inplit.com

digital marketing kya hoti hai

digital marketing kya hoti hai

Introduction

याद है वो दिन जब किसी भी दुकान का प्रचार करने के लिए बस टीवी पर एड आता था, या अखबार में छपता था। लेकिन आजकल ये सब कितना बदल गया है, तुम खुद ही देख लो, ज़्यादातर समय तुम अपने फोन या लैपटॉप पर बिताते हो। YouTube पर वीडियो देखते हो, Instagram पर रील्स देखते हो, या Google पर कुछ सर्च करते हो। तो सोचो, अगर किसी बिज़नेस को तुम तक पहुंचना हो, तो वो कहाँ जाएगा। सीधी बात है, वहीं जहाँ तुम हो – यानी ऑनलाइन।

तो ये जो पूरा जादू है, इसी को हम डिजिटल मार्केटिंग कहते हैं। शायद तुमने ये नाम सुना होगा, पर क्या तुम्हें पता है कि digital marketing kya hoti hai और ये कैसे काम करती है। देखो, जब मैंने पहली बार इस फील्ड में कदम रखा था, तो मुझे लगा था कि ये बस सोशल मीडिया पर कुछ पोस्ट करने जैसा है। लेकिन जैसे-जैसे मैंने इसमें काम किया, मुझे उस दिन एक बात समझ आई कि ये तो एक पूरी दुनिया है, जहाँ हर दिन कुछ नया सीखने को मिलता है और नए-नए तरीके सामने आते हैं। ये बिल्कुल वैसा है जैसे तुम कोई गेम खेलते हो, जिसमें हर लेवल पर नई चुनौतियाँ और नए तरीके होते हैं।

इस ब्लॉग पोस्ट में हम बिल्कुल आसान भाषा में समझेंगे कि digital marketing kya hoti hai इसके अलग-अलग हिस्से क्या हैं, और ये बिज़नेस के लिए इतनी ज़रूरी क्यों है। अगर तुम एक स्टूडेंट हो, एक छोटा बिज़नेस चलाते हो, या बस समझना चाहते हो कि आजकल कंपनियां तुम तक कैसे पहुंचती हैं, तो ये आर्टिकल तुम्हारे लिए ही है। चलो, बिना देर किए इस इंटरेस्टिंग डिजिटल दुनिया को समझते हैं।

digital marketing ke different types kya hain

हमने अभी-अभी समझा कि digital marketing kya hoti hai वो सारे तरीके जिनसे हम इंटरनेट पर लोगों तक अपनी बात पहुंचाते हैं। लेकिन क्या तुम्हें पता है कि ये सिर्फ एक ही तरीका नहीं है। डिजिटल मार्केटिंग एक बहुत बड़ा पेड़ है, जिसकी कई सारी डालियां हैं। आज हम इन्हीं digital marketing ke different types kya hain ये जानेंगे। ये बिल्कुल ऐसा है जैसे तुम स्कूल में बहुत सारे विषय पढ़ते हो। गणित, विज्ञान, हिंदी – हर विषय का अपना अलग मज़ा और अपना अलग तरीका होता है।

WhatsApp Channel Join Now
Telegram Group Join Now

देखो, जब मैंने पहली बार डिजिटल मार्केटिंग की दुनिया में कदम रखा था, तो मुझे लगा था कि ये बस एक या दो चीज़ें सीखने जैसी होगी। लेकिन जैसे-जैसे मैंने इसमें काम किया और नई-नई चीज़ें सीखता गया, मुझे उस दिन एक बात समझ आई कि यहाँ तो सीखने के लिए बहुत कुछ है और digital marketing ke different types kya hain का अपना एक अलग जादू है। ये बिल्कुल वैसा है जैसे तुम कोई गेम खेलते हो, और हर लेवल पर तुम्हें एक नई शक्ति या नया हथियार मिलता है।

सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन (SEO)

यार, जब तुम्हें कुछ जानना होता है, तो तुम कहाँ जाते हो। सीधी बात है, Google पर। तो SEO (Search Engine Optimization) का काम है तुम्हारी वेबसाइट या तुम्हारे ब्लॉग को Google पर सबसे ऊपर लाना, ताकि जब कोई कुछ ढूंढे, तो तुम्हारी वेबसाइट पहले दिखे। अगर कोई सर्च करता है “दिल्ली में सबसे अच्छी मिठाई की दुकान”, और तुम्हारी वेबसाइट सबसे ऊपर आती है, तो ये SEO का कमाल है। मैंने देखा है कि SEO में बहुत धैर्य रखना पड़ता है। ये बिल्कुल ऐसा है जैसे तुम एक छोटा बीज बोते हो और उसे बड़ा होने में समय लगता है, पर जब वो पेड़ बन जाता है, तो वो तुम्हें बहुत फल देता है।

सोशल मीडिया मार्केटिंग (SMM)

आजकल हर कोई Facebook, Instagram, YouTube पर है। सोशल मीडिया मार्केटिंग का मतलब है इन प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल करके अपने प्रोडक्ट या बिज़नेस का प्रचार करना और लोगों से जुड़ना। तुम Instagram पर अपने नए कपड़ों की शानदार तस्वीरें और वीडियो डालते हो, या Facebook पर अपनी दुकान के बारे में ऑफर पोस्ट करते हो। सोशल मीडिया पर लोगों से सीधा बात करने में बहुत मज़ा आता है। ये बिल्कुल ऐसा है जैसे तुम अपने दोस्तों के साथ बातें कर रहे हो, और साथ-साथ अपने बिज़नेस के बारे में भी बता रहे हो।

कंटेंट मार्केटिंग (Content Marketing)

ये वो तरीका है जहाँ तुम लोगों को अच्छी और काम की जानकारी देते हो, ताकि वो तुम्हें पसंद करें और तुम पर भरोसा करें। तुम अपने ब्लॉग पर “घर पर केक कैसे बनाएं” पर एक आर्टिकल लिखते हो, और फिर उसमें अपने बेकिंग प्रोडक्ट्स के बारे में बताते हो। या YouTube पर कोई ट्यूटोरियल वीडियो बनाते हो। मुझे उस दिन एक बात समझ आई कि अगर तुम लोगों को सिर्फ बेचने के बजाय कुछ सिखाते हो, तो वो तुम पर ज़्यादा भरोसा करते हैं। ये बिल्कुल वैसा है जैसे तुम किसी को सीधा मछली देने के बजाय मछली पकड़ना सिखाओ।

ईमेल मार्केटिंग (Email Marketing)

तुम्हें याद है, हमने बात की थी कि ईमेल मार्केटिंग आज भी कितनी असरदार है।
ईमेल मार्केटिंग का मतलब है लोगों को ईमेल भेजकर अपने बिज़नेस या ऑफर्स के बारे में बताना और उन्हें खरीदने के लिए प्रेरित करना। जब तुम किसी वेबसाइट पर साइन-अप करते हो, तो तुम्हें उनके नए प्रोडक्ट या डिस्काउंट के बारे में ईमेल आते रहते हैं। ईमेल मार्केटिंग में सबसे अच्छी बात ये है कि तुम सीधे उन लोगों से बात करते हो जो सच में तुम्हारे बिज़नेस में दिलचस्पी रखते हैं। ये उन्हें पर्सनल मैसेज भेजने जैसा है।

पे-पर-क्लिक (PPC) मार्केटिंग / सर्च इंजन मार्केटिंग (SEM)

