं पर भरोसा करोगे ना। Google भी कुछ ऐसा ही करता है। अगर बहुत सारी अच्छी और भरोसेमंद वेबसाइट्स आपकी वेबसाइट की तरफ़ इशारा करती हैं, तो Google को लगता है कि आपकी वेबसाइट भी अच्छी और भरोसेमंद है। मैंने अपने सालों के अनुभव में ये देखा है मैंने उस दिन जाना कि अगर आपकी वेबसाइट पर मजबूत और भरोसेमंद बैकलिंक्स नहीं हैं, तो चाहे आपकी साइट कितनी भी बढ़िया हो, उसे Google में ऊँचा रैंक मिलना बेहद मुश्किल है। असल में, Google भी इंसानों की तरह सोचता है—वो देखता है कि आपकी साइट को कितने और कैसे लोग पसंद और भरोसा कर रहे हैं।

तो चलिए, आसान भाषा में जानते हैं कि importance of backlinks for seo इतनी ज़्यादा होती है और ये हमारी वेबसाइट की रैंकिंग को बेहतर बनाने में कैसे मदद करते हैं।

Google का भरोसा(Google’s Trust): बैकलिंक्स का मतलब है कि Google आपकी वेबसाइट पर भरोसा कर सकता है। जब कोई दूसरी अच्छी वेबसाइट आपकी साइट को लिंक करती है, तो Google उसे एक तरह से ‘सिफारिश’ या ‘वोट’ मानता है। जितने ज़्यादा अच्छे ‘वोट’ आपकी वेबसाइट को मिलते हैं, Google का उस पर विश्वास उतना ही बढ़ जाता है। ये ठीक वैसा ही है जैसे अगर कोई बड़ा और जाना-माना व्यक्ति किसी की तारीफ करता है, तो लोग उसकी बात पर ज़्यादा यक़ीन करते हैं। मैंने अपने अनुभव से ये देखा है कि Google ऐसी ही ‘सिफारिशों’ को बहुत महत्व देता है, क्योंकि उसे पता चलता है कि आपकी जानकारी कितनी भरोसेमंद है।

वेबसाइट ऊपर आती है (Higher Rankings): जब Google आपकी वेबसाइट पर भरोसा करता है, तो वो उसे अपनी खोज में ऊपर दिखाना शुरू कर देता है। यानी जब कोई Google पर कुछ ढूंढता है जो आपकी वेबसाइट से जुड़ा है, तो आपकी वेबसाइट सबसे पहले या ऊपर दिखाई देती है। इससे आपकी वेबसाइट पर ज़्यादा लोग आते हैं। मेरे कई क्लाइंट्स की वेबसाइट्स को मैंने सिर्फ़ अच्छे बैकलिंक्स की वजह से पहले पेज पर आते देखा है।

WhatsApp Channel Join Now
Telegram Group Join Now

ज़्यादा लोग आते हैं (More Traffic): जब आपकी वेबसाइट Google में ऊपर आती है, तो ज़्यादा लोग उस पर क्लिक करते हैं और आपकी वेबसाइट पर आते हैं। इसे ‘ट्रैफ़िक’ कहते हैं। जितने ज़्यादा लोग आपकी वेबसाइट पर आएँगे, उतना ही ज़्यादा फ़ायदा होगा – चाहे आप कोई प्रोडक्ट बेच रहे हों या बस जानकारी दे रहे हों। ये बिल्कुल दुकान पर ज़्यादा ग्राहकों के आने जैसा है।

Google जल्दी खोजता है (Faster Indexing): Google के छोटे-छोटे रोबोट होते हैं जो इंटरनेट पर घूमते रहते हैं और नई वेबसाइट्स या नए पेजों को ढूंढते हैं। जब किसी दूसरी वेबसाइट से आपकी वेबसाइट पर लिंक होता है, तो ये Google के रोबोट्स को आपकी वेबसाइट तक पहुँचने में मदद करता है। इससे Google आपकी वेबसाइट को जल्दी ढूंढ लेता है और उसे अपनी लिस्ट में शामिल कर लेता है। ये बिल्कुल एक मैप पर आपकी दुकान का पता लगने जैसा है।

आपकी वेबसाइट की ‘ताकत’ बढ़ती है (Increased Domain Authority): हर वेबसाइट की Google की नज़रों में एक ‘ताकत’ होती है, जिसे ‘डोमेन अथॉरिटी’ कहते हैं। जितने अच्छे और ज़्यादा बैकलिंक्स आपकी वेबसाइट को मिलते हैं, उतनी ही उसकी ‘ताकत’ बढ़ती है। ज़्यादा ‘ताकत’ वाली वेबसाइट Google में ज़्यादा ऊपर आती है। मैंने देखा है कि जिनकी डोमेन अथॉरिटी अच्छी होती है, उन्हें नई पोस्ट भी जल्दी रैंक होती हैं।

