Introduction
जब मैंने पहली बार ब्लॉगिंग शुरू की थी, तो मुझे बिल्कुल समझ नहीं आता था कि High Quality Content क्या होता है और इसे कैसे लिखा जाता है। बस मन में यही चलता रहता था कि लिखना तो सबको आता है, फिर गूगल किसी को ऊपर दिखाता है और किसी को दिखाता ही नहीं, ऐसा क्यों है। लेकिन धीरे-धीरे जब मैंने खुद सैकड़ों आर्टिकल लिखे, गूगल में रैंक होते देखे और दूसरों के ब्लॉग को भी ध्यान से पढ़ा, तब जाकर समझ आया कि सिर्फ लिखने से कुछ नहीं होता है High Quality Content लिखना आना चाहिए।
अगर आप भी सोच रहे हैं कि High Quality Content कैसे लिखा जाता है? या फिर क्या इसका कोई तरीका है जिससे ब्लॉग पोस्ट SEO में ऊपर आ सके?, तो इस आर्टिकल में मैं अपने पूरे अनुभव से बताऊंगा कि मैंने खुद क्या सीखा है और किस तरह से आप भी एक शानदार आर्टिकल लिख सकते हैं जिसे लोग भी पसंद करें और गूगल भी पसंद करे।
मैं पिछले कई सालों से ब्लॉगिंग कर रहा हूँ और इस दौरान मैंने जो सबसे जरूरी चीज सीखी है, वो है Plagiarism – free content बनाना और ब्लॉग पोस्ट को ऐसे Structure में लिखना कि वो साफ-सुथरा लगे, आसान हो और हमेशा पढ़ने लायक रहे। यही वजह है कि मैं आज आपको अपना वो तरीका बताने जा रहा हूँ जो मैं खुद हर पोस्ट में इस्तेमाल करता हूँ।
तो अगर आप ब्लॉगिंग की शुरुआत कर रहे हैं या पहले से लिखते हैं लेकिन रैंकिंग नहीं मिल रही, तो इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़िएगा। क्योंकि यहाँ सिर्फ बातें नहीं होंगी, बल्कि वो सारी चीजें मिलेंगी जो आपको एक भरोसेमंद, असरदार और Class – A लेवल का कंटेंट लिखने में मदद करेंगी।
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What is High Quality Content
जब भी कोई कुछ पढ़ता है, तो वो चाहता है कि उसे वो बात जल्दी से समझ में आ जाए और पढ़ते-पढ़ते मन में कोई सवाल ही न बचे। अब यही बात ब्लॉग पोस्ट पर भी लागू होती है। अगर आप कुछ ऐसा कंटेंट लिखते हो जो सीधा, साफ और लोगों की मदद करने वाला हो, तो वही High Quality Content होता है।
मैने जब पहले आर्टिकल लिखने शुरू किए थे तो मुझे लगता था कि ज्यादा शब्द लिख देना ही बढ़िया कंटेंट होता है। लेकिन धीरे-धीरे समझ आया कि असली बात तो यह है कि जो लिखा जाए, वो किसी के काम आए और पढ़ने वाले को उसके सवाल का जवाब भी मिल जाना चाहिए।
Free Blogging Classes के इस हिस्से में मैं आपको ये समझाने की कोशिश करूंगा कि ऐसा कंटेंट कैसे लिखा जाए जो बिलकुल सच्चा लगे और दिखावे से दूर हो। कि बस गूगल को खुश करने के लिए लिखा गया है। एक अच्छा कंटेंट तो ऐसा होता है जिसे कोई बच्चा भी पढ़े, तो उसे समझ आ जाए। और ऐसा लगे जैसे कोई उससे सामने बैठकर बात कर रहा हो।
विश्वास कमाने के लिए जरूरी है कि आप जो कह रहे हो, वो सच्चा हो। फालतू की बातों से दूर रहना चाहिए। जब आप अपने शब्दों से किसी को उसकी परेशानी से बाहर निकालते हो, तो वहीं से आपका भरोसा बनता है। और जब भरोसा बनता है, तो लोग बार-बार आपकी वेबसाइट पर आना चाहते हैं।
अब जब ये बात साफ हो ही गई है कि एक अच्छा ब्लॉग पोस्ट कैसा होना चाहिए और पढ़ने वाले को उसे पढ़ते वक्त क्या महसूस होना चाहिए, तो चलिए अब आगे बढ़ते हैं एक और जरूरी टॉपिक की तरफ तो अगला सवाल अपने आप खड़ा हो जाता है। अब हम ऐसा कंटेंट कैसे लिखें। चलिए, अब इस तरह का कंटेंट भी लिखना सीखते हैं।
How to Write High Quality Content for Blog
जब कोई कुछ अच्छा लिखने बैठता है, तो उसके दिमाग में सबसे पहले यही आता है कि कैसे लिखा जाए ताकि पढ़ने वाला हर एक शब्द से जुड़ जाए। लिखना सिर्फ शब्द जोड़ना नहीं होता, बल्कि ये एक तरीका होता है सामने वाले से बात करने का।
इसलिए जब मैं Free Blogging Classes में अपने Students को यह सिखाता हूं कि अच्छा ब्लॉग कैसे लिखा जाए, तो सबसे पहली बात यही कहता हूं। जो भी लिखो, सोच समझ कर और अच्छे से रिसर्च करके लिखो।
अगर आप जो लिख रहे हैं, उस पर खुद गंभीर नहीं हो, तो सामने वाला क्यों पढ़ेगा? इसलिए लिखने से पहले थोड़ी देर रुकिए और सोचिए। क्या ये बात वाकई किसी के काम आ सकती है?
टॉपिक चुनने से पहले सोचें कि वो आपको कितना पसंद है। अगर पसंद है, तो उस पर थोड़ा रिसर्च कीजिए। मतलब गहराई से समझिए कि लोग इस टॉपिक पर क्या-क्या जानना चाहते हैं। फिर उस जानकारी को अपने शब्दों में, बहुत ही आसान ढंग से लिखिए।
जब रिसर्च पूरी हो जाए और आप समझ जाएं कि आपको क्या कहना है, तो फिर लिखना शुरू कीजिए। बीच-बीच में रुकिए, दोबारा पढ़िए, और फिर सोचिए। क्या इसमें कुछ कमी है? जब आप ऐसा सोचने ओर करने लगते हैं, तो आपके कंटेंट में अपने आप सुधार आने लगता है।
जैसे मैं अपने हर आर्टिकल को पब्लिश करने से पहले दो बार जरूर पढ़ता हूं। एक बार लिखने के थोड़ी देर बाद, ओर दोबारा पब्लिश करने से पहले पड़ता हु। ताकि दिमाग ताजा रहे और समझ आ सके कि कहां कुछ बदलने की जरूरत है।
अब बात Headings की करते हैं। जब आप अपने कंटेंट में छोटे-छोटे टाइटल डालते हैं, जैसे H2 और H3, तो उससे पाठकों को हर हिस्से का मतलब जल्दी समझ में आता है। जैसे आप कोई किताब पढ़ते हैं जिसमें हर नए चैप्टर का नाम होता है।
पैराग्राफ को छोटा रखिए। बहुत सारी बातें एक ही जगह कहने से पाठक उलझ जाते हैं। हर नई सोच या नया बिंदु नए पैराग्राफ से शुरू कीजिए।
किसी भी लेख की शुरुआत बहुत जरूरी होती है। अगर आप शुरुआत ही बोरिंग लाइन लिख देंगे, तो पाठक आगे पढ़ना ही नहीं चाहेंगे। इसलिए हमें अपने आर्टिकल का Introduction ऐसा लिखना चाहिए जिससे रीडर्स उसको पढ़ते ही आगे का पूरा आर्टिकल पढ़ना चाहे।
हेडिंग ऐसी हो कि पढ़ते ही समझ में आ जाए कि पूरी बात किस बारे में है। जैसे आप अगर लिख रहे हैं कि आर्टिकल कैसे लिखे, तो इससे साफ दिखता है कि लेख में क्या मिलेगा।
जब आपका आर्टिकल तैयार हो जाए, तो अपने दोस्तों को भेजिए। उनसे कहिए कि सच में बताएं। क्या ये अच्छा है। अगर अच्छा नहीं है, तो इसमें क्या बदलें इससे आपकी सोच और भी मजबूत हो जाएगी।
कभी भी सिर्फ पैसा कमाने के लिए मत लिखिए। जब आप किसी की प्रॉब्लम को सॉल्व करने के लिए कुछ लिखते है, तो पढ़ने वाले को मजा आता है। और यही मजा उसे बार-बार आपके पास खींच कर लाता है।
एक ही बार में पूरा लेख न लिखने से बचे। क्योंकि इससे आपका आर्टिकल अच्छा नहीबलिख जाता है। आपको बीच – बीच में थोड़ा रुकना है। इससे आप अपने लेख में नई जान डाल सकते हैं।
व्याकरण यानी भाषा की शुद्धता पर ध्यान देना बहुत जरूरी होता है। अगर कुछ समझ न आए, तो Google Translate या किसी ऐप का सहारा लीजिए। और किताबें पढ़ते रहिए। आपकी भाषा बेहतर होती जाएगी।
आर्टिकल को बहुत आसान भाषा में लिखिए। आपके रीडर्स को ऐसा न लगना चाहिए कि उन्हें कोई पहेली सुलझानी पड़ रही है।
अगर आप हर दिन एक लेख लिखते हैं लेकिन उसमें ऊपर बताई गई बातों का पालन नहीं होता है, तो उससे अच्छा हफ्ते में एक बार एक लेख लिखिए। लेकिन ऊपर वाली सभी बातों को ध्यान में जरूर रखे।
अपने आर्टिकल के जरूरी शब्दों या बातों को Bold, Italic या Underline जैसे तरीकों का इस्तेमाल करे। जिससे रीडर्स को बहुत सी जानकारी उन कुछ शब्दों या लाइन से ही मिल जाती है।
और अगर बात कुछ ज़्यादा जटिल हो, तो कंटेंट में उसका Picture या Screenshot जरूर दीजिए। एक फोटो कभी-कभी सौ शब्दों से ज़्यादा कह जाती है।
अब जब आपने यह सब जान लिया है, और इन सब बातों को ध्यान में रख कर कंटेंट बनाते है तो यकीन मानिए। अब आपकी उंगलियां वो लिख सकती हैं जो दिल को छू जाए।
How to Structure a Blog Post for SEO
जब कोई बच्चा स्कूल में पहली बार निबंध लिखता है, तो उसकी टीचर सबसे पहले यही समझाती है कि निबंध की शुरुआत कैसे होनी चाहिए, बीच में क्या लिखा जाए और आखिर में उसे कैसे खत्म किया जाए। ठीक वैसे ही, एक अच्छा ब्लॉग पोस्ट लिखते समय भी हमें उसे एक सही तरीके से बनाना होता है। ये तरीका ही हमारे पोस्ट का SEO करता है।
अब बात सीधी है। अगर आपने अपनी बातें ठीक से जमाई हैं, तो Google भी उसे अच्छे से समझ पाएगा। और जब Google समझेगा, तभी तो वो उसे औरों को दिखाएगा। और जब बात एक दमदार SEO ब्लॉग पोस्ट की आती है, तो उसका ढांचा कुछ ऐसा होता है जो नज़र को भाए और दिमाग में बैठ जाए।
Introduction (परिचय)
यहाँ आप अपने रीडर को उस टॉपिक के बारे में बताते हैं जिसके बारे में आप लिखने जा रहे हैं। लेकिन ध्यान रहे, ये ऐसा नहीं होना चाहिए कि आज हम जानेंगे ब्लॉग कैसे बनाते हैं। ये स्कूल के निबंध की तरह लगेगा।
बल्कि, तुम्हे कोई एक CTA के साथ बात शुरू करनी हैं जैसे क्या तुमने भी कभी सोचा है कि कुछ आर्टिकल Google में पहले नंबर पर क्यों आते हैं। बस इतना कहना ही काफी है रीडर को खींचने के लिए।
Main Body (मुख्य भाग)
इसमें आप अपनी बातों को धीरे-धीरे, एक-एक करके छोटे-छोटे पैराग्राफ में बाँटते हो। और जहाँ ज़रूरत हो, वहाँ प्वाइंट्स की मदद भी ले सकते हो ताकि बातें और भी साफ़ और सीधी समझ में आएं।
Conclusion (निष्कर्ष)
जब आपका पूरा कंटेंट हो जाए, तो अपने यूजर्स से पूछिए कि आपने इस आर्टिकल को पढ़कर कुछ सिखा है या नहीं इस तरह का की बाते लिखे जिससे अगर उसके मन में कोई सवाल रह गया हो तो वह कमेंट करके पूछ सके।
FAQs (जिस टॉपिक पर आपने कंटेंट लिखा है उससे रिलेटेड अक्सर पूछे जाने वाले सवाल का जवाब नीचे अलग से दे।)
जैसे –
Q1: क्या हर ब्लॉग पोस्ट में यही स्ट्रक्चर जरूरी है?
हाँ, थोड़ा-बहुत बदलाव कर सकते हैं, लेकिन ये स्ट्रक्चर हर बार काम करता है।
Q2: SEO के लिए ये सब जरूरी क्यों है?
क्योंकि इससे Google समझ पाता है कि आपने किस बारे में लिखा है। और जब उसे समझ आता है, तभी वो आपकी पोस्ट को ऊपर दिखाता है।
Q3: क्या Free Blogging Classes से हम ब्लॉगिंग सीख सकते हैं?
बिलकुल! हम वहां यही सब सिखाते हैं, और वो भी आसान भाषा में।
What is Plagiarism Free Content
कभी आपने स्कूल में होमवर्क किया है और आपका दोस्त भी वही लिखकर ले आया हो? टीचर को तुरंत पता चल जाता है कि दोनों ने एक दूसरे की कॉपी की है, है ना? इंटरनेट पर भी ऐसा ही होता है। जब आप अपने ब्लॉग के लिए कुछ लिखते हैं, तो यह ज़रूरी है कि वह आपका अपना हो, किसी और की कॉपी न हो। इसी को Plagiarism Free Content कहते हैं।
Plagiarism का मतलब होता है किसी और के लिखे हुए, और बनाए हुए काम को अपना बताना। यह बिल्कुल गलत है, इंटरनेट पर यह और भी आसान हो जाता है, क्योंकि आप आसानी से किसी और की लिखे हुए कंटेंट को कॉपी करके अपने ब्लॉग पर डाल सकते हैं। लेकिन ऐसा करना ठीक नहीं होता है।
जब आप अपने ब्लॉग के लिए खुद से लिखते हैं, अपने विचारों को अपने शब्दों में डालते हैं, तो वह Plagiarism Free Content होता है । यह Original होता है, यानी यह पहली बार आपके द्वारा ही बनाया गया है।
Plagiarism-free कंटेंट वही होता है जो आप खुद सोचकर, अपने अंदाज़ में लिखते हो। किसी और की नकल किए बिना। अब सवाल ये है कि ऐसा कंटेंट लिखा कैसे जाता है? चलिए, ये भी धीरे-धीरे समझ लेते हैं।
How to Write Plagiarism-Free Content
तो, हमने यह तो समझ लिया कि Plagiarism क्या होता है। अब सवाल यह है कि हम ऐसा कंटेंट कैसे लिखें जो पूरी तरह से हमारा अपना हो, किसी और की कॉपी न हो?
सबसे आसान तरीका तो यही है कि आप जो भी लिखें, वह अपने विचारों और अपने शब्दों में लिखें। अगर आप किसी और से कोई जानकारी लेते भी हैं, तो उसे सीधे-सीधे कॉपी मत कीजिए। बल्कि, उसे पढ़िए, समझिए और फिर अपनी भाषा में लिखिए।
मैंने हमेशा यही किया है। जब भी मुझे किसी चीज़ के बारे में लिखना होता है, तो मैं पहले उसके बारे में थोड़ा पढ़ लेता हूँ ताकि मुझे जानकारी मिल जाए। लेकिन फिर मैं उस बात को अपने तरीके से, अपनी ही भाषा में लिखता हूँ। और उसके बाद एक प्लेज़रिज़्म चेक करने वाले टूल से उसे एक बार ज़रूर चेक कर लेता हूँ।
आप यह भी चेक कर सकते हैं कि आपका लिखा हुआ कंटेंट Plagiarism Free है या नहीं। इसके लिए बहुत सारे ऑनलाइन टूल्स मौजूद हैं। लेकिन मैं Personaly Duplichecker का इस्तेमाल करता हु क्योंकि यह मुझे सबसे अच्छा लगता है और अगर आप इसको फ्री में इस्तेमाल करना चाहते है तो फ्री में भी कर सकते है। आप इस पर अपना टेक्स्ट डालकर देख सकते हैं कि कहीं यह किसी और से मिलता-जुलता तो नहीं है।
Evergreen Content vs Trending Content
क्या आपने कभी ऐसे गाने सुने हैं जो चाहे कितने भी पुराने क्यों न हों, फिर भी हर बार सुनने वाले के दिल को छू जाते हैं? और कुछ गाने ऐसे होते हैं जो कुछ समय के लिए बहुत मशहूर होते हैं, लेकिन फिर लोग उन्हें भूल जाते हैं। ब्लॉगिंग में भी कुछ ऐसा ही होता है। कुछ कंटेंट Evergreen होता है और कुछ Trending होता है।
कुछ बातें ऐसी होती हैं जो चाहे जब भी पढ़ो, हमेशा काम की लगती हैं। जैसे लोग हमेशा ये जानना चाहेंगे कि ब्लॉग से पैसे कैसे कमाए जाएं। ऐसा ही कंटेंट जो टाइम के साथ भी पुराना न लगे, उसे ही Evergreen कहा जाता है। चाहे आज हो या दस साल बाद। ऐसे कंटेंट पर हमेशा लोग आते रहेंगे।
मैंने अपने ब्लॉग पर कुछ ऐसे पोस्ट लिखे हैं जो सालों पहले लिखे थे, लेकिन आज भी उन्हें लोग पढ़ते हैं क्योंकि वह जानकारी हमेशा ज़रूरी रहती है।
Trending Content वह होता है जो किसी खास समय में बहुत ज़्यादा चर्चा में होता है। जैसे, किसी त्योहार के बारे में लिखना या किसी बड़ी खबर पर अपनी राय देना। ऐसे कंटेंट पर उस समय तो बहुत सारे लोग आते हैं, लेकिन जब वह ट्रेंड खत्म हो जाता है, तो उसे कम लोग ही पढ़ते हैं।
मैंने भी कभी-कभी Trending Topic पर काम करता हु। और उस समय मुझे बहुत ज़्यादा ट्रैफिक मिलता है। लेकिन कुछ समय बाद उन पोस्ट्स पर लोगों का आना कम हो जाता है।
तो, Evergreen Content vs Trending Content में यही फर्क है। Evergreen Content हमेशा हरा-भरा रहता है, जबकि Trending Content एक लहर की तरह आता है और चला जाता है। हर तरह के कंटेंट की अपनी अलग अहमियत होती है। हमारी फ्री ब्लॉगिंग क्लासेस में आप ये भी समझेंगे कि कौन सा कंटेंट कब और कैसे आपके ब्लॉग के लिए सही साबित हो सकता है।
Conslusion
तो दोस्तों, इस Free Blogging Classes के Part – 4 में हमने कंटेंट बनाने की कुछ ज़रूरी बातें सीखीं! हमने जाना कि एक अच्छा आर्टिकल कैसे लिखते हैं, उसका Structure कैसा होना चाहिए, और सबसे ज़रूरी, ये कि हमें अपनी ही आवाज़ में लिखना चाहिए, किसी और का कंटेंट कॉपी नहीं करना चाहिए। हमने ये भी देखा कि कुछ कंटेंट हमेशा के लिए काम का होता है, तो कुछ बस कुछ समय के लिए धूम मचाता है।
मुझे तो ये सब बातें शेयर करके बहुत अच्छा लगा। कंटेंट ही तो है जो हमारे ब्लॉग को जान देता है! अब जब आपको ये पता चल गया है कि कंटेंट कैसे लिखना है, तो क्यों न अगले Free Blogging Classes के Part – 5 में हम ये देखें कि अपने इस शानदार कंटेंट को ज़्यादा से ज़्यादा लोगों तक कैसे पहुँचाया जाए?
यानि के अब अगले पार्ट में मैं आपको सीखूंगा की अपने आर्टिकल का SEO कैसे करते है जिससे वह अच्छा ट्रैफिक लेकर आए। अगर आपके मन में कोई सवाल है तो कमेंट में जरूर करना मैं जवाब जरूर दूंगा।
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