introduction
क्या कभी ऐसा हुआ है कि आपने ऑनलाइन कुछ खरीदने की सोची हो और सोचा हो कि आखिर ये चीज़ मुझ तक पहुँची कैसे? या आप खुद अपना कुछ ऑनलाइन बेचना चाहते हों, पर समझ न आ रहा हो कि कहाँ से शुरू करें? मुझे याद है, जब मैं पहली बार ऑनलाइन बिज़नेस के बारे में सोच रहा था, तो मुझे लगा कि ये सब बड़ा सीधा-साधा होगा – बस एक वेबसाइट बनाओ, सामान डालो और बिकने लगेगा। पर यार, जब मैंने मार्केट को थोड़ा खंगाला, तब मुझे समझ आया कि ऑनलाइन बिज़नेस की दुनिया में बहुत सारे अलग-अलग रास्ते हैं। यहीं से मेरा सामना हुआ उस चीज़ से, जिसे हम ई-कॉमर्स मॉडल्स के प्रकार (types of e-commerce models) कहते हैं।
आपको पता है, कभी-कभी मुझे लगता है कि ऑनलाइन बिज़नेस एक ऐसे जंगल जैसा है जहाँ बहुत सारे रास्ते हैं। कुछ रास्ते सीधे और साफ़ हैं, तो कुछ थोड़े टेढ़े-मेढ़े और अलग हैं। मैंने शुरू में सोचा था कि ऑनलाइन दुकान मतलब बस ग्राहक को सामान बेचना। पर जब मैंने एक ऑनलाइन बिज़नेस कंसल्टेंसी प्रोजेक्ट पर काम किया, तो मुझे एहसास हुआ कि आप सामान किसी कंपनी से किसी कंपनी को भी बेच सकते हो, या फिर एक ग्राहक दूसरे ग्राहक को भी कुछ बेच सकता है! ये सब जानकर मुझे थोड़ी हैरानी हुई, पर साथ ही एक बात समझ आई कि अगर हमें सही रास्ता चुनना है, तो पहले सारे रास्तों के बारे में जानना ज़रूरी है।
तो, इस ब्लॉग पोस्ट में हम सिर्फ़ किताबी बातें नहीं करेंगे। मैं आपको अपने सालों के एक्सपीरियंस से कुछ ऐसे प्रैक्टिकल उदाहरण और बातें बताऊँगा जिससे आपको यह समझने में मदद मिलेगी कि types of e commerce models और आपके लिए इनमें से कौन सा सबसे बेहतर हो सकता है। हम जानेंगे कि आप कैसे सही मॉडल चुनकर अपने ऑनलाइन स्टोर को सफल बना सकते हैं, चाहे आप छोटे लेवल पर शुरू कर रहे हों या बड़ा बिज़नेस खड़ा करना चाहते हों। अगर आप भी चाहते हैं कि आपका ऑनलाइन बिज़नेस सिर्फ़ एक सपना न रहे, बल्कि हकीकत बने, तो यह आर्टिकल आपके लिए ही है। तैयार हो जाइए कुछ ऐसी बातें जानने के लिए जो शायद आपके ऑनलाइन बिज़नेस की पूरी दिशा बदल दें।
what are the 4 types of e-commerce
दोस्तों, अब हम सीधे उस बात पर आते हैं जिसके लिए आप यहाँ आए हैं what are the 4 types of e-commerce इसे ऐसे समझो जैसे आप बाज़ार में जाते हो, तो वहाँ अलग-अलग तरह की दुकानें होती हैं। कोई दुकान सिर्फ़ ग्राहकों को सामान बेचती है, तो कोई सिर्फ़ दूसरी दुकानों को। ऑनलाइन दुनिया में भी ठीक ऐसा ही होता है। मुझे याद है, जब मैंने पहली बार ई-कॉमर्स की दुनिया में कदम रखा था, तो मैं सिर्फ़ एक ही तरह के बिज़नेस मॉडल के बारे में जानता था – सामान बेचना। पर जब मैंने गहराई से समझा, तो मुझे पता चला कि ये 4 मुख्य प्रकार होते हैं, और अगर आप इन्हें समझ गए, तो आप अपने बिज़नेस के लिए सही रास्ता चुन पाएंगे।
पहला प्रकार है बिज़नेस से ग्राहक (Business-to-Consumer, या B2C)। ये सबसे आम और समझने में सबसे आसान है। इसमें एक कंपनी सीधे ग्राहक को सामान बेचती है। जैसे, अगर आप Amazon से कोई किताब खरीदते हो, या Myntra से कपड़े ऑर्डर करते हो, तो ये B2C ई-कॉमर्स का उदाहरण है। मैं खुद कई B2C वेबसाइट्स के लिए काम कर चुका हूँ, और मैंने देखा है कि यहाँ ग्राहकों को खुश रखना और उन्हें बार-बार वापस लाना सबसे ज़रूरी होता है।
दूसरा प्रकार है बिज़नेस से बिज़नेस (Business-to-Business, या B2B)। इसमें एक कंपनी दूसरी कंपनी को सामान या सेवाएँ बेचती है। ये ऐसा है जैसे कोई फैक्ट्री सिर्फ़ दूसरी फैक्ट्रियों को कच्चा माल बेचती हो, या कोई सॉफ़्टवेयर कंपनी सिर्फ़ दूसरी कंपनियों के लिए सॉफ़्टवेयर बनाती हो। जैसे, अगर कोई रेस्टोरेंट सप्लाई करने वाली कंपनी सिर्फ़ दूसरे रेस्टोरेंट को ही खाने का सामान बेचती है, तो ये B2B है। मैंने अपने करियर में कई B2B क्लाइंट्स के साथ काम किया है, और यहाँ रिश्ते बनाना और बड़ी डील्स करना ज़्यादा ज़रूरी होता है।
तीसरा प्रकार है ग्राहक से ग्राहक (Consumer-to-Consumer, या C2C)। इसमें एक सामान्य व्यक्ति दूसरे सामान्य व्यक्ति को कोई सामान बेचता है। इसे ऐसे समझो जैसे आप अपनी कोई पुरानी किताब या फ़ोन OLX या Quikr जैसी वेबसाइट पर बेच रहे हो, और कोई दूसरा व्यक्ति उसे खरीद लेता है। यहाँ पर कंपनी सिर्फ़ एक ऐसा मंच देती है जहाँ लोग आपस में चीज़ों का लेन-देन कर सकते हैं। मैंने खुद ऐसे C2C प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल किया है जब मुझे कोई पुरानी चीज़ बेचनी होती थी, और यह वाकई बहुत सुविधाजनक होता है।
चौथा प्रकार है ग्राहक से बिज़नेस (Consumer-to-Business, या C2B)। यह थोड़ा कम प्रचलित है, पर बेहद दिलचस्प है। इस मॉडल में एक ग्राहक या कोई आम व्यक्ति अपनी कोई सेवा या उत्पाद किसी कंपनी को बेचता है। जैसे, अगर कोई ग्राफिक डिज़ाइनर अपनी बनाई हुई डिज़ाइन किसी कंपनी को सौंपता है, या कोई ब्लॉगर अपने लेख किसी वेबसाइट को बेचता है, तो ये सभी C2B के उदाहरण हैं। मैंने ऐसे कई फ्रीलांसर्स को देखा है जो इस C2B मॉडल पर काम करके अच्छी आय अर्जित करते हैं।
तो देखा आपने what are the 4 types of e-commerce ये सिर्फ़ अलग-अलग नाम नहीं हैं, बल्कि ये आपके ऑनलाइन बिज़नेस को चलाने के अलग-अलग तरीके हैं। आपके बिज़नेस के लिए कौन सा मॉडल सबसे सही है, ये आपकी प्रोडक्ट, आपके ग्राहक और आपके लक्ष्य पर निर्भर करता है। इन मॉडल्स को समझना आपको सही रणनीति बनाने में मदद करेगा।
what is b2b e-commerce
अब हम बात करेंगे ई-कॉमर्स के एक ऐसे प्रकार की जो शायद हर कोई नहीं जानता, पर ये ऑनलाइन दुनिया का एक बहुत बड़ा हिस्सा है – और वो है what is b2b e-commerce इसे ऐसे समझो जैसे आपने एक फैक्ट्री खोली है जो सिर्फ़ दूसरे बिज़नेस के लिए सामान बनाती है, न कि सीधे ग्राहकों के लिए। जैसे, कोई कंपनी सिर्फ़ कंप्यूटर के पुर्जे बनाती है, जिसे दूसरी कंप्यूटर बनाने वाली कंपनियां खरीदती हैं। मुझे याद है, जब मैंने पहली बार ऑनलाइन बिज़नेस शुरू किया था, तो मैं सिर्फ़ B2C (ग्राहक को बेचना) पर ही ध्यान देता था। पर जब मैंने देखा कि बड़ी-बड़ी डील और करोड़ों का कारोबार B2B में हो रहा है, तब मुझे समझ आया कि B2B ई-कॉमर्स की दुनिया कितनी अलग और बड़ी है।
असल में, B2B ई-कॉमर्स का मतलब है ‘बिज़नेस से बिज़नेस’ (Business-to-Business) के बीच होने वाली ऑनलाइन खरीदारी और बिक्री। इसमें एक कंपनी अपनी चीज़ें या सेवाएँ इंटरनेट के ज़रिए किसी दूसरी कंपनी को बेचती है। इसे ऐसे समझें जैसे कोई कपड़े का दुकानदार किसी बड़े कपड़े के थोक विक्रेता (wholesaler) से ऑनलाइन स्टॉक खरीद रहा हो, या कोई ऑफ़िस अपनी ज़रूरतों के लिए स्टेशनरी ऑनलाइन किसी सप्लायर से ऑर्डर कर रहा हो। यहाँ ग्राहक कोई आम इंसान नहीं होता, बल्कि खुद एक व्यावसायिक संस्था होती है।
मेरे वर्षों के अनुभव ने मुझे यह सिखाया है कि B2B ई-कॉमर्स B2C से काफ़ी भिन्न होता है। B2C में अक्सर उपभोक्ता छोटी-मोटी वस्तुएँ खरीदते हैं और निर्णय तुरंत लेते हैं। इसके विपरीत, B2B में ऑर्डर काफ़ी बड़े होते हैं, कई बार तो लाखों-करोड़ों के, और इनमें बहुत ही सोच-विचार करके निर्णय लिया जाता है। यहाँ आमतौर पर एक कंपनी दूसरी कंपनी के साथ दीर्घकालिक संबंध स्थापित करती है। मैंने कई B2B फर्मों के साथ काम किया है, और मैंने पाया है कि इन लेन-देनों में ग्राहक सहायता, विश्वास और समय पर डिलीवरी का महत्व बहुत अधिक होता है।
B2B ई-कॉमर्स के कुछ उदाहरण देखें तो, जैसे:
मैन्युफैक्चरिंग कंपनियां: जो कच्चा माल या पुर्जे ऑनलाइन दूसरी फैक्ट्रियों को बेचती हैं।
होलसेलर: जो रिटेल दुकानदारों को ऑनलाइन बड़ी मात्रा में सामान बेचते हैं।
सॉफ्टवेयर कंपनियां: जो बिज़नेस के लिए सॉफ़्टवेयर सलूशन ऑनलाइन मुहैया कराती हैं।
ऑफिस सप्लाइज: जो कंपनियों को ऑफिस का सामान (जैसे पेन, कागज़, प्रिंटर) ऑनलाइन बेचते हैं।
ये सभी ऐसी चीज़ें हैं जो शायद एक आम ग्राहक सीधे तौर पर नहीं खरीदता, लेकिन ये विभिन्न कंपनियों के संचालन के लिए बेहद ज़रूरी होती हैं।
तो देखा आपने what is b2b e-commerce यह सिर्फ़ ऑनलाइन सामान बेचने का एक तरीका नहीं है, बल्कि यह दो बिज़नेस के बीच भरोसे और लंबे समय के रिश्ते बनाने का एक बड़ा माध्यम है। अगर आप भी किसी बिज़नेस को कुछ बेचना चाहते हैं, तो यह मॉडल आपके लिए बहुत काम का हो सकता है।
what is b2c e-commerce
हम ई-कॉमर्स के सबसे लोकप्रिय प्रकार पर चर्चा करेंगे – और वो है what is b2c e-commerce इसे आप ऐसे समझ सकते हैं जैसे आप किसी दुकान पर जाकर कोई सामान खरीदते हैं – यह ठीक वैसा ही है, बस दुकान डिजिटल है। मुझे याद है, जब मैंने पहली बार ऑनलाइन दुनिया में प्रवेश किया था, तो मेरा पहला ऑनलाइन स्टोर इसी B2C मॉडल पर आधारित था। यही वह मॉडल है जिससे ज़्यादातर लोग वाकिफ़ हैं, और मैंने इसे गहराई से अनुभव किया है।
असल में, B2C ई-कॉमर्स का मतलब है ‘बिज़नेस से ग्राहक’ (Business-to-Consumer) के बीच होने वाली ऑनलाइन खरीद और बिक्री। इसमें कोई कंपनी सीधे आम उपभोक्ताओं को अपनी चीज़ें या सेवाएँ इंटरनेट के माध्यम से बेचती है। यह ठीक वैसे ही है जैसे आप Amazon से कोई नई किताब खरीदते हैं, या Myntra से कपड़े ऑर्डर करते हैं, या Swiggy से खाना मँगवाते हैं। यहाँ विक्रेता एक व्यवसाय होता है और खरीदार एक सामान्य व्यक्ति होता है, जो अपने निजी उपयोग के लिए सामान लेता है।
मेरे सालों के अनुभव ने मुझे सिखाया है कि B2C ई-कॉमर्स में ग्राहकों को खुश रखना और उन्हें बार-बार वापस लाना सबसे ज़रूरी होता है। यहाँ ग्राहक अक्सर अपनी पसंद और भावनाओं से फ़ैसले लेते हैं। जैसे, अगर कोई जूते खरीद रहा है, तो वो शायद इसलिए खरीद रहा है क्योंकि उसे वो डिज़ाइन पसंद है या वो जूते पहनने में आरामदायक लग रहे हैं। मैंने कई B2C वेबसाइट्स के लिए काम किया है, और मैंने देखा है कि यहाँ अच्छी मार्केटिंग, आसान वेबसाइट डिज़ाइन, और शानदार ग्राहक सेवा की अहमियत बहुत ज़्यादा होती है।
B2C ई-कॉमर्स के कुछ आम उदाहरण देखें तो, जैसे:
ऑनलाइन रिटेल स्टोर्स: जैसे Amazon, Flipkart, Myntra, जहाँ ग्राहक सीधे कपड़े, इलेक्ट्रॉनिक्स, किताबें और कई दूसरे सामान खरीद सकते हैं।
ऑनलाइन फूड डिलीवरी: जैसे Swiggy, Zomato, जहाँ आप रेस्टोरेंट से खाना ऑर्डर करते हैं।
ऑनलाइन सर्विस प्रोवाइडर्स: जैसे Netflix (स्ट्रीमिंग), Spotify (म्यूज़िक), जहाँ कंपनियाँ सीधे ग्राहकों को सेवाएँ देती हैं।
डायरेक्ट-टू-कंज्यूमर (D2C) ब्रांड्स: ये वो कंपनियाँ हैं जो अपनी चीज़ें खुद बनाती हैं और सीधे अपनी वेबसाइट से ग्राहकों को बेचती हैं, बिना किसी बीच के दुकानदार के।
तो देखा आपने what is b2c e-commerce केवल ऑनलाइन सामान बेचने का एक तरीका नहीं है, बल्कि यह सीधे आपके और आपके ग्राहक के बीच का संबंध स्थापित करता है। अगर आप सीधे उपभोक्ताओं तक पहुँचना चाहते हैं और उन्हें अपने उत्पाद बेचना चाहते हैं, तो यह मॉडल आपके लिए बिल्कुल उपयुक्त है।
c2c e-commerce platforms
अब हम बात करेंगे ऑनलाइन बाज़ार के एक ऐसे हिस्से की जहाँ आम लोग ही सामान खरीदते और बेचते हैं – और वो हैं c2c e-commerce platforms इसे ऐसे समझो जैसे आपके मोहल्ले में कोई हाट या मेला लगा हो, जहाँ कोई भी अपनी पुरानी चीज़ें बेच सकता है और कोई भी खरीद सकता है। मुझे याद है, जब मैं कॉलेज में था और अपनी पुरानी किताबें बेचनी होती थीं, तो मुझे यही प्लेटफॉर्म्स बहुत काम आते थे। यहीं से मैंने समझा कि कंज्यूमर-टू-कंज्यूमर ई-कॉमर्स का पूरा सिस्टम कैसे काम करता है।
असल में, C2C ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स वो ऑनलाइन जगहें हैं जहाँ एक आम इंसान (कंज्यूमर) दूसरे आम इंसान (कंज्यूमर) को अपनी चीज़ें बेच सकता है। यहाँ कोई बड़ी कंपनी आपको सीधे सामान नहीं बेचती, बल्कि प्लेटफॉर्म सिर्फ़ बेचने वाले और खरीदने वाले को एक जगह लाता है। ये ऐसा ही है जैसे एक स्कूल में नोटिस बोर्ड हो जहाँ बच्चे अपनी पुरानी साइकिल या खिलौने बेचने का विज्ञापन लगा दें और दूसरे बच्चे उसे देख कर खरीद लें।
मेरे सालों के अनुभव ने मुझे सिखाया है कि C2C प्लेटफॉर्म्स की सबसे बड़ी खूबी ये है कि ये लोगों को अपनी पुरानी या इस्तेमाल की हुई चीज़ों से छुटकारा पाने और उनसे कुछ पैसे कमाने का मौका देते हैं। साथ ही, खरीदने वालों को भी अच्छी कंडीशन में सस्ती चीज़ें मिल जाती हैं। मैंने खुद इन प्लेटफॉर्म्स पर कई बार खरीदारी और बिक्री की है, और मैंने देखा है कि यहाँ भरोसे और पारदर्शिता (सब कुछ साफ़-साफ़ दिखना) बहुत ज़रूरी है। प्लेटफॉर्म्स कोशिश करते हैं कि खरीदार और बेचने वाले दोनों सुरक्षित महसूस करें।
C2C ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स के कुछ जाने-पहचाने उदाहरण देखें तो, जैसे:
OLX और Quikr: ये भारत में बहुत लोकप्रिय हैं जहाँ लोग अपनी पुरानी कार, फर्नीचर, इलेक्ट्रॉनिक्स और घर का सामान बेचते हैं।
eBay: यह दुनिया भर में मशहूर है जहाँ आप लगभग कुछ भी नया या पुराना बेच सकते हैं या खरीद सकते हैं, चाहे वो एंटीक हो या लेटेस्ट गैजेट।
Facebook Marketplace: यह एक ऐसी जगह है जहाँ फेसबुक पर लोग अपने आस-पास के लोगों को सामान बेचते और खरीदते हैं। लोकल खरीदारी के लिए यह बहुत ही बढ़िया विकल्प है।
इन प्लेटफॉर्म्स पर लोग सीधे एक-दूसरे से बातचीत करके डील फ़ाइनल करते हैं।
तो देखा आपने c2c e-commerce platforms होते हैं और कैसे काम करते हैं। ये सिर्फ़ ऑनलाइन दुकानें नहीं हैं, बल्कि ये लोगों को आपस में सामान और सेवाएँ लेन-देन करने का एक आसान और सीधा तरीका देते हैं। अगर आपके पास कोई ऐसी चीज़ है जिसे आप बेचना चाहते हैं या आप किसी पुरानी चीज़ को कम दाम में खरीदना चाहते हैं, तो ये प्लेटफॉर्म्स आपके लिए ही हैं।
what is d2c business model
हम बात करेंगे ऑनलाइन बिज़नेस के एक ऐसे बढ़ते हुए तरीके की, जो आजकल काफी पॉपुलर हो रहा है – और वो है what is d2c business model इसे ऐसे समझो जैसे कोई किसान अपनी सब्ज़ियाँ सीधे अपने खेत से बाज़ार में खुद ही बेच रहा हो, किसी आढ़ती या बिचौलिए के बिना। मुझे याद है, कुछ साल पहले तक ज़्यादातर ब्रांड्स अपनी चीज़ें दुकानों या बड़े ऑनलाइन स्टोर्स (जैसे Amazon) के ज़रिए बेचते थे। पर जब मैंने देखा कि कुछ छोटे ब्रांड्स भी अपनी वेबसाइट से सीधे ग्राहकों तक पहुँचकर बहुत अच्छा कर रहे हैं, तब मुझे समझ आया कि D2C बिज़नेस मॉडल कितना पावरफुल हो सकता है।
दरअसल, D2C का पूरा नाम ‘डायरेक्ट-टू-कंज्यूमर’ (Direct-to-Consumer) है। इसका सीधा मतलब ये है कि कोई कंपनी अपने तैयार किए गए प्रोडक्ट या सर्विस सीधे अपने ग्राहकों तक पहुँचाती है। इस प्रक्रिया में कोई दुकानदार या थोक विक्रेता बीच में नहीं आता। इसे ऐसे समझो जैसे कोई खिलौने बनाने वाली कंपनी अपने खिलौने सीधे अपनी वेबसाइट से बेच रही हो, बजाय किसी बड़ी खिलौनों की दुकान या ऑनलाइन मार्केटप्लेस का सहारा लेने के। इस तरीके से कंपनी का अपने ग्राहकों और पूरी बिक्री प्रक्रिया पर पूरा नियंत्रण रहता है।
मेरे कई वर्षों के अनुभव ने मुझे यह सिखाया है कि D2C बिज़नेस मॉडल इतना आकर्षक क्यों है। जब कोई कंपनी सीधे ग्राहक को उत्पाद बेचती है, तो उसे बीच के बिचौलियों (जैसे दुकानदार) का कमीशन नहीं देना पड़ता, जिसका लाभ मिलता है। इससे या तो कंपनी ज़्यादा मुनाफ़ा कमा सकती है, या ग्राहकों को बेहतर कीमतों पर उत्पाद उपलब्ध करा सकती है। मैंने ऐसे कई D2C ब्रांड्स के साथ काम किया है, और मैंने देखा है कि वे अपने ग्राहकों के साथ सीधा संबंध स्थापित कर पाते हैं। उन्हें पता होता है कि उनके ग्राहक कौन हैं, उनकी पसंद क्या है, और वे अपने उत्पादों को ग्राहकों की ज़रूरतों के हिसाब से और बेहतर बना सकते हैं। यह ठीक वैसे ही है जैसे कोई दर्जी सीधे ग्राहक से बातचीत करके कपड़े सिलता है, जिससे उसे ग्राहक की सटीक ज़रूरत का पता चल जाता है।
D2C बिज़नेस मॉडल के कुछ जाने-माने उदाहरण देखें तो, जैसे:
Mamaearth: एक भारतीय ब्यूटी ब्रांड जो अपने प्रोडक्ट्स सीधे अपनी वेबसाइट से ग्राहकों को बेचता है।
BoAt: यह ऑडियो एक्सेसरीज़ बनाने वाली कंपनी भी अपने हेडफ़ोन और स्पीकर्स सीधे अपनी वेबसाइट से बेचती है।
Warby Parker (अमेरिका में): ये चश्मे बनाते हैं और सीधे ग्राहकों को बेचते हैं, जिससे चश्मे सस्ते पड़ते हैं।
इन कंपनियों ने बीच के रिटेलरों को हटाकर सीधे ग्राहकों से रिश्ता बनाया है।
तो देखा आपने what is d2c business model यह सिर्फ़ सामान बेचने का एक नया तरीका नहीं, बल्कि यह कंपनियों को अपने ग्राहकों से सीधा और गहरा रिश्ता बनाने का मौका देता है। अगर आप भी अपने प्रोडक्ट पर पूरा कंट्रोल चाहते हैं, ज़्यादा मुनाफ़ा कमाना चाहते हैं, और सीधे ग्राहकों से जुड़ना चाहते हैं, तो यह मॉडल आपके लिए एकदम सही हो सकता है।
what is b2b vs b2c vs c2c
अब हम बात करेंगे ऑनलाइन बाज़ार के तीन सबसे बड़े खिलाड़ियों की और उनके बीच के फ़र्क को समझेंगे – यानी what is b2b vs b2c vs c2c इसे ऐसे समझो जैसे आप किसी बड़े शॉपिंग मॉल में घूम रहे हो। वहाँ कुछ दुकानें सिर्फ़ बड़ी कंपनियों के लिए होती हैं, कुछ सीधी ग्राहकों के लिए, और कुछ ऐसी जगहें जहाँ लोग आपस में चीज़ें खरीदते-बेचते हैं। मुझे याद है, जब मैंने पहली बार इन तीनों के बारे में सुना था, तो थोड़ा कंफ्यूज हो गया था। पर अपने सालों के एक्सपीरियंस में, मैंने इन सभी मॉडल्स को करीब से देखा है और अब आपको इनके बीच का अंतर बहुत आसान तरीके से समझा सकता हूँ।
पहला है B2B (बिज़नेस-टू-बिज़नेस)। जैसा कि हमने पहले भी बात की थी, इसमें एक कंपनी दूसरी कंपनी को सामान या सेवाएँ बेचती है। उदाहरण के लिए, एक कंपनी जो रेस्टोरेंट के लिए बड़े फ्रिज बनाती है, वो सीधे आम लोगों को नहीं बेचती बल्कि सिर्फ़ दूसरे रेस्टोरेंट मालिकों को बेचती है। या फिर, कोई सॉफ़्टवेयर कंपनी जो बिज़नेस के लिए एकाउंटिंग सॉफ़्टवेयर बनाती है, वो इसे सीधे ग्राहकों को न बेचकर दूसरी कंपनियों को बेचती है। मैंने कई B2B कंपनियों के साथ काम किया है, और मैंने देखा है कि यहाँ रिश्ते और बड़ी डील्स बनाना बहुत मायने रखता है।
दूसरा है B2C (बिज़नेस-टू-कंज्यूमर)। यह वो मॉडल है जिससे आप और मैं सबसे ज़्यादा परिचित हैं। इसमें एक कंपनी सीधे आम ग्राहकों को सामान या सेवाएँ बेचती है। जैसे, आप Amazon से कोई किताब खरीदते हो, या Myntra से कपड़े ऑर्डर करते हो। ये सब B2C के उदाहरण हैं। यहाँ ग्राहक अक्सर अपनी पसंद, ब्रांड और तुरंत मिलने वाली चीज़ों पर ध्यान देते हैं। मेरा अपना पहला ऑनलाइन स्टोर भी B2C मॉडल पर ही आधारित था, और यहाँ ग्राहकों को खुश रखना और उन्हें बार-बार वापस लाना सबसे ज़रूरी होता है।
और तीसरा मॉडल है C2C (कंज्यूमर-टू-कंज्यूमर)। इस तरीके में, एक आम व्यक्ति दूसरे आम व्यक्ति को सामान बेचता है। इसमें कोई बड़ी कंपनी सीधे तौर पर खरीद-बिक्री में शामिल नहीं होती, बल्कि वो सिर्फ़ एक ऑनलाइन जगह (प्लेटफ़ॉर्म) मुहैया कराती है जहाँ लोग आपस में चीज़ों का लेन-देन कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, अगर आप अपनी कोई पुरानी साइकिल OLX पर लिस्ट करते हैं, और कोई दूसरा व्यक्ति उसे खरीद लेता है। या फिर, Facebook Marketplace पर भी लोग अपने आस-पास के लोगों को सामान बेचते हैं। मैंने खुद ऐसे C2C प्लेटफॉर्म्स का उपयोग किया है जब मुझे कोई पुरानी चीज़ बेचनी होती थी, और यह वाकई बहुत ही सुविधाजनक अनुभव रहा है।
तो देखा आपने what is b2b vs b2c vs c2c इन तीनों में सबसे बड़ा फ़र्क है ‘कौन किसको बेच रहा है’।
B2B: कंपनी बेचती है कंपनी को।
B2C: कंपनी बेचती है ग्राहक को।
C2C: ग्राहक बेचता है ग्राहक को।
हर मॉडल के अपने फ़ायदे और नुकसान होते हैं, और आपकी ज़रूरत के हिसाब से कोई एक मॉडल आपके लिए सबसे सही हो सकता है। यह समझना आपको अपने ऑनलाइन बिज़नेस के लिए सही रास्ता चुनने में मदद करेगा।
best e commerce business models
दोस्तों, अब हम उस सवाल पर आते हैं जो हर उस व्यक्ति के दिमाग में होता है जो ऑनलाइन बिज़नेस शुरू करने की सोच रहा है – कि आखिर best e commerce business models कौन से हैं। इसे ऐसे समझो जैसे आप कोई नया खेल खेलने जा रहे हो और आपको पता ही नहीं कि किस खेल में सबसे ज़्यादा मज़ा आएगा और किसमें जीतने की संभावना ज़्यादा है। मुझे याद है, जब मैंने अपना पहला ऑनलाइन काम शुरू किया था, तब मैंने इस बात पर बहुत रिसर्च की थी कि कौन सा मॉडल मेरे लिए सबसे सही रहेगा। मैंने कई मॉडल्स में काम करके सीखा है और अपने अनुभव से बता सकता हूँ कि कौन से मॉडल ज़्यादा कामयाब होते हैं।
देखो, कोई एक ‘सबसे अच्छा’ मॉडल नहीं होता जो सबके लिए काम करे। ये आपकी सोच, आपके प्रोडक्ट और आप किससे जुड़ना चाहते हो, इस पर निर्भर करता है। पर कुछ ऐसे मॉडल्स ज़रूर हैं जो ज़्यादा पॉपुलर हैं और जिनमें सफल होने के चांसेस ज़्यादा होते हैं। इन बेस्ट ई-कॉमर्स बिज़नेस मॉडल्स में से कुछ वो हैं जिनके बारे में हमने पहले बात भी की है।
जो पहला मॉडल हमेशा से टॉप पर रहा है, वह है B2C (बिज़नेस-टू-कंज्यूमर)। ज़्यादातर लोग इसी तरीके से वाकिफ़ हैं, जैसे Amazon या Myntra से कोई सामान खरीदना। इस मॉडल में आप सीधे अपने ग्राहकों को उत्पाद बेचते हैं। इसका फ़ायदा यह है कि ग्राहकों की संख्या बहुत बड़ी होती है, और अगर आप बढ़िया मार्केटिंग और शानदार ग्राहक सेवा दे पाते हैं, तो यह बहुत तेज़ी से आगे बढ़ सकता है। मेरे अपने कई कामयाब ऑनलाइन स्टोर इसी मॉडल पर आधारित हैं, और मैंने पाया है कि यहाँ ग्राहक का भरोसा जीतना सबसे ज़रूरी होता है।
दूसरा मॉडल, जो आजकल बहुत तेज़ी से आगे बढ़ रहा है, वह है D2C (डायरेक्ट-टू-कंज्यूमर)। इसमें ब्रांड अपने उत्पाद खुद बनाते हैं और सीधे अपनी वेबसाइट के ज़रिए ग्राहकों को बेचते हैं, बिना किसी दुकानदार या बिचौलिए की मदद के। इसका सबसे बड़ा लाभ यह है कि ब्रांड का अपने ग्राहक के साथ सीधा जुड़ाव होता है और उन्हें ज़्यादा मुनाफ़ा मिलता है, क्योंकि बीच का कमीशन बच जाता है। Mamaearth या BoAt जैसे ब्रांड इसके बेहतरीन उदाहरण हैं। मैंने ऐसे कई D2C स्टार्टअप्स को देखा है जिन्होंने कम समय में ही ज़बरदस्त कामयाबी हासिल की है।
तीसरा, अगर आप बड़े पैमाने पर और बिज़नेस से बिज़नेस डील करना चाहते हो, तो B2B (बिज़नेस-टू-बिज़नेस) ई-कॉमर्स बहुत दमदार है। इसमें आप सीधे किसी आम ग्राहक को नहीं, बल्कि दूसरी कंपनियों को सामान या सेवाएँ बेचते हो। यहाँ ऑर्डर बड़े होते हैं, और लंबे समय के रिश्ते बनते हैं। अगर आपके पास कोई ऐसा प्रोडक्ट या सर्विस है जिसकी ज़रूरत दूसरे बिज़नेस को पड़ती है, तो ये मॉडल आपके लिए बहुत फ़ायदेमंद हो सकता है। मेरे क्लाइंट्स में कई B2B कंपनियाँ भी हैं, और मैंने देखा है कि यहाँ एक-दूसरे पर भरोसा और सही सपोर्ट बहुत मायने रखता है।
और चौथा है सदस्यता मॉडल (Subscription Model)। इसमें ग्राहक एक तय समय के लिए (जैसे हर महीने) आपसे कोई प्रोडक्ट या सर्विस खरीदते हैं और ऑटोमेटिकली पेमेंट करते रहते हैं। जैसे Netflix या Spotify की मेंबरशिप, या हर महीने घर पर कॉफ़ी या ग्रोसरी की डिलीवरी। इसका फ़ायदा ये है कि आपको बार-बार नए ग्राहक ढूंढने की ज़रूरत नहीं पड़ती और आपकी कमाई भी तय होती है। मैंने एक बार एक ऐसे बिज़नेस को सलाह दी थी जो हर महीने आर्ट सप्लाई बॉक्स भेजते थे, और उनका सब्सक्रिप्शन मॉडल बहुत सफल रहा।
तो देखा आपने, ये कुछ best e commerce business models जो आज के दौर में बहुत सफल हैं। हर मॉडल की अपनी खूबियाँ और चुनौतियाँ हैं। आपका काम है ये समझना कि आपके प्रोडक्ट, आपके ग्राहक और आपके लक्ष्यों के लिए इनमें से कौन सा मॉडल सबसे फिट बैठता है। सही मॉडल चुनकर ही आप ऑनलाइन दुनिया में अपने बिज़नेस को कामयाब बना सकते हैं।
e commerce model examples
अब हम कुछ असल-जिंदगी के उदाहरणों पर बात करेंगे, जिनसे आपको ये e commerce model examples और भी अच्छे से समझ आ जाएँगे। इसे ऐसे समझो जैसे आपने अलग-अलग तरह के कपड़े देख लिए हों, पर जब तक आप उन्हें पहनकर नहीं देखोगे, तब तक आपको पता नहीं चलेगा कि कौन सा आपके लिए सबसे अच्छा है। मुझे याद है, जब मैंने पहली बार ऑनलाइन बिज़नेस के बारे में पढ़ा था, तो सारी बातें बस थ्योरी लग रही थीं। पर जब मैंने असल कंपनियों के उदाहरण देखे, तब मुझे सही मायने में समझ आया कि ये मॉडल कैसे काम करते हैं और मेरे लिए कौन सा सबसे सही रहेगा। मेरे सालों के अनुभव में, मैंने इन सभी मॉडल्स को करीब से देखा है और उनके काम करने के तरीकों को गहराई से समझा है।
चलिए, एक-एक करके देखते हैं कि अलग-अलग ई-कॉमर्स मॉडल असल में कैसे दिखते हैं:
1. B2C (बिज़नेस-टू-कंज्यूमर) के उदाहरण:
यह वो मॉडल है जहाँ एक कंपनी सीधे आम ग्राहकों को सामान बेचती है।
Amazon और Flipkart: ये सबसे बड़े उदाहरण हैं। आप यहाँ कपड़े, इलेक्ट्रॉनिक्स, किताबें, घर का सामान – लगभग कुछ भी खरीद सकते हो। ये सीधे कंपनियों या होलसेलर से सामान लेकर आपको बेचते हैं।
Myntra और Ajio: ये खास तौर पर कपड़े और फ़ैशन से जुड़े सामान के लिए बनाई गई हैं। इन वेबसाइटों पर आपको सीधे नए कपड़े और एक्सेसरीज़ खरीदने का विकल्प मिलता है।
Swiggy और Zomato: ये खाने के ऑर्डर लेते हैं और रेस्टोरेंट से खाना लेकर आप तक पहुँचाते हैं।
Nykaa: ब्यूटी प्रोडक्ट्स के लिए, जहाँ आप सीधे ब्रांड से या न्याका से खरीद सकते हो।
मेरे खुद के कुछ ऑनलाइन स्टोर भी इसी B2C मॉडल पर चले हैं, और मैंने देखा है कि यहाँ ग्राहक का अनुभव और वेबसाइट पर खरीदारी की आसानी सबसे ज़रूरी होती है। [Image: A person happily unboxing a package received from an online store]
2. B2B (बिज़नेस-टू-बिज़नेस) के उदाहरण:
इसमें एक कंपनी दूसरी कंपनी को सामान या सेवाएँ बेचती है।
IndiaMART और Alibaba: ये बहुत बड़े प्लेटफॉर्म हैं जहाँ छोटी और बड़ी कंपनियाँ आपस में सामान खरीदती और बेचती हैं। जैसे, एक कपड़े की फैक्ट्री दूसरी कंपनी से धागा खरीदती है, या कोई होटल सप्लायर बड़ी मात्रा में सब्ज़ियाँ खरीदता है।
Salesforce: ये सॉफ्टवेयर बनाने वाली कंपनी है जो अपना क्लाउड-आधारित सॉफ्टवेयर सीधे दूसरी कंपनियों को बेचती है, ताकि वे अपने ग्राहकों को बेहतर तरीके से संभाल सकें।
Reliance Industries’ JioMart (B2B): JioMart का एक हिस्सा छोटे किराना स्टोर्स को सीधे सामान सप्लाई करता है, जो खुद एक बिज़नेस हैं।
मैंने कई ऐसे B2B क्लाइंट्स के साथ काम किया है, और मैंने देखा है कि यहाँ अक्सर बड़े ऑर्डर होते हैं और डील करने में ज़्यादा समय लगता है, क्योंकि इसमें दोनों कंपनियों के बीच भरोसा बहुत ज़रूरी होता है।
3. C2C (कंज्यूमर-टू-कंज्यूमर) के उदाहरण:
यहाँ एक आम इंसान दूसरे आम इंसान को सामान बेचता है। प्लेटफॉर्म सिर्फ़ दोनों को मिलने का मौका देता है।
OLX और Quikr: ये भारत में काफी मशहूर प्लेटफॉर्म हैं जहाँ लोग अपनी इस्तेमाल की हुई चीज़ें—जैसे गाड़ियाँ, मोटरसाइकिलें, मोबाइल फ़ोन और फर्नीचर—दूसरों को बेचते हैं।
eBay: यह दुनिया भर में एक बड़ा C2C मार्केटप्लेस है जहाँ लोग पुरानी या नई कोई भी चीज़ बेच या खरीद सकते हैं।
Facebook Marketplace: फेसबुक पर लोग अपने आस-पास के लोगों को सामान बेचते हैं। यह लोकल खरीदारी के लिए बहुत अच्छा है।
मैंने खुद इन प्लेटफॉर्म्स पर कई बार खरीदारी और बिक्री की है, और ये वाकई इस्तेमाल की हुई चीज़ों को बेचने या खरीदने का एक आसान तरीका है।
4. D2C (डायरेक्ट-टू-कंज्यूमर) के उदाहरण:
इसमें ब्रांड अपनी चीज़ें खुद बनाकर सीधे अपनी वेबसाइट से ग्राहकों को बेचते हैं।
Mamaearth: ये अपने ब्यूटी और पर्सनल केयर प्रोडक्ट्स सीधे अपनी वेबसाइट से बेचते हैं, जिससे उन्हें ग्राहकों से सीधा फीडबैक मिलता है।
BoAt: यह ऑडियो एक्सेसरीज़ (हेडफ़ोन, स्पीकर्स) बनाने वाली कंपनी भी अपने प्रोडक्ट्स सीधे अपनी वेबसाइट से बेचती है।
Sugar Cosmetics: यह मेकअप ब्रांड भी सीधे ग्राहकों को अपनी वेबसाइट से बेचता है।
Lenskart: हालांकि इनके स्टोर भी हैं, पर इनके ऑनलाइन D2C मॉडल ने इन्हें खूब पॉपुलर किया है, जहाँ आप सीधे उनकी वेबसाइट से चश्मे खरीद सकते हो।
मैंने ऐसे कई D2C ब्रांड्स को बनते और सफल होते देखा है, और इनका सीधा ग्राहक से जुड़ाव इन्हें बहुत ताकत देता है।
तो आपने देखा, ये कुछ असल e commerce model examples हैं जो ऑनलाइन दुनिया में सक्रिय हैं। हर उदाहरण से यह साफ़ होता है कि कैसे अलग-अलग मॉडल अलग-अलग ज़रूरतों को पूरा करते हैं। आपके बिज़नेस के लिए कौन सा मॉडल सबसे फ़ायदेमंद रहेगा, यह इस बात पर निर्भर करेगा कि आप क्या बेच रहे हैं और आपके ग्राहक कौन हैं।
conclusion
तो दोस्तों, हमारी यह पूरी बातचीत अब अपने अंतिम पड़ाव पर है। हमने ई-कॉमर्स के विभिन्न मॉडल्स को गहराई से समझा—चाहे वह B2C हो जहाँ कंपनियाँ सीधे ग्राहकों को बेचती हैं, या B2B जहाँ कंपनियाँ आपस में लेन-देन करती हैं, या फिर C2C जहाँ लोग एक-दूसरे को सामान बेचते हैं, और यहाँ तक कि आजकल के पॉपुलर D2C मॉडल को भी हमने जाना जहाँ ब्रांड सीधे ग्राहकों से जुड़ते हैं।
मुझे अच्छी तरह याद है, जब मैंने पहली बार इन मॉडल्स के बारे में जाना था, तो यह सब काफ़ी उलझन भरा लगा था। लेकिन अपने अनुभवों से मैंने समझा कि हर मॉडल की अपनी ख़ासियतें और चुनौतियाँ होती हैं। ये सिर्फ़ किताबों में लिखी बातें नहीं हैं, बल्कि असल दुनिया में काम करने के वो तरीके हैं जो आपको अपने ऑनलाइन बिज़नेस को सही राह दिखाने में मदद करते हैं।
आपके लिए सबसे अच्छा ई-कॉमर्स मॉडल वही है जो आपके उत्पाद, आपके लक्ष्य और आपके ग्राहकों की ज़रूरतों के हिसाब से सबसे फिट बैठता हो। यह समझना बहुत ज़रूरी है कि आप किससे जुड़ना चाहते हैं और आप किस तरह का रिश्ता बनाना चाहते हैं – क्या आप लाखों आम ग्राहकों तक पहुँचना चाहते हैं, या कुछ बड़ी कंपनियों के साथ पार्टनरशिप करना चाहते हैं, या सीधे अपने ब्रांड को ग्राहकों तक पहुँचाना चाहते हैं।
तो मेरी आपसे यही गुज़ारिश है कि अब जब आपने इन सभी मॉडल्स को समझ लिया है, तो अपने बिज़नेस के लिए सही रास्ता चुनें। यह चुनाव ही आपके ऑनलाइन सफ़र की नींव रखेगा। सही नींव के साथ, आप अपने ई-कॉमर्स बिज़नेस को सफलता की नई ऊँचाइयों पर ले जा सकते हैं।