आपका ‘ब्रांड’ बनता है (Brand Building): जब अच्छी और जानी-मानी वेबसाइटें आपकी वेबसाइट को लिंक करती हैं, तो आपकी वेबसाइट पर लोगों का विश्वास बढ़ने लगता है। इससे आपकी वेबसाइट की पहचान बनती है और लोग उसे भरोसेमंद जानकारी का एक अच्छा ज़रिया मानने लगते हैं। यह ठीक वैसा ही है जैसे आपका नाम मशहूर हो जाए और लोग आप पर आंख बंद करके भरोसा करने लगें। मेरे अनुभव से मैंने देखा है कि जब लोग आपकी वेबसाइट को एक भरोसेमंद ‘ब्राैंड’ के तौर पर देखने लगते हैं, तो वे सिर्फ़ जानकारी के लिए ही नहीं, बल्कि किसी भी मदद के लिए सबसे पहले आपके पास आते हैं

तो देखा आपने importance of backlinks for seo केवल कुछ लिंक्स तक ही सीमित नहीं है, बल्कि ये आपकी वेबसाइट को Google की नज़र में एक ‘चमकता सितारा’ बनाने जैसा है। यह एक ऐसा हुनर है जो आपकी वेबसाइट को इंटरनेट की दुनिया में सही पहचान और विश्वसनीयता दिलाता है। 

dofollow vs nofollow backlinks

हमने बैकलिंक्स के अलग-अलग तरहों के बारे में बात की, पर क्या आपने कभी सोचा है कि उनमें से कुछ तो बहुत ‘ताकतवर’ होते हैं और कुछ उतने नहीं। ये क्यों होता है। मुझे याद है, जब मैं शुरुआती दिनों में था, तो मेरे एक दोस्त ने मुझसे कहा था, “लिंक तो लिंक होता है, चाहे कैसा भी हो।” पर जब मैंने Google के नियमों को समझना शुरू किया, तो मुझे समझ आया कि dofollow vs nofollow backlinks का खेल बहुत अलग है। ये तो बिल्कुल ऐसा है जैसे क्लास में कुछ बच्चों की बात पर टीचर बहुत ज़्यादा ध्यान देती हैं और कुछ की बात पर कम।

ये समझना बहुत ज़रूरी है कि Google किस तरह के लिंक्स को असली ‘सिफारिश’ मानता है और किसे सिर्फ़ ‘जानकारी’। मैंने अपने सालों के अनुभव में ये देखा है कि अगर आप सिर्फ़ ‘NoFollow’ लिंक्स पर ध्यान देते रहोगे, तो आपकी वेबसाइट Google में उतनी ऊपर नहीं आ पाएगी जितनी ‘DoFollow’ लिंक्स से आ सकती है। मुझे उस दिन एक बात समझ आई कि Google भी लोगों की तरह ‘भरपूर विश्वास’ वाली सिफारिशों को ज़्यादा महत्व देता है।

तो आइए, आसान शब्दों में समझते हैं कि dofollow vs nofollow backlinks में क्या फ़र्क है और Google को कौन से ज़्यादा पसंद आते हैं।

DoFollow Backlinks (असली ‘वोट’ या सिफारिश):

Imagine that you’re at a school competition, and a judge (Google) gives a direct “thumbs up” to your project. That’s a DoFollow backlink. जब कोई वेबसाइट आपको DoFollow लिंक देती है, तो वो Google को सीधा-सीधा बताती है कि “हाँ, इस वेबसाइट की जानकारी अच्छी है, इसे अपनी लिस्ट में ऊपर दिखाओ।” ये लिंक आपकी वेबसाइट को उस वेबसाइट की ‘SEO ताकत’ का कुछ हिस्सा देते हैं। इसे हम ‘लिंक जूस’ भी कहते हैं। जितने ज़्यादा और अच्छी वेबसाइट्स से आपको ऐसे लिंक मिलते हैं, Google आपकी वेबसाइट को उतना ही ज़्यादा भरोसेमंद मानता है और उसे अपनी सर्च में ऊपर दिखाता है। मेरे अनुभव में, वेबसाइट को ऊपर लाने के लिए ये ही सबसे ज़रूरी लिंक्स होते हैं।

NoFollow Backlinks (सिर्फ़ जानकारी या सामान्य ज़िक्र):

अब सोचो, उसी स्कूल कॉम्पिटिशन में, एक दर्शक (कोई वेबसाइट) आपके प्रोजेक्ट को देखकर कहता है, “हाँ, इन्होंने भी कुछ बनाया है।” वो कोई सीधा ‘thumbs up’ नहीं देता। ये है NoFollow backlink। जब कोई वेबसाइट आपको NoFollow लिंक देती है, तो वो Google को बताती है कि “देखो, मैंने इस वेबसाइट का ज़िक्र तो किया है, पर मैं इसे कोई ‘SEO ताकत’ या ‘वोट’ नहीं दे रहा।” इसका मतलब ये नहीं कि ये लिंक बेकार होते हैं। इनसे आपकी वेबसाइट पर लोग तो आ सकते हैं, पर Google इन्हें आपकी वेबसाइट की रैंकिंग को बढ़ाने के लिए सीधा-सीधा नहीं गिनता। ये तब काम आते हैं जब आप किसी ऐसी चीज़ का ज़िक्र कर रहे होते हैं जिसके लिए आप पूरी तरह से गारंटी नहीं देना चाहते, या फिर जब कमेंट सेक्शन जैसी जगहों पर लिंक मिलते हैं।

तो सीधा सा फ़र्क ये है कि DoFollow backlinks Google को बताते हैं कि ‘हाँ, ये लिंक SEO ताकत पास कर रहा है’, जबकि NoFollow backlinks बताते हैं कि ‘ये लिंक SEO ताकत पास नहीं कर रहा है’। दोनों ही तरह के लिंक्स का होना आपकी वेबसाइट के लिए अच्छा है क्योंकि ये आपकी लिंक प्रोफाइल को नेचुरल दिखाते हैं। Google को ये पसंद है कि आपकी लिंक प्रोफाइल असली लगे। लेकिन असली खेल तब बदलता है जब आपको ज़्यादातर ‘DoFollow’ लिंक्स मिलते हैं, खासकर अच्छी और नामी वेबसाइट्स से।

तो देखा आपने, dofollow vs nofollow backlinks का अंतर समझना क्यों ज़रूरी है। ये सिर्फ़ कुछ कोड की बात नहीं है, बल्कि ये Google को समझने की बात है। Google एक समझदार दोस्त की तरह है, वो जानता है कि कौन सी सिफारिश असली है और कौन सी नहीं। 

high quality vs low quality backlinks

हमने पिछली बार DoFollow और NoFollow लिंक्स के बारे में जाना था, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि सारे DoFollow लिंक्स एक बराबर दमदार नहीं होते।  कुछ लिंक आपकी वेबसाइट को तेज़ी से ऊपर ले जा सकते हैं, कुछ का असर कम होता है, और कुछ तो आपकी साइट को नुकसान भी पहुँचा सकते हैं। मुझे याद है, जब मैंने डिजिटल दुनिया में कदम रखा था, तो मेरा सारा ध्यान बस जितने ज़्यादा हो सकें, उतने लिंक बनाने पर था, चाहे वो किसी भी वेबसाइट से मिलें। लेकिन फिर भी मेरी वेबसाइट Google में उस तरह ऊपर नहीं आती थी जैसी आनी चाहिए। तभी मुझे असलियत समझ आई कि high quality vs low quality backlinks के बीच का अंतर जानना कितना ज़रूरी है। ये बिल्कुल ऐसा है जैसे आप किसी स्कूल प्रोजेक्ट में मदद मांग रहे हों; कुछ दोस्त आपको वाकई अच्छी और सही मदद देते हैं, कुछ सिर्फ़ बातों में उलझाते हैं, और कुछ तो उलटी-सीधी जानकारी भी दे देते हैं। 

यह जानना बेहद ज़रूरी है कि Google किस तरह के लिंक्स को असली ताकत मानता है और किन्हें नज़रअंदाज़ करता है। मैंने अपने कई सालों के अनुभव में यह देखा है कि अगर आप सिर्फ़ ‘लो क्वालिटी’ लिंक्स पर ध्यान देते रहेंगे, तो आपकी वेबसाइट Google में ऊपर आने की बजाय नीचे भी जा सकती है। उस दिन मुझे ये बात पूरी तरह समझ आ गई थी कि Google भी इंसानों की तरह अच्छी संगति पर भरोसा करता है। 

तो आइए, आसान शब्दों में समझते हैं कि high quality vs low quality backlinks में क्या फ़र्क है और Google को कौन से ज़्यादा पसंद आते हैं।

High Quality Backlinks (असली हीरे जैसे लिंक्स):

Imagine that you’re at a school competition, and the principal (Google) himself mentions your project in his speech. That’s a High Quality Backlink. जब कोई बहुत अच्छी, नामी-गिरामी और भरोसेमंद वेबसाइट आपकी वेबसाइट को लिंक करती है, तो उसे ‘High Quality’ बैकलिंक कहते हैं। ये वो वेबसाइट्स होती हैं जिन पर Google पहले से बहुत भरोसा करता है, जैसे किसी बड़े अख़बार की वेबसाइट, कोई सरकारी वेबसाइट, या किसी बहुत बड़े एक्सपर्ट का ब्लॉग। ये लिंक्स आपकी वेबसाइट को बहुत ज़्यादा ताकत देते हैं, और Google को बताते हैं कि आपकी वेबसाइट पर जो जानकारी है, वो बहुत भरोसेमंद और काम की है। ऐसे लिंक्स एक नहीं, बल्कि कई सौ छोटे-छोटे लिंक्स से ज़्यादा ताकतवर होते हैं। मेरे अनुभव में, इन्हीं लिंक्स पर फोकस करना चाहिए।

Low Quality Backlinks (कूड़े जैसे लिंक्स):

अब सोचो, उसी स्कूल कॉम्पिटिशन में, कोई ऐसा बच्चा जो कभी स्कूल नहीं आता, या कोई ऐसा जो हमेशा शोर मचाता रहता है, वो आपके प्रोजेक्ट के बारे में कुछ बोल दे। क्या उसकी बात का कोई असर होगा। शायद नहीं। ये है Low Quality Backlink. जब कोई ऐसी वेबसाइट आपकी वेबसाइट को लिंक करती है जो किसी काम की नहीं होती, या वो वेबसाइट स्पैम करती है (यानी गलत तरीके से बहुत सारे लिंक बनाती है), या वो Google के नियमों को तोड़ती है, तो उसे ‘Low Quality’ बैकलिंक कहते हैं। ऐसे लिंक्स आपकी वेबसाइट को फ़ायदा पहुँचाने की बजाय नुकसान भी पहुँचा सकते हैं। Google को ये लिंक्स पसंद नहीं आते और वो आपकी वेबसाइट को पेनल्टी (सजा) भी दे सकता है। ये बिल्कुल ऐसी संगति जैसा है जिनसे दूर रहना ही अच्छा है।