क्या तुमने कभी गूगल पर कुछ सर्च करते समय ऊपर या नीचे ‘Ad’ लिखा हुआ नोटिस किया है। यही दरअसल PPC (Pay-Per-Click) या SEM (Search Engine Marketing) कहलाता है, जिसमें कंपनियाँ पैसे देकर अपने विज्ञापन दिखवाती हैं। तुम Google पर अपने जूते की दुकान का विज्ञापन चलाते हो, और जब कोई “सबसे अच्छे जूते” सर्च करता है और तुम्हारे एड पर क्लिक करता है, तो Google तुमसे पैसे लेता है। PPC से तुम बहुत जल्दी लोगों तक पहुंच सकते हो। ये बिल्कुल वैसा है जैसे तुम तुरंत किसी बड़ी जगह पर अपना पोस्टर लगा दो, और लोग उसे तुरंत देखने लगें।

एफिलिएट मार्केटिंग (Affiliate Marketing)

हमने अभी-अभी एफिलिएट मार्केटिंग के बारे में बात की थी। इसमें तुम किसी और के प्रोडक्ट का प्रचार करते हो, और अगर कोई तुम्हारे बताए हुए लिंक से खरीदारी करता है, तो तुम्हें उसका कमीशन मिलता है। तुम अपने YouTube चैनल पर किसी नए फोन का रिव्यू करते हो और नीचे डिस्क्रिप्शन में उसका खरीदने का लिंक देते हो। अगर कोई उस लिंक से फोन खरीदता है, तो तुम्हें पैसे मिलते हैं। एफिलिएट मार्केटिंग में सबसे अच्छी बात ये है कि तुम्हें खुद कोई सामान बनाना या बेचना नहीं पड़ता। बस सही प्रोडक्ट को सही लोगों तक पहुंचाना होता है।

इनफ्लुएंसर मार्केटिंग (Influencer Marketing)

आजकल तुमने देखा होगा कि बहुत सारे लोग YouTube या Instagram पर फेमस होते हैं, जिनके बहुत सारे फॉलोअर्स होते हैं। इनफ्लुएंसर मार्केटिंग का मतलब है इन फेमस लोगों (जिन्हें ‘इनफ्लुएंसर्स’ कहते हैं) के ज़रिए अपने प्रोडक्ट का प्रचार करवाना। कोई कंपनी अपने नए चिप्स का प्रचार करने के लिए किसी फेमस यूट्यूबर को पैसे देती है, और वो यूट्यूबर अपने वीडियो में उन चिप्स के बारे में बात करता है। Influencer marketing के ज़रिए आप एक साथ लाखों लोगों तक अपनी बात पहुंचा सकते हैं, क्योंकि लोग अपने पसंदीदा influencer की कही बात पर आसानी से भरोसा करते हैं।

तो देखा, digital marketing ke different types kya hain ये सब अलग-अलग तरीके मिलकर एक बड़ा जाल बनाते हैं जिससे बिज़नेस लोगों तक पहुंच पाते हैं। हर टाइप का अपना तरीका और अपना फायदा है। अगर तुम इन सब को सही से समझो और इस्तेमाल करो, तो तुम भी अपनी बात दुनिया तक पहुंचा सकते हो।

digital marketing kaise start karein

तुमने डिजिटल मार्केटिंग क्या होती है और उसके अलग-अलग तरीके तो समझ लिए, है। अब अगर तुम्हें भी लगता है कि ये दुनिया तुम्हारे काम की है और तुम इसमें कुछ करना चाहते हो, तो अगला सवाल आता है। digital marketing kaise start karein ये बिल्कुल ऐसा है जैसे तुमने क्रिकेट के सारे नियम जान लिए, अब बस बैट उठाकर मैदान में उतरना है।

देखो, जब मैंने पहली बार डिजिटल मार्केटिंग की दुनिया में कदम रखा था, तो मुझे लगा था कि ये बहुत मुश्किल होगा। पता नहीं कहाँ से शुरू करूं, क्या सीखूं। लेकिन जैसे-जैसे मैंने इसमें काम किया और सीखा, मुझे उस दिन एक बात समझ आई कि अगर तुम सही तरीके से स्टेप-बाय-स्टेप आगे बढ़ो, तो कोई भी इसे सीख सकता है। ये बिल्कुल वैसा है जैसे तुम कोई वीडियो गेम खेलते हो। पहले छोटे लेवल्स पार करते हो, तभी तुम बड़े लेवल्स खेल पाते हो।

तय करो (Choose Your Niche/Product)

सबसे पहला और सबसे ज़रूरी काम है ये सोचना कि तुम डिजिटल मार्केटिंग का इस्तेमाल किसके लिए करोगे। क्या तुम अपना खुद का कोई सामान बेचना चाहते हो। जैसे, हाथ से बनी ज्वेलरी या कोई ऑनलाइन कोर्स। क्या तुम किसी और के सामान का प्रचार करना चाहते हो। (याद है, एफिलिएट मार्केटिंग) क्या तुम किसी बिज़नेस के लिए काम करना चाहते हो। (जैसे किसी दुकान का ऑनलाइन प्रचार करना) मेरा एक्सपीरियंस ये रहा है कि अगर तुम ऐसे किसी काम से शुरुआत करते हो जिसमें तुम्हें खुद दिलचस्पी हो, तो उसे सीखना और उसमें सफल होना आसान हो जाता है।

थोड़ा सीखो और समझो (Learn the Basics)

डिजिटल मार्केटिंग एक बहुत बड़ी दुनिया है, इसलिए तुम्हें थोड़ा-थोड़ा करके सीखना शुरू करना होगा। बहुत सारे लोग YouTube पर फ्री में डिजिटल मार्केटिंग सिखाते हैं। ऐसे ही ब्लॉग पोस्ट पढ़ो जहाँ तुम्हें आसान भाषा में जानकारी मिले। Google या दूसरी वेबसाइट्स पर डिजिटल मार्केटिंग के बहुत सारे फ्री कोर्स उपलब्ध हैं।
कौन सा तरीका सीखोगे। पहले किसी एक तरीके पर फोकस करो, जैसे सोशल मीडिया मार्केटिंग या SEO। जब एक सीख जाओ, तब दूसरा सीखो। जब मैंने शुरू किया था, तो मैंने बहुत सारे फ्री रिसोर्सेज का इस्तेमाल किया था। मुझे उस दिन एक बात समझ आई कि सीखने की कोई उम्र नहीं होती और इंटरनेट पर सीखने के लिए सब कुछ मौजूद है, बस तुम्हें ढूंढना आना चाहिए।

अपना प्लेटफॉर्म चुनो (Choose Your Platform)

अब जब तुमने थोड़ा सीख लिया है, तो तय करो कि तुम अपनी मार्केटिंग कहाँ करोगे। अगर तुम्हें वीडियो बनाना पसंद है, तो YouTube या Instagram पर शुरू करो। अगर लिखना पसंद है, तो Facebook या Twitter पर। अगर तुम डिटेल में जानकारी देना चाहते हो, तो अपनी वेबसाइट या ब्लॉग बना सकते हो। अगर तुम एफिलिएट मार्केटिंग कर रहे हो, तो तुम सीधे किसी कंपनी के प्रोडक्ट का लिंक शेयर कर सकते हो।

कंटेंट बनाना शुरू करो (Start Creating Content)

अब आता है सबसे मज़ेदार काम – अपना कंटेंट बनाना। अगर तुम YouTube पर हो, तो अपने प्रोडक्ट या टॉपिक से जुड़े वीडियो बनाओ। अगर तुम ब्लॉग पर हो, तो जानकारी भरे आर्टिकल्स लिखो। Instagram पर अपने प्रोडक्ट की अच्छी-अच्छी तस्वीरें डालो। तुम्हारा कंटेंट ऐसा होना चाहिए जो लोगों को पसंद आए, उनके काम आए, और उन्हें कुछ सिखाए। ये बिल्कुल वैसा है जैसे तुम अपने दोस्तों को कोई दिलचस्प कहानी सुनाते हो।

