Introduction
क्या आप अपने ब्लॉग या वेबसाइट पर ज़्यादा Traffic लाना चाहते हैं। क्या आप भी चाहते हैं कि जब लोग Google पर कुछ Search करें तो आपकी वेबसाइट सबसे ऊपर दिखे। अगर हाँ, तो आपको On Page और Off Page SEO in Hindi के बारे में जानना होगा।
बीते कुछ सालों में मैंने कई वेबसाइटों को गूगल सर्च में ऊपर लाने का अनुभव हासिल किया है। और इस दौरान मैंने सीखा है कि सही SEO तकनीकें किसी भी वेबसाइट के लिए कितनी ज़रूरी होती हैं। मेरा Experience कहता है कि On Page and Off Page SEO in Hindi को समझकर और सही तरीके से इस्तेमाल करके आप अपनी वेबसाइट पर बहुत ज़्यादा लोगों को ला सकते हैं।
यह सच है कि शुरुआत में SEO थोड़ा मुश्किल लगता है, लेकिन मेरा मानना है कि अगर इसे आसान भाषा में समझाया जाए तो कोई भी इसे सीख सकता है। इस लेख में हम On Page और Off Page SEO के बारे में बेहद आसान और समझने लायक भाषा में बात करेंगे, बिल्कुल वैसे ही जैसे कोई दोस्त अपने दोस्त को समझाता है। मेरा मकसद है कि आप इसे पढ़कर खुद से अपनी वेबसाइट का SEO कर सकें।
तो क्या आप तैयार हैं यह जानने के लिए कि कैसे आप On Page and Off Page SEO in Hindi की मदद से अपनी वेबसाइट को और भी ज़्यादा पॉपुलर बना सकते हैं? चलिए, मिलकर सीखते हैं।
On Page SEO और Off Page SEO क्या है? (What is On Page SEO and Off Page)
सीधे शब्दों में कहूं तो, अपनी वेबसाइट को Google जैसे Search Engine पर सबसे ऊपर अपने ब्लॉग या वेबसाइट को दिखाने के लिए हमें कुछ काम करने होते हैं। ये काम दो तरह के होते हैं। एक जो हम अपनी वेबसाइट के अंदर करते हैं, और दूसरा जो हम वेबसाइट के बाहर करते हैं।
On Page SEO वे काम जो हम अपनी वेबसाइट के अंदर करते हैं, जैसे कि High Quality Content लिखना, उसे ठीक से डिज़ाइन करना, ताकि वह तेज़ी से खुले, यह सब On Page SEO कहलाता है।
और जो काम हम अपनी वेबसाइट के बाहर करते हैं, जैसे दूसरी अच्छी वेबसाइटों से अपनी वेबसाइट का Backlinks जुड़वाना या Social Media पर अपनी वेबसाइट के बारे में बताना, यह सब Off Page SEO कहलाता है। यह ऐसा है जैसे आप अपनी दुकान के बारे में लोगों को बताते है कि मेरी दुकान फलाह जगह है।
अगर आप On Page and Off Page SEO in Hindi को अच्छे से समझ लेते हैं, तो आप अपने Blog या Website पर बहुत सारा Traffic ला सकते है।
On Page SEO kya hota hai
जैसा कि पहले बताया गया था, On Page SEO का मतलब है अपनी वेबसाइट के अंदर ऐसे सुधार करना, जिससे सर्च इंजन आपकी साइट की सामग्री को बेहतर तरीके से समझ सके। और वह आपके बनने वाले नए यूजर्स के Search करने पर ऊपर आए।
अपनी ओर अपने क्लाइंट्स की वेबसाइट्स को गूगल में टॉप पर रैंक कराने का मुझे सालों का अनुभव है। और मैं कह सकता हु कि छोटी-छोटी चीजें भी कितना बड़ा फर्क ला सकती हैं। On Page and Off Page SEO in Hindi को अगर आप ध्यान से समझ गए तो आप भी सीख जाएंगे कि इसमें वेबसाइट को इस तरह से बनाना होता है कि गूगल को पता चले कि आपकी वेबसाइट किस बारे में है।
असल में, On Page SEO में हम अपनी वेबसाइट के कंटेंट को, उसके डिज़ाइन को, और उसके तकनीकी पहलुओं को इस तरह से ठीक करते हैं कि गूगल को यह पता चले कि हमारी वेबसाइट पर क्या जानकारी है और यह जानकारी उन लोगों के लिए कितनी काम की है जो कुछ खोज रहे हैं।
On Page SEO क्यों ज़रूरी है (Why is On Page SEO Important)
सोचिए, आपने एक बहुत ही काम का Product बनाया है, लेकिन किसी को पता ही नहीं है कि वह कहाँ मिलेगा। तो लोग उसको खरीद भी नहीं पाएंगे। On Page SEO आपकी वेबसाइट को Google के नक़्शे पर सही जगह दिखाने में मदद करता है।
जब कोई वेबसाइट Google पर ऊपर रैंक करती है, तो उस पर आने वाले लोगों की संख्या खुद-ब-खुद बढ़ जाती है। ऐसा मैंने कई बार देखा है, खासकर तब जब मैंने कुछ प्रोजेक्ट्स में On Page SEO को ठीक तरह से इस्तेमाल किया है। जब आपकी वेबसाइट की भाषा, ब्लॉग का ढांचा और टॉपिक गूगल को आसानी से समझ में आने लगता है, तो रैंकिंग में सुधार दिखने लगता है। तभी वो उसे ज़्यादा लोगों तक पहुँचाता है। अगर वेबसाइट में ये सब चीजें नहीं होंगी, तो गूगल भी उसको नहीं दिखाएगा।
इसलिए, अगर आप चाहते हैं कि ज़्यादा से ज़्यादा लोग आपकी वेबसाइट पर आए, तो On Page SEO करना बहुत ज़रूरी है। यह गूगल को बताता है कि आपकी वेबसाइट किस बारे में है और यह लोगों की मदद कैसे कर सकती है। On Page and Off Page SEO in Hindi दोनों ही ज़रूरी हैं, लेकिन शुरुआत अक्सर On Page से ही होती है।
On Page SEO कैसे करें? (How to Do On Page SEO step by step)
On Page SEO करना कोई बहुत जटिल काम नहीं है। यह बस कुछ जरूरी स्टेप्स को सही ढंग से फॉलो करने की बात है। जब मैंने अपनी वेबसाइट पर इन तरीकों को धीरे-धीरे अपनाया, तो मुझे अच्छे नतीजे देखने को मिले। तो धीरे-धीरे ट्रैफिक में सुधार दिखने लगा और रैंकिंग भी ऊपर जाने लगी। अगर इन्हें सही समय और सही तरीके से किया जाए, तो रिज़ल्ट्स जरूर मिलते हैं।
सबसे जरूरी बात यह है कि पहले यह समझ लिया जाए कि लोग Google पर क्या सर्च कर रहे हैं। यानी वे कौन से शब्द टाइप करते हैं जब लोग आपके विषय से जुड़ी जानकारी खोजते हैं, तो आपकी वेबसाइट को उनकी जरूरत के अनुसार ढालना ज़रूरी होता है। इसके लिए आपको अपनी साइट के हर हिस्से जैसे टाइटल, लेख की भाषा और इमेजेज को उस सर्च से मेल खाने वाला बनाना पड़ता है।
अब हम एक-एक करके जानेंगे कि On Page SEO कैसे किया जाता है। इसमें कीवर्ड ढूंढ़ने से लेकर, टाइटल को बेहतर बनाने तक, और भी कई आसान स्टेप्स शामिल हैं, जो आपकी वेबसाइट को ऊपर लाने में मदद करेंगे।
1.Keywords Research
जब भी आप कोई वेबसाइट या ब्लॉग शुरू करते हैं, तो सबसे पहली और जरूरी बात ये होती है यह जानना कि लोग इंटरनेट पर क्या ढूंढ रहे हैं। यही तो ट्रैफिक लाने की असली key है। इसे ही हम Keyword Research कहते हैं। ये ठीक वैसे ही है जैसे कोई दुकानदार सोचता है कि लोग क्या खरीदना चाहते हैं और वही चीज़ अपनी दुकान में रखता है।
मैंने अब तक कई वेबसाइट्स पर काम किया है और एक बात मैंने बार-बार देखी है। शुरुआत करने से पहले यह जानना जरूरी होता है कि आपके Niche से जुड़े कौन से शब्द Google पर सबसे ज्यादा सर्च किए जा रहे हैं। इन शब्दों को ढूंढने के लिए कुछ टूल्स होते हैं, जिनमें से कुछ फ्री हैं और कुछ पेड भी है। ये टूल्स आपको बताते हैं कि कौन से कीवर्ड ज़्यादा अच्छे है, और हर महीने कितने लोग उस Keyword को सर्च कर रहे हैं।
अगर आपकी वेबसाइट नई है, तो मेरा मानना है कि आपको Long-tail keywords पर ध्यान देना चाहिए। जैसे कि भारत में On Page and Off Page SEO in Hindi यह एक Long Tail Keyword है। ऐसे कीवर्ड्स पर Competition थोड़ा कम होता है, लेकिन ये सही लोगों को आपकी वेबसाइट तक पहुंचाते हैं। जब आपकी साइट पर ट्रैफिक आना शुरू हो जाए,फिर आप उन आसान और ज्यादा खोजे जाने वाले कीवर्ड्स पर ध्यान दे सकते हैं।
अब बात आती है कि इन कीवर्ड्स का इस्तेमाल कैसे करें। मेरा सुझाव है कि लेख में इन्हें इतने Natural तरीके से डालें कि पढ़ने वाले को बिल्कुल भी बनावटी न लगे। मान लीजिए आप On Page and Off Page SEO in Hindi जैसे किसी टॉपिक पर लिख रहे हैं, तो कोशिश करें कि वह कीवर्ड लेख में अपने आप फिट हो जाए।
और कोशिश करे कि 300 से 400 शब्दों के एक लेख में 2 या 3 बार कीवर्ड का नेचुरल तरीके से इस्तेमाल करना काफी होता है। इससे गूगल भी समझ जाता है कि पेज किस बारे में है, और आपको SEO में भी फायदा मिलता है।
2. Title Tag Optimization
जब आप Google पर कुछ सर्च करते हैं, तो जो लिंक सबसे ऊपर आते हैं, उनमें सबसे पहले जो नीले रंग की लाइन होती है। वही उस पेज का Title Tag होता है। यह लोगों को यह सोचने में मदद करता है कि उस लिंक पर क्लिक करने के बाद उन्हें क्या मिलेगा। इसलिए हर पेज का टाइटल टैग अलग होना चाहिए, और पेज की असली जानकारी को साफ-साफ बताने वाला होना चाहिए।
वेबसाइट्स पर काम करते हुए मैंने यह नोटिस किया है कि टाइटल टैग अगर ध्यान से लिखा गया हो, तो लोग उस पर ज़रूर क्लिक करते हैं। इसमें आपका सबसे जरूरी Keyword शामिल होना चाहिए। लेकिन इस तरह कि वो जबरदस्ती न लगे। अगर मुमकिन हो, तो कीवर्ड को टाइटल की शुरुआत में रखें, क्योंकि इससे गूगल को पेज का मतलब जल्दी समझ आता है।
एक और चीज़ जो ध्यान देने लायक है, वो है टाइटल की लंबाई। ज्यादातर बार गूगल 50 से 70 Character तक ही टाइटल दिखाता है। इसलिए कोशिश करें कि आपका टाइटल छोटा, साफ और असरदार हो।
मान लीजिए आपका पेज On Page SEO and Off Page से जुड़ा है, तो आप कुछ ऐसा लिख सकते हैं। “On Page SEO and Off Page SEO in Hindi”
अगर आप चाहें तो अपने ब्रांड का नाम भी टाइटल के आखिर में जोड़ सकते हैं। जैसे कि “On Page SEO and Off Page SEO in Hindi | inplit.com“
यह तरीका न केवल पेशेवर लगता है, बल्कि ब्रांड पहचान भी बनाता है।
जब आप On Page SEO करते हैं, तो हर छोटी चीज़ मिलकर बड़ी सफलता दिला सकती है। और अगर आप इसे गहराई से समझना चाहते हैं कि On Page and Off Page SEO in Hindi में क्या फर्क होता है, तो आगे के हिस्सों में यह भी विस्तार से समझाया जाएगा।
3. Meta Description
जब कोई व्यक्ति गूगल पर कुछ Search करता है, तो हर लिंक के नीचे जो छोटा सा विवरण लिखा होता है। उसे Meta Description कहते हैं। यह कुछ लाइनों का टेक्स्ट होता है जो यूज़र को यह बताता है कि उस लिंक पर क्लिक करने के बाद उसे क्या जानकारी मिलेगी।
जब मैंने SEO पर काम करना शुरू किया था, तब मुझे ये समझ आया कि सिर्फ रैंकिंग ही सब कुछ नहीं होती। कई बार दूसरे या तीसरे नंबर पर आने वाली वेबसाइट भी ज़्यादा ट्रैफिक ले आती हैं। और इसकी एक बड़ी वजह होती है उनका लिखा हुआ आकर्षक Meta Description।
इस छोटे से हिस्से में आपको अपने पेज या Blog Post की सबसे अहम बात को शामिल करना होता है। कोशिश करें कि इसमें आपका Main Keyword ज़रूर हो, ताकि सर्च करने वाला तुरंत समझ सके कि यह कंटेंट उसकी ज़रूरत से मेल खाता है। उदाहरण के लिए, अगर आपका ब्लॉग On Page and Off Page SEO in Hindi से जुड़ा है, तो यही शब्द Meta Description में भी स्वाभाविक रूप से आने चाहिए।
ध्यान देने वाली बात यह है कि मेटा डिस्क्रिप्शन बहुत लंबा लिखा न होना चाहिए। बल्कि इसको 150 से 160 अक्षरों के अंदर ही लिखने की कोशिश करे, क्योंकि गूगल इससे ज़्यादा टेक्स्ट नहीं दिखाता। इसके अलावा, हर पेज और पोस्ट का मेटा डिस्क्रिप्शन अलग होना चाहिए। जैसे हर किताब की अपनी अलग कहानी होती है।
आप इसे एक तरह से किताब के पीछे लिखे गए सारांश की तरह समझ सकते हैं। जैसे वो सारांश पाठकों को किताब खरीदने के लिए प्रेरित करता है, वैसे ही एक अच्छा Meta Description यूज़र्स को आपकी वेबसाइट पर क्लिक करने के लिए प्रेरित करता है।
4. Heading Tags
जब आप On Page and Off Page SEO in Hindi सीख रहे हों, तो हेडिंग टैग्स (Heading Tags) को समझना बेहद ज़रूरी हो जाता है। ये HTML के ऐसे एलिमेंट होते हैं जिनसे आप अपने कंटेंट को साफ और ठीक तरीके से पेश कर सकते हैं। इन्हें H1 से लेकर H6 तक इस्तेमाल किया जाता है। जहाँ H1 सबसे Main Heading होता है और H6 सबसे छोटा Heading होता है।
शुरुआत में काम करते हुए मुझे यह जल्दी समझ आ गया था कि अगर कंटेंट को हेडिंग्स के ज़रिए ठीक तरीके से बाँटा जाए, तो पाठकों के साथ-साथ गूगल के लिए भी उसे समझना आसान हो जाता है।
हमारी पोस्ट का मुख्य टाइटल हमेशा H1 टैग में होना चाहिए। यह गूगल को यह संकेत देता है कि पेज का प्रमुख विषय क्या है। उदाहरण के लिए, अगर आपका ब्लॉग पोस्ट “On Page and Off Page SEO in Hindi” पर है, तो H1 Tag में यह Heading जरूर होना चाहिए।
इसके बाद आप अपने आर्टिकल को साफ़-सुथरे ढंग से बांटने के लिए H2, H3 जैसे हेडिंग टैग्स का इस्तेमाल कर सकते हैं। जैसे H2 टैग में आप ‘कीवर्ड रिसर्च’, ‘मेटा डिस्क्रिप्शन’, या ‘टाइटल टैग ऑप्टिमाइज़ेशन’ जैसे मुख्य टॉपिक रखें। अगर इन टॉपिक्स के अंदर और भी जानकारी देनी हो, तो H3 या H4 टैग्स से उन्हें और विस्तार से समझाया जा सकता है।
ध्यान रखें कि जहाँ भी संभव हो, अपनी सब-हेडिंग्स में कीवर्ड का उपयोग स्वाभाविक रूप से करें। इससे ना सिर्फ़ SEO बेहतर होगा, बल्कि कंटेंट भी ज्यादा प्रोफेशनल लगेगा।
5. URL Structure
वेबसाइट के हर पेज का एक अलग वेब एड्रेस होता है, जिसे हम URL या Permalink कहते हैं। एक साफ़ और समझ में आने वाला URL न सिर्फ़ गूगल को आपकी साइट का स्ट्रक्चर समझने में मदद करता है, बल्कि पाठकों के लिए भी यह भरोसेमंद लगता है।
एक अच्छा URL अगर छोटा, सीधा और Keyword-Friendly हो, तो वह सर्च इंजन और यूज़र्स दोनों को आकर्षित करता है। उदाहरण के लिए, अगर आप “Best Running Shoes” पर एक पेज बना रहे हैं, तो आपका URL कुछ ऐसा होना चाहिए। www.aapkiwebsite.com/best-running-shoes/ यह URL साफ़-सुथरा है और पेज के विषय को सही तरह से दर्शाता है। मेरा तो यही मानना है कि जब URL में Main Keyword सही तरीके से लिखा गया हो और वह पढ़ने में सरल लगे, तो वह SEO के लिहाज़ से भी फायदेमंद साबित होता है।
जब आप “On Page and Off Page SEO in Hindi” जैसे टॉपिक पर काम कर रहे हों, तो इस बात का खास ध्यान रखें कि आपके Permalink में वही Keyword हों जो यूज़र गूगल पर टाइप करते हैं। साथ ही URL में छोटे अक्षरों का इस्तेमाल करें, Special Characters या फालतू शब्द जैसे “का”, “है”, “और” आदि से बचें।
6. Image Optimization
जब भी आप कोई Article लिखते हैं, तो उसमें Images का इस्तेमाल करना उसे न सिर्फ़ सुंदर बनाता है, बल्कि यूज़र का ध्यान भी खींचता है। On Page and Off Page SEO in Hindi की जानकारी देते समय यह समझना ज़रूरी है कि इमेज भी SEO का एक अहम हिस्सा होती हैं और इन्हें भी ऑप्टिमाइज़ करना चाहिए।
जब आप कोई इमेज अपनी वेबसाइट पर अपलोड करते हैं, तो उसमें Alt Text ज़रूर जोड़ना चाहिए। यह एक छोटा-सा Description होता है जो बताता है कि इमेज में क्या है। अगर किसी वजह से इमेज वेबसाइट पर दिखाई न दे, तो Alt Text वही जानकारी देता है जो इमेज दिखा रही होती। मेरे हिसाब से Alt Text सर्च इंजन को यह समझने में मदद करता है कि तस्वीर में क्या है, जिससे वह उसे आसानी से इंडेक्स कर पाता है।
Alt text में आप अपने Main Keywords का उपयोग कर सकते हैं, बशर्ते वह स्वाभाविक लगे और इमेज के संदर्भ में सही हो। कोशिश करें कि यह 100 अक्षरों से अधिक न हो।
इसके साथ ही, इमेज का साइज भी ध्यान देने लायक है। बहुत भारी इमेज से वेबसाइट की लोडिंग स्पीड धीमी हो सकती है, जिससे ना सिर्फ़ यूज़र अनुभव खराब होता है, बल्कि आपकी Google रैंकिंग पर भी बुरा असर पड़ता है। इसलिए इमेज को सही फॉर्मेट में कंप्रेस करें ताकि Quality बनी रहे और पेज तेज़ी से लोड हो।
Image को Optimization करना On Page SEO का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो आपकी वेबसाइट को बेहतर बना सकता है और Off Page SEO में आपकी कंटेंट की प्रस्तुति को और असरदार बनाता है।
7. Internal Linking
जब आप अपनी वेबसाइट के किसी एक पेज से दूसरे पेज पर जाने का लिंक लगाते हैं, तो इसे इंटरनल लिंकिंग कहा जाता है। उदाहरण के लिए, अगर आपने ‘On Page and Off Page SEO in Hindi’ पर कोई लेख लिखा है और उसमें अपनी ही वेबसाइट का कोई और लेख लिंक कर दिया है। For Example “कीवर्ड रिसर्च कैसे करें” तो वो इंटरनल लिंक कहलाएगा।
शुरुआती ब्लॉगर्स के लिए जानना ज़रूरी है कि इंटरनल लिंकिंग आपकी वेबसाइट की रैंकिंग में मदद कर सकती है। मेरे अनुभव से, जब आप अपने कंटेंट में सही जगह पर दूसरे पेजों के लिंक देते हैं, तो इससे गूगल को आपकी वेबसाइट की जानकारी बेहतर तरीके से समझ आती है।
इसके अलावा, जब पाठक आपके एक लेख से दूसरे लेख पर जाते हैं, तो वे आपकी वेबसाइट पर ज़्यादा समय बिताते हैं। इससे आपका बाउंस रेट कम होता है, यानी लोग सिर्फ एक पेज पढ़कर तुरंत साइट से बाहर नहीं जाते।
इंटरनल लिंकिंग का एक और बड़ा फायदा यह होता है कि इससे सर्च इंजन आपकी वेबसाइट को आसानी से पढ़ और समझ पाते हैं। इससे गूगल जैसे सर्च इंजन आपके हर पेज तक जल्दी पहुंचते हैं और उन्हें अपनी लिस्ट में शामिल करते हैं। मतलब आपकी साइट के पेज गूगल में जल्दी और बेहतर दिख सकते हैं।
8. External Linking
जब आप अपनी वेबसाइट में किसी लेख से किसी दूसरी वेबसाइट के लेख का लिंक जोड़ते हैं, तो इसे External Linking या Outbound Linking कहा जाता है।
अगर आप On Page and Off Page SEO in Hindi पर लेख लिख रहे हैं। अगर उस लेख में आप किसी भरोसेमन वेबसाइट का लिंक जोड़ते हैं, तो पाठकों को आपके कंटेंट पर ज़्यादा भरोसा होता है, और सर्च इंजन भी इसे ज़्यादा गंभीरता से लेते हैं। तो यह एक्सटर्नल लिंक कहलाएगा।
शुरुआती ब्लॉगर्स के लिए यह जानना ज़रूरी है कि एक्सटर्नल लिंकिंग से गूगल को यह समझने में मदद मिलती है कि आपका कंटेंट किस विषय पर है और आप किन भरोसेमंद स्रोतों से जानकारी ले रहे हैं। इससे आपकी वेबसाइट पर गूगल का भरोसा बढ़ता है।
मेरे अनुभव के अनुसार, जब भी आप किसी दूसरी वेबसाइट का लिंक जोड़ें, तो ये बातें ज़रूर ध्यान में रखें कि उस वेबसाइट की जानकारी आपकी पोस्ट से संबंधित हो। और वेबसाइट भरोसेमंद हो और उसकी डोमेन अथॉरिटी (DA) और पेज अथॉरिटी (PA) अच्छी हो।
उदाहरण के लिए, अगर आप SEO पर पोस्ट लिख रहे हैं, तो आप Google Search Central जैसे ऑफिशियल और High-Quality Article का लिंक दे सकते हैं।
इस तरह की एक्सटर्नल लिंकिंग आपकी वेबसाइट की रैंकिंग को बेहतर बनाने में मदद कर सकती है और आपके पाठकों को और भी सटीक जानकारी मिलती है।
9. Website Speed
वेबसाइट की स्पीड का मतलब है कि आपके वेब पेज को पूरी तरह से लोड होने और दिखने में कितना समय लगता है। आज के समय में यह बहुत ज़रूरी है क्योंकि कोई भी धीमी वेबसाइट का इंतज़ार नहीं करना चाहता। अगर आपकी वेबसाइट धीरे-धीरे खुलती है, तो लोग अक्सर उसे छोड़कर चले जाते हैं।
और मैने अक्सर देखा है कि तेज़ वेबसाइटें ज़्यादा लोगों को आकर्षित करती हैं, उन पर ज़्यादा देर तक लोग रुकते हैं और उनकी गूगल रैंकिंग भी बेहतर होती है। गूगल भी उन वेबसाइटों को पसंद करता है जो जल्दी लोड होती हैं।
वेबसाइट की स्पीड कई चीज़ों पर निर्भर करती है, जैसे कि आपका Hosting Server कैसा है, आपकी वेबसाइट का डिज़ाइन कैसा है और आपने अपनी Images और फाइलों को कैसे Optimize किया है।
अगर आपकी वेबसाइट WordPress पर है, तो आप कुछ प्लगइन का इस्तेमाल करके उसकी स्पीड बढ़ा सकते हैं। लेकिन एक अच्छी और हल्की थीम चुनना भी उतना ही ज़रूरी है।
वेबसाइट की रफ्तार बढ़ाने के लिए आप कुछ आसान उपाय अपना सकते हैं, जैसे इमेज का साइज छोटा करना, CSS और JavaScript को कम से कम कोड में लिखना, ताकि पेज जल्दी लोड हो सके और विज़िटर को अच्छा अनुभव मिले। और ब्राउज़र कैशिंग का इस्तेमाल कर सकते हैं। एक तेज़ वेबसाइट न सिर्फ यूज़र्स को पसंद आती है, बल्कि यह आपके SEO के लिए भी बहुत अच्छा होता है।
10. Mobile Friendliness
आजकल ज़्यादातर लोग अपने मोबाइल फोन पर ही इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं। अगर आपकी वेबसाइट मोबाइल पर ठीक से नहीं दिखती है या इस्तेमाल करने में मुश्किल होती है, तो गूगल उसे पसंद नहीं करेगा और आपकी रैंकिंग गिर सकती है। इसलिए, अपनी वेबसाइट को मोबाइल फ्रेंडली बनाना बहुत ज़रूरी है।
एक मोबाइल फ्रेंडली वेबसाइट वह होती है जो मोबाइल, टैबलेट और डेस्कटॉप जैसे अलग-अलग Screen Size पर अपने आप Adjust हो जाती है। इसको ही Responsive Design कहा जाता है। वेबसाइट डिवाइस के हिसाब से सही ढंग से खुल जाए और उपयोग करने में आसानी हो। यही सबसे ज़रूरी है। जिस तरह मैंने अपनी वेबसाइट को मोबाइल फ्रेंडली बनाते समय देखा, उस अनुभव से यह समझ आया कि Responsive Design न सिर्फ यूज़र्स के लिए फायदेमंद होता है, बल्कि सर्च इंजन के लिए भी ज़रूरी होता है।
अगर आपकी वेबसाइट वर्डप्रेस पर बनी है, तो आपको ऐसी थीम चुननी चाहिए जो मोबाइल फ्रेंडली हो। आजकल ज़्यादातर अच्छी थीम रेस्पॉन्सिव ही होती हैं। कुछ लोकप्रिय मोबाइल फ्रेंडली थीम हैं जैसे कि
•Astra
• Divi
• OceanWP
• GeneratePress
• Neve
अगर आपकी वेबसाइट पहले से तैयार है, तो आप Google के ‘PageSpeed Insights’ टूल से यह पता कर सकते हैं कि आपकी साइट मोबाइल पर कितनी जल्दी खुलती है और मोबाइल के लिए कितनी उपयुक्त है। यह टूल आपको यह भी बताएगा कि आप अपनी वेबसाइट को और बेहतर कैसे बना सकते हैं।
11. Schema Markup
Schema Markup एक खास तरह का कोड होता है जो आपकी वेबसाइट पर लगाया जाता है। इसका काम यह है कि सर्च इंजन (जैसे गूगल) आपकी वेबसाइट के कंटेंट को और बेहतर तरीके से समझ सके। जब आप स्कीमा मार्कअप का सही इस्तेमाल करते हैं, तो आपकी वेबसाइट सर्च रिजल्ट में साधारण लिंक की तरह नहीं, बल्कि थोड़ा और आकर्षक तरीके से दिख सकती है।
उदाहरण के लिए, अगर आपकी वेबसाइट पर कोई रेसिपी है, तो स्कीमा मार्कअप की मदद से गूगल उस रेसिपी की रेटिंग, कुकिंग टाइम और इंग्रेडिएंट जैसी जानकारी भी सर्च रिजल्ट में दिखा सकता है। इससे यूज़र को ज़्यादा जानकारी मिलती है और वो आपकी साइट पर क्लिक करने के लिए ज़्यादा आकर्षित होता है।
यह सीधे तौर पर आपकी रैंकिंग को तो नहीं बढ़ाता, लेकिन यह गूगल को आपके कंटेंट को समझने में मदद करता है, जिससे वह उसे सही लोगों तक पहुंचा सकता है। स्कीमा मार्कअप का सही इस्तेमाल आपकी वेबसाइट के लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है।
12. High Quality Content
High Quality Content किसी भी वेबसाइट या ब्लॉग का सबसे ज़रूरी हिस्सा होता है। यही वो चीज़ होती है जो लोगों को आपकी साइट पर लाती है, उन्हें वहाँ रुकने पर मजबूर करती है और आपकी पोस्ट को दूसरों के साथ शेयर करने के लिए प्रेरित करती है।
High Quality Content का मतलब होता है ऐसा लेख या जानकारी जो पढ़ने वाले की हर ज़रूरत को ध्यान में रखकर तैयार किया गया हो। यह सामग्री सरल भाषा में होनी चाहिए, ताकि हर कोई आसानी से समझ सके। साथ ही, इसमें दी गई जानकारी पूरी और सही होनी चाहिए, जिससे पढ़ने वाले को किसी भी सवाल का जवाब मिल जाए और वह कंटेंट पढ़कर संतुष्ट महसूस करे।
यह भी ध्यान रखना ज़रूरी है कि कंटेंट पूरी तरह से असली और Original हो। अगर आपने किसी और वेबसाइट से कंटेंट कॉपी किया या बिना ध्यान दिए किसी AI टूल से आर्टिकल बनाकर डाल दिया, तो गूगल उसे पसंद नहीं करेगा और आपकी साइट की रैंकिंग गिर सकती है।
हमेशा ऐसा कंटेंट बनाएं जो अनोखा हो, लोगों के काम आए और उनकी किसी समस्या का हल दे। जब कंटेंट अच्छा होता है, तो न सिर्फ गूगल में रैंकिंग बढ़ती है, बल्कि पाठकों का भरोसा भी जीतने में मदद मिलती है।
13. UX & Engagement
जब कोई व्यक्ति आपकी वेबसाइट पर आता है, तो वह किस तरह से साइट को महसूस करता है। यही User Experience कहलाता है। इसमें यह देखा जाता है कि उसे जानकारी ढूंढ़ने में कितनी आसानी हुई, नेविगेशन कैसा रहा और पूरी साइट कितनी सहज लगी।
Engagement का मतलब है कि विज़िटर आपकी वेबसाइट पर कितनी देर रुकते हैं, कितने पेज खोलते हैं, और क्या कोई इंटरैक्शन (जैसे कमेंट या क्लिक) करते हैं।
एक वेबसाइट का UX और Engagement जितना बेहतर होता है, उसकी परफॉर्मेंस सर्च इंजन में उतनी ही मजबूत होती है।
गूगल जैसी सर्च इंजन साइटें यह देखती हैं कि विज़िटर वेबसाइट पर कितना समय बिता रहे हैं और वे उसमें कितनी दिलचस्पी दिखा रहे हैं। अगर वेबसाइट अच्छी तरह डिज़ाइन की गई है और नेविगेट करना आसान है, तो यह SEO के लिए फायदेमंद होता है।
इसलिए वेबसाइट बनाते समय यह ध्यान रखें कि लेआउट, Menu, Font Size, और Page Loading Speed जैसी चीज़ें सही हों, जिससे विज़िटर को कंटेंट तक पहुंचने में कोई दिक्कत न हो।
Off Page SEO kya hota hai | what is off page seo in hindi
अगर On Page SEO आपकी वेबसाइट के अंदर की चीजों को ठीक करने के बारे में है, तो Off Page SEO उन कामों के बारे में है जो आप अपनी वेबसाइट के बाहर करते हैं ताकि आपकी वेबसाइट या ब्लॉग की DA बढ़ सके।
मैंने कई वेबसाइटों को सिर्फ इसलिए तरक्की करते देखा है क्योंकि उन्होंने On Page and Off Page SEO in Hindi दोनों पर ध्यान दिया। Off Page SEO में, हम दूसरी वेबसाइटों और लोगों से अपनी वेबसाइट के बारे में बात करवाते हैं।
यह बिल्कुल वैसा ही है जैसे मेरी दुकान अच्छा काम कर रही है और दूसरे लोग भी उसकी तारीफ कर रहे हैं। जब दूसरी भरोसेमंद वेबसाइटें मेरी वेबसाइट को लिंक करती हैं या उसके बारे में बात करती हैं, तो गूगल को लगता है कि मेरी वेबसाइट भी अच्छी और भरोसेमंद है।
Off Page SEO का उद्देश्य यह होता है कि आपकी वेबसाइट की साख और पहचान इंटरनेट पर दूसरों के ज़रिए बढ़ाई जाए। इसमें आप अपनी वेबसाइट में कोई बदलाव नहीं करते, बल्कि अन्य वेबसाइटों, सोशल मीडिया या प्लेटफॉर्म्स की मदद से उसकी विश्वसनीयता और लोकप्रियता को मजबूत करते हैं।
Off Page SEO Kyu jaruri hai | Why is Off Page SEO Important
मान लीजिए आपने अपनी वेबसाइट पर बहुत अच्छा कंटेंट लिखा है और अपनी वेबसाइट को अच्छी तरह डिज़ाइन भी किया है। लेकिन अगर कोई उस वेबसाइट तक पहुँच ही नहीं पता, तो उसका क्या फायदा उस वेबसाइट का Off Page SEO का काम यही है। यह आपकी वेबसाइट की ऑनलाइन पहचान बनाता है और गूगल को यह सिग्नल देता है कि आपकी वेबसाइट भरोसेमंद और महत्वपूर्ण है।
जब दूसरी वेबसाइटें आपकी साइट के लिंक देती हैं या आपके बारे में बात करती हैं, तो गूगल को संकेत मिलता है कि आपकी वेबसाइट में कुछ खास है। इससे आपकी रैंकिंग बेहतर होती है और ज़्यादा ट्रैफिक आपकी वेबसाइट तक पहुँच पाता हैं।
इसलिए सिर्फ वेबसाइट के अंदर बदलाव करना यानी On Page SEO करना ही काफी नहीं होता। On Page and Off Page SEO in Hindi दोनों मिलकर ही आपकी वेबसाइट को सर्च इंजन में बेहतर जगह दिला सकते हैं और उसे सफल बना सकते हैं।
On Page SEO कैसे करें? (How to Do Off Page SEO step by step)
Off Page SEO करने के कई तरीके होते हैं, और हर तरीका आपकी वेबसाइट की रैंकिंग को बेहतर बनाने में मदद करता है। जब आप नियमित और सही तरीके से इन तरीकों को अपनाते हैं, तो आपकी वेबसाइट की पहचान इंटरनेट पर मज़बूत होती है और गूगल भी उस पर ज़्यादा भरोसा करता है।
Off Page SEO में मुख्य रूप से दूसरी वेबसाइटों से लिंक पाना (जिसे बैकलिंक्स कहते हैं), सोशल मीडिया पर एक्टिव रहना और अपनी ब्रांडिंग को बेहतर बनाना शामिल होता है।
आगे हम विस्तार से जानेंगे कि इन तरीकों को कैसे अपनाया जाता है, जैसे कि लिंक बिल्डिंग, गेस्ट पोस्टिंग, सोशल मीडिया मार्केटिंग, और अन्य तकनीकें जो आपकी वेबसाइट को सर्च इंजन में ऊपर लाने में मदद करती हैं।
1.Link Building
Link Building Off-Page SEO का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसका सीधा मतलब है दूसरी वेबसाइटों से अपनी वेबसाइट पर लिंक हासिल करना। ये लिंक्स गूगल की नज़रों में आपकी वेबसाइट की विश्वसनीयता को बढ़ाते हैं।
Backlinks गूगल के लिए एक बड़ा संकेत होते हैं कि आपकी वेबसाइट कितनी भरोसेमंद है। अगर ज़्यादा और अच्छी वेबसाइटें आपको लिंक करती हैं, तो गूगल को लगता है कि आपकी जानकारी में दम है और वह आपको सर्च रिजल्ट्स में ऊपर दिखा सकता है।
बैकलिंक्स दो तरह के हो सकते हैं।
Natural Links: ये वो लिंक्स होते हैं जो आपको अपने आप मिलते हैं, जब कोई आपकी अच्छी कंटेंट को देखकर खुद ही आपको लिंक करता है। गूगल इन लिंक्स को बहुत महत्व देता है क्योंकि ये दिखाते हैं कि लोग आपकी जानकारी को पसंद करते हैं।
Auto-Generated links: ये वो लिंक्स होते हैं जो आप दूसरों तक पहुँचकर या कुछ प्रयास करके हासिल करते हैं, जैसे कि गेस्ट पोस्ट लिखना या दूसरी वेबसाइटों से लिंक करने का अनुरोध करना।
जब आप लिंक्स बना रहे हों, तो यह ध्यान रखना ज़रूरी है कि आप भरोसेमंद और अपने विषय से मिलती-जुलती वेबसाइटों से लिंक पाएं। Low Quality वाली या असंबंधित वेबसाइटों से लिंक पाने का उतना फायदा नहीं होता।
एक ज़रूरी बात यह भी है कि कुछ लिंक्स Dofollow होते हैं, जो गूगल को बताते हैं कि वे लिंक आपकी वेबसाइट को Vote कर रहे हैं और उससे आपकी Authority बढ़ती है। वहीं Nofollow लिंक्स सिर्फ लिंक होते हैं जो अथॉरिटी पास नहीं करते।
लिंक बिल्डिंग में समय और मेहनत लगती है, लेकिन जब आप अच्छी क्वालिटी के लिंक्स बनाते हैं, तो यह आपकी वेबसाइट की रैंकिंग को बेहतर बनाने में बहुत मदद करता है।
2. Guest Posting
Guest Posting का मतलब है कि आप किसी दूसरी वेबसाइट के लिए एक अच्छा और जानकारी से भरा हुआ आर्टिकल लिखते हैं। जब आप ऐसा करते हैं, तो उस वेबसाइट पर आपके नाम के साथ आपका वेबसाइट लिंक भी दिया जाता है। इससे आपको दो बड़े फायदे मिलते हैं।
1.आपकी वेबसाइट का लिंक एक नई वेबसाइट पर जुड़ता है, जिससे गूगल को लगता है कि आपकी साइट भरोसेमंद है।
2. आपको उस वेबसाइट की ऑडियंस तक पहुंचने का मौका मिलता है, जो पहले आपकी साइट के बारे में नहीं जानती थी।
अगर आप किसी ऐसी वेबसाइट पर गेस्ट पोस्ट लिखते हैं जो आपके ही Niche से जुड़ी हो और जिसकी सर्च इंजन में अच्छी रैंकिंग हो, तो इसका असर आपकी वेबसाइट पर और भी बेहतर होता है। इससे आपकी वेबसाइट पर ट्रैफिक बढ़ सकता है और गूगल में रैंकिंग भी सुधरती है।
इसलिए, गेस्ट पोस्टिंग एक ऐसा तरीका है जिससे आप अपनी वेबसाइट की पहचान बढ़ा सकते हैं और उसे ज़्यादा लोगों तक पहुँचा सकते हैं।
3. Article Submission
Article Submission का मतलब होता है अपनी वेबसाइट से संबंधित High Quality वाले Articles को दूसरी वेबसाइटों या आर्टिकल Directories में सबमिट करना। पहले यह Off Page SEO का एक लोकप्रिय तरीका हुआ करता था, जिससे वेबसाइट को बैकलिंक्स और शुरुआती ट्रैफिक मिल जाता था।
आजकल गूगल इस बात को ज़्यादा महत्व देता है कि आपकी वेबसाइट पर जो जानकारी दी गई है वह उपयोगी, भरोसेमंद और उच्च गुणवत्ता वाली हो, चाहे वह On Page SEO हो या Off Page SEO से जुड़ा हुआ कंटेंट क्यों न हो। इसलिए अगर आप इस तरह के Niche पर आर्टिकल सबमिट करना चाहते हैं, इसलिए हमेशा ऐसी वेबसाइटों को चुनें जो भरोसेमंद हों और आपके विषय से जुड़ी हों।
जब आप किसी वेबसाइट पर अपना आर्टिकल सबमिट करें, तो इस बात का ध्यान रखें कि आपकी सामग्री बिल्कुल मौलिक हो, पाठकों के लिए फायदेमंद हो और उसमें स्पष्ट जानकारी दी गई हो। अगर कंटेंट कॉपी किया गया या कमज़ोर क्वालिटी का हुआ, तो इससे आपकी वेबसाइट की प्रतिष्ठा और रैंकिंग दोनों पर बुरा असर पड़ सकता है।
On Page and Off Page SEO in Hindi को मजबूत करने के लिए आर्टिकल सबमिशन एक शुरुआती लेकिन प्रभावशाली तरीका हो सकता है। बशर्ते आप सही प्लेटफॉर्म का चयन करें और क्वालिटी कंटेंट सबमिट करें।
4. Social Bookmarking
Social Bookmarking वेबसाइटें ऑनलाइन ऐसी जगहें होती हैं जहाँ आप अपनी पसंदीदा वेब पेजों को सेव और शेयर कर सकते हैं। यह बिल्कुल वैसा ही है जैसे आप किसी किताब में ज़रूरी पन्नों को मोड़ देते हैं ताकि आप उन्हें बाद में आसानी से ढूंढ सकें, लेकिन यह ऑनलाइन होता है और आप इसे दूसरों के साथ भी शेयर कर सकते हैं।
मेरे अनुभव में, Social Bookmarking साइटों पर अपनी वेबसाइट के पेजों को शेयर करने से आपको कुछ हद तक विज़िबिलिटी मिल सकती है। जब आप अपनी वेबसाइट के किसी अच्छे कंटेंट, जैसे कि On Page and Off Page SEO in Hindi पर लिखे किसी उपयोगी आर्टिकल को इन साइटों पर बुकमार्क करते हैं, तो यह उन लोगों तक पहुँच सकता है जो उस विषय में रुचि रखते हैं।
हालाँकि, आजकल इसका सीधा SEO पर बहुत ज़्यादा असर नहीं पड़ता है, लेकिन यह आपकी कंटेंट को लोगों तक पहुँचाने और थोड़ा-बहुत ट्रैफिक लाने में मदद कर सकता है। कुछ लोकप्रिय सोशल बुकमार्किंग साइटें हैं जहाँ आप अपनी कंटेंट शेयर कर सकते हैं।
यह एक आसान तरीका है अपनी ऑनलाइन उपस्थिति को थोड़ा बढ़ाने का।
5. Profile Creation
Profile Creation एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें आप अपनी वेबसाइट या ब्रांड की उपस्थिति इंटरनेट पर बढ़ाने के लिए अलग-अलग साइटों पर अकाउंट बनाते हैं। इसमें सोशल मीडिया नेटवर्क, बिज़नेस डायरेक्टरीज़ और चर्चा मंच जैसे प्लेटफ़ॉर्म शामिल हो सकते हैं, जहाँ से आपकी वेबसाइट को पहचान और ट्रैफिक मिल सकता है।
अलग-अलग भरोसेमंद वेबसाइटों पर अपनी प्रोफाइल बनाना ऑनलाइन उपस्थिति बढ़ाने का एक अच्छा तरीका है। जब आप अपनी वेबसाइट की जानकारी के साथ प्रोफाइल तैयार करते हैं और उसमें वेबसाइट का लिंक शामिल करते हैं, तो यह एक तरह का बैकलिंक बन जाता है। हालांकि ऐसे लिंक का सीधा असर SEO पर बहुत अधिक नहीं होता, लेकिन यह आपकी ब्रांड पहचान मजबूत करने और कुछ हद तक Referral Traffic लाने में मदद करता है।
अगर आप On Page and Off Page SEO in hindi से जुड़ी जानकारी या सेवाएं देते हैं, तो ऐसी वेबसाइट्स या प्लेटफॉर्म्स पर अपनी प्रोफाइल बनाना फायदेमंद होगा जो सीधे आपके काम से जुड़े हों। इससे सही लोगों तक आपकी पहुँच बढ़ेगी और आपके ब्रांड की विश्वसनीयता भी मजबूत होगी। उदाहरण के लिए, मार्केटिंग या बिजनेस लिस्टिंग वेबसाइटों पर प्रोफाइल बनाना उपयोगी हो सकता है।
6. Forum Submission
Forum Submission का मतलब है। ऐसे Online Group या Community में शामिल होना जहाँ लोग किसी खास टॉपिक पर बात करते हैं। इन फोरम्स में आप सवालों के जवाब दे सकते हैं, अपनी राय दे सकते हैं, और जहाँ ज़रूरी लगे वहाँ अपनी वेबसाइट का लिंक भी शेयर कर सकते हैं।
अगर आप किसी ऐसे फोरम का हिस्सा बनते हैं जो आपकी वेबसाइट के टॉपिक से जुड़ा है, और वहाँ लोगों की मदद करते हैं या काम की जानकारी देते हैं, तो आप वहां से कुछ ट्रैफिक पा सकते हैं। आप अपनी वेबसाइट का लिंक अपनी प्रोफाइल या जवाब के साथ डाल सकते हैं। लेकिन ध्यान रहे कि सिर्फ लिंक डालने के लिए फालतू कमेंट करना ठीक नहीं होता।
अगर सही तरीके से किया जाए, तो फोरम सबमिशन आपकी वेबसाइट की पहचान बढ़ा सकता है और कुछ नए विज़िटर भी ला सकता है।
7. Q&A Platforms
Q&A Platforms जैसे कि Quora वो जगह होती है जहाँ लोग अपने सवाल पूछते हैं और दूसरे लोग जवाब देते हैं। यह आपके लिए एक अच्छा मौका हो सकता है अपनी जानकारी दिखाने का और लोगों को अपनी वेबसाइट तक लाने का।
अगर आप किसी खास टॉपिक जैसे On Page और Off Page SEO के बारे में अच्छी जानकारी रखते हैं, तो आप ऐसे प्लेटफॉर्म पर लोगों के सवालों के सही और मददगार जवाब दे सकते हैं। जब आपका जवाब लोगों को पसंद आता है, तब आप वहाँ अपनी वेबसाइट का लिंक भी जोड़ सकते हैं। लेकिन सिर्फ वहीं जहाँ वह ज़रूरी और सही लगे।
यह तरीका आपको बहुत सारे बैकलिंक नहीं देता, लेकिन इससे आपकी वेबसाइट पर कुछ नए विज़िटर आ सकते हैं और लोग आपकी जानकारी को अहम मानने लगते हैं।
8. Image & Video Submission
Image और Video Submission का मतलब होता है अपनी वेबसाइट से जुड़े हुए चित्र और वीडियो को विभिन्न ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर अपलोड और साझा करना। उदाहरण के तौर पर, आप अपनी तस्वीरें Pinterest या Flickr जैसी साइट्स पर और वीडियो YouTube या Vimeo जैसे प्लेटफॉर्म्स पर डाल सकते हैं। इससे आपकी सामग्री ज्यादा लोगों तक पहुंचती है और आपकी वेबसाइट की विज़िबिलिटी बढ़ती है।
मेरे अनुभव में, यह Off-Page SEO का एक अच्छा तरीका हो सकता है अपनी कंटेंट को ज़्यादा लोगों तक पहुँचाने का। जब आप अपनी Images और Video को इन प्लेटफॉर्म्स पर डालते हैं, तो आप उनमें अपनी वेबसाइट का लिंक भी शामिल कर सकते हैं।
अगर आप On Page and Off Page SEO in Hindi से जुड़ी जानकारी को इमेजेस या वीडियो के माध्यम से दिखाते हैं, तो यह उन लोगों के लिए आकर्षक हो सकता है जो इस विषय में रुचि रखते हैं। उदाहरण के लिए, आप एक इंफोग्राफिक बनाकर उसे इमेज शेयरिंग साइट पर डाल सकते हैं और उसमें अपनी वेबसाइट का लिंक दे सकते हैं। इसी तरह, SEO से जुड़े ट्यूटोरियल वीडियो बनाकर आप उन्हें वीडियो प्लेटफॉर्म पर अपलोड कर सकते हैं और डिस्क्रिप्शन में अपनी वेबसाइट का लिंक दे सकते हैं।
9. Web 2.0
Web 2.0 का मतलब इंटरनेट का वह चरण है जिसमें उपयोगकर्ता सिर्फ जानकारी पढ़ने वाले नहीं रहते, बल्कि वे खुद भी कंटेंट बनाने, शेयर करने और दूसरों के साथ इंटरैक्ट करने लगते हैं। इस दौर में ब्लॉग, सोशल मीडिया, फोरम और वीडियो शेयरिंग साइट्स जैसे प्लेटफॉर्म्स का बड़ा रोल होता है, जहाँ यूजर्स सक्रिय रूप से जुड़ते हैं और इंटरनेट को एक समुदाय बनाते हैं। इसमें ब्लॉगिंग साइट्स, सोशल मीडिया, विकी और फ़ोरम जैसी वेबसाइटें शामिल होती हैं।
Web 2.0 प्लेटफॉर्म Off Page SEO के लिए एक अच्छा मौका देते हैं। आप इन साइटों पर अपनी वेबसाइट या किसी खास टॉपिक से जुड़ा कंटेंट शेयर कर सकते हैं, और कई बार उसमें अपनी वेबसाइट का लिंक भी जोड़ सकते हैं।
जैसे कि –
आप ब्लॉगिंग साइट पर SEO से जुड़ा आर्टिकल लिख सकते हैं।
सोशल मीडिया पर अपने आर्टिकल्स का लिंक शेयर कर सकते हैं।
विकी साइटों पर जानकारी जोड़ सकते हैं।
फ़ोरमों में शामिल होकर अपनी राय दे सकते हैं।
इन तरीकों से न सिर्फ आपको कुछ बैकलिंक्स मिलते हैं, बल्कि लोग आपकी वेबसाइट को जानने लगते हैं और आपकी पहचान भी मजबूत होती है।
10. GMB Optimization
Google My Business Optimization का मतलब है अपनी Google Business Profile को इस तरह से सुधारना और व्यवस्थित करना कि जब कोई आपके इलाके में किसी प्रोडक्ट या सर्विस की खोज करे, तो आपकी बिजनेस जानकारी आसानी से सामने आए। इसमें आपकी कंपनी का नाम, पता, फोन नंबर, काम के घंटे, तस्वीरें, रिव्यूज और अपडेट्स को सही और आकर्षक तरीके से भरना शामिल होता है, ताकि संभावित ग्राहक आप तक जल्दी पहुँच सकें और आपकी विश्वसनीयता बढ़े।
अगर आपकी प्रोफाइल पूरी और सही जानकारी से भरी होती है, तो लोग आप पर ज़्यादा भरोसा करते हैं और आपको ज़्यादा ग्राहक मिलने की संभावना होती है। इसके लिए आपको अपने बिज़नेस का नाम, पता, फोन नंबर, वेबसाइट, खुलने का समय और जो सेवाएं आप देते हैं, वह सब साफ-साफ लिखना चाहिए।
आपकी प्रोफाइल में अच्छी Images और Video होने चाहिए ताकि लोग आपके बिज़नेस की झलक देख सकें। ग्राहक अगर कोई रिव्यू देते हैं, तो उनका जवाब देना भी ज़रूरी होता है क्योंकि इससे आपकी प्रोफाइल Active और भरोसेमंद लगती है। साथ ही, आप समय-समय पर GMB पोस्ट के ज़रिए अपने ऑफर, अपडेट या खास जानकारी भी लोगों के साथ शेयर कर सकते हैं।
Google My Business Optimization लोकल SEO का एक अहम हिस्सा है जो आपको अपने आसपास के लोगों से जोड़ता है और आपकी ऑनलाइन पहचान को मजबूत करता है।
11. Social Media Branding
Social Media Branding का मतलब होता है सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे Facebook, Instagram, Twitter पर अपनी ब्रांड की एक ठोस और पहचानने योग्य छवि तैयार करना। इसमें केवल प्रोफाइल बनाना ही नहीं, बल्कि नियमित रूप से ऐसा कंटेंट शेयर करना भी शामिल है जो आपके ब्रांड की सोच, मूल्य और खासियत को दर्शाए। इसका उद्देश्य होता है कि आपके फॉलोअर्स और संभावित ग्राहक आपकी ब्रांड को जानें, समझें और उससे जुड़ाव महसूस करें।
आज के समय में सोशल मीडिया ब्रांडिंग Off-Page SEO का एक अहम हिस्सा बन चुका है। अगर आप सोशल मीडिया पर एक्टिव रहते हैं, लोगों के सवालों का जवाब देते हैं, अपने आर्टिकल्स या जानकारी शेयर करते हैं, तो इससे आपकी वेबसाइट पर लोग आने लगते हैं। इसके साथ ही लोग आपके ब्रांड को पहचानने और उस पर भरोसा करने लगते हैं।
इसके लिए आपको अपनी प्रोफाइल पूरी जानकारी के साथ भरनी चाहिए, जैसे कि आपका नाम, लोगो, वेबसाइट का लिंक, और जो सेवा या जानकारी आप देते हैं। साथ ही, आपको नियमित रूप से High Quality Content पोस्ट करना चाहिए और Followers से बातचीत करते रहना चाहिए।
अगर आप On Page और Off Page SEO in Hindi जैसे विषयों पर जानकारी शेयर करते हैं, तो सोशल मीडिया आपके लिए एक बेहतरीन जगह हो सकती है जहाँ आप अपने ज्ञान से लोगों की मदद कर सकते हैं और साथ ही अपनी वेबसाइट का ट्रैफिक भी बढ़ा सकते हैं।
इस तरह की मजबूत सोशल मीडिया ब्रांडिंग से न केवल आपकी पहचान बनती है, बल्कि लोग आपको एक भरोसेमंद और जानकार व्यक्ति के रूप में भी देखने लगते हैं।
12. Brand Mentions
Brand Mentions का मतलब होता है जब कोई आपकी कंपनी या वेबसाइट का नाम इंटरनेट पर कहीं लिखता है, भले ही वह आपकी साइट का लिंक न दे। यह ज़िक्र सोशल मीडिया पोस्ट, ब्लॉग, न्यूज़ आर्टिकल या फोरम पर हो सकता है।
जब लोग आपके ब्रांड का नाम बार-बार अलग-अलग जगहों पर लेते हैं, तो गूगल को यह संकेत मिलता है कि आपका नाम लोगों के बीच जाना-पहचाना है। इससे आपकी वेबसाइट की साख और पहचान बढ़ती है, भले ही लिंक न मिले।
मेरे अनुभव में, ब्रांड मेंशंस भी Off-Page SEO में मदद करते हैं। इससे गूगल को यह भरोसा होता है कि लोग आपके बारे में बात कर रहे हैं, और आपकी वेबसाइट भरोसेमंद हो सकती है।
आप चाहें तो कुछ ऑनलाइन टूल्स की मदद से यह पता लगा सकते हैं कि कहाँ-कहाँ आपका नाम लिया गया है। अगर किसी ने आपकी वेबसाइट का नाम तो लिया है लेकिन लिंक नहीं दिया, तो आप उनसे विनम्रता से अनुरोध कर सकते हैं कि वे लिंक भी जोड़ दें।
ब्रांड मेंशंस आपकी ऑनलाइन पहचान मजबूत करने में मदद करते हैं और आपकी वेबसाइट पर लोगों का ध्यान आकर्षित करते हैं।
कौन सा SEO ज्यादा महत्वपूर्ण है? (Which is More Important?)
यह सवाल बहुत बार पूछा जाता है कि On Page SEO ज़रूरी है या Off Page SEO? मेरा अनुभव कहता है कि दोनों ही जरूरी हैं और एक-दूसरे को पूरा करते हैं।
सोचिए, अगर आपकी वेबसाइट के अंदर (On Page) सब कुछ ठीक नहीं है। जैसे कंटेंट कमजोर है, Website speed slow है, या गूगल को आपकी साइट समझ नहीं आ रही। तो बाहर से चाहे जितना प्रमोशन कर लो (Off Page), उसका असर नहीं होगा। ये वैसा ही है जैसे बाहर से बहुत सुंदर दुकान हो, लेकिन अंदर कुछ सामान ही न हो।
दूसरी ओर, अगर आपकी वेबसाइट अंदर से मजबूत और अच्छी है, लेकिन लोग उसे नहीं जानते या खोजते नहीं हैं, तो उसका फायदा मिलना मुश्किल है। ऐसे में Off Page SEO मददगार होता है, क्योंकि यह आपकी वेबसाइट की ऑनलाइन पहचान बढ़ाने और उसे ज्यादा लोगों तक पहुँचाने का काम करता है। Off Page SEO से आपकी साइट की विश्वसनीयता और लोकप्रियता बढ़ती है, जिससे गूगल और दूसरे सर्च इंजन आपकी वेबसाइट को बेहतर रैंक देते हैं।
जब आप अपनी वेबसाइट की शुरुआत करते हैं, तो सबसे ज़रूरी होता है On Page SEO पर फोकस करना। यानी शुरुआत में आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वेबसाइट का कंटेंट उपयोगी और जानकारीपूर्ण हो, पेज की स्पीड अच्छी हो, मोबाइल पर आसानी से खुलती हो, और आपने उसमें सही कीवर्ड्स का इस्तेमाल किया हो। जब ये सभी बेसिक चीज़ें सही होती हैं, तभी वेबसाइट सर्च इंजन में अच्छा प्रदर्शन कर पाती है और आगे चलकर Off Page SEO से भी बेहतर रिजल्ट मिलता है।
जब On Page SEO सेट हो जाए, तब Off Page SEO की बारी आती है। यानि अब अपनी वेबसाइट का प्रचार करें। जैसे बैकलिंक्स बनाना, सोशल मीडिया पर शेयर करना, गेस्ट पोस्टिंग करना, वगैरह।
शुरुआती दिनों में आप पूरी ताक़त On Page SEO में लगाइए। एक बार नींव मज़बूत हो जाए, फिर Off Page SEO से अपनी साइट को ऊँचाई तक ले जाएँ।
अंत में यही कहूँगा, कि SEO में सफलता चाहिए तो On Page और Off Page दोनों को साथ लेकर चलना होगा। अकेले किसी एक से काम नहीं चलेगा।
On Page और Off Page SEO सीखने में कितना समय लगता है?
यह एक अच्छा सवाल है, और इसका जवाब इस बात पर निर्भर करता है कि आप कितना सीखना चाहते हैं और कितनी जल्दी सीखना चाहते हैं। मेरे अनुभव में, On Page and Off Page SEO in Hindi को समझना एक यात्रा की तरह है, जिसमें अलग-अलग पड़ाव होते हैं।
Beginner Level: अगर आप SEO की सिर्फ बुनियादी बातें सीखना चाहते हैं जैसे कि कुछ मुख्य On Page तकनीकें (जैसे टाइटल टैग, मेटा डिस्क्रिप्शन, कीवर्ड प्लेसमेंट) और Off Page SEO के कुछ आसान तरीके (जैसे सोशल शेयरिंग या प्रोफाइल क्रिएशन) तो आपको इसे समझने और शुरुआती अभ्यास में कुछ हफ्ते लग सकते हैं।
इस स्तर पर आप समझ पाएंगे कि SEO का मतलब क्या होता है, On Page और Off Page SEO में क्या अंतर होता है, और कुछ सरल तरीके जिनसे आप अपनी वेबसाइट की रैंकिंग बेहतर बना सकते हैं। जिससे वेबसाइट को थोड़ा-थोड़ा ट्रैफिक मिलना शुरू हो सके।
Medium level: अगर आप ज़्यादा गहराई से जाना चाहते हैं और यह समझना चाहते हैं कि Keyword Research कैसे करते हैं, वेबसाइट को Optimize कैसे करते हैं और कुछ सामान्य Off Page Strategies कैसे अपनाते हैं, तो इसमें कुछ महीने लग सकते हैं। इस स्तर पर, आप खुद से अपनी वेबसाइट के लिए काफ़ी कुछ कर पाएंगे।
Advanced Level: अगर आप एक Expert बनना चाहते हैं, सभी तरह की जटिल SEO तकनीकों को सीखना चाहते हैं और बदलते हुए Algorithms के साथ अपडेट रहना चाहते हैं, SEO एक ऐसा क्षेत्र है जो लगातार बदलता रहता है, इसलिए इसमें माहिर बनने के लिए समय और लगातार अभ्यास दोनों की जरूरत होती है। इस वजह से इसमें माहिर होने में कभी-कभी कई साल भी लग सकते हैं।
अब जब आप यह जान गए हैं कि इसे सीखने में कितना समय लग सकता है, तो चलिए बात करते हैं उन आम गलतियों की जो लोग On Page and Off Page SEO in Hindi करते समय करते हैं।
On Page और Off Page SEO के Common Mistakes (गलतियाँ) जो आपको नहीं करनी चाहिए
मैंने On Page और Off Page SEO करते वक्त कुछ आम गलतियाँ की हैं जो अक्सर लोगों के साथ होती हैं। अगर आप इन गलतियों से बचेंगे, तो आपके SEO के परिणाम बेहतर हो सकते हैं।
एक आम गलती है सिर्फ गूगल के लिए लिखना, न कि लोगों के लिए। याद रखें, आपका कंटेंट पहले आपके पाठकों के लिए होना चाहिए। अगर वे इसे पसंद करेंगे, तो गूगल भी करेगा।
दूसरी गलती है Keyword को कंटेंट में ज़बरदस्ती ठूँसना। कुछ लोग यह सोचते हैं कि एक ही कीवर्ड को बार-बार इस्तेमाल करने से रैंकिंग बढ़ जाएगी, लेकिन असल में यह उल्टा असर करता है। आपको कीवर्ड को स्वाभाविक तरीके से इस्तेमाल करना चाहिए।
On Page में एक और गलती है अपनी Website Speed पर ध्यान न देना। अगर आपकी साइट धीरे-धीरे खुलती है, तो लोग उसे छोड़कर चले जाएंगे, और यह आपकी रैंकिंग के लिए बुरा होता है।
Off Page में एक बड़ी गलती है कम क्वालिटी वाली वेबसाइटों से बहुत सारे लिंक पाने की कोशिश करना। गूगल अब बहुत स्मार्ट हो गया है और वह ऐसे लिंक्स को पहचान लेता है। आपको हमेशा अच्छी और भरोसेमंद वेबसाइटों से ही लिंक पाने की कोशिश करनी चाहिए।
SEO Tools List
On Page और Off Page SEO in Hindi को सही तरीके से करने के लिए कई तरह के टूल्स उपलब्ध हैं। इनमें से कुछ मुफ्त हैं, जबकि कुछ के लिए आपको पैसे देने होते हैं।
मेरे अनुभव में, सही टूल्स का इस्तेमाल करके आप अपनी SEO की मेहनत को और भी ज़्यादा असरदार बना सकते हैं। ये टूल्स आपको कीवर्ड रिसर्च करने, अपनी वेबसाइट की कमियों को पहचानने और अपनी रैंकिंग को ट्रैक करने में मदद करते हैं।
On Page SEO Tools List
•Google Search Console
यह गूगल का Free Tool है जो आपकी वेबसाइट की Indexing, Performance और गूगल सर्च में दिखाई देने वाले डेटा को मॉनिटर करने में मदद करता है। इससे आप जान सकते हैं कि आपकी वेबसाइट किस-किस कीवर्ड पर रैंक कर रही है, कौन से पेज Index हो चुके हैं और क्या कोई Error है।
• Google PageSpeed Insights
यह टूल आपकी वेबसाइट को मोबाइल और डेस्कटॉप दोनों पर परखता है और यह बताता है कि पेज कितनी तेज़ी से खुलता है, साथ ही सुधार के लिए सुझाव भी देता है। यह Core Web Vitals जैसे महत्वपूर्ण SEO संकेतकों की रिपोर्ट भी देता है।
• Yoast SEO (WordPress के लिए)
यह एक लोकप्रिय WordPress Plugin है जो आपकी वेबसाइट के On Page SEO को Optimize करने में मदद करता है। यह मेटा टाइटल, मेटा डिस्क्रिप्शन, फोकस कीवर्ड, रीडेबिलिटी स्कोर और XML Sitemap जैसी सुविधाएँ देता है।
• Rank Math
यह एक WordPress SEO Plugin है जो आपकी वेबसाइट के On Page SEO को ऑप्टिमाइज़ करने में मदद करता है। इसमें XML Sitemap, Schema Markup, और SEO analysis जैसे फ़ीचर्स होते हैं।
• Ubersuggest
यह एक Keyword Research और SEO टूल है, जिसे Neil Patel ने बनाया है। इससे आप कीवर्ड्स की Search Volume, SEO Difficulty और कंटेंट आइडिया जान सकते हैं।
• Screaming Frog
यह एक वेबसाइट क्रॉलिंग टूल है जो आपकी वेबसाइट को स्कैन करता है और SEO से जुड़ी तकनीकी गलतियों जैसे कि ब्रोकन लिंक, डुप्लिकेट मेटा टैग्स आदि को दिखाता है।
• Ahrefs
यह एक पावरफुल SEO टूल है जो बैकलिंक एनालिसिस, कीवर्ड रिसर्च, Competitor Analysis और Site Audit में मदद करता है। इसका डेटा बहुत सटीक माना जाता है।
• SEMrush
यह एक All-in-One SEO और Digital Marketing टूल है जिसमें कीवर्ड रिसर्च, साइट ऑडिट, बैकलिंक चेकिंग, और प्रतियोगी विश्लेषण जैसी सुविधाएँ होती हैं।
• Grammarly
यह एक Writing Tool है जो आपके कंटेंट की Grammar, Spelling और Clarity को सुधारता है। SEO के लिए जब आप ब्लॉग या आर्टिकल लिखते हैं तो यह बहुत काम आता है।
• Google Keyword Planner
यह गूगल का मुफ्त टूल है जो खासकर कीवर्ड रिसर्च के लिए उपयोग होता है। इससे आप जान सकते हैं कि कोई कीवर्ड कितनी बार सर्च होता है और उसकी CPC क्या है।
• MozBar
यह एक ब्राउज़र एक्सटेंशन है जो किसी वेबसाइट का डोमेन अथॉरिटी (DA), पेज अथॉरिटी (PA) और अन्य SEO से जुड़ी जानकारी दिखाता है। इसकी मदद से आप अपनी वेबसाइट की तुलना दूसरों से कर सकते हैं।
• GTmetrix
यह Website Speed टेस्टिंग टूल है जो आपकी वेबसाइट की Loading Speed और Performance को मापता है, साथ ही सुधार के सुझाव भी देता है।
• SEOquake
यह एक Browser Extensions Plugin है जो आपको किसी भी वेबपेज का On Page SEO डेटा तुरंत दिखाता है जैसे Meta Tags, Keyword Density, और Internal Links और External Links आदि।
• Surfer SEO
यह एक कंटेंट ऑप्टिमाइजेशन टूल है जो आपको यह बताता है कि कोई आर्टिकल या पेज SEO के हिसाब से कितना अच्छा है और उसमें क्या सुधार करने चाहिए।
• Small SEO Tools
यह एक फ्री ऑनलाइन टूल्स का सेट है जिसमें Plagiarism Checker, Article Rewriter, Keyword Position Checker, Backlink Maker जैसे कई छोटे-छोटे SEO टूल्स होते हैं।
Off Page SEO Tools List
•Ahrefs
यह टूल Off Page SEO में भी काम आता है। और इसके बारे में हमने ऊपर बता दिया है।
• SEMrush
यह टूल भी Off Page SEO में काम आता है। और इसके बारे में मैने ऊपर बता दिया है।
• Moz Link Explorer
Moz का यह टूल आपकी वेबसाइट के Backlinks, Spam Score और Domain Authority को ट्रैक करने में मदद करता है। Off-Page SEO में यह बहुत काम का होता है।
• Ubersuggest
यह टूल Off Page SEO में भी काम आता है। और इसके बारे में मैं पहले भी जिक्र कर चुका हु।
• Google Alerts
यह एक फ्री टूल है जो आपके ब्रांड, कीवर्ड या किसी टॉपिक का इंटरनेट पर ज़िक्र होते ही आपको ईमेल के ज़रिए सूचित करता है। इससे आप अपने Brand Mentions और Competitor Activity ट्रैक कर सकते हैं।
• BuzzSumo
यह टूल आपको बताता है कि कौन-सा कंटेंट किस विषय पर सबसे ज़्यादा शेयर किया जा रहा है और कौन-से इंफ्लुएंसर उस कंटेंट से जुड़े हुए हैं। आप इसका उपयोग कंटेंट आइडिया और लिंक बिल्डिंग के लिए कर सकते हैं।
• Hunter.io
यह टूल किसी वेबसाइट या डोमेन से जुड़े ईमेल पते खोजने में मदद करता है, जिससे आप आउटरीच और लिंक बिल्डिंग के लिए संपर्क कर सकते हैं।
• HARO (Help A Reporter Out)
यह प्लेटफॉर्म पत्रकारों और एक्सपर्ट्स को जोड़ता है। अगर आप HARO पर किसी रिपोर्टर को अपनी राय या जानकारी देते हैं, तो आपको बदले में बैकलिंक मिल सकता है।
• SocialPilot
यह एक सोशल मीडिया मैनेजमेंट टूल है जिससे आप एक साथ कई सोशल अकाउंट्स पर पोस्ट शेड्यूल कर सकते हैं। यह ब्रांडिंग और Off-Page SEO में काम आता है।
• Buffer
यह भी एक सोशल मीडिया पोस्ट शेड्यूलिंग टूल है जिससे आप फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम आदि पर नियमित रूप से पोस्ट कर सकते हैं।
• Hootsuite
यह एक और पॉपुलर सोशल मीडिया मैनेजर टूल है जो आपकी ब्रांड उपस्थिति को मजबूत करने में मदद करता है और कंटेंट शेड्यूल करने की सुविधा देता है।
• Quora
यह Q&A Platform है जहाँ आप अपनी विशेषज्ञता दिखा सकते हैं। यहाँ पर जानकारीपूर्ण उत्तर देने से आप ट्रैफिक और ब्रांड अथॉरिटी पा सकते हैं।
यह एक कम्युनिटी-बेस्ड प्लेटफॉर्म है जहाँ आप टॉपिक्स पर हिस्सा ले सकते हैं और वैल्यू देने के साथ-साथ ट्रैफिक भी ला सकते हैं।
Professional Networking के लिए यह एक शक्तिशाली प्लेटफॉर्म है। यहाँ आप पोस्ट, आर्टिकल्स और बातचीत के ज़रिए अपना ब्रांड प्रमोट कर सकते हैं।
• Facebook Business Suite
यह एक ऐसा टूल है जो आपको Facebook और Instagram जैसे सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर अपने पेज को आसानी से मैनेज करने की सुविधा देता है। इसके ज़रिए आप अपने ब्रांड की ऑनलाइन मौजूदगी को बेहतर बना सकते हैं, जिससे Off-Page SEO को भी फायदा होता है।
Keyword Research Tools List
•Google Keyword Planner
इसके बारे में ऊपर बता दिया है।
• Ubersuggest
इसके बारे में भी ऊपर बता चुका हु।
• Ahrefs Keyword Explorer
Ahrefs का यह हिस्सा है जो आपको Keywords Volume, Keywords Difficulty और Related Keywords की गहराई से जानकारी देता है।
• SEMrush
इसके बारे में मैने ऊपर बता दिया है।
• Moz Keyword Explorer
Moz का यह टूल किसी कीवर्ड से जुड़ी जरूरी जानकारी जैसे कि सर्च रिजल्ट में उसकी स्थिति (SERP), उसे कितने लोग सर्च करते हैं (वॉल्यूम), उस पर क्लिक की संभावना (CTR), और रैंक करने में कितनी कठिनाई होगी (डिफिकल्टी) जैसे डेटा दिखाता है।
• AnswerThePublic
यह टूल Google Suggest से डेटा निकालकर दिखाता है कि लोग किसी टॉपिक पर क्या-क्या सवाल पूछते हैं। यह Long-Tail Keywords खोजने के लिए शानदार टूल है।
• Keyword Tool.io
यह टूल कई प्लेटफॉर्म जैसे Google, YouTube, Bing, Amazon आदि के लिए कीवर्ड सुझाव देता है। यह खास तौर पर Long-Tail Keywords के लिए उपयोगी है।
• Google Trends
यह टूल यह बताता है कि कोई कीवर्ड या विषय समय के साथ कितना पॉपुलर हो रहा है। आप इसका उपयोग ट्रेंडिंग टॉपिक जानने और कंटेंट प्लानिंग में कर सकते हैं।
• Soovle
यह टूल एक साथ कई सर्च इंजनों जैसे Google, Bing, Yahoo, YouTube और Amazon से कीवर्ड के सुझाव इकट्ठा करता है, जिससे आपको ज्यादा बेहतर और विविध कीवर्ड आइडियाज़ मिलते हैं।
• Wordtracker
यह टूल सर्च इंजन ऑप्टिमाइज़ेशन (SEO) और पेड विज्ञापन (PPC) दोनों के लिए कीवर्ड ढूंढने में सहायक होता है। खास बात यह है कि यह कम मुकाबले वाले कीवर्ड खोजने में आपकी काफी मदद कर सकता है।
Conclusion
तो दोस्तों, मैने और अपने मिलकर On Page and Off Page SEO in Hindi की इस मजेदार Article को पूरा पढ़ लिया है। उम्मीद है, अब आपको यह उतना भी मुश्किल नहीं लग रहा होगा जितना पहले शायद लगता था। सच कहूँ तो, SEO कोई जादू की छड़ी नहीं है जिसे घुमाया और सब ठीक हो गया। यह एक प्रोसेस है, जिसमें लगातार सीखते रहना और थोड़ा-थोड़ा सुधार करते रहना होता है।
मुझे लगता है कि सबसे ज़रूरी बात यह समझना है कि आखिर में हम यह सब लोगों के लिए कर रहे हैं, न कि सिर्फ गूगल के लिए। अगर आपका कंटेंट अच्छा है और जो लोगों को समझ आता है, तो गूगल को भी वह पसंद आएगा। इसलिए, दिल लगाकर काम करते रहिए और अपनी वेबसाइट को बेहतर बनाते रहिए। और हाँ, अगर आपको यह लेख थोड़ा भी दिलचस्प लगा हो, तो क्यों न इसे आगे बढ़ाया जाए। आपकी वेबसाइट के लिए पहला कदम उठाने में मैं हमेशा आपके साथ हु।
धन्यवाद