तो सीधा सा फ़र्क ये है कि High Quality backlinks आपकी वेबसाइट को Google की नज़रों में ‘सुपरस्टार’ बनाते हैं और उसे ऊपर लाने में मदद करते हैं, जबकि Low Quality backlinks आपकी वेबसाइट को नुकसान पहुँचा सकते हैं और उसे नीचे गिरा सकते हैं। Google एक समझदार दोस्त की तरह है, वो जानता है कि कौन सी सिफारिश असली है और कौन सी नहीं, और वो सिर्फ़ अच्छी सिफारिशों को ही मानता है।

WhatsApp Channel Join Now
Telegram Group Join Now

तो देखा आपने high quality vs low quality backlinks के बीच का फ़र्क समझना क्यों इतना ज़रूरी है। ये सिर्फ़ कुछ लिंक्स जमा करने का खेल नहीं है, बल्कि ये आपकी वेबसाइट के भविष्य की नींव रखने जैसा है। अगर आप सच में चाहते हैं कि आपकी वेबसाइट Google पर ऊपर दिखे और लोग उस पर आँख बंद करके भरोसा करें, तो आपका पूरा ध्यान हमेशा अच्छी क्वालिटी वाले लिंक्स पर ही होना चाहिए।

how to get backlinks organically

हमने समझा कि अच्छे बैकलिंक्स कितने ज़रूरी होते हैं और वे हमारी वेबसाइट को Google की नज़रों में कैसे ऊपर उठाते हैं। पर अब सवाल ये है कि ये अच्छे, हाई क्वालिटी वाले बैकलिंक्स आखिर मिलते कैसे हैं। क्या हमें किसी से भीख मांगनी पड़ती है, या पैसे देने पड़ते हैं। मुझे याद है, जब मैंने शुरुआत की थी, तो मैं सोचता था कि बैकलिंक्स तो बस बड़े-बड़े ब्रांड्स को ही मिलते होंगे। पर धीरे-धीरे मुझे समझ आया कि how to get backlinks organically – यानी बिना किसी खास जोड़-तोड़ के, अपनी मेहनत से बैकलिंक्स कैसे मिलते हैं, ये तरीका सबसे अच्छा और टिकाऊ है।

ये बिल्कुल ऐसा है जैसे आप स्कूल में बहुत अच्छा होमवर्क करते हो, और टीचर खुद आपकी कॉपी दूसरे बच्चों को दिखाते हैं कि “देखो, इसने कितना बढ़िया काम किया है।” आपको कहने की ज़रूरत नहीं पड़ती, आपकी मेहनत खुद बोलती है। ऑनलाइन दुनिया में भी कुछ ऐसा ही होता है। मैंने अपने सालों के अनुभव में ये देखा है कि जो वेबसाइट्स सही तरीके से काम करती हैं, उन्हें Google खुद ऊपर उठाता है और दूसरी अच्छी वेबसाइट्स भी उन्हें लिंक करती हैं। मुझे उस दिन एक बात समझ आई कि Google भी लोगों की तरह ‘मेहनत’ और ‘क्वालिटी’ को पहचानता है।

तो आइए, अब एकदम आसान शब्दों में समझते हैं कि how to get backlinks organically यानी, बिना किसी तिकड़म के, अपनी मेहनत से सही लिंक्स कैसे पाए जा सकते हैं।

शानदार कंटेंट लिखो (Create Amazing Content): ये सबसे पहला और सबसे ज़रूरी तरीका है। अगर आप ऐसा कुछ लिखते हो जो बहुत काम का है, दिलचस्प है, और लोगों को सच में पसंद आता है, तो वे खुद उसे अपनी वेबसाइट पर लिंक करेंगे। जैसे, अगर आपने “छोटे बच्चों के लिए विज्ञान के 10 मज़ेदार एक्सपेरिमेंट” पर एक बहुत ही बढ़िया आर्टिकल लिखा है, तो दूसरे पेरेंट्स या टीचर्स के ब्लॉग उसे ज़रूर लिंक करेंगे। ये बिल्कुल ऐसा है जैसे अगर आप कोई बहुत ही अच्छी कहानी सुनाते हो, तो लोग दूसरों को भी बताते हैं कि ये कहानी सुनो। मेरा हमेशा से यही मानना रहा है कि ‘कंटेंट इज़ किंग’।

रिसर्च करो और कुछ नया बताओ (Do Unique Research and Share New Insights): अगर आप किसी टॉपिक पर कुछ ऐसी जानकारी देते हो जो किसी और ने नहीं दी है, या कोई नया रिसर्च करके बताते हो, तो लोग उसे ज़रूर लिंक करेंगे। जैसे, अगर आपने पता लगाया है कि भारत में 8 से 10 साल के बच्चे कौन से खिलौने सबसे ज़्यादा पसंद करते हैं, तो ये जानकारी बहुतों के काम आएगी और वे उसे अपनी वेबसाइट पर इस्तेमाल करेंगे और आपको लिंक देंगे।

किसी बड़े एक्सपर्ट का इंटरव्यू लो (Interview Experts): अगर आप अपनी वेबसाइट पर किसी मशहूर या जाने-माने व्यक्ति का इंटरव्यू लेते हैं, तो अक्सर वो एक्सपर्ट अपनी खुद की वेबसाइट या सोशल मीडिया पर आपके इंटरव्यू का लिंक साझा कर सकते हैं। इससे आपकी वेबसाइट पर न केवल ज़्यादा लोग आते हैं, बल्कि आपकी वेबसाइट की पहचान और विश्वसनीयता भी बढ़ती है। मैंने अपने अनुभव में कई बार देखा है कि एक सही इंटरव्यू आपकी साइट को कितने सारे क्वालिटी बैकलिंक्स दिलवा सकता है, जो आपकी मेहनत को कई गुना बढ़ा देते हैं। 

टूटे हुए लिंक्स को ठीक करो (Fix Broken Link Building): कई बार वेबसाइट्स पर पुराने आर्टिकल्स में ऐसे लिंक होते हैं जो अब काम नहीं करते—हम इन्हें ‘टूटे हुए’ लिंक्स कहते हैं। आप ऐसे लिंक्स वाली वेबसाइटों के मालिकों से संपर्क कर सकते हैं और उन्हें बता सकते हैं कि उनके लिंक ठीक से काम नहीं कर रहे। साथ ही, आप उन्हें यह सुझाव भी दे सकते हैं कि वे उन टूटे हुए लिंक्स की जगह अपनी वेबसाइट के किसी काम के आर्टिकल का लिंक लगा दें, जो उनके पाठकों के लिए उपयोगी हो। यह एक मददगार तरीका है, और अक्सर इस तरह आपको एक अच्छा बैकलिंक मिल जाता है। मैंने खुद इस तकनीक का इस्तेमाल करके अपनी वेबसाइट के लिए कई सारे बैकलिंक्स बनाए हैं। 

गेस्ट पोस्ट लिखो (Write Guest Posts): आप अपनी ही फील्ड की किसी दूसरी अच्छी वेबसाइट पर एक आर्टिकल लिख सकते हो। इसे ‘गेस्ट पोस्ट’ कहते हैं। उस आर्टिकल में आप अपनी वेबसाइट का एक या दो लिंक दे सकते हो। ये लिंक बहुत ताकतवर होते हैं क्योंकि ये उस वेबसाइट के पाठकों को आपकी वेबसाइट पर लाते हैं। पर ध्यान रहे, सिर्फ़ अच्छी और आपकी फील्ड से जुड़ी वेबसाइट पर ही गेस्ट पोस्ट लिखो।

सोशल मीडिया पर शेयर करो (Share on Social Media): जब आप अपना नया कंटेंट लिखते हो, तो उसे सोशल मीडिया पर ज़रूर शेयर करो। जितने ज़्यादा लोग उसे देखेंगे और पसंद करेंगे, उतनी ही ज़्यादा संभावना है कि कोई उसे अपनी वेबसाइट पर लिंक करे। सोशल मीडिया एक तरह से आपकी वेबसाइट को ‘पब्लिसिटी’ देता है।

लोगों से बातचीत करो (Engage with Your Community): अपनी फील्ड के दूसरे ब्लॉगर्स और वेबसाइट मालिकों से जुड़ो। उनके कंटेंट को पढ़ो, उस पर कमेंट करो, और उनसे अच्छे रिश्ते बनाओ। जब आप दूसरों की मदद करोगे और उनसे अच्छे रिश्ते बनाओगे, तो वे भी आपकी मदद करने को तैयार रहेंगे और आपको बैकलिंक दे सकते हैं।

तो देखा आपने, how to get backlinks organically कोई जादू नहीं, बल्कि स्मार्ट तरीके से काम करने का नतीजा है। ये सब तरीके आपकी वेबसाइट को Google की नज़रों में ‘सुपरस्टार’ बनाते हैं, क्योंकि ये सब असली और कुदरती तरीके हैं। 

check your backlinks tools & tips

हमने अभी तक यह समझा कि अच्छे बैकलिंक्स बनाना कितना ज़रूरी है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आपको कैसे पता चलेगा कि आपकी वेबसाइट को कौन-कौन सी वेबसाइटों से ‘सिफारिशें’ मिल रही हैं।  क्या कोई ऐसा तरीका है जिससे आप अपनी वेबसाइट पर आने वाले इन लिंक्स को देख सकें।  मुझे याद है, जब मैंने इस क्षेत्र में कदम रखा था, तब मैं रोज़ Google पर अपनी वेबसाइट का नाम ढूंढता था, बस यह देखने के लिए कि कहीं कोई नया लिंक मिला है या नहीं। पर यह तरीका बहुत समय लेने वाला और सही जानकारी न देने वाला था। तभी मुझे एहसास हुआ कि check your backlinks tools & tips तने फ़ायदेमंद होते हैं—ये तो मानो एक जादुई चश्मे जैसे हैं, जिससे आप अपनी वेबसाइट के लिंक्स की पूरी कहानी देख सकते हो। 

ये बिल्कुल ऐसा है जैसे आपके रिपोर्ट कार्ड आता है। उसमें आपको पता चलता है कि आपने किस विषय में कितना अच्छा किया है। वैसे ही, बैकलिंक्स चेक करने वाले टूल्स आपकी वेबसाइट का ‘रिपोर्ट कार्ड’ दिखाते हैं। मैंने अपने सालों के अनुभव में ये देखा है कि जो लोग अपनी वेबसाइट के बैकलिंक्स पर नज़र रखते हैं, वे अपनी वेबसाइट को बहुत तेज़ी से ऊपर ले जाते हैं। मुझे उस दिन एक बात समझ आई कि अगर आप Google के खेल में जीतना चाहते हो, तो आपको पता होना चाहिए कि आपकी वेबसाइट की ‘ताकत’ कहाँ से आ रही है।

तो आइए, आसान शब्दों में समझते हैं कि check your backlinks tools & tips क्या-क्या हैं और ये कैसे काम करते हैं।

Google Search Console (Google का अपना रिपोर्ट कार्ड):

यह Google का एक मुफ़्त टूल है, और ये सबसे ज़रूरी है। ये बिल्कुल Google की तरफ़ से दिया गया एक ‘रिपोर्ट कार्ड’ है आपकी वेबसाइट के लिए। इसमें आप देख सकते हो कि Google को आपकी वेबसाइट के कितने और कौन से बैकलिंक मिले हैं। यह आपको उन लिंक्स के बारे में बताता है जो Google खुद गिन रहा है। मेरा तो ये मानना है कि अगर आप SEO कर रहे हो, तो ये टूल आपकी पहली पसंद होना चाहिए।

Ahrefs या SEMrush (जादूई चश्मा):

ये कुछ ऐसे बड़े और पावरफुल टूल हैं जो आपको सिर्फ़ ये नहीं बताते कि आपको कितने लिंक मिले हैं, बल्कि ये भी बताते हैं कि वो लिंक कहाँ से आए हैं, वो कितने अच्छे हैं, और आपके कॉम्पिटिटर (यानी आपकी जैसी दूसरी वेबसाइट्स) को कौन से लिंक मिल रहे हैं। ये थोड़े महंगे होते हैं, पर अगर आप बिज़नेस कर रहे हो, तो ये बहुत काम के हैं। ये बिल्कुल एक जासूस जैसा है जो सारी जानकारी निकाल कर ले आता है। मैंने खुद इन टूल्स का इस्तेमाल करके सैकड़ों वेबसाइट्स को ऊपर पहुँचाया है।

Majestic SEO (लिंक्स की पूरी कहानी):

ये एक और कमाल का टूल है जो लिंक्स के बारे में बहुत सारी गहरी जानकारी देता है। ये बताता है कि कौन सा लिंक कितना ‘ताकतवर’ है और आपकी वेबसाइट को कितनी ‘ताकत’ दे रहा है। ये उन लोगों के लिए बहुत अच्छा है जो लिंक्स की दुनिया को बहुत गहराई से समझना चाहते हैं।

WhatsApp Channel Join Now
Telegram Group Join Now

अब बात करते हैं कुछ आसान टिप्स (Tips) की, जो आपके काम आएँगी जब आप अपने बैकलिंक्स चेक कर रहे हों।

नियमित रूप से चेक करें (Check Regularly):

आपको हर महीने या कम से कम हर तीन महीने में अपने बैकलिंक्स ज़रूर चेक करने चाहिए। इससे आपको पता चलता रहेगा कि आपको नए लिंक्स मिल रहे हैं या नहीं, और कहीं कोई ख़राब लिंक तो नहीं आ गया। ये बिल्कुल अपने पौधों को पानी देने जैसा है – नियमित रूप से देखभाल ज़रूरी है।

लिंक्स की क्वालिटी देखें (Look at Link Quality):

सिर्फ़ ये मत देखो कि आपको कितने लिंक मिले हैं, बल्कि ये भी देखो कि वो लिंक कहाँ से आए हैं। क्या वो अच्छी, भरोसेमंद वेबसाइट्स से हैं, या किसी घटिया वेबसाइट से। याद है हमने ‘हाई क्वालिटी’ और ‘लो क्वालिटी’ लिंक्स की बात की थी? हमेशा ‘हाई क्वालिटी’ लिंक्स पर ही ध्यान दो। मैंने देखा है कि एक अच्छा लिंक 100 बुरे लिंक्स से बेहतर होता है।

जो लिंक पसंद न हों उन्हें हटाओ (Disavow Bad Links):

अगर आपको अपनी वेबसाइट पर कोई ऐसा लिंक मिलता है जो बहुत ही ख़राब है या स्पैम वाली वेबसाइट से आया है, तो आप Google को बता सकते हो कि ‘मुझे ये लिंक नहीं चाहिए’। इसे ‘Disavow’ करना कहते हैं। ये आपके Google Search Console में होता है। ऐसा करने से Google आपकी वेबसाइट को उस बुरे लिंक की वजह से कोई सजा नहीं देता।

अपने कॉम्पिटिटर के लिंक्स देखें (Check Competitor Backlinks):

आप उन टूल्स का इस्तेमाल करके अपनी कॉम्पिटिटर वेबसाइट्स के बैकलिंक्स भी देख सकते हो। इससे आपको पता चलेगा कि उन्हें कहाँ-कहाँ से लिंक मिल रहे हैं, और आप भी उन जगहों से लिंक पाने की कोशिश कर सकते हो। ये बिल्कुल दूसरे खिलाड़ियों की रणनीति समझने जैसा है।

तो देखा आपने, check your backlinks tools & tips कितने काम के हैं। ये सिर्फ़ आपकी वेबसाइट को ऊपर लाने में ही मदद नहीं करते, बल्कि उसे सुरक्षित रखने में भी बहुत ज़रूरी हैं। अगर आप इन बातों का ध्यान रखेंगे, तो आपकी वेबसाइट Google में हमेशा चमकती रहेगी। 

beginners guide to link building

हमने बैकलिंक्स के बारे में बहुत कुछ जाना – वो क्या होते हैं, कितने तरह के होते हैं, और क्यों ज़रूरी हैं। पर क्या आपको पता है कि ये सब ज्ञान तब तक अधूरा है जब तक हम ये न सीखें कि आखिर इन्हें बनाया कैसे जाता है। मुझे याद है, जब मैंने पहली बार SEO की दुनिया में कदम रखा था, तो मुझे ‘लिंक बिल्डिंग’ शब्द बहुत भारी लगता था। लगता था ये कोई बहुत मुश्किल काम होगा। पर धीरे-धीरे मैंने सीखा कि beginners guide to link building असल में कितना आसान हो सकता है, अगर उसे सही तरीके से समझा जाए।

ये बिल्कुल ऐसा है जैसे आप पहली बार साइकिल चलाना सीख रहे हो। शुरुआत में थोड़ा डर लगता है, पर जब आपको बैलेंस बनाना आ जाता है, तो फिर आप कहीं भी जा सकते हो। वैसे ही, लिंक बिल्डिंग में भी कुछ आसान स्टेप्स होते हैं जिन्हें फॉलो करके आप अपनी वेबसाइट के लिए अच्छे-अच्छे बैकलिंक्स बना सकते हो। मैंने अपने सालों के अनुभव में ये देखा है कि जो लोग सही तरीके से लिंक बिल्डिंग करते हैं, उनकी वेबसाइट्स Google में तेज़ी से ऊपर आती हैं और उन्हें खूब लोग देखते हैं। मुझे उस दिन एक बात समझ आई कि ये कोई जादू नहीं, बल्कि स्मार्ट तरीके से काम करने का नतीजा है।

तो आइए, आसान शब्दों में जानते हैं कि beginners guide to link building क्या है और इसे कैसे किया जाता है।

अच्छा कंटेंट लिखो (Create Great Content):

सबसे पहले और सबसे ज़रूरी बात – अपनी वेबसाइट पर ऐसा कंटेंट लिखो जो लोगों को सच में पसंद आए और उनके काम आए। अगर आपका आर्टिकल इतना अच्छा है कि लोग उसे पढ़ना चाहें, शेयर करना चाहें, तो वे उसे खुद ही लिंक करेंगे। ये बिल्कुल ऐसा है जैसे अगर आप कोई बहुत अच्छी कहानी सुनाते हो, तो लोग दूसरों को भी बताते हैं कि ये कहानी सुनो। मैंने हमेशा कहा है कि ‘कंटेंट इज़ किंग’, और ये लिंक बिल्डिंग में सबसे ज़्यादा सच साबित होता है।

गेस्ट पोस्ट लिखो (Write Guest Posts):

अपनी ही फील्ड से जुड़ी किसी दूसरी अच्छी वेबसाइट पर एक आर्टिकल लिखो। इसे ‘गेस्ट पोस्ट’ कहते हैं। इस आर्टिकल में आप अपनी वेबसाइट के किसी काम के पेज का लिंक दे सकते हो। ये एक बहुत अच्छा तरीका है क्योंकि आपको एक क्वालिटी वाला लिंक मिलता है और उस वेबसाइट के पाठक भी आपकी वेबसाइट पर आते हैं। पर ध्यान रहे, सिर्फ़ ऐसी वेबसाइट्स पर लिखो जो आपसे मिलती-जुलती हों और जिनकी क्वालिटी अच्छी हो।

टूटे हुए लिंक्स ढूंढो और मदद करो (Find and Fix Broken Links):

इंटरनेट पर बहुत सी वेबसाइट्स पर पुराने आर्टिकल में ऐसे लिंक होते हैं जो अब काम नहीं करते (यानी ‘टूटे’ हुए होते हैं)। आप इन टूटे हुए लिंक्स को ढूंढो। फिर उस वेबसाइट के मालिक से संपर्क करो और उसे बताओ कि उसका लिंक काम नहीं कर रहा है। साथ ही, उसे सुझाव दो कि वो उस टूटे हुए लिंक की जगह आपकी वेबसाइट के किसी ऐसे आर्टिकल का लिंक लगा दे जो उसके पाठकों के लिए काम का हो। ये तरीका बहुत काम करता है और आपको एक अच्छा बैकलिंक दिला सकता है। मैंने खुद इस तरीके से कई सारे लिंक बनाए हैं।

इन्फोग्राफिक्स और वीडियो बनाओ (Create Infographics and Videos):

सिर्फ़ लिखने के बजाय, आप इन्फोग्राफिक्स (चित्रों में जानकारी) या छोटे वीडियो बना सकते हो। लोग इन्हें देखना और शेयर करना बहुत पसंद करते हैं। अगर आपका इन्फोग्राफिक या वीडियो बहुत अच्छा है, तो दूसरे ब्लॉगर्स या वेबसाइट मालिक उसे अपनी वेबसाइट पर इस्तेमाल करेंगे और आपको उसका क्रेडिट देते हुए लिंक देंगे। ये एक क्रिएटिव तरीका है लिंक बनाने का।

सोशल मीडिया पर एक्टिव रहो (Be Active on Social Media):

जब आप अपना नया कंटेंट लिखते हो, तो उसे फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ज़रूर शेयर करो। जितने ज़्यादा लोग उसे देखेंगे और पसंद करेंगे, उतनी ही ज़्यादा संभावना है कि कोई उसे अपनी वेबसाइट पर लिंक करे। सोशल मीडिया आपकी वेबसाइट को लोगों तक पहुँचाने का एक बड़ा ज़रिया है।

एक्सपर्ट्स से बात करो और उन्हें फीचर करो (Interview Experts and Feature Them): अपनी फील्ड के किसी जाने-माने एक्सपर्ट का इंटरव्यू लो और उसे अपनी वेबसाइट पर पब्लिश करो। वो एक्सपर्ट अक्सर आपके इंटरव्यू को अपनी वेबसाइट या सोशल मीडिया पर शेयर करेगा, जिससे आपको एक बैकलिंक मिलेगा। साथ ही, आपकी वेबसाइट की ‘अथॉरिटी’ भी बढ़ेगी।

ऑनलाइन डायरेक्टरी में अपनी वेबसाइट लिस्ट करो (List Your Website in Online Directories): कुछ अच्छी और भरोसेमंद ऑनलाइन डायरेक्टरीज़ होती हैं जहाँ आप अपनी वेबसाइट को लिस्ट कर सकते हो। ये डायरेक्टरीज़ आपकी वेबसाइट को एक लिंक देती हैं। पर ध्यान रहे, सिर्फ़ अच्छी और जानी-मानी डायरेक्टरीज़ में ही लिस्ट करो, क्योंकि ख़राब डायरेक्टरीज़ से नुकसान भी हो सकता है।

WhatsApp Channel Join Now
Telegram Group Join Now

तो देखा आपने, beginners guide to link building करना कोई बहुत मुश्किल काम नहीं है। ये सब आसान और प्रैक्टिकल तरीके हैं जिन्हें कोई भी इस्तेमाल कर सकता है। बस थोड़ी सी हिम्मत और लगातार कोशिश चाहिए। जब आप इन तरीकों से लिंक बिल्डिंग करते हैं, तो Google आपकी वेबसाइट को अपने आप ही ऊपर ले जाने लगता है, और आपको उसका पूरा-पूरा फ़ायदा मिलता है।

Conclusion

तो मेरे दोस्तो, ये था हमारा बैकलिंक्स की दुनिया का पूरा सफ़र! हमने जाना कि what is backlink से लेकर how to get backlinks organically तक, ये पूरा खेल कैसे काम करता है। मेरे लिए तो सबसे ज़्यादा काम की चीज़ ये रही कि क्वालिटी हमेशा क्वांटिटी से ज़्यादा ज़रूरी होती है। शुरुआत में मैं भी बस ज़्यादा से ज़्यादा लिंक्स बनाने के पीछे पड़ा रहता था, पर असली जादू तब हुआ जब मैंने अच्छी और भरोसेमंद वेबसाइट्स से लिंक लेने पर ध्यान देना शुरू किया। Google भी स्मार्ट है भाई, वो कूड़ा नहीं, हीरा पहचानता है।

अगर मैं अपने किसी दोस्त को, जिसने अभी-अभी अपनी वेबसाइट शुरू की है, यह समझाता, तो मेरा सीधा-सा फंडा यही होता: “देख भाई, सिर्फ़ बेहतरीन चीज़ें लिख देने से ही बात नहीं बनेगी। अपनी वेबसाइट के लिए दमदार बैकलिंक्स पर भी काम करना पड़ेगा। यही वो चाबी है जो तेरी साइट को Google की नज़रों में एकदम ऊपर ले जाएगी। ये कोई रॉकेट साइंस नहीं है, बस थोड़ी अक्लमंदी और लगातार मेहनत मांगता है। मेरा पूरा यक़ीन है कि अगर तू इन टिप्स को अपनाएगा, तो तेरी वेबसाइट ज़रूर कमाल दिखाएगी।”

मुझे उम्मीद है कि इस ब्लॉग पोस्ट से तुम्हें बैकलिंक्स को लेकर बहुत कुछ नया सीखने को मिला होगा। अब बताओ, तुम्हारा इस पूरे खेल को लेकर क्या सोचना है। क्या कोई ऐसी टिप है जिसे तुम आज़माने वाले हो, या तुम्हारा कोई और एक्सपीरियंस है। कमेंट में ज़रूर बताना, मुझे तुम्हारे जवाब का इंतज़ार रहेगा।अपनी वेबसाइट पर काम करते रहो, और खूब आगे बढ़ते रहो।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *