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How Long Does it Take to Rank on Google?

How Long Does it Take to Rank on Google? जानिए अनजानी सच्चाई

Table of Contents

Introduction

Hello दोस्तों! क्या आपने कभी यह विचार किया है कि जब आप गूगल पर कुछ सर्च करते हैं, तो कुछ वेबसाइट्स पहले ही पेज पर क्यों नजर आती हैं? और क्या आपने यह भी सोचा है कि आपकी अपनी Website या Blog Post Google पर कब Rank करेगी। यह सवाल How Long Does it Take to Rank on Google? बहुत सारे लोगों के मन में आता है। खासकर जब वे अपनी Online काम करना शुरू करते हैं।

डिजिटल मार्केटिंग के अपने कई सालों के अनुभव में मैंने यह सवाल कई बार लोगों से सुना है। अलग-अलग वेबसाइट्स पर काम करते हुए मैंने एक बात साफ़ तौर पर महसूस की है कि गूगल पर रैंक करने का कोई तय समय नहीं होता। यह कई चीजों पर निर्भर करता है। जिनके बारे में हम आगे जानेंगे।

इस आर्टिकल में, मैं आपको बताऊंगा कि Google का Search Engine कैसे काम करता है और कौन से मुख्य कारण हैं जो यह तय करते हैं कि किसी वेबसाइट को रैंक करने में कितना समय लगेगा। हम यह भी देखेंगे कि नए वेबसाइटों के लिए SEO कैसे अलग होता है और आप अपनी वेबसाइट को गूगल पर तेज़ी से रैंक कराने के लिए क्या कर सकते हैं। तो अगर आप भी यह जानना चाहते हैं कि How Long Does it Take to Rank on Google? तो आगे पढ़ते रहिए।

How Long Does it Take to Rank on Google? और जल्दी रैंक कैसे करें

अक्सर लोग मुझसे पूछते हैं कि Google पर किसी वेबसाइट को रैंक होने में कितना समय लगता है। सच कहूँ तो, इसका कोई सीधा जवाब किसी के भी पास नहीं है।

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मैने कई साल इस Industries लगा देने के बाद सीखा है कि कुछ वेबसाइटें कुछ ही महीनों में अच्छी रैंकिंग पा लेती हैं, जबकि कुछ वेबसाइट को तो साल भी लग जाता हैं। यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपकी वेबसाइट कितनी दिन पुरानी है। आप किस तरह के Keyword के लिए रैंक करना चाहते हैं, और आपकी वेबसाइट कितनी अच्छी है।

एक नई वेबसाइट को गूगल की नज़रों में आने में थोड़ा समय लगता है। गूगल पहले उसे पहचानता है, फिर धीरे-धीरे उसकी सामग्री को समझता है। इसलिए, अगर आपकी वेबसाइट अभी-अभी बनी है। तो आपको थोड़ा धैर्य रखना होगा।

लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आप कुछ नहीं कर सकते। अच्छी Quality का कंटेंट बनाना, अपनी वेबसाइट को तकनीकी रूप से ठीक रखना, और दूसरी अच्छी वेबसाइटों से Backlinks लेना। ये सब चीजें आपकी वेबसाइट को तेज़ी से रैंक करने में मदद करती हैं।

How Google Search Engine Works Algorithm

जब आप गूगल पर कुछ लिखते हैं, तो वह झट से आपको इतनी सारी जानकारी कैसे दिखा देता है। यह सब गूगल के एक खास तरीके से काम करने के कारण होता है, जिसे Algorithm कहते हैं।

आप इसे ऐसे समझ सकते हैं कि गूगल के पास बहुत सारे Computer Programs हैं जो हर वेबसाइट को देखते हैं। वे यह समझने की कोशिश करते हैं कि हर वेबसाइट किस बारे में है।

जब आप Google पर कुछ Search करते हैं, तो गूगल अपने Index में देखता है कि कौन सी वेबसाइटें आपकी Searching से मिलती-जुलती हैं। फिर वह उन वेबसाइटों को दिखाता है जो उसे सबसे अच्छी लगती हैं।

गूगल यह कैसे तय करता है कि कौन सी वेबसाइट अच्छी है। इसके लिए वह कई चीजों को देखता है, जैसे कि वेबसाइट पर जानकारी कितनी काम की है। वह कितनी आसानी से इस्तेमाल की जा सकती है। और दूसरी वेबसाइटें उस वेबसाइट के बारे में क्या कहती हैं।

यह सब बहुत तेज़ी से होता है। यह एक बहुत ही जटिल प्रक्रिया है। यही कारण है कि How Long Does it Take to Rank on Google? का जवाब देना मुश्किल है, क्योंकि गूगल लगातार अपने इस तरीके को बदलता रहता है ताकि लोगों को सबसे अच्छी जानकारी मिल सके।

Top Google Ranking Factors

Google के पहले पेज पर आने के लिए कुछ अहम बातों का ध्यान रखना बेहद ज़रूरी होता है। आप इसे एक दौड़ की तरह समझ सकते हैं, जहां टॉप पर पहुंचने के लिए कुछ खास नियमों का पालन करना होता है। जो बताते हैं कि कौन जीतेगा। गूगल यह देखता है कि आपकी वेबसाइट कितनी अच्छी है, उस पर लोगों के लिए कितनी काम की बातें हैं, और दूसरी वेबसाइटें आपकी वेबसाइट के बारे में क्या कहती हैं। ये कुछ मुख्य चीजें हैं जो गूगल को यह तय करने में मदद करती हैं कि कौन सी वेबसाइट पहले दिखाई जाएगी। आगे हम इन ज़रूरी चीज़ों के बारे में और जानेंगे।

The Importance of Content in SEO

सोचिए अगर आप किसी दोस्त से कुछ पूछना चाहते है। तो आप किस दोस्त के पास जाएंगे। ज़ाहिर है, उसके पास जिसके पास उस सवाल का जवाब हो। गूगल भी कुछ ऐसा ही करता है। वह उन वेबसाइटों को ऊपर दिखाता है जिनके पास लोगों के सवालों के अच्छे जवाब होते हैं। और ये जवाब वेबसाइट पर लिखे हुए Text, Images या Video के रूप में होते हैं, जिसे हम कंटेंट कहते हैं।

सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि SEO का एक बड़ा हिस्सा क्वालिटी कंटेंट पर आधारित होता है। अगर आपकी वेबसाइट पर डाला गया कंटेंट उपयोगी, जानकारीपूर्ण और आकर्षक नहीं है, तो Google पर टॉप रैंक पाना तो भूल जाओ यही वजह है कि How Long Does it Take to Rank on Google? यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि आपकी वेबसाइट पर कितना अच्छा और उपयोगी कंटेंट है। जितना अच्छा कंटेंट, उतनी ही जल्दी अच्छी रैंकिंग मिलने की संभावना बढ़ जाती है।

तो, अगर आप चाहते हैं कि आपकी वेबसाइट गूगल पर सबसे ऊपर दिखे, तो लोगों के लिए और गूगल की शर्तों के मुताबिक अच्छा और मददगार कंटेंट बनाना शुरू कर दीजिए।

Domain Age SEO Ranking Factor

कई लोग सोचते हैं कि अगर आपकी वेबसाइट पुरानी है, तो वह गूगल पर अपने आप ऊपर आ जाएगी। इसे ऐसे समझें कि जैसे कोई पुराना स्टोर होता है, तो लोग उस पर ज़्यादा भरोसा करते हैं क्योंकि वह लंबे समय से वहाँ पर है।

SEO में कई साल काम करने के दौरान मैंने एक बात खास तौर पर नोट की है। कि पुरानी वेबसाइटों को थोड़ा फायदा ज़रूर मिलता है। ऐसा इसलिए हो सकता है क्योंकि उनके पास समय के साथ ज़्यादा कंटेंट और बैकलिंक्स जमा हो जाते हैं।

लेकिन, सिर्फ़ पुरानी होना ही काफ़ी नहीं है। आपने देखा होगा कि बहुत सारे Keyword पर नई वेबसाइट Top पर रैंक करती है और पुरानी वेबसाइट नई वेबसाइट के नीचे रैंक करती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि वह नई वेबसाइट High Quality Content लिखती है और अपने ब्लॉग का प्रोपर SEO करती है। और अगर आप भी अच्छे से कीवर्ड रिसर्च करते है और अच्छा कंटेंट लिखते है तो वह Definitely रैंक करता ही है।

इसलिए, यह कहना मुश्किल है कि Domain Age ही सब कुछ है। हाँ यह एक छोटा सा SEO का हिस्सा है, लेकिन इससे ज़्यादा ज़रूरी यह है कि आपकी वेबसाइट पर अच्छी जानकारी हो जो लोगों को पसंद आए। यही असली वजह है कि कुछ वेबसाइटें जल्दी रैंक कर जाती हैं, जबकि कुछ को बहुत ज़्यादा समय लगता है। How Long Does it Take to Rank on Google? सिर्फ़ डोमेन कितना पुराना है, उसी पर रैंकिंग तय नहीं होती।

How to Find the Best Keywords for Your Website

कभी आपने सोचा है कि जब आप गूगल पर कुछ ढूंढते हैं, तो आपको वही चीजें क्यों दिखती हैं जो आप ढूंढ रहे थे। यह इसलिए होता है क्योंकि वेबसाइट बनाने वाले लोग उन “Keyword” का इस्तेमाल करते हैं जिन्हें आप लिख कर Search करते हैं।

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Why the right keywords are important सही कीवर्ड क्यों ज़रूरी हैं?

सही कीवर्ड ढूँढना ऐसा है जैसे सही जगह पर निशाना लगाना। अगर आप ऐसे Keyword का इस्तेमाल करते हैं जो लोग सच में गूगल पर Search कर रहे हैं, तो आपकी वेबसाइट उन लोगों तक पहुँचने की ज़्यादा संभावना होती है। और अगर ज़्यादा सही लोग आपकी वेबसाइट पर आयेंगे। तो आपके गूगल पर जल्दी रैंक होने के चांस भी बढ़ जाते हैं। इसीलिए, How Long Does it Take to Rank on Google? यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि आपने कितने सही कीवर्ड चुने हैं।

How to extract the right keywords सही कीवर्ड कैसे निकालें?

एक तरीका है Ahrefs जैसे टूल का इस्तेमाल करना। हालाँकि Ahrefs एक ऐसा टूल है जिसके लिए पैसे लगते हैं, लेकिन इसमें आप फ्री में भी कीवर्ड रिसर्च कर सकते है।

अगर आप मुफ्त कीवर्ड रिसर्च टूल्स ढूंढना चाहते हैं, तो Google पर ‘Free Keyword Research Tool‘ सर्च करें। वहाँ आपको कई ऐसे टूल्स मिलेंगे जिनमें आप कुछ शब्द डालकर देख सकते हैं कि लोग उन्हें कितनी बार सर्च करते हैं और उनसे जुड़े अन्य कीवर्ड भी देख सकते हैं। जो आपकी वेबसाइट से जुड़े हों। ये टूल्स आपको बताएंगे कि उन शब्दों को कितने लोग खोज रहे हैं और उनसे मिलते-जुलते और कौन से शब्द हैं जिन्हें आप इस्तेमाल कर सकते हैं।

सही कीवर्ड ढूँढना आपकी वेबसाइट को उन लोगों तक पहुँचाने का पहला कदम है जो आपकी जानकारी में रुचि रखते हैं। अब आगे हम देखेंगे कि SEO के लिए बैकलिंक्स कैसे बनाते हैं।

Best AI SEO tools 2025

आजकल, ऐसे बहुत से स्मार्ट टूल्स आ गए हैं जिन्होंने SEO में मेरी बहुत मदद की हैं। ये टूल्स आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल करते हैं ताकि हमें यह पता चल सके कि हमारी वेबसाइट को गूगल पर बेहतर दिखाने के लिए क्या करना चाहिए। 2025 में, कुछ बहुत ही कमाल के AI टूल्स हैं जो कीवर्ड रिसर्च, कंटेंट बनाने और वेबसाइट की कमियों को ढूंढने में मदद करते हैं। आगे मैं कुछ ऐसे ही बेहतरीन टूल्स के बारे में बताऊंगा।

Best AI SEO tools 2025 की List

Tools NameTools Work
Surfer SEOकंटेंट को ऑन-पेज SEO के अनुसार ऑप्टिमाइज़ करता है।
FraseAI की मदद से SEO-फ्रेंडली ब्लॉग पोस्ट और कंटेंट ब्रिफ़ तैयार करता है।
Jasper AISEO ऑप्टिमाइज़्ड ब्लॉग पोस्ट और कॉपी लिखने के लिए।
NeuronWriterगूगल के NLP एल्गोरिथ्म के आधार पर कंटेंट प्लान और ऑप्टिमाइज़ेशन करता है।
ScalenutKeyword रिसर्च से लेकर कंटेंट राइटिंग तक का ऑल-इन-वन AI टूल।
Outrankingऑटोमैटिक कंटेंट जनरेशन और SEO प्लानिंग में मदद करता है।
INK EditorSEO स्कोर बढ़ाने और कंटेंट को AI से ऑप्टिमाइज़ करने के लिए।
Clearscopeटॉप-रेटेड कंटेंट ऑप्टिमाइज़ेशन टूल, जो पढ़ने योग्य और SEO फ्रेंडली कंटेंट लिखने में मदद करता है।
MarketMuseकंटेंट रिसर्च, ब्रिफ़, और गेप एनालिसिस के लिए AI-बेस्ड टूल।
Alli AIवेबसाइट पर SEO बदलाव ऑटोमैटिकली करने के लिए एक AI टूल।
Semrush AI Writing Assistantकीवर्ड बेस्ड SEO कंटेंट लिखने के लिए।
WriterZenKeyword क्लस्टरिंग और AI SEO कंटेंट प्लानिंग टूल।
PageOptimizer ProAI की मदद से ऑन-पेज SEO स्कोर सुधारने के लिए।
CanIRankवेबसाइट की रैंकिंग पोटेंशियल को मापने और सुधारने के लिए।
GrowthBarकंटेंट आउटलाइन और AI ब्लॉग पोस्ट जनरेट करने के लिए।

Benefits of updating website content

क्या आप जानते हैं कि अपनी वेबसाइट पर पुरानी जानकारी को बदलते रहना क्यों ज़रूरी है। सोचिए अगर कोई किताब बहुत पुरानी हो जाए, तो उसमें शायद कुछ बातें ऐसी होंगी जो अब सही नहीं हैं। वेबसाइटों के साथ भी ऐसा ही होता है।

अब तक के काम में मैंने एक बात खास तौर पर नोट की है। जो वेबसाइटें अपनी जानकारी को ताज़ा रखती हैं, उन्हें कई फायदे मिलते हैं। सबसे पहले तो, गूगल को यह पसंद आती है। जब आप अपनी वेबसाइट पर नया या बदला हुआ कंटेंट डालते हैं, तो गूगल को लगता है कि आपकी वेबसाइट अभी भी Active है और इस पर अच्छी जानकारी है।

मैंने यह भी देखा है कि ताज़ा कंटेंट अक्सर ज़्यादा लोगों को आकर्षित करता है। अगर आपकी वेबसाइट पर हमेशा नई और उपयोगी चीजें मिलती रहेंगी, तो लोग बार-बार आपकी वेबसाइट पर ही आएंगे।

इससे आपकी वेबसाइट की रैंकिंग भी बेहतर हो सकती है। गूगल उन वेबसाइटों को ऊपर दिखाता है जो लोगों के लिए सबसे अच्छी और ताज़ा जानकारी देती हैं। तो, एक तरह से, अपनी वेबसाइट के कंटेंट को अपडेट करते रहना यह दिखाने का एक तरीका है कि आपकी वेबसाइट अच्छी है, और इससे How Long Does it Take to Rank on Google? इस समय को कम करने में मदद मिल सकती है क्योंकि गूगल आपकी वेबसाइट को ज़्यादा भरोसेमंद मानेगा।

How to build backlinks for SEO

क्या आपने कभी देखा है कि जब कोई मशहूर आदमी किसी चीज़ की तारीफ करता है, तो बहुत से लोग उस पर ध्यान देते हैं? वेबसाइटों के साथ भी कुछ ऐसा ही होता है। जब दूसरी अच्छी और जानी-मानी वेबसाइटें हमारी वेबसाइट को लिंक करती हैं, तो गूगल को लगता है कि हमारी वेबसाइट भी भरोसेमंद है। इन लिंक्स को ही Backlinks कहते हैं।

इन Backlinks आप कैसे पा सकते हैं। इसके कुछ आसान तरीके मैं बता रहा हु।

High Quality Content: अगर आपकी वेबसाइट पर ऐसी जानकारी है जो लोगों के काम की है और कहीं और नहीं मिलती, तो दूसरी वेबसाइटें खुद ही आपको लिंक करना चाहेंगी। यह मेरी आजमाई हुई बात है।

दूसरों से जुड़ें: अपनी फील्ड की दूसरी वेबसाइटों के मालिकों से बात करें। अगर उन्हें आपका काम पसंद आता है, तो वे आपको अपनी साइट से लिंक कर सकते हैं। यह आपसी भरोसे का रिश्ता होता है।

अच्छे बैकलिंक्स बनाने में थोड़ा समय लगता है और इसीलिए How Long Does it Take to Rank on Google? इसका कोई फिक्स जवाब कोई भी नहीं दे पाएगा। जितनी ज़्यादा भरोसेमंद वेबसाइटें आपको लिंक करेंगी, उतना ही बेहतर आपकी रैंकिंग होने की संभावना है।

Importance of internal linking for SEO

कभी-कभी ऐसा होता है कि आपके घर में अलग-अलग कमरे होते हैं, और आप चाहते हैं कि कोई भी आसानी से एक कमरे से दूसरे कमरे में जा सके। वेबसाइटों में भी कुछ ऐसा ही होता है। जिसको इंटरनल लिंकिंग कहते है।इसमें आप अपनी ही वेबसाइट के एक पेज से दूसरे पेज पर लिंक करते है।

SEO के क्षेत्र में सालों तक काम करते हुए मैंने ये अनुभव किया है। कि इंटरनल लिंकिंग SEO के लिए बहुत ज़रूरी है। यह गूगल को आपकी वेबसाइट के अलग-अलग हिस्सों को समझने में मदद करता है। जब आप एक पेज से दूसरे पेज को लिंक करते हैं, तो आप गूगल को बताते हैं कि ये दोनों पेज आपस में जुड़े हुए हैं। इससे दो बड़े फायदे होते हैं।

गूगल के लिए आसान: गूगल के लिए आपकी पूरी वेबसाइट को खोजना और समझना आसान हो जाता है। वह एक लिंक से दूसरे लिंक पर जाकर सभी ज़रूरी जानकारी पा लेता है।

विज़िटर्स के लिए बेहतर: जो लोग आपकी वेबसाइट पर आते हैं, उनके लिए भी यह अच्छा होता है। अगर वे एक चीज़ पढ़ रहे हैं और उन्हें उससे जुड़ी कोई और जानकारी चाहिए, तो वे आसानी से उस लिंक पर क्लिक करके वहाँ पहुँच सकते हैं।

मैंने कई बार देखा है कि अच्छी इंटरनल लिंकिंग वाली वेबसाइटें गूगल पर बेहतर प्रदर्शन करती हैं। यह इसलिए भी ज़रूरी है क्योंकि जब गूगल आपकी पूरी वेबसाइट को आसानी से समझ पाता है, तो Google को यह तय करने में मदद मिलती है कि आपकी वेबसाइट किसी खास Searching के लिए कितनी अच्छी है। और इसी से यह भी तय होता है कि How Long Does it Take to Rank on Google? जितनी अच्छी तरह से आपकी वेबसाइट जुड़ी होगी, उतनी ही आसानी से गूगल उसे समझ पाएगा।

How to Do Technical SEO

अब जब हमें ये समझ में आ गया है कि Technical SEO क्या होता है, तो चलिए अब हम ये जान लेते हैं कि इसे step-by-step कैसे किया जाता है। Technical SEO आपकी वेबसाइट की backend settings से जुड़ा होता है। जैसे कि वेबसाइट की speed, mobile – friendliness, indexing, crawling, और security. इसका main goal होता है कि आपकी वेबसाइट search engines के लिए technically strong हो ताकि वो उसे आसानी से access कर सकें और अच्छी rank दे सकें।

1.Domain Name Easily Accessible Hona Chahiye

अगर आप चाहते हैं कि आपकी वेबसाइट का Technical SEO strong हो, तो सबसे पहले ध्यान रखें कि आपका domain name professional और top-level होना चाहिए। जैसे कि .com, .in, या फिर .org आदि। इसके अलावा, ये ज़रूरी है कि आपकी वेबसाइट www और non-www, दोनों versions से खुले, लेकिन redirect होकर सिर्फ एक ही version पर पहुंचे।

इसका मतलब यह है कि चाहे कोई user आपकी साइट को www.आपकीवेबसाइट.com से खोले या सिर्फ आपकीवेबसाइट.com सर्च करके खोले दोनों situations में site same URL version पर automatically redirect होनी चाहिए। इससे duplicate version की confusion नहीं होगी और आपकी site का SEO impact बेहतर होगा।

2. HTTPS और SSL Certificate को सही तरीके से Install करें

आपने शायद ध्यान दिया होगा कि कुछ websites के URL की शुरुआत http से होती है, जबकि कुछ की https से होती है। यहां पर “s” का मतलब होता है secure यानी ऐसी वेबसाइटें ज़्यादा सुरक्षित होती हैं।

Google भी उन्हीं websites को ज्यादा preference देता है, जिन पर SSL certificate properly installed होता है। SSL certificate आपकी site पर आने वाले visitors की information को encrypt करता है, जिससे उनकी security बनी रहती है।

इसलिए अगर आप चाहते हैं कि आपकी वेबसाइट Google में अच्छा perform करे, तो अपनी साइट को HTTPS पर migrate करें और एक valid SSL certificate जरूर install करें।

3. XML Sitemap को सही तरीके से बनाएं और Submit करें

XML sitemap आपकी वेबसाइट का एक ऐसा नक्शा होता है जो search engine bots को आपकी site के सारे जरूरी पन्नों (URLs) तक पहुंचने में मदद करता है। जब sitemap ठीक से बना होता है, तो Google जैसे सर्च इंजन आपकी साइट को अच्छे से crawl और index कर पाते हैं।

इससे फायदा यह होता है कि आपकी site का कोई भी जरूरी page search results से छूटता नहीं है। इसलिए आपको अपनी वेबसाइट के लिए एक proper XML sitemap बनाना चाहिए।

इस पेज को पब्लिश करने के बाद, यह ज़रूरी है कि आप इसे गूगल सर्च कंसोल में जाकर मैन्युअली सबमिट करें, ताकि सर्च इंजन जल्दी से इसे पहचान सके और इंडेक्स कर सके।

इससे आपकी साइट की visibility बेहतर होती है और ranking में सुधार आने के chances बढ़ जाते हैं।

4. Robots.txt File ko Sahi Tarike Se Optimize Karein

इस फ़ाइल का सही इस्तेमाल करना बेहद जरूरी है, ताकि आपकी वेबसाइट के ऐसे पेज जो ज़रूरी नहीं हैं या प्राइवेट हैं, वे गूगल जैसे सर्च इंजन में शो न हों इस file का सही तरीके से उपयोग करना बहुत जरूरी होता है, ताकि आपकी वेबसाइट पर मौजूद sensitive या non-useful pages सर्च इंजन में ना आएं।

मान लीजिए अगर आपकी वेबसाइट पर कुछ ऐसे pages हैं जो user के transactions या personal information से जुड़े हैं, तो उन pages को public search results में आने की जरूरत नहीं होती। अगर उन्हें भी crawl किया गया, तो privacy का खतरा बढ़ सकता है। इसलिए हमें search engines को यह guide देना होता है कि कौनसे pages को ignore करना है।

इसके लिए ही robots.txt file का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें हम clear instructions देते हैं कि कौनसे URLs crawl करने की अनुमति है और कौनसे URLs को block करना है। अगर यह फ़ाइल सही तरह से कॉन्फ़िगर नहीं की गई, तो आपकी वेबसाइट के कम ज़रूरी पेज भी सर्च इंजन द्वारा क्रॉल किए जा सकते हैं, जिससे आपका क्रॉल बजट फालतू में खर्च हो सकता है।

जरूरी पेज अगर गलती से ब्लॉक हो जाएं, तो सर्च इंजन उन्हें सर्च रिजल्ट्स में नहीं दिखा पाएगा, जिससे आपकी वेबसाइट की पहुंच और ट्रैफिक दोनों पर असर पड़ सकता है। इसीलिए जरूरी है कि आप robots.txt को ध्यान से बनाएँ और समय-समय पर उसे check करके optimize करते रहें।

5. Canonical Tag Ka Upyog Kaise Karein

वेबसाइट के head section में एक खास HTML टैग होता है जिसे Canonical Tag कहा जाता है। इस टैग का काम होता है search engine को ये बताना कि किसी पेज का main (preferred) URL कौन सा है। यानी अगर एक ही जैसा content कई URLs पर उपलब्ध है, तो canonical tag यह तय करता है कि किस URL को search engine index करे।

यह टैग खासतौर पर तब जरूरी होता है जब आपकी वेबसाइट पर एक ही content कई बार duplicate हो जाता है या अलग-अलग URLs से access किया जा सकता है। ऐसी स्थिति में सर्च इंजन को भ्रम हो सकता है कि कौनसा पेज असली है। Canonical tag लगाने से यह समस्या हल हो जाती है।

इस टैग के माध्यम से आप search engine को guide करते हैं कि बस एक ही मुख्य URL को index किया जाए, और बाकी मिलते-जुलते URLs को नजरअंदाज किया जाए। इससे आपकी वेबसाइट की crawl efficiency भी बेहतर होती है और duplicate content की वजह से होने वाली SEO ranking problems से भी बचा जा सकता है।

6. Website Ke Layout Ko Sada Aur Samajhne Layak Rakhein

जब आप अपनी वेबसाइट डिज़ाइन करें, तो इस बात का ध्यान रखें कि उसका layout यानि संरचना जितनी सरल और साफ़ होगी, उतना ही बेहतर SEO और user experience मिलेगा। एक आसान और साफ़ layout न सिर्फ सर्च इंजन को कंटेंट को समझने में मदद करता है, बल्कि विज़िटर को भी नेविगेट करने में आसानी होती है।

बहुत अधिक फैंसी डिजाइन, भारी एनिमेशन या जटिल मेनू इस्तेमाल करने से वेबसाइट धीरे खुल सकती है और विज़िटर को भ्रमित कर सकती है। इससे visitor जल्दी साइट छोड़ सकता है, इसका असर सीधे आपकी वेबसाइट के बाउंस रेट और एग्ज़िट रेट पर पड़ता है, जो कि SEO की दृष्टि से नुकसानदायक साबित हो सकता है।

अगर आपकी वेबसाइट का डिज़ाइन साफ-सुथरा, मोबाइल यूज़र्स के लिए अनुकूल और कंटेंट पर केंद्रित होता है, तो विज़िटर्स उस पर ज़्यादा समय बिताते हैं। इससे यूज़र एंगेजमेंट बेहतर होती है, जो सर्च इंजन को यह बताता है कि आपकी साइट उपयोगी और भरोसेमंद है।

7. Website Ki Loading Speed Ko Hamesha Fast Rakhein

आज के समय में वेबसाइट की लोडिंग स्पीड न सिर्फ़ SEO बल्कि यूज़र के अनुभव के लिए भी बेहद अहम हो गई है। अगर आपकी साइट खुलने में ज़्यादा समय लेती है, तो विज़िटर बिना रुके उसे छोड़ सकते हैं। Slow websites visitors के लिए न केवल असुविधाजनक होती हैं, बल्कि इससे आपकी साइट की Google ranking भी अधिक प्रभावित होती है।

Ideal loading time के लिए, आपकी वेबसाइट को दो से तीन सेकंड के भीतर पूरी तरह से लोड हो जाना चाहिए। यदि आपकी वेबसाइट इतनी जल्दी खुलती है, तो यह SEO के लिए एक सकारात्मक संकेत होता है और user engagement को भी बढ़ाती है।

वेबसाइट की स्पीड को बेहतर बनाने के लिए एक तेज़ और भरोसेमंद वेब होस्टिंग चुनना बहुत ज़रूरी होता है। अच्छी होस्टिंग साइट के लोड होने के समय को काफी हद तक कम कर सकती है, जिससे विज़िटर का अनुभव बेहतर होता है। इसके अलावा, आप image optimization, browser caching, और minification of CSS/JS files जैसी techniques का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

8. Website Ka Mobile Friendly Hona Hai Behad Zaruri

आजकल, अधिकांश लोग इंटरनेट का इस्तेमाल mobile devices पर ही करते हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 75% लोग अपने स्मार्टफोन का उपयोग करके वेबसाइट्स को ब्राउज़ करते हैं। ऐसे में यह बेहद जरूरी है कि आपकी वेबसाइट desktop की तरह mobile-friendly भी हो।

अगर आपकी वेबसाइट डेस्कटॉप पर तो अच्छा प्रदर्शन करती है लेकिन मोबाइल पर सही से काम नहीं करती, तो इसका सीधा असर आपके वेबसाइट ट्रैफिक पर पड़ सकता है। ज़्यादातर यूज़र मोबाइल का इस्तेमाल करते हैं, इसलिए मोबाइल फ्रेंडली वेबसाइट होना बेहद ज़रूरी है। क्योंकि लोग उस पर ज्यादा समय नहीं बिताएंगे। इसलिए, वेबसाइट को mobile-friendly बनाना आज के समय में SEO के लिए भी एक जरूरी factor बन चुका है।

9. Website हमेशा Crawlable होनी चाहिए

अधिकतर लोगों को यह मालूम ही नहीं है, लेकिन सर्च इंजन में किसी भी वेबसाइट को crawl करने के लिए एक निर्धारित budget होता है। यह budget समय (time) और संसाधन (resources) दोनों द्वारा निर्धारित किया जाता है। अगर आपकी वेबसाइट क्रॉल करने के लिए सही तरीके से तैयार नहीं है, तो सर्च इंजन को आपकी वेबसाइट को समझने में दिक्कत हो सकती है।

जब सर्च इंजन का crawler आपकी वेबसाइट पर आता है, तो यह महत्वपूर्ण है कि आपकी वेबसाइट पूरी तरह से crawlable हो। अगर वेबसाइट को अच्छे से क्रॉल नहीं किया जाता है, तो इसका मतलब यह है कि सर्च इंजन के पास limited resources हैं, और यह आपकी वेबसाइट के सारे पेज को ठीक से index नहीं कर पाता। इससे आपकी website की ranking पर भी नकारात्मक असर पड़ता है, क्योंकि सर्च इंजन सिर्फ उन पेजों को दिखाएगा जिन्हें वह अच्छे से क्रॉल और index कर पाया हो।

10. Website Mein Nahi Hone Chahiye Broken Links

कभी-कभी आप किसी वेबसाइट को Open करते हैं और आपको Error 404 जैसे एरर दिखाई देते हैं। यह तब होता है जब वेबसाइट में broken links होते हैं। Broken links ऐसे लिंक होते हैं जो किसी पेज या वेबसाइट से जुड़े होते हैं, लेकिन वे अब मौजूद नहीं होते या सही तरीके से काम नहीं करते। यह technical SEO के लिए एक बड़ी समस्या बन सकता है।

अगर आपकी वेबसाइट में इस तरह के लिंक हैं, तो यह न केवल आपकी वेबसाइट को खराब बनाता है, बल्कि इससे सर्च इंजन के crawlers को भी आपके पेज को सही तरीके से समझने में मुश्किल होती है। इसलिए, यह जरूरी है कि आप नियमित रूप से अपनी वेबसाइट की broken links की जांच करें और उन्हें ठीक करें।

आप broken links को Google Search Console या अन्य SEO tools की मदद से आसानी से पहचान सकते हैं। अगर आपको कोई broken link मिले, तो उसे redirect करें या फिर उसे पूरी तरह से हटा दें। ऐसा करने से आपकी वेबसाइट पर ट्रैफिक बनाए रखने में मदद मिलती है और आपकी वेबसाइट की Ranking भी बेहतर होती है।

11. Spam Score Hamesha Kam Rakhna Chahiye

अगर आपकी वेबसाइट पर bad backlinks यानी खराब बेकलिंक्स होते हैं, तो धीरे-धीरे आपकी वेबसाइट का spam score बढ़ने लगता है। यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें आपकी वेबसाइट को Google और अन्य सर्च इंजन penalize कर सकते हैं। जब आपकी वेबसाइट का spam score ज्यादा होता है, तो इसकी search engine ranking गिरने लगती है और समय के साथ आपकी वेबसाइट पर ट्रैफिक भी कम हो जाता है।

इसके लिए जरूरी है कि आप अपनी वेबसाइट पर backlink audit करें और किसी भी toxic backlinks को पहचानें। अगर आपको कोई bad backlinks मिलें, तो आपको उन्हें disavow करना चाहिए। Google Disavow Tool की मदद से आप खराब बैकलिंक्स को disavow कर सकते हैं, जिससे आपकी वेबसाइट का spam score कम हो जाता है और search engine ranking बेहतर होती है।

12. Website Mein Add Karein Schema Markup

अगर आप चाहते हैं कि आपकी वेबसाइट Google के featured snippets या People Also Ask बॉक्स में दिखाई दे, तो इसके लिए आपको अपनी वेबसाइट में Schema Markup जोड़ना चाहिए। Schema Markup एक प्रकार का structured data होता है जो सर्च इंजन को आपकी वेबसाइट के बारे में और अधिक जानकारी प्रदान करता है।

Schema Markup का इस्तेमाल करके आप अपनी वेबसाइट के विभिन्न हिस्सों को बेहतर तरीके से search engines को समझा सकते हैं, जैसे कि आपके business details, products, reviews, events, और अन्य प्रकार की जानकारी। इससे सर्च इंजन आपकी साइट की सामग्री को अच्छे से समझ पाते हैं, जिससे यूज़र्स को उनकी क्वेरी से जुड़ी ज्यादा उपयोगी और सटीक जानकारी मिलती है।

इसे अपनी वेबसाइट में जोड़ने के लिए, आप SEO plugins का इस्तेमाल कर सकते हैं जैसे कि Yoast SEO या Rank Math। ये plugins Schema Markup को आपकी वेबसाइट में आसानी से जोड़ने में मदद करते हैं, जिससे आपकी वेबसाइट search results में और अधिक prominent हो सकती है।

13. Google Search Console Ke Errors Ko Turant Theek Karein

आपकी वेबसाइट की SEO सेहत का आकलन करने के लिए Google Search Console एक अत्यंत महत्वपूर्ण साधन है। अपनी वेबसाइट को इस पर जोड़कर, आप यह अवलोकन कर सकते हैं कि आपकी वेबसाइट में कौन से errors आ रहे हैं। यह टूल आपको अपनी वेबसाइट के प्रदर्शन को सुधारने के लिए valuable insights प्रदान करता है।

अगर आपके Google Search Console में कोई error दिखाई दे रहा है, तो उसे नजरअंदाज करना या छोड़ देना सही नहीं है। Errors का समय रहते समाधान करना अधिक महत्वपूर्ण है, ताकि आपकी वेबसाइट crawlable और indexable बनी रहे। अगर आप किसी error को जल्दी ठीक करते हैं, तो यह technical SEO को सुधारने में मदद करता है और आपकी वेबसाइट की ranking पर सकारात्मक असर डालता है।

SEO for new websites

अगर आपकी वेबसाइट अभी-अभी बनी है, तो उसे गूगल की नज़रों में आने में थोड़ा समय लग सकता है। यह कुछ ऐसा है जैसे आप एक नए स्कूल में जाते हैं। तो लोगों को आपको जानने में थोड़ा वक्त लगता है।

नई वेबसाइटों के लिए SEO का मतलब है कुछ ऐसी बुनियादी चीजें करना जिससे गूगल आपकी वेबसाइट को आसानी से ढूंढ सके और समझ सके कि यह किस बारे में है। इसमें सबसे पहले ज़रूरी है अच्छा कंटेंट डालना। ऐसी जानकारी जो लोगों के काम की हो।

फिर, आपको यह देखना होता है कि आपकी वेबसाइट तकनीकी रूप से ठीक है या नहीं, जैसे कि वह तेज़ी से खुलती है और मोबाइल पर भी ठीक से दिखती है।

शुरुआत में, बड़ी और पुरानी वेबसाइटों से मुकाबला करना थोड़ा मुश्किल हो सकता है। इसीलिए, How Long Does it Take to Rank on Google? इसका जवाब नई वेबसाइटों के लिए थोड़ा मुश्किल हो सकता है। लेकिन, सही तरीके से काम करने पर, धीरे-धीरे आपकी वेबसाइट भी अपनी जगह बना सकती है।

How to Rank Website Fast On Google

हर व्यक्ति चाहता है कि उसकी वेबसाइट Google पर जल्दी से अच्छी रैंक हासिल करे। हालांकि ऐसा कोई जादुई तरीका नहीं है जिससे यह तुरंत हो जाए, फिर भी कुछ कारगर उपाय हैं जिनकी मदद से रैंकिंग में तेजी लाई जा सकती है। जिनसे आप अपनी वेबसाइट की रैंकिंग की रफ़्तार बढ़ा सकते हैं। इसमें High Quality Content का बनाना, अपनी वेबसाइट को तकनीकी रूप से दुरुस्त रखना, और लोगों तक अपनी वेबसाइट को पहुँचाना शामिल है। आगे हम इन्हीं तरीकों के बारे में विस्तार से बात करेंगे।

How to Promote a Blog Post On Social Media

मान लीजिए आपने एक शानदार आर्टिकल लिखा है, लेकिन अब लोगों को इसके बारे में पता कैसे चलेगा। सोशल मीडिया एक बहुत अच्छी जगह है जहाँ आप अपनी पोस्ट को ज़्यादा से ज़्यादा लोगों तक पहुँचा सकते हैं। सही तरीके से शेयर करके और लोगों से जुड़कर, आप अपनी पोस्ट पर खूब सारे व्यूज़ ला सकते हैं। आगे हम जानेंगे कि सोशल मीडिया पर अपनी ब्लॉग पोस्ट को कैसे बढ़ावा दें।

How Long Does it Take to Rank on Google?

Facebook

Facebook दुनिया का सबसे बड़ा सोशल मीडिया Platform बन चुका है और ब्लॉग प्रमोशन के लिए यह एक बेहद प्रभावशाली माध्यम साबित होता है। इसके जरिए आप न सिर्फ अपने ब्लॉग पोस्ट्स को शेयर कर सकते हैं, बल्कि अपनी एक Loyal Audience भी बना सकते हैं। आज भी करोड़ों लोग हर दिन Facebook का उपयोग करते हैं, इसलिए यहां आपके ब्लॉग को वायरल होने का भरपूर मौका मिलता है।

जब भी आप कोई नया ब्लॉग पोस्ट पब्लिश करें, तो आप उसे अपनी Facebook प्रोफाइल, अपने Facebook Page और संबंधित Facebook Groups में शेयर कर सकते हैं। प्रोफाइल पर शेयर करने से आपके फ्रेंड्स और जान-पहचान वाले लोग पढ़ सकेंगे, जबकि Page और Groups के ज़रिए आप एक बड़ी, Targeted Audience तक पहुँच सकते हैं। ध्यान दें कि पोस्ट करते समय एक आकर्षक कैप्शन और थंबनेल ज़रूर जोड़ें, ताकि लोग उस पर क्लिक करें।

Facebook का Insights टूल आपको यह जानने में मदद करता है कि आपके पोस्ट्स कितने लोगों तक पहुंचे, कितनों ने क्लिक किया, शेयर किया या कमेंट किया। ये आंकड़े यह तय करने में आपकी मदद करते हैं कि किस तरह का कंटेंट आपकी ऑडियंस को सबसे ज़्यादा पसंद आ रहा है। Insights के आधार पर आप अपने पोस्टिंग टाइम और Content Strategy में बदलाव कर सकते हैं।

Facebook Groups ब्लॉगर्स के लिए एक बेहतरीन जगह हैं जहाँ आप अन्य कंटेंट क्रिएटर्स से जुड़ सकते हैं, अपने ब्लॉग पोस्ट्स शेयर कर सकते हैं और अपने niche से जुड़ी जानकारियाँ हासिल कर सकते हैं। कुछ पॉपुलर ब्लॉगिंग ग्रुप्स जैसे की Bloggers of India, SEO & Blogging Help, WordPress Tips & Tricks में जुड़कर आप न सिर्फ ट्रैफिक बढ़ा सकते हैं, बल्कि Collaboration के भी मौके मिल सकते हैं।

अगर आप अपने ब्लॉग को एक मजबूत ब्रांड बनाना चाहते हैं, तो एक समर्पित फेसबुक पेज बनाना बहुत जरूरी है। इस पेज पर आप लगातार ब्लॉग की नई पोस्ट, रील्स, वीडियो, पोल और छोटे-छोटे उपयोगी टिप्स साझा कर सकते हैं। आप चाहें तो Facebook Ads के ज़रिए अपने ब्लॉग पोस्ट को प्रमोट कर सकते हैं और पेड ट्रैफिक भी ला सकते हैं।

Instagram

Instagram आज के समय में सबसे लोकप्रिय और तेज़ी से बढ़ता हुआ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म है, खासकर युवाओं और क्रिएटिव ऑडियंस के बीच। अगर आपका ब्लॉग फैशन, ट्रैवल, फूड, पर्सनल डेवलपमेंट, हेल्थ, फिटनेस या एजुकेशन जैसे विषयों से जुड़ा है, तो Instagram आपके कंटेंट को प्रमोट करने का शानदार जरिया बन सकता है।

आप अपने हर ब्लॉग पोस्ट से जुड़ी एक आकर्षक इमेज या छोटा वीडियो तैयार करें और उसे Instagram पर शेयर करें। साथ ही, हर पोस्ट के कैप्शन में आप ब्लॉग का शीर्षक, उसका छोटा सा सारांश और एक प्रभावी कॉल टू एक्शन (CTA) जैसे पूरा आर्टिकल पढ़ने के लिए बायो में दिए गए लिंक पर क्लिक करें जरूर शामिल करें। इससे यूज़र्स को आगे बढ़ने की दिशा मिलती है और ट्रैफिक बढ़ता है।

Instagram पर #Hashtags बहुत ही महत्वपूर्ण होते हैं क्योंकि इनके ज़रिए आपकी पोस्ट उन लोगों तक भी पहुँचती है जो आपको फॉलो नहीं करते है। आप अपने ब्लॉग के Niche से संबंधित पॉपुलर और टारगेटेड हैशटैग का इस्तेमाल करें। जैसे अगर आपका ब्लॉग ट्रैवल पर है तो #TravelBlogger #ExploreMore #Wanderlust जैसे हैशटैग का इस्तेमाल करें।

Instagram पर कई सक्रिय ब्लॉगर्स हैं जो रील्स, ग्राफिक्स पोस्ट्स और लाइव सेशन्स के ज़रिए लगातार अपने कंटेंट को प्रमोट कर रहे हैं। आप इनमें से संबंधित ब्लॉगर्स के साथ सहयोग कर सकते हैं ताकि आपकी पहुंच भी नए दर्शकों तक हो सके और आपके ब्लॉग को ज़्यादा एक्सपोज़र मिले। एक-दूसरे की पोस्ट्स शेयर कर सकते हैं या Guest Live सेशन्स कर सकते हैं जिससे आपकी पहुँच और विश्वसनीयता दोनों बढ़ेंगी।

Twitter (X)

Twitter आज के डिजिटल युग में एक ऐसा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म है जो रियल टाइम कम्युनिकेशन और तेज़ी से जानकारी फैलाने के लिए जाना जाता है। अगर आप एक ब्लॉगर हैं, तो Twitter आपके ब्लॉग पोस्ट को एक बड़े और विविध ऑडियंस तक पहुंचाने का एक बेहतरीन तरीका बन सकता है। इसकी खासियत यह है कि आप छोटे, आकर्षक और पॉइंट-टू-पॉइंट ट्वीट्स के माध्यम से लोगों का ध्यान अपनी ओर खींच सकते हैं।

हर बार जब आप कोई नया ब्लॉग प्रकाशित करें, तो उसकी मुख्य बातों का एक छोटा-सा सारांश 2 से 3 पंक्तियों में तैयार करें और उसे ट्विटर पर साझा करें। साथ ही, उस पोस्ट का लिंक भी जोड़ें ताकि पाठक आसानी से पूरी जानकारी तक पहुँच सकें। अपने ट्वीट में niche-relevant हैशटैग शामिल करना न भूलें ताकि आपका कंटेंट ज्यादा लोगों तक पहुंच पाए। आप चाहें तो ट्वीट के साथ कोई आकर्षक इमेज या GIF भी जोड़ सकते हैं ताकि Engagement और क्लिक-Through rate बढ़ जाए।

Twitter का अपना एक इनबिल्ट एनालिटिक्स टूल होता है, जिसकी मदद से आप यह जान सकते हैं कि आपके ट्वीट्स पर कितने View आए (Impressions), कितनों ने क्लिक किया, कितने लोगों ने रीट्वीट या लाइक किया। यह डेटा आपके लिए बहुत काम का होता है, क्योंकि इसके आधार पर आप यह तय कर सकते हैं कि किस तरह का कंटेंट आपके Audience को ज़्यादा पसंद आ रहा है।

Twitter सिर्फ प्रमोशन का प्लेटफॉर्म नहीं है, बल्कि यह एक Community बनाने का मौका भी देता है। आप अपने जैसे अन्य ब्लॉगर्स को फॉलो कर सकते हैं, उनके ट्वीट्स पर प्रतिक्रिया दे सकते हैं और उनसे नेटवर्किंग कर सकते हैं। कभी-कभी Twitter chats या threads के ज़रिए आप Collaborations भी शुरू कर सकते हैं, जिससे दोनों पक्षों को फायदा होता है।

How to index my site on google

कभी आपने सोचा है कि गूगल को कैसे पता चलता है कि आपकी वेबसाइट भी इंटरनेट पर है। इसके लिए आपको अपनी वेबसाइट को गूगल के पास Register करवाना होता है, जिसे Indexing कहते हैं। इंडेक्सिंग का मतलब है कि गूगल आपकी वेबसाइट को अपनी लिस्ट में शामिल कर लेता है ताकि जब कोई कुछ खोजे तो वह आपकी वेबसाइट को भी दिखा सके।

एक तरीका है Google Search Console का इस्तेमाल करना। यह गूगल का एक मुफ्त टूल है जो वेबसाइट मालिकों के लिए बनाया गया है। इसमें आप अपनी वेबसाइट को गूगल को बता सकते हैं और यह भी देख सकते हैं कि गूगल को आपकी वेबसाइट के कौन से पेज मिले हैं।

Search Console में, आप एक Sitemap सबमिट कर सकते हैं। साइटमैप आपकी वेबसाइट के सभी पेजों की एक तरह की लिस्ट होती है, जिससे गूगल को आपकी पूरी वेबसाइट को आसानी से खोजने में मदद मिलती है।

इसके अलावा, जब दूसरी वेबसाइटें आपकी वेबसाइट को लिंक करती हैं, तो यह भी गूगल को आपकी साइट ढूंढने में मदद करता है।

एक बार जब आपकी वेबसाइट इंडेक्स हो जाती है, तो यह गूगल के खोज परिणामों में दिखने लगती है। लेकिन How Long Does it Take to Rank on Google? यह Index होने के बाद शुरू होता है। इंडेक्सिंग पहला कदम है, और फिर आपको अपनी वेबसाइट को लोगों के लिए उपयोगी बनाना होता है ताकि वह ऊपर रैंक कर सके।

Conclusion

तो दोस्तों, हमने इस पूरे लेख में यह जाना कि गूगल पर रैंक करना कोई रॉकेट साइंस नहीं है, लेकिन इसमें थोड़ा टाइम और सही तरीके अपनाने पड़ते हैं। How Long Does it Take to Rank on Google? इसका सीधा जवाब तो अभी भी मुश्किल है। कभी लगता है कि सब कुछ सही कर रहे हैं, फिर भी थोड़ा इंतज़ार करना पड़ता है। मेरे अपने Experience से यही सीखा है कि असली चाबी है तभी मिलती है जब आप अच्छा कंटेंट बनाते रहते है ऐसा कंटेंट जो लोगों को सच में पसंद आए और उनकी Help करे। बाकी गूगल अपना काम करता रहेगा।

अगर आपको यह सब पढ़कर थोड़ा भी अच्छा लगा हो या कुछ नया सीखने को मिला हो, तो Please इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ शेयर ज़रूर करना। आपकी थोड़ी सी हेल्प मुझे और भी ऐसे ही बातें करने के लिए Motivate करती रहेगी।

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