लोगों से जुड़ो (Engage with Your Audience)

सिर्फ कंटेंट बनाकर छोड़ मत दो, लोगों से बात भी करो। लोग जो कमेंट्स या सवाल पूछें, उनका जवाब दो। उनसे पूछो कि उन्हें क्या पसंद है, क्या नहीं। इससे तुम और बेहतर कंटेंट बना पाओगे। मैंने देखा है कि जब तुम लोगों से जुड़ते हो, तो वो तुम्हें पसंद करने लगते हैं और तुम्हारे साथ लंबे समय तक जुड़े रहते हैं।

नतीजे देखो और सुधार करो (Analyze & Improve)

Digital marketing में ये जानना बहुत जरूरी होता है कि तुम्हारा कंटेंट कितना असरदार है। कितने लोग उसे देख रहे हैं, और कौन-सी पोस्ट या वीडियो सबसे ज़्यादा लोगों को पसंद आ रही है। कितने लोग क्लिक कर रहे हैं। क्या लोग तुम्हारे लिंक पर क्लिक करके आगे जा रहे हैं। क्या कुछ बिक रहा है। अगर तुम्हारा मकसद बेचना है, तो देखो कितनी बिक्री हो रही है। जो चीज़ें अच्छा काम नहीं कर रहीं, उन्हें बदलो। जो अच्छा काम कर रही हैं, उन्हें और ज़्यादा करो। ये बिल्कुल वैसा है जैसे तुम क्रिकेट में अपनी गलतियों से सीखते हो और अगले मैच में बेहतर खेलते हो।

WhatsApp Channel Join Now
Telegram Group Join Now

तो देखा, digital marketing kaise start karein ये कोई एक बार का काम नहीं, बल्कि सीखने, बनाने और बेहतर होने का एक पूरा सफ़र है। अगर तुम एक-एक स्टेप को ध्यान से फॉलो करते हो और धैर्य रखते हो, तो तुम भी इस दुनिया में अपना रास्ता बना सकते हो। ये बिल्कुल वैसा है जैसे तुम एक छोटा सा बीज बोते हो और उसे बड़ा करके एक फल देने वाला पेड़ बनाते हो।

digital marketing ke fayde aur nuksan

हर अच्छी चीज़ के कुछ फायदे और कुछ नुकसान तो होते ही हैं, जैसे आइसक्रीम खाने में मज़ा तो आता है, पर ज़्यादा खा लो तो गला खराब हो जाता है। बिल्कुल ऐसे ही, digital marketing ke fayde aur nuksan भी हैं। अगर तुम इसे सीखने या अपने बिज़नेस के लिए इस्तेमाल करने की सोच रहे हो, तो ये जानना बहुत ज़रूरी है।

देखो, जब मैंने पहली बार डिजिटल मार्केटिंग की दुनिया में कदम रखा था, तो मुझे लगा था कि इसमें तो बस फायदे ही फायदे हैं। लाखों लोगों तक पहुंचो, पैसे कमाओ। लेकिन जैसे-जैसे मैंने इसमें काम किया और लोगों को इसे इस्तेमाल करते देखा, मुझे उस दिन एक बात समझ आई कि इसके कुछ चैलेंजेस भी हैं। ये बिल्कुल वैसा है जैसे तुम कोई गेम खेलते हो, उसमें पावर-अप्स भी होते हैं और कुछ मुश्किल लेवल्स भी।

डिजिटल मार्केटिंग के फायदे (Advantages of Digital Marketing)

डिजिटल मार्केटिंग का सबसे बड़ा फायदा ये है कि तुम दुनिया भर के करोड़ों लोगों तक पहुंच सकते हो। तुम्हारी बात सिर्फ तुम्हारे शहर या गली तक सीमित नहीं रहती। सोचो, तुम अपने घर से ही किसी दूसरे देश में अपने प्रोडक्ट के बारे में बता पाओगे। मेरा एक्सपीरियंस ये रहा है कि तुम बहुत कम समय में ज़्यादा लोगों तक पहुंच सकते हो। तुम अपने विज्ञापन सिर्फ उन्हीं लोगों को दिखा सकते हो जो तुम्हारे प्रोडक्ट में सच में दिलचस्पी रखते हैं। जैसे, अगर तुम बच्चों के खिलौने बेचते हो, तो तुम अपने विज्ञापन सिर्फ उन्हीं पैरेंट्स को दिखा सकते हो जिनके छोटे बच्चे हैं। ये पैसे बचाने और ज़्यादा अच्छे नतीजे पाने में मदद करता है।

डिजिटल मार्केटिंग अक्सर टीवी या अख़बार के विज्ञापन से सस्ती होती है। और तुम ये भी पता लगा सकते हो कि तुम्हारे विज्ञापन कितने लोगों ने देखे, कितने लोगों ने क्लिक किया, और कितने लोगों ने सामान खरीदा। ये बिल्कुल वैसा है जैसे तुम एक छोटा सा बीज बोते हो और तुम्हें पता होता है कि वो कितना बड़ा पेड़ बनेगा और कितने फल देगा। डिजिटल मार्केटिंग में तुम तुरंत देख सकते हो कि तुम्हारा काम कैसा चल रहा है। अगर कोई विज्ञापन अच्छा काम नहीं कर रहा, तो तुम उसे तुरंत बदल सकते हो। ये बिल्कुल वैसा है जैसे तुम अपनी पतंग की डोर को तुरंत ढीला या टाइट कर सकते हो, ताकि वो सही उड़े। तुम सीधे अपने ग्राहकों से बात कर सकते हो। उनके कमेंट्स का जवाब दे सकते हो, उनके सवालों के जवाब दे सकते हो। ये बिज़नेस और ग्राहकों के बीच एक भरोसा बनाता है।

डिजिटल मार्केटिंग के नुकसान (Disadvantages of Digital Marketing)

आजकल हर कोई ऑनलाइन है, तो प्रतियोगिता (competition) बहुत ज़्यादा है। तुम्हें लोगों का ध्यान खींचने के लिए बहुत अच्छा और अलग काम करना पड़ता है। ये बिल्कुल वैसा है जैसे एक क्लास में बहुत सारे बच्चे हैं और सबको टीचर का ध्यान खींचना है। डिजिटल मार्केटिंग की दुनिया बहुत तेज़ी से बदलती रहती है। Google के नियम, सोशल मीडिया के तरीके – ये सब बदलते रहते हैं। तुम्हें हमेशा कुछ नया सीखते रहना पड़ता है। अगर तुम सीखोगे नहीं, तो पीछे रह जाओगे। ऑनलाइन दुनिया में कोई भी तुम्हारे प्रोडक्ट या सर्विस के बारे में कुछ भी लिख सकता है। अगर किसी को तुम्हारा प्रोडक्ट पसंद नहीं आया, तो वो सबके सामने बुरा कमेंट लिख सकता है, जिससे तुम्हारे बिज़नेस को नुकसान हो सकता है।

मेरा एक्सपीरियंस ये रहा है कि ऐसे कमेंट्स को संभालना एक बड़ी चुनौती होती है।
डिजिटल मार्केटिंग को सही से करने के लिए सही ज्ञान और कौशल की ज़रूरत होती है। अगर तुम्हें पता नहीं कि क्या करना है, तो तुम अपना पैसा बर्बाद कर सकते हो। ये बिल्कुल वैसा है जैसे तुम्हें गाड़ी चलानी आती ही नहीं और तुम हाईवे पर निकल पड़े। कभी-कभी वेबसाइट में दिक्कत आ जाती है, या कोई टूल काम नहीं करता। इन तकनीकी चीज़ों को समझना और ठीक करना भी एक चुनौती हो सकता है।

तो देखा, digital marketing ke fayde aur nuksan दोनों हैं। ये एक कमाल का तरीका है बिज़नेस करने और लोगों तक पहुंचने का, लेकिन इसमें भी तुम्हें ध्यान से काम करना पड़ता है। अगर तुम इसके फायदों का सही इस्तेमाल करो और नुकसानों को मैनेज कर सको, तो डिजिटल मार्केटिंग तुम्हारे लिए बहुत अच्छा साबित हो सकता है।

digital marketing mein career kaise banayein

हमने अभी-अभी देखा कि डिजिटल मार्केटिंग कितनी बड़ी और कमाल की दुनिया है, हर कंपनी अब ऑनलाइन आ रही है, और इसका मतलब है कि डिजिटल मार्केटिंग जानने वाले लोगों की ज़रूरत भी बहुत ज़्यादा बढ़ गई है। तो अगर तुम्हें भी लगता है कि ये दुनिया तुम्हारे काम की है और तुम इसमें अपना भविष्य बनाना चाहते हो, तो अगला सवाल आता है। digital marketing mein career kaise banayein ये बिल्कुल वैसा है जैसे तुम्हें कोई सुपरहीरो बनना है, और तुम्हें जानना है कि उसकी शक्तियां कैसे सीखते हैं।

देखो, जब मैंने पहली बार इस फील्ड में कदम रखा था, तो मुझे लगा था कि ये सिर्फ कुछ बटन दबाने जैसा होगा। लेकिन जैसे-जैसे मैंने इसमें काम किया और नई-नई चीज़ें सीखता गया, मुझे उस दिन एक बात समझ आई कि ये तो एक ऐसी फील्ड है जहाँ तुम हर दिन कुछ नया सीख सकते हो और बहुत आगे जा सकते हो। ये बिल्कुल वैसा है जैसे तुम कोई गेम खेलते हो, और हर लेवल पर तुम्हें नई चुनौती मिलती है, पर उसे पार करने के बाद मज़ा भी बहुत आता है।

अच्छे से समझो (Understand Digital Marketing Deeply)

सबसे पहला काम है ये अच्छे से समझना कि डिजिटल मार्केटिंग क्या होती है और इसके अलग-अलग तरीके क्या हैं (जैसे SEO, सोशल मीडिया, कंटेंट मार्केटिंग, ईमेल मार्केटिंग)। तुम्हें हर पहलू को थोड़ा-थोड़ा जानना होगा। YouTube पर बहुत सारे फ्री वीडियो हैं। Google के अपने कुछ फ्री कोर्स भी हैं। छोटे-मोटे ब्लॉग पोस्ट और गाइड्स भी पढ़ो। मैंने भी अपनी शुरुआत ऐसे ही फ्री रिसोर्सेज से की थी। मुझे उस दिन एक बात समझ आई कि सीखने की कोई उम्र नहीं होती और अगर सीखने की भूख हो तो इंटरनेट पर ज्ञान का भंडार है।

कोई एक तरीका सीखो और उसमें पक्के बनो (Master One Skill)

डिजिटल मार्केटिंग में बहुत सारे तरीके हैं। तुम सब कुछ एक साथ नहीं सीख सकते। इसलिए, कोई एक तरीका चुनो जिसमें तुम्हें सबसे ज़्यादा मज़ा आता हो, और उसमें पक्के बनो। तुम्हें सोशल मीडिया पर पोस्ट बनाना पसंद है। तो सोशल मीडिया मार्केटिंग सीखो। तुम्हें लिखना पसंद है। तो कंटेंट मार्केटिंग सीखो। तुम्हें Google पर चीज़ें ढूंढना पसंद है। तो SEO सीखो। जिस चीज़ में तुम्हें सबसे ज़्यादा दिलचस्पी हो, उसी पर फोकस करो। जब तुम किसी एक चीज़ में माहिर हो जाओगे, तो तुम्हें काम मिलना आसान हो जाएगा।

खुद करके देखो (Practice)

सिर्फ किताबें पढ़ने या वीडियो देखने से काम नहीं चलेगा। तुम्हें खुद करके देखना होगा। जिस चीज़ में तुम्हें दिलचस्पी है, उस पर एक छोटा सा ब्लॉग बनाओ। अपने किसी शौक या किसी छोटे बिज़नेस के लिए एक सोशल मीडिया पेज बनाओ और उसे चलाने की कोशिश करो। किसी दोस्त या रिश्तेदार के छोटे बिज़नेस का ऑनलाइन प्रचार करने में मदद करो। एक दिन मुझे ये बात अच्छे से समझ आई कि Digital Marketing में असली सीख तभी मिलती है जब तुम खुद कुछ करने की कोशिश करते हो, चाहे वो काम कितना भी छोटा क्यों न हो।

एक पोर्टफोलियो बनाओ (Build a Portfolio)

जब तुम कहीं नौकरी ढूंढने जाओगे या किसी क्लाइंट के लिए काम करोगे, तो वो तुमसे पूछेंगे कि तुमने पहले क्या-क्या काम किया है। यहीं पर तुम्हारा पोर्टफोलियो काम आएगा। ये तुम्हारे पिछले कामों का एक कलेक्शन होता है, जिसमें तुम दिखाते हो कि तुमने क्या सीखा और क्या-क्या काम किया है। तुमने जो भी ब्लॉग पोस्ट लिखी हैं, तुमने अब तक जो भी सोशल मीडिया पेज बनाए हैं या छोटे प्रोजेक्ट्स पर काम किया है, उन सभी को एक जगह इकट्ठा करो और दूसरों को दिखाओ। ये एक तरह से तुम्हारी परफॉर्मेंस का सबूत है — फर्क सिर्फ इतना है कि इसमें वही चीज़ें होती हैं, जिनमें तुम सबसे बेहतरीन हो।

लगातार सीखते रहो (Keep Learning)

जैसा कि मैंने पहले बताया, डिजिटल मार्केटिंग की दुनिया हर दिन बदलती रहती है। तुम्हें हमेशा कुछ नया सीखते रहना होगा। Google या सोशल मीडिया के नए-नए अपडेट्स के बारे में पढ़ते रहो। नए-नए ऑनलाइन कोर्स करते रहो ताकि तुम्हारा ज्ञान बढ़ता रहे। जो सीखता रहेगा, वही इस फील्ड में आगे बढ़ता रहेगा। ये बिल्कुल वैसा है जैसे तुम एक खिलाड़ी हो, और तुम्हें हर दिन प्रैक्टिस करनी पड़ती है ताकि तुम बेहतर बनो।

तो देखा, digital marketing mein career kaise banayein ये कोई एक दिन का काम नहीं, बल्कि सीखने, प्रैक्टिस करने और लगातार आगे बढ़ते रहने का एक पूरा सफ़र है। अगर तुम एक-एक स्टेप को ध्यान से फॉलो करते हो और धैर्य रखते हो, तो तुम भी इस कमाल की दुनिया में अपना रास्ता बना सकते हो और एक शानदार करियर बना सकते हो।

digital marketing ke liye best tools konsay hain

तुमने डिजिटल मार्केटिंग सीखने और उसमें करियर बनाने की सोच ली, बहुत बढ़िया। लेकिन किसी भी काम को अच्छे से करने के लिए सही औज़ार (tools) की ज़रूरत होती है, जैसे अगर तुम्हें खाना बनाना है, तो चाकू, कड़ाही, और चम्मच चाहिए ही। बिल्कुल ऐसे ही, digital marketing ke liye best tools konsay hain ये जानना भी बहुत ज़रूरी है। ये वो औज़ार हैं जो तुम्हारे काम को आसान और असरदार बनाते हैं।

WhatsApp Channel Join Now
Telegram Group Join Now

देखो, जब मैंने पहली बार डिजिटल मार्केटिंग की दुनिया में कदम रखा था, तो मुझे लगा था कि सारे काम हाथ से ही करने पड़ेंगे। लेकिन जैसे-जैसे मैंने इसमें काम किया, मुझे उस दिन एक बात समझ आई कि ऐसे-ऐसे कमाल के टूल्स हैं जो तुम्हारा बहुत सारा समय बचाते हैं और तुम्हें बेहतर नतीजे देते हैं। ये बिल्कुल वैसा है जैसे तुम पहले हाथ से कपड़े धोते थे, और फिर तुम्हें वॉशिंग मशीन मिल गई हो।

वेबसाइट और ब्लॉग बनाने के लिए (For Website & Blog Building)
अगर तुम अपनी ऑनलाइन दुकान शुरू करना चाहते हो या कोई जानकारी शेयर करने के लिए वेबसाइट बनानी है, तो ये टूल्स तुम्हारे बहुत काम आएंगे।

WordPress (वर्डप्रेस): ये वेबसाइट बनाने का सबसे पॉपुलर और आसान तरीका है। तुम बिना कोडिंग के भी अपनी वेबसाइट बना सकते हो। मेरा एक्सपीरियंस ये रहा है कि WordPress सीखना थोड़ा आसान है और इस पर तुम अपनी पसंद की कैसी भी वेबसाइट बना सकते हो।

Shopify (शॉपिफाई): अगर तुम सिर्फ ऑनलाइन दुकान खोलना चाहते हो, तो Shopify बहुत बढ़िया है। इसमें सब कुछ बना-बनाया मिलता है, बस अपना सामान डालो और बेचना शुरू कर दो।

Google पर ऊपर आने के लिए (For SEO – Search Engine Optimization)
अपनी वेबसाइट को Google पर सबसे ऊपर लाने के लिए ये टूल्स बहुत ज़रूरी हैं।

Google Analytics (गूगल एनालिटिक्स): ये एक फ्री टूल है जो तुम्हारी वेबसाइट पर आने वाले विज़िटर्स के बारे में पूरी जानकारी देता है—जैसे कितने लोग आए, कौन-से पेज देखे, और वे किस जगह से साइट तक पहुंचे। इसे ऐसे समझो जैसे तुम्हारी ऑनलाइन दुकान में एक स्मार्ट कैमरा लगा हो जो हर मूवमेंट ट्रैक करता है।

Google Search Console (गूगल सर्च कंसोल): ये भी Google का फ्री टूल है। ये तुम्हें बताता है कि Google तुम्हारी वेबसाइट को कैसे देखता है, कौन से कीवर्ड पर तुम दिख रहे हो, और क्या कोई गलती है।

Semrush (सेमरश) या Ahrefs (एह्रेफ्स): ये थोड़े महंगे टूल्स हैं, पर ये तुम्हें बताते हैं कि तुम्हारे कॉम्पिटिटर क्या कर रहे हैं, कौन से कीवर्ड पर उन्हें फायदा हो रहा है, और तुम कैसे उनसे आगे निकल सकते हो। ये बिल्कुल ऐसा है जैसे तुम अपने विरोधी टीम के खेल को पहले से जान लेते हो।

सोशल मीडिया पर धमाल मचाने के लिए (For Social Media Marketing)
सोशल मीडिया पर पोस्ट डालने और लोगों से जुड़ने के लिए ये टूल्स काम के हैं।

Canva (कैनवा): अगर तुम्हें डिज़ाइनिंग नहीं आती, तो भी तुम Canva से शानदार पोस्ट, स्टोरीज़ और वीडियो बना सकते हो। ये बहुत आसान है। मेरा एक्सपीरियंस ये रहा है कि Canva ने मेरे जैसे बहुत से लोगों को डिज़ाइनर बना दिया है।

Buffer (बफर) या Hootsuite (हूटसूट): इन टूल्स से तुम एक साथ कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट शेड्यूल कर सकते हो। यानी एक बार में ही तय कर लो कि पूरे हफ्ते कब क्या पोस्ट करना है।

Meta Business Suite (मेटा बिज़नेस सूट): ये Meta का ऑफिशियल टूल है जिससे आप अपने Facebook और Instagram बिज़नेस पेज को मैनेज कर सकते हैं और एक ही जगह से एड्स भी चला सकते हैं।

ईमेल भेजने के लिए (For Email Marketing)
अपने ग्राहकों को ईमेल भेजने के लिए ये टूल्स इस्तेमाल होते हैं:।

Mailchimp (मेलचिंप): ये ईमेल मार्केटिंग के लिए बहुत पॉपुलर और आसान टूल है। तुम इससे ईमेल लिस्ट बना सकते हो, सुंदर ईमेल डिज़ाइन कर सकते हो, और उन्हें लोगों को भेज सकते हो। मेरा मानना है कि शुरुआती लोगों के लिए Mailchimp बहुत अच्छा है।

ConvertKit (कन्वर्टकिट): ये टूल खासतौर पर ब्लॉगर्स और कंटेंट क्रिएटर्स के लिए बना है, जिससे आप अपने ऑडियंस को आसानी से संभाल सकते हैं और उन्हें ईमेल के ज़रिए जोड़ सकते हैं।

विज्ञापन चलाने के लिए (For Paid Advertising)
अगर तुम पैसे देकर विज्ञापन चलाना चाहते हो, तो ये टूल्स सबसे ज़रूरी हैं।

Google Ads (गूगल एड्स): Google पर सर्च करते समय जो विज्ञापन दिखते हैं, वे Google Ads से ही चलाए जाते हैं। तुम यहीं पर अपने विज्ञापनों को मैनेज करते हो।
Meta Ads Manager (मेटा एड्स मैनेजर): Facebook और Instagram पर विज्ञापन चलाने के लिए ये Meta का टूल है।

तो देखा, digital marketing ke liye best tools konsay hain ये कुछ ऐसे औज़ार हैं जो तुम्हारे डिजिटल मार्केटिंग के सफ़र को बहुत आसान बना देंगे। तुम्हें शुरुआत में सब सीखने की ज़रूरत नहीं है, बस कुछ बेसिक टूल से शुरुआत करो और धीरे-धीरे नए सीखते जाओ। याद रखना, सही औज़ार के साथ काम करना हमेशा ज़्यादा आसान और असरदार होता है।

traditional marketing aur digital marketing mein kya farak hai

तुमने अक्सर देखा होगा कि बिज़नेस अपने प्रोडक्ट या सर्विस को लोगों तक पहुँचाने के लिए दो तरीके अपनाते हैं — एक पुराने स्टाइल के (Traditional Marketing) और दूसरा इंटरनेट वाले नए तरीके (Digital Marketing)। आज हम यही समझेंगे कि traditional marketing aur digital marketing mein kya antar hai। ये कुछ ऐसा है जैसे तुम स्कूल साइकिल से जाते हो और तुम्हारा दोस्त बाइक से — दोनों का मकसद एक ही है, बस रास्ता और तरीका अलग होता है।

देखो, जब मैंने पहली बार इस फील्ड में काम करना शुरू किया था, तो मुझे लगा था कि मार्केटिंग तो मार्केटिंग है, क्या फर्क पड़ता है कौन सा तरीका अपनाते हैं। लेकिन जैसे-जैसे मैंने दोनों पर काम किया, मुझे उस दिन एक बात समझ आई कि इन दोनों के अपने-अपने फायदे और अपनी-अपनी चुनौतियां हैं। ये बिल्कुल वैसा है जैसे कुछ काम हाथ से करने में मज़ा आता है और कुछ काम मशीन से जल्दी हो जाते हैं।

ट्रेडिशनल मार्केटिंग (Traditional Marketing)

ये मार्केटिंग के पुराने तरीके हैं, जिनका इस्तेमाल लोग बहुत सालों से करते आ रहे हैं। इनमें इंटरनेट का इस्तेमाल नहीं होता। तुमने देखा होगा टीवी पर जब कोई सीरियल आता है तो बीच-बीच में बहुत सारे विज्ञापन आते हैं। अख़बारों या मैगज़ीन में छपे हुए विज्ञापन भी ट्रेडिशनल मार्केटिंग का हिस्सा हैं। रेडियो पर बजने वाले गाने के बीच में आने वाले विज्ञापन। सड़कों के किनारे लगे बड़े-बड़े बोर्ड या दुकानों के बाहर लगे बैनर। हाथ से बांटे जाने वाले छोटे-छोटे पर्चे या पंपलेट। कंपनियों का तुम्हें फोन करके अपने प्रोडक्ट के बारे में बताना।

WhatsApp Channel Join Now
Telegram Group Join Now

ट्रेडिशनल मार्केटिंग क्यों।

मेरा एक्सपीरियंस ये रहा है कि ट्रेडिशनल मार्केटिंग उन लोगों तक पहुंचने के लिए अच्छी होती है जो इंटरनेट का ज़्यादा इस्तेमाल नहीं करते (जैसे गाँव के लोग या बहुत बुजुर्ग लोग)। इससे तुम एक साथ बहुत सारे लोगों तक पहुंच सकते हो, भले ही तुम्हें पता न हो कि उनमें से कौन सच में दिलचस्पी रखता है। ये बिल्कुल वैसा है जैसे तुम एक साथ बहुत सारे दोस्तों को बुलाते हो, सबको पता चल जाता है।

डिजिटल मार्केटिंग (Digital Marketing)

ये मार्केटिंग के नए तरीके हैं, जिनमें इंटरनेट और दूसरे इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का इस्तेमाल होता है। ये आजकल बहुत ज़्यादा इस्तेमाल होता है। Facebook, Instagram, YouTube, Twitter पर अपने प्रोडक्ट के बारे में पोस्ट करना, वीडियो डालना, या विज्ञापन चलाना। जब तुम Google पर कुछ सर्च करते हो, तो जो विज्ञापन ऊपर दिखते हैं, वो डिजिटल मार्केटिंग का हिस्सा हैं। लोगों को ईमेल भेजकर अपने प्रोडक्ट या ऑफर्स के बारे में बताना। अपनी वेबसाइट पर जानकारी देना, ब्लॉग पोस्ट लिखना ताकि लोग तुम्हारे बिज़नेस के बारे में जानें। फोन पर आने वाले मैसेज में कोई ऑफर या जानकारी देना।

डिजिटल मार्केटिंग क्यों।

मेरा मानना है कि डिजिटल मार्केटिंग आज के ज़माने में ज़्यादा ज़रूरी हो गई है क्योंकि, आजकल ज़्यादातर लोग अपना समय इंटरनेट पर बिताते हैं। तुम सिर्फ उन्हीं लोगों को अपने विज्ञापन दिखा सकते हो जो तुम्हारे प्रोडक्ट में सच में दिलचस्पी रखते हैं। इससे तुम्हारे पैसे बचते हैं और नतीजे अच्छे मिलते हैं। तुम ये पता लगा सकते हो कि तुम्हारे विज्ञापन कितने लोगों ने देखे, कितने लोगों ने क्लिक किया, और कितने लोगों ने सामान खरीदा। ये बिल्कुल वैसा है जैसे तुम एक छोटा सा बीज बोते हो और तुम्हें पता होता है कि वो कितना बड़ा पेड़ बनेगा और कितने फल देगा।

तो देखा, traditional marketing aur digital marketing mein kya farak hai ये दोनों ही तरीके अपने-अपने काम के लिए अच्छे हैं। आजकल ज़्यादातर बिज़नेस डिजिटल मार्केटिंग का इस्तेमाल करते हैं क्योंकि ये ज़्यादा लोगों तक पहुंचने और सही लोगों तक पहुंचने में मदद करती है, और इसके नतीजे भी आसानी से देखे जा सकते हैं। लेकिन कुछ बिज़नेस आज भी ट्रेडिशनल तरीकों का इस्तेमाल करते हैं।

sEO digital marketing mein kyu important hai

हमने डिजिटल मार्केटिंग के बारे में तो बहुत कुछ जान लिया है, कि कैसे हम इंटरनेट पर अपने बिज़नेस का प्रचार करते हैं। और तुमने ये भी जाना कि डिजिटल मार्केटिंग के कितने सारे अलग-अलग तरीके होते हैं। उनमें से एक बहुत ज़रूरी तरीका है SEO (सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन)। आज हम इसी के बारे में बात करेंगे SEO digital marketing mein isliye important hai, क्योंकि ये तुम्हारी वेबसाइट को search engine की नजरों में ऊपर लाने में मदद करता है। ये कुछ ऐसा है जैसे क्लास का वो स्टूडेंट जो हर बार अच्छे नंबर लाकर टीचर की फेवरेट लिस्ट में शामिल हो जाता है।

जब मैंने पहली बार SEO का नाम सुना, तो लगा ये कोई बहुत complex चीज़ है — शायद कुछ technical coding जैसा होगा, जो हर किसी के बस की बात नहीं है। लेकिन जैसे-जैसे मैंने इसमें काम किया और सीखा, मुझे उस दिन एक बात समझ आई कि ये तो एक बहुत ही स्मार्ट तरीका है लोगों तक पहुंचने का, और ये डिजिटल मार्केटिंग की रीढ़ की हड्डी जैसा है। ये बिल्कुल वैसा है जैसे तुम कोई गेम खेलते हो, और तुम्हें उस गेम में सबसे ज़्यादा पॉइंट्स कैसे मिलेंगे, ये जानना।

SEO क्या है, ये याद है।

हमने पहले बात की थी कि SEO (Search Engine Optimization) का सीधा-सीधा मतलब है अपनी वेबसाइट या ब्लॉग को Google (या किसी और सर्च इंजन) पर सबसे ऊपर लाना, ताकि जब कोई कुछ ढूंढे, तो तुम्हारी वेबसाइट पहले दिखे। जैसे अगर कोई “दिल्ली में सबसे अच्छी मिठाई की दुकान” सर्च करता है, और तुम्हारी वेबसाइट सबसे ऊपर आती है, तो ये SEO का कमाल है।

SEO डिजिटल मार्केटिंग में क्यों इम्पोर्टेंट है।

अब बात करते हैं कि SEO डिजिटल मार्केटिंग में क्यों इम्पोर्टेंट है। लोग सबसे पहले Google पर ही ढूंढते हैं। यार, सोचो जब तुम्हें कुछ खरीदना होता है या किसी चीज़ के बारे में जानना होता है, तो तुम सबसे पहले कहाँ जाते हो। सीधी बात है, Google पर। अगर तुम्हारी वेबसाइट Google पर ऊपर नहीं दिखेगी, तो लोग तुम्हारे बिज़नेस के बारे में जानेंगे ही नहीं। मेरा एक्सपीरियंस ये रहा है कि अगर तुम Google के पहले पेज पर नहीं हो, तो समझो तुम कहीं हो ही नहीं।

जब तुम्हारी वेबसाइट SEO की वजह से Google पर ऊपर आती है, तो लोग बिना किसी विज्ञापन पर क्लिक किए तुम्हारी वेबसाइट पर आते हैं। ये बिल्कुल मुफ्त के ग्राहक होते हैं। तुम्हें इनके लिए Google को कोई पैसा नहीं देना पड़ता। सोचो कितना बढ़िया है। जो वेबसाइट Google पर सबसे ऊपर दिखती है, लोग उस पर ज़्यादा भरोसा करते हैं। उन्हें लगता है कि Google ने इसे ऊपर दिखाया है, तो ये अच्छी ही होगी। इससे तुम्हारे बिज़नेस की छवि (brand image) अच्छी बनती है।
एक बार जब तुम अपनी वेबसाइट का SEO अच्छे से कर लेते हो, तो वो तुम्हें लंबे समय तक फायदा देता रहता है। तुम्हें बार-बार पैसे खर्च करके विज्ञापन चलाने की ज़रूरत नहीं पड़ती। ये बिल्कुल वैसा है जैसे तुम एक बार पेड़ लगाओ और वो तुम्हें सालों तक फल देता रहे।

अगर तुम्हारे कॉम्पिटिटर (जो तुम्हारे जैसा ही सामान बेचते हैं) SEO कर रहे हैं, तो तुम्हें भी करना पड़ेगा, वरना तुम उनसे पीछे रह जाओगे। ये आज के समय में बिज़नेस करने का एक ज़रूरी हिस्सा बन गया है। जब तुम्हारी वेबसाइट Google पर ऊपर आती है, तो ज़्यादा से ज़्यादा लोग तुम्हारी वेबसाइट पर आते हैं। जितने ज़्यादा लोग तुम्हारी वेबसाइट पर आएंगे, उतनी ही ज़्यादा संभावना है कि वे तुम्हारा सामान खरीदेंगे या तुम्हारी सर्विस लेंगे। लोग तुम्हारी कंपनी को जानने लगते हैं और उसे याद रखते हैं।

मेरा मानना है कि seo digital marketing mein kyu important hai जो दिखने में भले ही शांत लगे, लेकिन इसकी असली ताकत सबसे ज़्यादा होती है। ये चुपचाप ही आपका कंटेंट हजारों-लाखों लोगों तक पहुंचा सकता है, बिना किसी शोर या प्रचार के।

social media ka role digital marketing mein

आजकल तुम अपने फोन में सबसे ज़्यादा क्या करते हो। ज़्यादातर लोग कहेंगे कि सोशल मीडिया चलाते हैं। Instagram पर रील्स देखना, Facebook पर दोस्तों की पोस्ट लाइक करना, या YouTube पर वीडियो देखना – ये सब हमारी ज़िंदगी का हिस्सा बन गया है। तो ऐसे में, बिज़नेस भी कहाँ जाएंगे। सीधी बात है, सोशल मीडिया पर ही ना। आज हम जानेंगे कि social media ka role digital marketing mein
ये बिल्कुल ऐसा है जैसे तुम्हारी क्लास में कोई सबसे पॉपुलर बच्चा हो, और सब उससे दोस्ती करना चाहें।

देखो, जब मैंने पहली बार सोशल मीडिया मार्केटिंग को समझा था, तो मुझे लगा था कि ये सिर्फ अपने बिज़नेस की फोटो Facebook पर पोस्ट करने जैसा है। लेकिन जैसे-जैसे मैंने इसमें काम किया और लोगों को इसे इस्तेमाल करते देखा, मुझे उस दिन एक बात समझ आई कि ये तो एक बहुत ही पावरफुल तरीका है लोगों से सीधे जुड़ने का। ये बिल्कुल वैसा है जैसे तुम किसी मेले में दुकान लगाओ, और हर ग्राहक से सीधे बात कर पाओ, बजाय सिर्फ चुपचाप खड़े होकर बेचने के।

सोशल मीडिया का रोल डिजिटल मार्केटिंग में

अब बात करते हैं कि सोशल मीडिया का रोल डिजिटल मार्केटिंग में क्यों इतना खास है।

करोड़ों लोग हैं यहीं पर: यार, सोचो, दुनिया भर में करोड़ों लोग हर दिन सोशल मीडिया इस्तेमाल करते हैं। ये इतनी बड़ी भीड़ है कि तुम सोच भी नहीं सकते। अगर तुम्हें अपने प्रोडक्ट या सर्विस के बारे में लोगों को बताना है, तो इससे अच्छी जगह और क्या हो सकती है जहाँ इतने सारे लोग एक साथ मिल जाएं। मेरा एक्सपीरियंस ये रहा है कि सोशल मीडिया की पहुंच बहुत ज़्यादा है, और ये तुम्हें बहुत कम समय में लाखों लोगों तक पहुंचा सकता है।

सीधा जुड़ाव और बातचीत: ट्रेडिशनल मार्केटिंग (जैसे टीवी एड) में तुम बस अपनी बात बता देते हो, पर लोगों से बात नहीं कर पाते। सोशल मीडिया में तुम अपने ग्राहकों से सीधे बात कर सकते हो। वे तुम्हारे पोस्ट पर कमेंट करते हैं, सवाल पूछते हैं, और तुम उनका जवाब दे सकते हो। ये बिल्कुल ऐसा है जैसे तुम दुकान पर बैठे ग्राहक से सीधे बात कर रहे हो, उसकी पसंद-नापसंद जान रहे हो। इससे लोगों का तुम्हारे बिज़नेस पर भरोसा बढ़ता है।

सही लोगों तक पहुंचना (टारगेटिंग): सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को पता होता है कि कौन किस चीज़ में दिलचस्पी रखता है। जैसे, अगर कोई कपड़ों के पेज लाइक करता है, तो उसे कपड़ों के एड ज़्यादा दिखेंगे। तुम भी अपने विज्ञापन सिर्फ उन्हीं लोगों को दिखा सकते हो जो तुम्हारे प्रोडक्ट में सच में दिलचस्पी रखते हैं। ये बिल्कुल वैसा है जैसे तुम्हें पता हो कि किस दोस्त को कौन सी कैंडी पसंद है, और तुम उसे वही कैंडी दो। इससे तुम्हारे पैसे बचते हैं और नतीजे बहुत अच्छे मिलते हैं।

अपनी पहचान बनाना (ब्रांडिंग): सोशल मीडिया पर तुम अपने बिज़नेस की एक पहचान बना सकते हो, जिससे लोग तुम्हें याद रखें और तुम पर भरोसा करें। तुम अपने बिज़नेस की कहानी बता सकते हो, अपने प्रोडक्ट के पीछे की मेहनत दिखा सकते हो। लोग सिर्फ प्रोडक्ट नहीं खरीदते, वे उस ब्रांड को भी पसंद करते हैं जिससे वो जुड़े हैं।

सस्ता और असरदार: कई बार सोशल मीडिया मार्केटिंग टीवी या अख़बार के विज्ञापन से बहुत सस्ती होती है। तुम कम बजट में भी बहुत सारे लोगों तक पहुंच सकते हो और ये भी देख सकते हो कि तुम्हारे पोस्ट कितने लोगों ने देखे, कितने लोगों ने क्लिक किया, और कितनी बिक्री हुई। ये बिल्कुल वैसा है जैसे तुम एक छोटा सा बीज बोते हो और तुम्हें पता होता है कि वो कितना बड़ा पेड़ बनेगा और कितने फल देगा।

वायरल होने का मौका: सोशल मीडिया पर कोई भी पोस्ट, वीडियो या रील तेज़ी से लाखों-करोड़ों लोगों तक पहुंच सकती है अगर वो बहुत अच्छी या मज़ेदार हो। इसे ‘वायरल’ होना कहते हैं। अगर तुम्हारा कंटेंट वायरल हो गया, तो तुम्हारे बिज़नेस को ज़बरदस्त फायदा मिल सकता है!

तो देखा, social media ka role digital marketing mein ये सिर्फ तस्वीरें और वीडियो पोस्ट करने से कहीं ज़्यादा है। ये लोगों से जुड़ने, भरोसा बनाने और अपने बिज़नेस को बढ़ाने का एक बहुत ही ताकतवर तरीका है। आज के समय में, अगर कोई बिज़नेस सोशल मीडिया पर नहीं है, तो वो शायद बहुत कुछ खो रहा है।

WhatsApp Channel Join Now
Telegram Group Join Now

content creation digital marketing ke liye kaise karein

हमने अभी-अभी बात की थी कि कंटेंट मार्केटिंग क्या है, वो जहाँ हम लोगों को अच्छी-अच्छी बातें बताते हैं ताकि वो हमें पसंद करें। लेकिन ये अच्छी-अच्छी बातें, ये जानकारी, ये वीडियो या तस्वीरें आखिर आती कहाँ से हैं। यहीं पर आता है कंटेंट क्रिएशन (Content Creation) आज हम यही समझेंगे कि content creation digital marketing ke liye kaise karein ये बिल्कुल ऐसा है जैसे तुम्हें कोई अच्छी कहानी बनानी हो, और तुम्हें पता हो कि उसमें कौन-कौन से किरदार होंगे, क्या-क्या होगा।

देखो, जब मैंने पहली बार कंटेंट बनाने की सोची थी, तो मुझे लगा था कि ये बहुत मुश्किल काम है, पता नहीं क्या लिखूं, क्या बनाऊं। लेकिन जैसे-जैसे मैंने इसमें काम किया, मुझे उस दिन एक बात समझ आई कि अगर तुम लोगों को समझो और उन्हें वो दो जो उनके काम का हो, तो कंटेंट बनाना उतना मुश्किल नहीं है। ये बिल्कुल वैसा है जैसे तुम अपने किसी दोस्त को वो बात बताओ जो वो सुनना चाहता हो।

कंटेंट क्रिएशन डिजिटल मार्केटिंग के लिए कैसे करें।
अब बात करते हैं कि कंटेंट क्रिएशन डिजिटल मार्केटिंग के लिए कैसे करें।

समझो कि तुम्हारे दर्शक कौन हैं (Know Your Audience)

यार, सबसे पहले ये जानो कि तुम किसके लिए कंटेंट बना रहे हो। वे कौन लोग हैं। उन्हें क्या पसंद है। उनकी क्या दिक्कतें हैं। अगर तुम बच्चों के खिलौनों के बारे में कंटेंट बना रहे हो, तो तुम्हारी भाषा और तरीका बच्चों और उनके पेरेंट्स को समझ आना चाहिए। मैंने देखा है कि जब तुम अपने दर्शकों को अच्छे से समझ जाते हो, तो कंटेंट बनाना बहुत आसान हो जाता है। ये बिल्कुल ऐसा है जैसे तुम्हें पता हो कि तुम्हारे किस दोस्त को कौन सा गाना पसंद है, और तुम उसे वही गाना सुनाओ।

क्या बनाओगे (Choose Your Content Type)

कंटेंट सिर्फ लिखने वाला ही नहीं होता, इसके बहुत सारे तरीके होते हैं। अपनी
वेबसाइट पर जानकारी भरे आर्टिकल लिखो (जैसे, ‘सर्दियों में त्वचा की देखभाल कैसे करें’)। किसी एक टॉपिक पर पूरी जानकारी वाली छोटी किताबें बनाओ अपने प्रोडक्ट या टॉपिक से जुड़े वीडियो बनाओ (जैसे, ‘नया फोन कैसे इस्तेमाल करें’)।
छोटे, मज़ेदार वीडियो बनाओ जो जल्दी वायरल हों। मुश्किल जानकारी को आसान तस्वीरों और ग्राफिक्स में समझाओ।

क्या बताओगे (Decide Your Topic/Message)

अब जब तुम्हें पता है कि किसके लिए और क्या बनाना है, तो ये सोचो कि क्या बताओगे। लोग Google पर जो सवाल ढूंढते हैं, उनके जवाब दो। उनकी दिक्कतें हल करो। अगर लोगों को कोई परेशानी है, तो उसे हल करने का तरीका बताओ।
उन्हें कोई नई चीज़ सिखाओ जो उनके काम आए। अपने प्रोडक्ट के फायदे इस तरह से बताओ कि लोगों को लगे कि ये उनके लिए ज़रूरी है। कंटेंट वही अच्छा होता है जो लोगों के काम आए। अगर तुम्हारा कंटेंट उनके लिए कुछ वैल्यू ऐड करेगा, तो वो उसे ज़रूर देखेंगे या पढ़ेंगे।

तो देखा, content creation digital marketing ke liye kaise karein ये सिर्फ लिखने या वीडियो बनाने से कहीं ज़्यादा है। ये एक पूरा प्रोसेस है जहाँ तुम अपने दर्शकों को समझते हो, उनके लिए अच्छा कंटेंट बनाते हो, और फिर उसे उन तक पहुंचाते हो। ये बिल्कुल वैसा है जैसे तुम कोई पौधा लगाते हो – तुम्हें उसे सही से पानी देना होता है, धूप दिखानी होती है, तभी वो बड़ा होकर फल देता है।

Conclusion

तो मेरे दोस्तों, हमने डिजिटल मार्केटिंग की इस पूरी दुनिया को बड़े मज़े से समझा, है हमने जाना कि डिजिटल मार्केटिंग क्या होती है, इसके अलग-अलग तरीके क्या हैं, इसे कैसे शुरू करें, इसके फायदे और नुकसान क्या हैं, इसमें करियर कैसे बनाएं, और इसे करने के लिए कौन से कमाल के औज़ार चाहिए। हमने ये भी देखा कि कैसे SEO और सोशल मीडिया जैसी चीज़ें इसमें इतनी खास हैं, और कैसे कंटेंट बनाना इतना ज़रूरी है।

सच कहूं तो, मेरे लिए इस पूरी पड़ताल में सबसे ज़्यादा काम की बात ये रही कि डिजिटल मार्केटिंग सिर्फ टेक्निकल चीज़ें सीखने जैसा नहीं है, बल्कि ये लोगों को समझने और उनसे जुड़ने का एक तरीका है। जब मैंने पहली बार इस फील्ड में कदम रखा था, तो मुझे लगा था कि बस कुछ ट्रिक्स सीखनी होंगी। लेकिन मुझे उस दिन एक बात समझ आई कि अगर तुम लोगों को वैल्यू देते हो और उन पर भरोसा बनाते हो, तो तुम्हारी डिजिटल मार्केटिंग अपने आप काम करने लगती है। अगर मैं अपने छोटे भाई को ये सब समझाता तो यही कहता कि देख भाई, तू कोई भी बिज़नेस शुरू कर या कोई करियर बना, पर सबसे पहले लोगों को समझना सीख और उन्हें वो दे जो उनके काम का हो, फिर तो तू भी इस डिजिटल दुनिया में कमाल कर सकता है।

तो बताओ, डिजिटल मार्केटिंग के इस सफर में तुम्हें कौन-सी चीज़ सबसे दिलचस्प लगी। क्या कुछ नया जानने को मिला। नीचे कमेंट में जरूर शेयर करो कि तुम्हारा अनुभव कैसा रहा। अब अगली बार फिर मिलेंगे एक और नए और काम के टॉपिक के साथ। तब तक अपनी डिजिटल जर्नी को एक्सप्लोर करते रहो और सीखते रहो।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *