inrtoduction
कुछ साल पहले जब मैंने पहली बार वेबसाइट बनाना शुरू किया, तब एक बात बार-बार सुनने को मिलती थी – “SEO कर लो वरना ट्रैफिक नहीं आएगा।” लेकिन उस वक़्त मेरे मन में एक ही सवाल घूमता रहता था On Page SEO kya hota hai, सच कहूं तो शुरुआत में ये शब्द ही थोड़े डरावने लगते थे। लेकिन जैसे-जैसे मैंने खुद वेबसाइट्स पर काम किया, गूगल पर रैंकिंग देखी और छोटी-छोटी चीज़ों को सीखा, तब जाकर समझ आया कि On Page SEO असल में उतना मुश्किल नहीं है जितना लोग सोचते हैं।
आज इस फील्ड में मुझे 4 साल से ज़्यादा का अनुभव हो चुका है और मैंने खुद अपनी कई वेबसाइट्स को सिर्फ On Page SEO techniques से Google में टॉप पर लाया है। इस आर्टिकल में मैं वही चीजें आपके साथ शेयर करूंगा जो मैंने खुद सीखी हैं – न कोई किताब से कॉपी किया है, न ही किसी और का लिखा हुआ।
अगर आप भी ये समझना चाहते हैं कि On Page SEO kya hota hai, ये क्यों जरूरी है और इसे अपनी वेबसाइट पर कैसे लागू करें, तो आप बिल्कुल सही जगह पर आए हैं। यहां आपको वही बातें मिलेंगी जो असल में काम करती हैं – वो भी एकदम आसान और सरल भाषा में, ताकि कोई भी इसे पढ़कर समझ सके चाहे वो 8वीं क्लास का बच्चा हो या कोई नया ब्लॉगर।
इस गाइड में मैंने अपने अनुभव, ज्ञान और भरोसेमंद तरीकों को ऐसे ढंग से साझा किया है कि आपको न किसी एक्सपर्ट की ज़रूरत पड़ेगी, न ही किसी कोर्स की। बस ये आर्टिकल पूरा पढ़िए, और आप खुद महसूस करेंगे कि on page seo kya hota hai, इसका जवाब अब आपके पास है।
On Page SEO Kya Hota Hai?
क्या आपने कभी सोचा है कि कुछ वेबसाइटें गूगल पर इतनी आसानी से क्यों मिल जाती हैं, जबकि कुछ ढूंढने पर भी नहीं मिलतीं? इसका एक बड़ा कारण होता है कि वेबसाइट को अंदर से कैसे बनाया गया है। सोचिए, जैसे आप अपने घर को साफ़-सुथरा और व्यवस्थित रखते हैं ताकि सब कुछ आसानी से मिल जाए, वैसे ही वेबसाइट को भी व्यवस्थित करना होता है ताकि गूगल और आपकी वेबसाइट पर आने वाले लोगों को सब कुछ ठीक से मिले।

जब हम अपनी वेबसाइट के अंदर कुछ बदलाव करते हैं, जैसे कि तस्वीरों को सही नाम देना, टेक्स्ट को इस तरह से लिखना कि वह आसानी से समझ में आए, जब हम अपनी वेबसाइट को इस तरह से तैयार करते हैं कि वो जल्दी खुले, साफ-सुथरी लगे और गूगल को यह आसानी से समझ में आ जाए कि किस बारे में है। तो ऐसे काम On Page SEO Kya Hota Hai का हिस्सा होते हैं। सीधी बात में कहें, तो वेबसाइट को लोगों और सर्च इंजन दोनों के लिए बेहतर बनाना ही On Page SEO है।
मैंने कई सालों तक अलग-अलग वेबसाइटों को बेहतर बनाने का काम किया है और यह पाया है कि अगर वेबसाइट के अंदरूनी हिस्से पर ध्यान दिया जाए तो उसकी परफॉर्मेंस काफी अच्छी हो जाती है। मेरा मानना है कि एक अच्छी तरह से ऑप्टिमाइज़ की गई वेबसाइट न केवल ज़्यादा लोगों तक पहुँचती है बल्कि उन लोगों को भी पसंद आती है जो उस पर आते हैं।
अगर आप चाहते हैं कि आपकी वेबसाइट पर ज़्यादा लोग आएं और वो रुककर आपके कंटेंट को पढ़ें भी, तो आपको On Page SEO को हल्के में नहीं लेना चाहिए। यह वो चीज़ है जो आपकी वेबसाइट को एक साधारण पेज से एक स्मार्ट और समझदार पेज में बदल देती है। बस कुछ ज़रूरी बातों को समझना और उन्हें अपनी वेबसाइट पर लागू करना होता है।
On Page SEO and Off Page SEO Ke Bich Antar?
मान लीजिए आपके पास एक दुकान है। अपनी दुकान को ज़्यादा लोगों तक पहुँचाने के दो मुख्य तरीके हो सकते हैं। एक तरीका है अपनी दुकान के अंदर सुधार करना, जैसे कि सामान को अच्छे से रखना, दुकान को साफ़ रखना, और ग्राहकों से अच्छे से बात करना। दूसरा तरीका है दुकान के बाहर लोगों को बताना कि आपकी दुकान कहाँ है और उसमें क्या अच्छा है, जैसे कि पर्चे बंटवाना या दूसरी दुकानों से दोस्ती करना ताकि वे आपकी दुकान के बारे में लोगों को बताएं।
वेबसाइट के साथ भी कुछ ऐसा ही होता है। एक तरीका है अपनी वेबसाइट के अंदर चीज़ों को ठीक करना, जैसे कि टेक्स्ट और तस्वीरों को सही तरीके से लगाना ताकि गूगल और वेबसाइट पर आने वाले लोगों को सब कुछ आसानी से समझ में आए। इसे ही On Page SEO कहते हैं। यह बिलकुल वैसा ही है जैसे अपनी दुकान के अंदर सब कुछ व्यवस्थित रखना।
दूसरा तरीका है अपनी वेबसाइट के बाहर काम करना, जैसे कि दूसरी अच्छी वेबसाइटों से अपनी वेबसाइट का लिंक जुड़वाना या सोशल मीडिया पर अपनी वेबसाइट के बारे में बताना। इसे Off Page SEO कहते हैं। यह वैसा ही है जैसे अपनी दुकान के बारे में लोगों को बाहर जाकर बताना।
मैंने सैकड़ों वेबसाइटों को इंटरनेशनल लेवल तक पहुँचाया है। मैंने देखा है कि जिन वेबसाइटों पर अंदर और बाहर दोनों तरफ से ध्यान दिया जाता है, वे अक्सर ज़्यादा सफल होती हैं। सोचिए, अगर आपकी दुकान अंदर से भी अच्छी हो और बाहर से भी लोग उसके बारे में जानते हों, तो आपकी दुकान पर ज़्यादा ग्राहक आएंगे ना? बिल्कुल वैसे ही, एक अच्छी वेबसाइट वह है जिस पर On Page SEO और Off Page SEO दोनों ही अच्छे से किए गए हों।
इसलिए, अपनी वेबसाइट को और भी ज़्यादा लोगों तक पहुँचाने और उसे सफल बनाने के लिए, हमें यह समझना होगा कि On Page SEO Kya Hota Hai कैसे काम करता है और Off Page SEO कैसे किया जाता है। यह दोनों मिलकर आपकी वेबसाइट को इंटरनेट की दुनिया में एक मज़बूत पहचान दिलाते हैं।
On Page SEO Kyun Zaroori Hai?
पिछली बार जब आप किसी दुकान पर गए होंगे, तो आपने क्या देखा था? शायद आपने देखा होगा कि कुछ दुकानें बहुत साफ़-सुथरी और व्यवस्थित होगी, जहाँ हर चीज़ आसानी से मिल रही होगी। और कुछ दुकानें ऐसी भी होगी जहाँ सामान बिखरा पड़ा हो और आपको कुछ भी ढूंढने में मुश्किल हो रही हो। आप किस दुकान पर दोबारा जाना चाहेंगे? ज़ाहिर है, उस दुकान पर जहाँ सब कुछ अच्छे से रखा हो।
वेबसाइट भी कुछ ऐसी ही होती हैं। जब आप अपनी वेबसाइट को अच्छे से बनाते हैं, मतलब उसके अंदर की चीज़ों को ठीक करते हैं, जैसे कि टेक्स्ट को साफ़-साफ़ लिखना, तस्वीरों को सही नाम देना, और यह देखना कि वेबसाइट जल्दी खुले, तो यह सब On Page SEO कहलाता है। यह इसलिए ज़रूरी है क्योंकि गूगल भी एक तरह से आपकी वेबसाइट पर आता है और देखता है कि सब कुछ ठीक है या नहीं। अगर आपकी वेबसाइट अच्छी तरह से बनी होती है, तो गूगल को यह समझने में आसानी होती है कि आपकी वेबसाइट किस बारे में है और उसे लोगों को दिखाने में मदद मिलती है।
मैं हर महीने 4-5 वेबसाइटों को बेहतर बनाने पर काम करता हूँ। और मैंने देखा है कि जिन लोगों ने अपनी वेबसाइट के अंदरूनी हिस्से पर ध्यान नहीं दिया, उनकी वेबसाइटें अक्सर पीछे रह जाती हैं। सोचिए, अगर आपकी दुकान अंदर से अच्छी नहीं होगी, तो भले ही आप बाहर से कितना भी प्रचार करें, लोग अंदर आकर निराश हो सकते हैं और शायद दोबारा न आएं।
अगर आप अपनी वेबसाइट से पैसे कमाना चाहते हैं, तो यह और भी ज़रूरी हो जाता है कि आप On Page SEO करें। क्योंकि अगर गूगल आपकी वेबसाइट को लोगों तक नहीं पहुँचाएगा, तो लोग आपकी वेबसाइट पर आएंगे ही नहीं, और अगर लोग नहीं आएंगे तो आप पैसे कैसे कमाएंगे? यह बिलकुल वैसा ही है जैसे अगर आपकी दुकान किसी ऐसी जगह पर हो जहाँ कोई जाता ही नहीं, तो आपकी कमाई कैसे होगी?
इसलिए, अपनी वेबसाइट को सफल बनाने और उससे पैसे कमाने के लिए, यह बहुत ज़रूरी है कि आप On Page SEO Kya Hota Hai को समझें और उसे अपनी वेबसाइट पर लागू करें। यह आपकी वेबसाइट की नींव है, और अगर नींव मज़बूत होगी, तो आपकी वेबसाइट ज़रूर आगे बढ़ेगी।
On Page SEO Kaise Kare – Step by Step Guide
हमने अभी तक यह तो जान लिया कि अपनी वेबसाइट के अंदर सुधार करना कितना ज़रूरी है, जिसे हम On Page SEO कहते हैं। यह हमारी वेबसाइट को गूगल और लोगों दोनों के लिए दोस्ताना बनाता है। अब सवाल यह है कि आखिर यह सब किया कैसे जाता है? मतलब, अपनी वेबसाइट के अंदर हम ऐसे क्या-क्या बदलाव करें जिससे वह और भी ज़्यादा स्मार्ट बन जाए?
मेरे क्लाइंट्स मेरी वेबसाइट सुधारने की सर्विस से हमेशा संतुष्ट रहे हैं, और मेरा अनुभव कहता है कि कुछ बुनियादी चीज़ें हैं जिन पर ध्यान देने से बहुत फर्क पड़ता है। यह बिलकुल वैसा ही है जैसे एक घर को सुंदर और रहने लायक बनाने के लिए कुछ ज़रूरी काम करने होते हैं, जैसे दीवारों को रंगना, फर्नीचर को सही जगह पर रखना, और सफाई करना।
तो, अगर आप भी अपनी वेबसाइट को और भी ज़्यादा स्मार्ट बनाना चाहते हैं, तो आगे मैं आपको कुछ ऐसे ज़रूरी कदमों के बारे में बताऊंगा जिन्हें करके आप अपनी वेबसाइट को गूगल की नज़रों में और भी ज़्यादा खास बना सकते हैं। यह जानकर आपको लगेगा कि अरे! यह तो इतना भी मुश्किल नहीं है, और इसे करने से आपकी वेबसाइट पर कितने ज़्यादा लोग आ सकते हैं!
keyword research kaise karte hain
जब आप ब्लॉगिंग की शुरुआत करते हैं या किसी वेबसाइट के लिए कंटेंट लिखना चाहते हैं, तो सबसे अहम कदम होता है keyword research करना। यानी ये जानना कि लोग किस बारे में इंटरनेट पर खोज कर रहे हैं। ऐसे शब्दों को खोजना, जिन्हें लोग गूगल पर सर्च कर रहे हैं और जिन पर आप अच्छा ट्रैफिक ला सकते हैं। चलिए अब keyword research kaise karte hain स्टेप-बाय-स्टेप और आसान भाषा में समझते हैं।

Step 1:
सबसे पहले यह सोचें कि आप किस बारे में लिखना चाहते हैं। जैसे मान लीजिए आप “Fitness” के बारे में लिखना चाहते हैं। यह आपका Main Topic हो गया।
Step 2: Free Tools
अब आप अपने टॉपिक से जुड़े keywords निकालने के लिए कुछ फ्री टूल्स का इस्तेमाल करें:
- Google Suggestion: गूगल में टॉपिक टाइप कीजिए, जैसे “fitness”, तो नीचे गूगल खुद related सर्च दिखाएगा। यही आपके पहले keywords बन सकते हैं।
- Ahrefs: इस टूल का इस्तेमाल करके आप किसी भी टॉपिक को सर्च कर सकते हैं और उससे संबंधित कई कीवर्ड्स पा सकते हैं, जो आपकी रिसर्च को और भी आसान बना देंगे।
- Answer The Public: यह टूल बताता है कि लोग उस टॉपिक से जुड़े कौन-कौन से सवाल पूछ रहे हैं।
- Google Trends: यहां आप देख सकते हैं कि कोई कीवर्ड trend में है या नहीं।
Step 3: Search Volume और Competition
अब जो भी keywords आपने निकाले हैं, उन सभी का Search Volume (कितने लोग सर्च कर रहे हैं) और Competition (कितनी वेबसाइट्स उस पर पहले से काम कर रही हैं) देखना जरूरी है।
- Low competition वाले keywords को टार्गेट करें
- Monthly Search Volume कम से कम 100 होना चाहिए
Step 4: Keyword Type
Keyword 3 प्रकार के होते हैं:
- Short-tail Keyword – जैसे: fitness (बहुत generic होता है)
- Mid-tail Keyword – जैसे: fitness tips for beginners (थोड़ा specific होता है)
- Long-tail Keyword – जैसे: best fitness tips for beginners at home (बहुत specific और beginners के लिए सबसे आसान होता है)
शुरुआत में Long-tail Keywords पर फोकस करें, क्योंकि इनमें competition कम होता है और जल्दी rank करने का मौका मिलता है।
Step 5: Keyword को Group और Filter करें
अब आप जो भी useful keywords निकालते हैं, उन्हें एक Excel sheet में note कर लें:
Keyword | Search Volume | Competition | Type |
---|---|---|---|
fitness tips for beginners at home | 500 | Low | Long-tail |
इसके बाद जो कीवर्ड्स आपके टॉपिक से सबसे ज़्यादा relevant हों, उन्हें अपने आर्टिकल में उपयोग करें।
Step 6: Keyword Placement सीखें
Keyword Research के बाद अगला काम होता है उसे सही जगह पर इस्तेमाल करना:
- Title में
- Meta Description में
- First 100 words में
- H1, H2, H3 headings में
- Image Alt Text में
- Article के throughout, लेकिन natural तरीके से
आपके चुने हुए टॉपिक से जुड़ी जो वेबसाइट्स पहले से सर्च इंजन में अच्छी रैंक पर हैं, उनकी कंटेंट को ध्यान से पढ़िए और जानिए कि वे कौन से कीवर्ड्स का इस्तेमाल कर रही हैं। फिर उन्हीं कीवर्ड्स को और भी बेहतर तरीके से अपने आर्टिकल में शामिल कर सकते हैं।
Keyword Research कोई बहुत मुश्किल काम नहीं है। अगर आप ऊपर बताए गए सभी स्टेप्स को फॉलो करेंगे, तो आप खुद ऐसे कीवर्ड्स निकाल सकते हैं जो आपकी साइट पर अच्छा ट्रैफिक ला सकते हैं। याद रखिए – सही कीवर्ड का चुनाव ही ब्लॉगिंग में सफलता की पहली सीढ़ी होती है।
Title Tag Mein Meyword Ka Use Kaise Karte Hain
जब आप अपनी वेबसाइट के किसी पेज या आर्टिकल का टाइटल लिखते हैं, तो उसमें keyword का सही तरीके से इस्तेमाल करना बहुत जरूरी होता है।
टाइटल टैग वो चीज़ है जो सबसे पहले गूगल और यूज़र दोनों देखते हैं। इसलिए अगर आपका keyword टाइटल में सही जगह पर है, तो गूगल को भी समझ आता है कि आपका पेज किस Topic पर है, और यूज़र को भी।
अब सवाल आता है – Keyword को title tag mein keyword ka use kaise karte hain चलिए इसे आसान भाषा में समझते हैं: सबसे पहले तो ध्यान रखें, टाइटल टैग का मतलब वही है जो गूगल में आपकी वेबसाइट का नाम या लाइन दिखती है। जैसे अगर आपने गूगल में “Fitness Tips for Beginners” सर्च किया, तो जो नीले रंग में टाइटल दिखता है, वही आपका टाइटल टैग होता है।
Title Tag Mein Keyword Ka Use Kaise Karte Hain
- जब आप अपना टाइटल लिखें, तो कोशिश करें कि जो keyword आपने चुना है, वो टाइटल की शुरुआत में ही आ जाए। इससे गूगल को तुरंत पता चलता है कि यह पेज किस टॉपिक पर है।
- कई बार लोग जबरदस्ती keyword को घुसेड़ते हैं, जिससे टाइटल अजीब सा लगने लगता है। याद रखें, टाइटल ऐसा हो कि पढ़ने वाले को अच्छा लगे और क्लिक करने का मन करे। मतलब keyword का इस्तेमाल इस तरह करें कि लाइन स्वाभाविक लगे।
- कई लोग सोचते हैं कि अगर एक टाइटल में दो-तीन बार keyword डाल देंगे तो जल्दी रैंक हो जाएगा। लेकिन ऐसा करना उल्टा नुकसान करता है। गूगल इसे keyword stuffing मान सकता है और रैंकिंग गिर सकती है। बस एक बार smart तरीके से keyword रखें और बाकी लाइन को दिलचस्प बनाइए।
- टाइटल सिर्फ गूगल के लिए नहीं, इंसानों के लिए भी होता है। इसलिए ऐसा टाइटल लिखिए जो पढ़ते ही क्लिक करने का मन करे।
Title Tag Likhne ka tarika
Keyword + दिलचस्प लाइन + 60 कैरेक्टर के अंदर = Perfect Title Tag
अगर आप keyword को टाइटल टैग में सही तरीके से इस्तेमाल करते हैं। यानी शुरुआत में रखते हैं, लाइन को नेचुरल रखते हैं, और यूज़र को ध्यान में रखकर लिखते हैं। तो आपकी वेबसाइट को गूगल भी पसंद करेगा और लोग भी। बस जरूरत है थोड़ा सा ध्यान और समझदारी से लिखने की।
How To Write SEO Friendly Meta Description
आपने जब गूगल पर कुछ खोजा होगा, तो आपने देखा होगा कि हर नीले लिंक के नीचे एक छोटा सा टेक्स्ट लिखा होता है। यह टेक्स्ट उस पेज के बारे में थोड़ी सी जानकारी देता है कि उस पर क्या मिलेगा। इसी छोटे से टेक्स्ट को “Meta Description” कहते हैं। यह टाइटल टैग की तरह ही ज़रूरी होता है क्योंकि यह लोगों को यह तय करने में मदद करता है कि उन्हें उस लिंक पर क्लिक करना चाहिए या नहीं।
वेबसाइटों की स्पीड और SEO सुधारने में मेरा अच्छा अनुभव है। और मैने ये देखा है कि एक अच्छा Meta Description लिखने से वेबसाइट पर ज़्यादा लोग आते हैं। सोचिए, अगर आपको दो लिंक दिखें, एक में सिर्फ़ पेज का नाम लिखा हो और दूसरे में यह भी बताया गया हो कि अंदर आपको क्या मिलेगा, तो आप किस पर क्लिक करेंगे? ज़ाहिर है, दूसरे वाले पर क्लिक करेंगे।
तो, आइए जानते हैं कि एक अच्छा Meta Description कैसे लिखा जाता है जो गूगल को भी पसंद आए और लोगों को भी आपकी वेबसाइट पर खींच लाए:
सबसे ज़रूरी बात यह है कि आपका मेटा डिस्क्रिप्शन उस पेज के बारे में सही-सही जानकारी दे। यह एक तरह का छोटा विज्ञापन होता है जो लोगों को बताता है कि अगर वे इस लिंक पर क्लिक करेंगे तो उन्हें क्या मिलेगा। इसमें आपको उन मुख्य कीवर्ड का इस्तेमाल करना चाहिए जिनके लिए आप चाहते हैं कि आपका पेज गूगल पर दिखे।

मेटा डिस्क्रिप्शन लिखते समय कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए:
- इसे छोटा और आकर्षक रखें: आपका मेटा डिस्क्रिप्शन लगभग 150-160 अक्षरों का होना चाहिए। इतने में आपको अपनी बात कहनी है और लोगों को क्लिक करने के लिए उत्साहित भी करना है।
- मुख्य कीवर्ड शामिल करें: उन ज़रूरी कीवर्ड को ज़रूर डालें जो लोग आपकी वेबसाइट को ढूंढने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। इन्हें स्वाभाविक तरीके से वाक्य में इस्तेमाल करें, ऐसा नहीं लगना चाहिए कि आपने ज़बरदस्ती कीवर्ड को ठूंसा है।
- बताएं कि पेज पर क्या मिलेगा: लोगों को साफ़-साफ़ बताएं कि अगर वे इस पेज पर आएंगे तो उन्हें क्या जानकारी मिलेगी, क्या वे कोई प्रोडक्ट खरीद सकते हैं, या कोई समस्या का समाधान पा सकते हैं।
- एक्शन लेने के लिए कहें (call to action): आप अपने डिस्क्रिप्शन में कुछ ऐसे शब्द इस्तेमाल कर सकते हैं जो लोगों को क्लिक करने के लिए प्रेरित करें, जैसे कि “अभी जानें”, “और पढ़ें”, “यहां क्लिक करें”, “आज ही खरीदें”।
- हर पेज के लिए अलग लिखें: जिस तरह हर पेज का टाइटल अलग होता है, उसी तरह हर पेज का मेटा डिस्क्रिप्शन भी अलग होना चाहिए और उस पेज के कंटेंट से मेल खाना चाहिए।
उदाहरण के लिए, अगर आपका पोस्ट “छोटे बच्चों के लिए नीले रंग के कपड़े” के बारे में है, तो एक अच्छा मेटा डिस्क्रिप्शन कुछ इस तरह हो सकता है: “छोटे बच्चों के लिए नीले रंग के कपड़ों की ऑनलाइन शॉपिंग करें। हमारे पास आरामदायक और स्टाइलिश कपड़ों का बड़ा कलेक्शन है। अभी देखें!”
एक अच्छी तरह से लिखा गया मेटा डिस्क्रिप्शन आपकी वेबसाइट पर सही लोगों को लाने में बहुत मदद करता है। और गूगल में भी रैंकिंग मिलती है जिससे आपकी वेबसाइट के सर्च रिज़ल्ट में ऊपर आने की संभावना बढ़ जाती है।
Keyword Density Ka Ideal Ratio
मान लीजिए, आप एक कहानी लिख रहे हैं। अगर आप उसमें किसी एक Keyword को हर दूसरी लाइन में बार-बार इस्तेमाल करेंगे, तो क्या होगा? आपकी कहानी पढ़ने में अजीब लगेगी और शायद लोग उसे पढ़ना छोड़ देंगे। वेबसाइट के टेक्स्ट में भी कुछ ऐसा ही होता है।
जब हम अपनी वेबसाइट के लिए टेक्स्ट लिखते हैं, तो यह ज़रूरी होता है कि हम उन खास कीवर्ड का इस्तेमाल करें जिनके लिए हम चाहते हैं कि हमारी वेबसाइट गूगल पर दिखे। लेकिन, इन कीवर्ड्स को बार-बार और ज़बरदस्ती इस्तेमाल करना सही नहीं है। इसी चीज़ को “Keyword Density” कहते हैं – मतलब, आपके पूरे टेक्स्ट में कोई खास कीवर्ड कितनी बार आता है।
मैंने कई नए लोगों को देखा है जो सोचते हैं कि अगर वे अपने टेक्स्ट में कीवर्ड को बहुत ज़्यादा बार इस्तेमाल करेंगे, तो उनकी वेबसाइट गूगल पर जल्दी ऊपर आ जाएगी। लेकिन सच यह है कि गूगल अब बहुत स्मार्ट हो गया है। अगर आप ऐसा करेंगे, तो गूगल को लगेगा कि आप लोगों को धोखा देने की कोशिश कर रहे हैं और वह आपकी वेबसाइट की रैंकिंग को कम कर सकता है।
तो, सवाल यह है कि कीवर्ड डेंसिटी का सही अनुपात क्या होना चाहिए? इसका कोई तय नियम नहीं है कि आपको अपने टेक्स्ट में कीवर्ड को इतनी ही बार इस्तेमाल करना है। गूगल यह नहीं देखता कि आपने कितने प्रतिशत कीवर्ड इस्तेमाल किए हैं। बल्कि, वह यह देखता है कि आपका टेक्स्ट कितना स्वाभाविक है और क्या वह पढ़ने वालों के लिए उपयोगी है या नहीं।
मेरा मानना ये है कि आपको अपने टेक्स्ट को इस तरह से लिखना चाहिए कि वह लोगों को आसानी से समझ में आए और उन्हें जानकारी मिले। अपने मुख्य कीवर्ड को स्वाभाविक रूप से अपने टेक्स्ट में शामिल करें, जहाँ वह सही लगे। ऐसा करते समय इन बातों का ध्यान रखें:
- टेक्स्ट को स्वाभाविक रखें: ऐसा लिखें जैसे आप किसी से बात कर रहे हों। कीवर्ड को ज़बरदस्ती हर वाक्य में डालने की कोशिश न करें।
- पर्यायों का इस्तेमाल करें: अपने मुख्य कीवर्ड के अलग-अलग रूपों और मिलते-जुलते शब्दों का इस्तेमाल करें। इससे आपका टेक्स्ट ज़्यादा स्वाभाविक लगेगा और गूगल भी समझ पाएगा कि आपका पेज उस विषय के बारे में गहराई से जानकारी दे रहा है।
- पढ़ने वालों पर ध्यान दें: हमेशा यह सोचें कि जो लोग आपका टेक्स्ट पढ़ रहे हैं, उन्हें यह कैसा लगेगा। अगर आपका टेक्स्ट पढ़ने में अच्छा लगेगा और उन्हें जानकारी मिलेगी, तो गूगल भी इसे पसंद करेगा।
- लंबा और जानकारीपूर्ण कंटेंट लिखें: आमतौर पर, लम्बे और अच्छी जानकारी वाले कंटेंट में स्वाभाविक रूप से ही आपके ज़रूरी कीवर्ड कई बार आ जाते हैं, बिना उन्हें ज़बरदस्ती डालने की ज़रूरत पड़े।
Keyword Density का कोई “आदर्श” अनुपात नहीं है जिस पर आपको ध्यान देना चाहिए। सबसे ज़रूरी यह है कि आपका कंटेंट अच्छा हो, लोगों के लिए उपयोगी हो और उसमें आपके मुख्य कीवर्ड स्वाभाविक रूप से शामिल हों। अगर आप सिर्फ़ कीवर्ड भरने पर ध्यान देंगे, तो आप अपने पाठकों को खो देंगे और गूगल को भी नाराज़ कर देंगे।
internal linking strategy kaise kare
मान लीजिए, आपके पास एक बड़ी दुकान है जिसमें अलग-अलग सेक्शन बने हुए हैं – जैसे कपड़ों का सेक्शन, खिलौनों का सेक्शन और किताबों का सेक्शन। अगर कोई ग्राहक कपड़ों के सेक्शन में खड़ा है और उसे बच्चों के खिलौनों में दिलचस्पी है, तो आप क्या करेंगे? आप उसे उस सेक्शन का रास्ता बताएंगे?
वेबसाइट पर इंटरनल लिंकिंग (internal linking) कुछ ऐसा ही काम करती है। यह आपकी वेबसाइट के एक पेज को दूसरे पेज से जोड़ने का तरीका है। इससे आपकी वेबसाइट पर आने वाले लोग आसानी से एक पेज से दूसरे पेज पर जा सकते हैं और उन्हें ज़्यादा जानकारी मिल सकती है। साथ ही, यह गूगल को भी आपकी वेबसाइट के अलग-अलग पेजों को समझने और उन्हें आपस में जोड़ने में मदद करता है।
मैंने कई वेबसाइटों को देखा है जहाँ इंटरनल लिंकिंग ठीक से नहीं की जाती, और इस वजह से उन वेबसाइटों पर आने वाले लोग ज़्यादा देर तक नहीं रुकते और गूगल को भी यह समझने में मुश्किल होती है कि कौन सा पेज कितना ज़रूरी है।
- लिंक कब जोड़ें? जब आप अपनी वेबसाइट पर कोई नया पेज बनाते हैं या पुराने पेज को अपडेट करते हैं, तो सोचें कि इस पेज पर किस दूसरी जानकारी का ज़िक्र है जो आपकी वेबसाइट के किसी और पेज पर मौजूद है। अगर ऐसा है, तो उन शब्दों को लिंक बना दें जो उस दूसरे पेज से जुड़े हों।
- सही टेक्स्ट को लिंक बनाएं: जिस टेक्स्ट को आप लिंक बना रहे हैं (जिसे एंकर टेक्स्ट कहते हैं), वह उस पेज के बारे में बताना चाहिए जिस पर वह लिंक जा रहा है। उदाहरण के लिए, अगर आप बच्चों के नीले जूतों के बारे में बात कर रहे हैं और आपके पास एक और पेज है जहाँ सिर्फ़ “बच्चों के जूते” के बारे में जानकारी है, तो आप “बच्चों के जूते” शब्द को उस पेज से लिंक कर सकते हैं।
- ज़रूरी पेजों को ज़्यादा लिंक करें: आपकी वेबसाइट पर कुछ ऐसे पेज होंगे जो बहुत ज़रूरी हैं, जैसे आपके मुख्य प्रोडक्ट्स के पेज या आपके सबसे ज़्यादा पढ़े जाने वाले ब्लॉग पोस्ट। इन पेजों को अपनी वेबसाइट के दूसरे पेजों से ज़्यादा लिंक करें। इससे गूगल को पता चलेगा कि ये पेज कितने महत्वपूर्ण हैं।
उदाहरण के लिए, मान लीजिए आप बच्चों के कपड़ों के बारे में एक ब्लॉग पोस्ट लिख रहे हैं। उस पोस्ट में, अगर आप “छोटे बच्चों के लिए ऑर्गेनिक कॉटन के कपड़े” का ज़िक्र करते हैं, और आपकी वेबसाइट पर एक अलग पेज है जहाँ सिर्फ़ ऑर्गेनिक कॉटन के कपड़ों के बारे में जानकारी दी गई है, तो आप “ऑर्गेनिक कॉटन के कपड़े” शब्दों को उस पेज से लिंक कर सकते हैं।
इंटरनल लिंकिंग आपकी वेबसाइट को एक जाल की तरह बनाती है, जिससे गूगल और आपके दर्शक दोनों ही आसानी से पूरी वेबसाइट पर घूम सकते हैं और ज़्यादा जानकारी पा सकते हैं। यह आपकी वेबसाइट की रैंकिंग को बेहतर बनाने में भी मदद करता है क्योंकि गूगल को यह समझने में आसानी होती है कि आपकी वेबसाइट के अलग-अलग पेज आपस में कैसे जुड़े हुए हैं और कौन सा पेज किस विषय के बारे में है।

external linking kaise kare
सोचिए, आप अपने स्कूल प्रोजेक्ट के लिए जानकारी इकट्ठा कर रहे हैं। क्या सिर्फ़ अपनी क्लास की किताबों से पढ़ेंगे, या लाइब्रेरी जाकर दूसरी अच्छी किताबों से भी मदद लेंगे? ज़ाहिर है, दूसरी जगहों से जानकारी लेने पर आपका प्रोजेक्ट और भी अच्छा बनेगा।
वेबसाइट पर भी कुछ ऐसा ही होता है। जब हम अपनी वेबसाइट के किसी पेज पर कोई जानकारी देते हैं, तो कभी-कभी हमें दूसरी अच्छी और भरोसेमंद वेबसाइटों का ज़िक्र करने की ज़रूरत होती है। ऐसा करने से हमारी बात और भी ज़्यादा पक्की लगती है और जो लोग हमारी वेबसाइट पर आते हैं, उन्हें ज़्यादा जानकारी मिल पाती है। इसे ही आसान भाषा में कहें तो, अपनी वेबसाइट से दूसरी वेबसाइटों को जोड़ना कहते हैं।
मैंने बहुत सी आउटडेटेड वेबसाइटों को मॉडर्न और यूज़र-फ्रेंडली बनाया है, और मैंने देखा है कि जो वेबसाइटें दूसरी अच्छी वेबसाइटों से जुड़ी होती हैं, उन्हें गूगल भी ज़्यादा पसंद करता है। यह दिखाता है कि आपकी जानकारी सिर्फ़ आपकी ही नहीं है, बल्कि आपने दूसरों के अच्छे काम को भी पहचाना है।
तो, यह दोस्ती कैसे निभाई जाए? मतलब, अपनी वेबसाइट से दूसरी वेबसाइटों को कैसे जोड़ा जाए? जब आप अपनी वेबसाइट पर कुछ लिख रहे हों और आपको लगे कि किसी और वेबसाइट पर उस विषय के बारे में और भी अच्छी जानकारी है, तो आप उस शब्द या वाक्य को उस दूसरी वेबसाइट के पते (लिंक) से जोड़ सकते हैं।
मान लीजिए, आप बच्चों के खिलौनों के बारे में लिख रहे हैं और आपको एक ऐसी वेबसाइट मिलती है जो बताती है कि कौन से खिलौने बच्चों के लिए सुरक्षित हैं। तो आप अपनी वेबसाइट पर “सुरक्षित खिलौने” जैसे शब्दों को उस वेबसाइट से जोड़ सकते हैं। इससे जो लोग आपकी वेबसाइट पढ़ रहे हैं, उन्हें और भी भरोसेमंद जानकारी मिल जाएगी।
यह याद रखना ज़रूरी है कि आप सिर्फ़ अच्छी और भरोसेमंद वेबसाइटों से ही दोस्ती करें। किसी भी ऐसी वेबसाइट से हाथ न मिलाएं जिसकी जानकारी सही न हो।
जब आप इस तरह से दूसरी वेबसाइटों से जुड़ते हैं, तो आप एक तरह से इंटरनेट के बड़े जाल का हिस्सा बन जाते हैं। इससे आपकी वेबसाइट की इज़्ज़त बढ़ती है और गूगल को भी यह समझने में मदद मिलती है कि आपकी वेबसाइट किस बारे में है और आपकी जानकारी कितनी सही है।
website ko mobile friendly kaise banaye
आजकल ज़्यादातर लोग अपने मोबाइल फ़ोन पर ही इंटरनेट चलाते हैं। क्या आपने कभी सोचा है कि कुछ वेबसाइटें फ़ोन पर कितनी आसानी से खुल जाती हैं और देखने में भी अच्छी लगती हैं, जबकि कुछ बहुत छोटी या बड़ी दिखती हैं और उन्हें इस्तेमाल करना मुश्किल होता है?
मेरे लिए हर वेबसाइट एक कहानी है, जिसे मैं और भी खूबसूरत बनाने की कोशिश करता हूँ, और मेरा अनुभव यह कहता है कि अगर आपकी वेबसाइट फ़ोन पर ठीक से नहीं दिखती है, तो बहुत सारे लोग उसे देखना छोड़ देते हैं। यह वैसा ही है जैसे अगर आपकी दुकान का दरवाज़ा बहुत छोटा हो या अंदर सामान बिखरा पड़ा हो, तो लोग अंदर नहीं आएंगे। तो, अपनी वेबसाइट को फ़ोन के लिए आसान कैसे बनाया जाए? इसके कुछ तरीके हैं जिन पर ध्यान देना ज़रूरी है।
सबसे पहली चीज़ है डिज़ाइन। आपकी वेबसाइट का डिज़ाइन ऐसा होना चाहिए जो अपने आप छोटे और बड़े स्क्रीन के हिसाब से बदल जाए। इसे “रेस्पॉन्सिव डिज़ाइन” कहते हैं। इसका मतलब है कि चाहे कोई आपकी वेबसाइट को कंप्यूटर पर देखे या फ़ोन पर, वह हमेशा सही तरीके से दिखेगी और इस्तेमाल करने में आसान होगी।
दूसरी ज़रूरी बात है स्पीड। फ़ोन पर इंटरनेट अक्सर कंप्यूटर जितना तेज़ नहीं चलता है, इसलिए आपकी वेबसाइट जल्दी खुलनी चाहिए। अगर आपकी वेबसाइट खुलने में बहुत ज़्यादा समय लेती है, तो लोग बोर हो जाएंगे और उसे बंद कर देंगे।
तीसरा, फ़ोन पर टचस्क्रीन होती है, इसलिए आपकी वेबसाइट के बटन और लिंक इतने बड़े होने चाहिए कि लोग उन्हें आसानी से उंगली से दबा सकें। छोटे-छोटे बटन को दबाना मुश्किल होता है।
मैंने देखा है कि सही गाइडेंस से कोई भी वेबसाइट फर्श से अर्श तक पहुँच सकती है। क्योंकि वे फ़ोन पर इस्तेमाल करने में बहुत आसान थीं। सोचिए, अगर कोई चलते-फिरते आपकी वेबसाइट को आसानी से देख सके और उस पर जो चाहे कर सके, तो वह उसे ज़रूर पसंद करेगा।
यह सब करना भी एक तरह का On Page SEO Kya Hota Hai ही है, क्योंकि आप अपनी वेबसाइट को लोगों के लिए बेहतर बना रहे हैं, और गूगल हमेशा ऐसी वेबसाइटों को पसंद करता है जो लोगों को अच्छा अनुभव देती हैं।
high quality content kaise likhe
कभी आपने सोचा है कि कुछ कहानियाँ या जानकारी आपको इतनी पसंद आती हैं कि आप उन्हें बार-बार पढ़ना चाहते हैं? ऐसा इसलिए होता है क्योंकि वह कंटेंट “High Quality” यानी बहुत अच्छा होता है। वेबसाइट के लिए भी अच्छा कंटेंट लिखना बहुत ज़रूरी है।
न जाने कितनी वेबसाइटों पर मेरा लिखा कंटेंट आज भी लोगों को आकर्षित कर रहा है, और मेरा अनुभव कहता है कि जो वेबसाइटें अच्छी और काम की जानकारी देती हैं, उन्हें लोग ज़्यादा पसंद करते हैं और गूगल भी उन्हें ऊपर दिखाता है। यह भी एक तरह का On Page SEO ही है – अपनी वेबसाइट को इस तरह से बनाना कि वह लोगों के लिए उपयोगी हो।
तो, सबसे अच्छा कंटेंट कैसे लिखें? सबसे पहले, आपको यह सोचना होगा कि जो लोग आपकी वेबसाइट पर आ रहे हैं, वे क्या जानना चाहते हैं। उनकी ज़रूरतों को समझकर अगर आप जानकारी देंगे, तो वह कंटेंट उनके लिए बहुत काम का होगा।
दूसरी बात, आपकी जानकारी सही और भरोसेमंद होनी चाहिए। अगर आप कुछ बता रहे हैं, तो उसके पीछे सही तथ्य होने चाहिए ताकि लोग आप पर भरोसा कर सकें।
तीसरा, आपका लिखने का तरीका आसान होना चाहिए। भारी-भरकम शब्दों का इस्तेमाल करने से अच्छा है कि आप सीधी और सरल भाषा में अपनी बात कहें ताकि हर कोई उसे आसानी से समझ सके, चाहे वह बड़ा हो या छोटा।
मैंने देखा है कि जो लोग अपनी वेबसाइट पर ऐसी जानकारी देते हैं जो लोगों की मदद करती है और जिसे समझना आसान होता है, उनकी वेबसाइट पर ज़्यादा लोग आते हैं और ज़्यादा देर तक रुकते हैं।
एक और ज़रूरी बात है कि आपका कंटेंट ताज़ा होना चाहिए। अगर आपकी वेबसाइट पर पुरानी और बेकार जानकारी पड़ी है, तो लोग उसे पसंद नहीं करेंगे। इसलिए, समय-समय पर अपनी वेबसाइट की जानकारी को अपडेट करते रहना चाहिए।
जब आप इस तरह से अच्छा कंटेंट लिखते हैं, तो आप न सिर्फ़ अपने पाठकों की मदद करते हैं, बल्कि गूगल को भी यह समझने में आसानी होती है कि आपकी वेबसाइट कितनी भरोसेमंद है और यह कितनी अच्छी जानकारी दे रही है।
On Page SEO Sikhnay Mein Kitna Samay Lagta Hai
जैसे जब आप कोई नई चीज़ सीखते हैं, जैसे साइकिल चलाना या कोई गेम खेलना, तो उसमें थोड़ा समय लगता है, है ना? कुछ चीजें आप जल्दी सीख जाते हैं, और कुछ में थोड़ा ज़्यादा वक़्त लगता है। वेबसाइट को अच्छा बनाने के लिए भी कुछ ऐसा ही है।
हमने पहले बात की थी कि On Page SEO Kya Hota Hai – अपनी वेबसाइट के अंदर कुछ बदलाव करके उसे गूगल और लोगों के लिए बेहतर बनाना। अब सवाल यह है कि यह सब सीखने में कितना समय लगता है?
मैंने कई लोगों को वेबसाइट बनाना और उसे बेहतर करना सिखाया है, और मेरा अनुभव यह कहता है कि इसे सीखने में कोई तय समय नहीं लगता। यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप कितना जल्दी सीखते हैं और कितना समय देते हैं।
कुछ बुनियादी चीजें, जैसे अपनी वेबसाइट के टेक्स्ट और तस्वीरों को ठीक करना, आप कुछ ही दिनों या हफ़्तों में सीख सकते हैं। यह वैसा ही है जैसे साइकिल चलाना सीखना – शुरुआत में थोड़ी मुश्किल लगती है, लेकिन एक बार जब आप संतुलन बनाना सीख जाते हैं, तो यह आसान हो जाता है।
लेकिन, अगर आप और भी ज़्यादा गहराई से सीखना चाहते हैं, जैसे कि वेबसाइट की स्पीड बढ़ाना या कुछ और एडवांस्ड तकनीकें सीखना, तो इसमें थोड़ा ज़्यादा समय लग सकता है, शायद कुछ महीने। यह वैसा ही है जैसे साइकिल चलाने के बाद आप स्टंट सीखना चाहें – उसमें ज़्यादा प्रैक्टिस और समय लगता है।
सबसे ज़रूरी बात यह है कि आप लगातार सीखते रहें और प्रैक्टिस करते रहें। जैसे-जैसे आप ज़्यादा वेबसाइटों पर काम करेंगे, आपको ज़्यादा अनुभव होता जाएगा और आप नई-नई चीजें सीखते जाएंगे।
मैंने देखा है कि जो लोग रोज़ थोड़ा-थोड़ा समय भी देते हैं, वे कुछ ही महीनों में On Page SEO Kya Hota Hai इस्की अच्छी समझ हासिल कर लेते हैं। यह कोई रातों-रात होने वाला काम नहीं है, लेकिन अगर आप मेहनत करते रहेंगे, तो ज़रूर सीख जाएंगे।
तो, अगर आप भी अपनी वेबसाइट को अच्छा बनाना सीखना चाहते हैं, तो बस शुरुआत कर दीजिए। धीरे-धीरे आप सब कुछ सीख जाएंगे और अपनी वेबसाइट को और भी ज़्यादा लोगों तक पहुँचा पाएंगे।
Conclusion – On Page SEO Kya Hota Hai
तो यार, कुल मिलाकर बात यही है कि अपनी वेबसाइट को चमकाने के लिए अंदर से काम करना कितना ज़रूरी है, है ना? ये On Page SEO भी कुछ ऐसा ही है – जैसे अपने घर को प्यार से सजाना ताकि आने वालों को भी अच्छा लगे और खुद को भी सब कुछ आसानी से मिल जाए।
सच कहूँ तो, इन सब चीज़ों में मेरे लिए सबसे ज़्यादा मज़ेदार वो हिस्सा रहा जब हम ये सोचते हैं कि लोग क्या ढूंढ रहे होंगे और फिर अपनी वेबसाइट को उस हिसाब से बनाते हैं। ऐसा लगता है जैसे किसी पहेली को सुलझा रहे हों!
अगर मैं अपने किसी दोस्त को ये सब समझाता, तो यही कहता कि यार, ये सब थोड़ा सा टेक्निकल ज़रूर लग सकता है, लेकिन असल में ये सब कॉमन सेंस की बातें हैं। अपनी वेबसाइट को लोगों के लिए आसान बनाओ, उन्हें अच्छी जानकारी दो, और गूगल अपने आप तुमसे दोस्ती कर लेगा।
अब तुम्हारी बारी! तुम्हें ये सब पढ़कर कैसा लगा? अगर कुछ नया सीखा हो या कोई सवाल हो, तो नीचे कमेंट में ज़रूर बताना। मिलकर और सीखेंगे!
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