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how to improve wordpress site speed

how to improve wordpress site speed

Introduction

कभी आपने महसूस किया है कि जब आप किसी वेबसाइट पर क्लिक करते हैं और वो खुलने में बहुत ज़्यादा समय ले, तो कैसा लगता है। मेरा तो दिमाग़ खराब हो जाता है। ऐसा लगता है जैसे दरवाज़ा खटखटाया और कोई अंदर से जवाब ही नहीं दे रहा। मेरा तो सीधा बटन बंद करके दूसरी वेबसाइट खोलने का मन करता है। मेरे साथ तो ऐसा कई बार हुआ है, खासकर जब मैंने नया-नया अपना वर्डप्रेस ब्लॉग बनाया था और वो कछुए की चाल से चलता था। मुझे उस दिन एक बात समझ आई, अगर मेरी वेबसाइट ही धीमी होगी, तो लोग मेरे इतने अच्छे कंटेंट को पढ़ने के लिए रुकेंगे ही क्यों।

तो, अगर आप भी इस परेशानी से जूझ रहे हैं कि आपका वर्डप्रेस ब्लॉग धीरे लोड हो रहा है और आप लोगों को गंवा रहे हैं, तो यह लेख आपके लिए ही है। इसमें हम जानेंगे कि how to improve wordpress site speed मैं आपको कोई किताबी ज्ञान नहीं दूँगा, बल्कि अपने पूरे अनुभव से बताऊँगा कि कैसे मैंने अपने ब्लॉग को सुपरफ़ास्ट बनाया। हम उन सभी छोटी-बड़ी चीज़ों पर बात करेंगे जो आपकी साइट की स्पीड को रॉकेट जैसी बना सकती हैं।

जब मैंने पहली बार अपनी वर्डप्रेस साइट की स्पीड पर काम करना शुरू किया, तो मुझे लगा कि यह बहुत मुश्किल काम है। पर धीरे-धीरे मैंने कुछ आसान तरीके सीखे और देखा कि कैसे छोटे-छोटे बदलाव भी बड़ा फ़र्क ला सकते हैं। मुझे आज भी याद है, जब मेरे ब्लॉग की स्पीड अच्छी हुई, तो मेरा ट्रैफिक भी बढ़ने लगा। मेरा अनुभव है कि how to improve wordpress site speed सिर्फ़ एक टेक्नीकल काम नहीं है, बल्कि यह सीधे आपके पाठकों के अनुभव और आपके ब्लॉग की सफलता से जुड़ा है।

तो, क्या आप अपने वर्डप्रेस ब्लॉग को तेज़ी से लोड होने वाला बनाना चाहते हैं, ताकि आपके पाठक बिना किसी परेशानी के आपके कंटेंट का मज़ा ले सकें। अगर हाँ, तो चलिए इस स्पीड-बढ़ाने वाले सफ़र की शुरुआत करते हैं।

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best speed plugins wordpress

अब तक हमने यह समझा कि अपनी वर्डप्रेस साइट की स्पीड को कैसे बेहतर किया जाए और इसकी अहमियत क्या है। पर, वेबसाइट को तेज़ बनाने का एक सबसे आसान और असरदार तरीका है, सही ‘प्लगइन्स’ का उपयोग करना। इसे बेहतर ढंग से समझने के लिए, हम बात करेंगे कि best speed plugins wordpres इसे आप ऐसे समझ सकते हैं कि आपके पास एक पुरानी साइकिल है और आप उसमें कोई बड़ा बदलाव किए बिना उसे तेज़ करना चाहते हैं। ऐसे में, आप शायद उसमें एक नया, हल्का टायर लगवाते हैं या चेन में तेल डालते हैं। बिलकुल इसी तरह, प्लगइन्स भी आपकी वेबसाइट के लिए ऐसे ही छोटे मगर शक्तिशाली टूल होते हैं जो उसे रफ़्तार देते हैं। 

जब मैंने पहली बार वर्डप्रेस पर अपना ब्लॉग बनाया था, तो वह बहुत धीमा चलता था। मुझे लगता था कि शायद मेरा कंप्यूटर धीमा है या इंटरनेट कनेक्शन ठीक नहीं है। पर फिर मैंने ‘कैशिंग प्लगइन्स’ के बारे में सुना। जब मैंने पहला स्पीड प्लगइन इंस्टॉल किया और उसे सेट अप किया, तो मेरी वेबसाइट की स्पीड में ज़मीन-आसमान का फ़र्क आ गया। मुझे लगा जैसे मैंने कोई जादू कर दिया हो। मेरा अनुभव है कि best speed plugins wordpress आपकी वेबसाइट को चुटकियों में तेज़ कर सकते हैं, भले ही आपको कोडिंग का कोई ज्ञान न हो। मेरी विशेषज्ञता इसी बात में है कि मैंने अनगिनत प्लगइन्स आज़माए हैं और मैं जानता हूँ कि कौन से प्लगइन्स सच में काम करते हैं और कौन से नहीं।

तो, आइए जानते हैं कि best speed plugins wordpress कौन से हैं।

सबसे पहले, WP Rocket। यह मेरा सबसे पसंदीदा प्लगइन है। यह एक पेड प्लगइन है, पर यह आपकी वेबसाइट को रॉकेट की तरह तेज़ कर देता है। यह बहुत सारे काम अपने आप कर देता है, जैसे कैशे बनाना (ताकि वेबसाइट जल्दी खुले), तस्वीरें छोटी करना, और फ़ाइलें कंप्रेस करना। इसे सेट करना भी बहुत आसान है। यह आपके लिए वह सब कुछ कर देता है जिसके लिए आपको कोडिंग सीखनी पड़ सकती है।

दूसरा, LiteSpeed Cache। अगर आपका वेब होस्टिंग LiteSpeed सर्वर इस्तेमाल करता है, तो यह प्लगइन आपके लिए सबसे अच्छा मुफ़्त विकल्प है। यह भी WP Rocket की तरह बहुत सारे फ़ीचर्स देता है और आपकी वेबसाइट को बहुत तेज़ी से लोड करता है। मैंने खुद इसे कई वेबसाइट्स पर इस्तेमाल किया है और इसने शानदार नतीजे दिए हैं।

तीसरा, Autoptimize। यह एक ऐसा प्लगइन है जिसके लिए आपको कोई पैसा नहीं देना पड़ता। यह आपकी वेबसाइट की कुछ फ़ाइलों (जैसे CSS, JavaScript, HTML) को छोटा कर देता है, जिससे आपकी वेबसाइट पर लोड होने वाला डेटा कम हो जाता है, और वो जल्दी खुल जाती है। यह उन लोगों के लिए बेहतरीन है जो अपनी वेबसाइट की रफ़्तार मुफ़्त में बढ़ाना चाहते हैं।

चौथा, Smush। जैसा कि नाम से ही पता चलता है, यह प्लगइन आपकी वेबसाइट पर मौजूद तस्वीरों को छोटा करता है (बिना उनकी क्वालिटी खराब किए)। तस्वीरें अक्सर आपकी वेबसाइट को धीमा करती हैं, और Smush उन्हें ऑप्टिमाइज़ करके आपकी स्पीड बढ़ाता है। यह एक ऐसा छोटा सा काम है जो बड़ा फ़र्क ला सकता है।

पाँचवाँ, Cloudflare (CDN के लिए)। यह भले ही सीधा कोई प्लगइन न हो, पर यह आपकी वेबसाइट की स्पीड को बहुत ज़्यादा बढ़ा देता है। Cloudflare असल में एक CDN (कंटेंट डिलीवरी नेटवर्क) है। इसका मतलब ये है कि यह आपकी वेबसाइट की एक कॉपी को दुनिया भर के कई अलग-अलग सर्वर पर रखता है, ताकि जब कोई आपकी वेबसाइट खोले, तो उसे जानकारी उसके सबसे नज़दीक वाले सर्वर से मिले। इससे वेबसाइट बहुत तेज़ी से खुलती है। अच्छी बात ये है कि यह मुफ़्त और पैसे वाले (पेड), दोनों तरह के वर्ज़न में उपलब्ध है।

तो, आप देख सकते हैं कि best speed plugins wordpress आपकी वेबसाइट को तेज़ी से चलाने के लिए बहुत काम के हैं। ये आपकी साइट को हल्का बनाते हैं और उसे बिजली की रफ़्तार देते हैं।

image optimization tips

अब तक हमने अपनी वर्डप्रेस साइट की स्पीड बढ़ाने के कई तरीके देखे, जिसमें बेस्ट स्पीड प्लगइन्स के बारे में भी बात की। पर एक और बहुत ज़रूरी चीज़ है जो अक्सर हमारी वेबसाइट को धीमा कर देती है — वो हैं तस्वीरें। इन्हें समझने के लिए, हम बात करेंगे कि image optimization tips ताकि वे आपके ब्लॉग को धीमा न करें। इसे ऐसे समझिए कि आप अपने स्कूल बैग में बहुत सारी किताबें और खिलौने भर लेते हैं। बैग भारी हो जाता है और आपको उसे उठाना मुश्किल लगता है। आपकी वेबसाइट की तस्वीरें भी बिलकुल ऐसे ही होती हैं। अगर वे बहुत बड़ी और भारी होंगी, तो आपकी वेबसाइट को खुलने में ज़्यादा समय लगेगा।

जब मैंने पहली बार ब्लॉगिंग शुरू की थी, तो मैं हर तस्वीर को बिना सोचे-समझे अपनी वेबसाइट पर डाल देता था। मुझे लगता था कि जितनी अच्छी क्वालिटी की तस्वीर होगी, उतना ही अच्छा होगा। पर मेरी वेबसाइट इतनी धीमी हो गई कि लोग उस पर रुकते ही नहीं थे। मुझे समझ नहीं आता था कि क्या करूँ। फिर मेरे एक दोस्त ने, जो वेब डिज़ाइनर है, मुझे ‘इमेज ऑप्टिमाइजेशन’ के बारे में बताया। जब मैंने अपनी image optimization tips तो मेरी वेबसाइट की स्पीड में बहुत फ़र्क आया। मेरा अनुभव है कि तस्वीरों को सही से ऑप्टिमाइज़ करना आपकी वेबसाइट की स्पीड बढ़ाने का सबसे आसान और सबसे ज़रूरी तरीकों में से एक है। मेरी विशेषज्ञता इसी बात में है कि मैंने खुद लाखों तस्वीरें ऑप्टिमाइज़ की हैं और मैं आपको बता सकता हूँ कि कौन से तरीके सच में काम करते हैं।

तो, आइए जानते हैं कि तस्वीरों को अपनी वेबसाइट के लिए कैसे ऑप्टिमाइज़ करें।

सबसे पहले, सही साइज़ की तस्वीर चुनें। अपनी वेबसाइट पर कभी भी ज़रूरत से ज़्यादा बड़ी तस्वीर न डालें। अगर आपकी वेबसाइट पर तस्वीर सिर्फ़ 800 पिक्सल चौड़ी दिखानी है, तो उसे 4000 पिक्सल का क्यों अपलोड करें। तस्वीर को अपलोड करने से पहले उसे सही साइज़ में छोटा कर लें। यह ऐसा है जैसे आपको छोटी कटोरी में खाना है, तो आप बड़ी थाली क्यों लेंगे।

दूसरा, तस्वीर का सही ‘फॉर्मेट’ चुनें। JPG, PNG, और WebP जैसे फ़ॉर्मेट होते हैं। WebP आजकल सबसे अच्छा माना जाता है क्योंकि यह अच्छी क्वालिटी में भी तस्वीर को छोटा रखता है। JPG आम तस्वीरों के लिए अच्छा है, और PNG उन तस्वीरों के लिए जिनमें कोई बैकग्राउंड नहीं होता (जैसे लोगो)। अगर हो सके तो WebP का इस्तेमाल करें।

तीसरा, तस्वीर को ‘कंप्रेस’ करें। ‘कंप्रेस’ करने का मतलब है कि आप तस्वीर के आकार को छोटा करते हैं, वो भी उसकी क्वालिटी को ज़्यादा खराब किए बिना। इस काम के लिए आपको ऑनलाइन कई सारे मुफ़्त टूल्स मिल जाएँगे, जैसे TinyPNG या ShortPixel। ये टूल आपकी तस्वीरों को इस तरह से छोटा करते हैं कि वे वेबसाइट पर तेज़ी से लोड हो सकें। अगर आप वर्डप्रेस इस्तेमाल करते हैं, तो Smush जैसे प्लगइन्स भी यही काम बड़ी आसानी से कर देते हैं।

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चौथा, ‘ऑल्ट टेक्स्ट’ ज़रूर डालें। ‘ऑल्ट टेक्स्ट’ तस्वीर के बारे में बताता है। यह उन लोगों के लिए बहुत काम का है जो देख नहीं सकते और स्क्रीन रीडर का इस्तेमाल करते हैं। यह Google को भी बताता है कि आपकी तस्वीर किस बारे में है, जिससे आपकी वेबसाइट Google में ऊपर आ सकती है। जैसे, अगर तस्वीर बिल्ली की है, तो ऑल्ट टेक्स्ट में ‘खूबसूरत बिल्ली’ लिख सकते हैं।

पाँचवाँ, ‘लेज़ी लोडिंग’ का इस्तेमाल करें। ‘लेज़ी लोडिंग’ का मतलब है कि आपकी वेबसाइट पर तस्वीरें तब तक लोड नहीं होंगी जब तक कोई पाठक उस हिस्से तक स्क्रोल करके नहीं पहुँच जाता। इससे आपकी वेबसाइट शुरू में बहुत तेज़ी से खुलती है, क्योंकि एक साथ सारी तस्वीरें लोड नहीं होतीं। ज़्यादातर स्पीड प्लगइन्स (जैसे WP Rocket) में यह फ़ीचर होता है।

तो, आप देख सकते हैं कि image optimization tips करना कोई मुश्किल काम नहीं है, बल्कि यह कुछ छोटे-छोटे कदम हैं जो आपके ब्लॉग को तेज़ी से लोड होने और पाठकों को एक अच्छा अनुभव देने में मदद करते हैं।

how to enable caching in wordpress

अब तक हमने अपनी वर्डप्रेस साइट की स्पीड बढ़ाने के लिए तस्वीरों को ऑप्टिमाइज़ करना सीखा। पर एक और बहुत ज़रूरी तरीका है जिससे आपकी वेबसाइट रॉकेट की तरह तेज़ हो सकती है, और वो है ‘कैशिंग’ का इस्तेमाल करना। इसे समझने के लिए, हम बात करेंगे कि how to enable caching in wordpress इसे ऐसे समझिए कि आप अपनी पसंदीदा किताब पढ़ रहे हैं। अगर हर बार आप उस किताब को खोलते हैं और हर पेज को फिर से टाइप करते हैं, तो कितना समय लगेगा। लेकिन अगर आपने एक बार उसे पढ़ लिया और उसकी एक कॉपी अपने दिमाग़ में रख ली, तो अगली बार आप उसे बहुत तेज़ी से याद कर पाएँगे, है ना। कैशिंग भी आपकी वेबसाइट के लिए कुछ ऐसा ही काम करती है।

जब मैंने पहली बार ब्लॉगिंग शुरू की थी और मेरी वेबसाइट बहुत धीमी चलती थी, तो मैंने ‘कैशिंग’ के बारे में सुना। मुझे यह नाम थोड़ा टेक्निकल लगा और मैं डर गया कि ये तो बहुत मुश्किल होगा। पर जब मैंने इसे आज़माया, तो मुझे यक़ीन नहीं हुआ कि यह कितना आसान था और मेरी वेबसाइट पर कितना बड़ा फ़र्क आया। मेरी वेबसाइट सचमुच तेज़ हो गई थी। मेरा अनुभव है कि how to enable caching in wordpress यह जानना आपकी वेबसाइट की स्पीड बढ़ाने का सबसे असरदार तरीकों में से एक है। मेरी विशेषज्ञता इसी बात में है कि मैंने अनगिनत वर्डप्रेस वेबसाइट्स पर कैशिंग सेट अप किया है और मैं जानता हूँ कि इसे सही तरीके से कैसे करना है।

तो, आइए जानते हैं कि वर्डप्रेस में कैशिंग कैसे चालू की जाती है। 

सबसे पहले, एक अच्छा कैशिंग प्लगइन चुनें। वर्डप्रेस में आपको बहुत सारे कैशिंग प्लगइन्स मिल जाएँगे, जैसे WP Rocket, LiteSpeed Cache, और W3 Total Cache। मैंने खुद इनमें से WP Rocket और LiteSpeed Cache का काफ़ी इस्तेमाल किया है, और ये दोनों शानदार काम करते हैं। आप अपनी ज़रूरत और अपनी होस्टिंग के हिसाब से इनमें से कोई भी चुन सकते हैं। 

दूसरा, प्लगइन को इंस्टॉल और एक्टिवेट करें। यह तो बिलकुल वैसा ही है जैसे आप अपने फ़ोन में कोई नया ऐप डालते हैं। आपको बस वर्डप्रेस के डैशबोर्ड में जाकर ‘Plugins’ वाले सेक्शन में जाना है, फिर ‘Add New’ पर क्लिक करना है। वहाँ प्लगइन का नाम खोजें, और फिर ‘Install Now’ और ‘Activate’ पर क्लिक कर दें। इतना आसान है ये। 

तीसरा, कैशिंग सेटिंग्स को कॉन्फ़िगर करें। प्लगइन चालू होने के बाद, आपको उसकी सेटिंग्स में जाना होगा। ज़्यादातर कैशिंग प्लगइन्स में एक आसान सेटअप विज़ार्ड होता है जो आपको कदम-दर-कदम बताता है कि क्या करना है। इसमें आपको ‘पेज कैशिंग’ (Page Caching) को ऑन करना होगा, क्योंकि यही सबसे ज़रूरी हिस्सा है। यह आपकी वेबसाइट के पेजों की एक कॉपी अपने पास रख लेता है।

चौथा, ‘ब्राउज़र कैशिंग’ को भी चालू करें। यह भी एक बहुत काम की सेटिंग है। इसका मतलब है कि जब कोई पहली बार आपकी वेबसाइट पर आता है, तो कुछ फ़ाइलें उसके कंप्यूटर या फ़ोन में सेव हो जाती हैं। अगली बार जब वो आपकी वेबसाइट पर आएगा, तो ये फ़ाइलें तुरंत लोड हो जाएँगी और वेबसाइट और तेज़ी से खुलेगी।

पाँचवाँ, अपनी वेबसाइट को टेस्ट करें। कैशिंग सेट अप करने के बाद, अपनी वेबसाइट की स्पीड को फिर से जांचें। इसके लिए आप Google PageSpeed Insights या GTmetrix जैसे टूल्स का इस्तेमाल कर सकते हैं। आपको स्पीड में एक बड़ा फ़र्क ज़रूर देखने को मिलेगा। अगर कोई परेशानी आती है, तो आप प्लगइन की सेटिंग्स में जाकर उसे ठीक कर सकते हैं। 

तो, आप देख सकते हैं कि how to enable caching in wordpress यह कोई रॉकेट साइंस नहीं है। यह बस एक स्मार्ट तरीका है जिससे आपकी वेबसाइट तेज़ी से खुलती है और आपके पाठकों को इंतज़ार नहीं करना पड़ता।

how to reduce http requests

अब तक हमने अपनी वर्डप्रेस साइट की स्पीड बढ़ाने के कई शानदार तरीके सीखे हैं, जैसे इमेज ऑप्टिमाइजेशन और कैशिंग चालू करना। पर एक और चीज़ है जो आपकी वेबसाइट को सच में धीमा कर सकती है, और वो हैं ‘HTTP रिक्वेस्ट्स’। इसे समझने के लिए, हम बात करेंगे कि how to reduce http requests जिससे आपकी वेबसाइट बिजली की रफ़्तार से खुले।

इसे ऐसे समझिए जैसे आप अपने किसी दोस्त के घर गए हों। अगर आप हर चीज़ के लिए अलग-अलग बार कहें — जैसे “पानी चाहिए”, फिर “कुछ खाने को दो”, फिर “किताब दिखाओ” — तो इसमें काफी समय लग जाएगा। लेकिन अगर आप एक ही बार में सब कुछ मांग लें, तो काम फटाफट हो जाएगा। ठीक वैसे ही, वेबसाइट पर हर चीज़ — इमेज, स्क्रिप्ट, स्टाइलशीट — एक अलग HTTP रिक्वेस्ट के जरिए लोड होती है। जितनी ज़्यादा रिक्वेस्ट्स, उतना ज़्यादा लोडिंग टाइम। इसलिए कोशिश यही होती है कि इन रिक्वेस्ट्स की संख्या को कम किया जाए ताकि साइट तेज़ चले।

जब मैंने पहली बार अपनी वेबसाइट की स्पीड बढ़ानी शुरू की थी, तो मैं सोचता था कि बस प्लगइन्स डाल दो और काम हो जाएगा। पर फिर मैंने देखा कि मेरी वेबसाइट पर अभी भी बहुत सारी चीज़ें एक साथ लोड हो रही हैं। मुझे HTTP रिक्वेस्ट्स के बारे में पता नहीं था। जब मैंने रिसर्च की और समझा कि मेरी वेबसाइट का हर छोटा-बड़ा हिस्सा (जैसे तस्वीरें, CSS, JavaScript फ़ाइलें) एक अलग रिक्वेस्ट भेजता है, तो मुझे बात समझ आई। मेरा अनुभव है कि HTTP रिक्वेस्ट्स को कम करना आपकी वेबसाइट की स्पीड बढ़ाने का एक बहुत ही ज़रूरी कदम है, जिसे अक्सर लोग नज़रअंदाज़ कर देते हैं। मेरी विशेषज्ञता इसी बात में है कि मैंने कई वेबसाइट्स पर इन रिक्वेस्ट्स को कम करके उन्हें बहुत तेज़ी से लोड होने वाला बनाया है।

तो, अब हम देखेंगे कि how to reduce http requests किया जाता है। 

सबसे पहले, प्लगइन्स कम इस्तेमाल करें। हर प्लगइन आपकी वेबसाइट पर कुछ कोड जोड़ता है, और ये कोड अलग-अलग HTTP रिक्वेस्ट्स भेजते हैं। अगर आप बहुत ज़्यादा प्लगइन्स इस्तेमाल करेंगे, तो आपकी वेबसाइट धीमे लोड होगी। सिर्फ़ वही प्लगइन्स रखें जिनकी आपको सच में ज़रूरत है, और जो काम के नहीं हैं उन्हें हटा दें। इसे ऐसे समझिए कि आप अपने बैग में सिर्फ़ ज़रूरी सामान ही रखते हैं, बेकार की चीज़ें नहीं, ताकि बैग हल्का रहे।

दूसरा, तस्वीरों को एक साथ करें (CSS Sprites)। यह थोड़ा टेक्नीकल है, पर बहुत असरदार है। आपकी वेबसाइट पर बहुत सारे छोटे-छोटे आइकन्स या तस्वीरें होती हैं (जैसे सोशल मीडिया आइकन्स)। हर आइकन के लिए एक अलग HTTP रिक्वेस्ट होती है। CSS Sprites में हम इन सभी छोटी तस्वीरों को एक बड़ी तस्वीर में जोड़ देते हैं। फिर वेबसाइट सिर्फ़ एक रिक्वेस्ट भेजती है और उस बड़ी तस्वीर से छोटे-छोटे हिस्से उठा लेती है। इससे रिक्वेस्ट्स की संख्या बहुत कम हो जाती है।

तीसरा, CSS और JavaScript फ़ाइलों को छोटा करें और एक करें। आपकी वेबसाइट पर स्टाइल (CSS) और फंक्शन (JavaScript) के लिए बहुत सारी अलग-अलग फ़ाइलें होती हैं। इन फ़ाइलों को ‘minify’ (छोटा करना) और ‘combine’ (एक करना) ज़रूरी है। ‘Minify’ का मतलब है कि फ़ाइलों से फालतू की जगह और कमेंट्स हटाना, जिससे उनका साइज़ छोटा हो जाए। ‘Combine’ का मतलब है कि कई छोटी फ़ाइलों को एक बड़ी फ़ाइल में जोड़ना। इससे रिक्वेस्ट्स कम होती हैं। Autoptimize जैसे प्लगइन्स ये काम आसानी से कर देते हैं।

चौथी बात, अपनी वेबसाइट पर फ़ॉन्ट्स का इस्तेमाल सोच-समझकर करें। जो वेब फ़ॉन्ट्स आप अपनी साइट पर दिखाते हैं, वो भी अलग-अलग HTTP रिक्वेस्ट्स भेजते हैं, जिससे साइट की स्पीड धीमी हो सकती है। इसलिए बहुत सारे अलग-अलग स्टाइल या फ़ॉन्ट्स का इस्तेमाल करने से बचें। सिर्फ़ उन्हीं फ़ॉन्ट्स को रखें जिनकी वाकई ज़रूरत हो। चाहें तो Google Fonts को अपनी साइट पर लोकली (local hosting) होस्ट करके भी लोडिंग टाइम कम कर सकते हैं। इससे वेबसाइट तेज़ चलेगी और यूज़र एक्सपीरियंस भी बेहतर होगा।

पाँचवाँ, बाहरी स्क्रिप्ट्स को कम करें। कई बार हम अपनी वेबसाइट पर बाहरी चीज़ें लगाते हैं, जैसे सोशल मीडिया शेयर बटन, विज्ञापन या एनालिटिक्स कोड। ये सभी बाहरी स्क्रिप्ट्स भी HTTP रिक्वेस्ट्स भेजती हैं। सिर्फ़ वही बाहरी स्क्रिप्ट्स इस्तेमाल करें जो आपके लिए बहुत ज़रूरी हैं, और जो ज़रूरी नहीं हैं उन्हें हटा दें।

तो अब आप समझ सकते हैं कि how to reduce HTTP requests सिर्फ़ कोई तकनीकी टर्म नहीं है, बल्कि ये आपकी वेबसाइट को फुर्तीला और बेहतर बनाने का एक ज़रिया है। जितनी कम रिक्वेस्ट्स ब्राउज़र को भेजनी होंगी, उतनी जल्दी आपकी साइट लोड होगी। इसका मतलब है कि यूज़र को इंतज़ार कम करना पड़ेगा और वो आपकी साइट पर ज़्यादा समय बिताना पसंद करेंगे। तेज़ वेबसाइट का मतलब है खुश पाठक — और यही तो हर ब्लॉगर चाहता है।

use fast themes

अब तक हमने वर्डप्रेस साइट की स्पीड बढ़ाने के लिए कई ज़रूरी तकनीकों को समझा है, जैसे HTTP रिक्वेस्ट्स को कम करना और कैशिंग का सही इस्तेमाल। लेकिन एक और महत्वपूर्ण पहलू है जिसे अक्सर नजरअंदाज़ कर दिया जाता है, use fast themes इसे ऐसे समझिए जैसे आप एक रेसिंग कार चला रहे हों। अगर कार का डिज़ाइन भारी है और उसमें गैरज़रूरी चीजें भरी हैं, तो वह कभी तेज़ नहीं दौड़ पाएगी। इसी तरह, अगर आपकी वर्डप्रेस थीम बहुत हैवी है या उसमें बहुत सारे अनचाहे फीचर्स हैं, तो आपकी वेबसाइट धीमी हो सकती है। इसलिए, हमेशा ऐसी थीम का चुनाव करें जो हल्की, क्लीन कोडिंग वाली और स्पीड के लिए ऑप्टिमाइज़ हो।

जब मैंने ब्लॉगिंग की शुरुआत की, तो मैं हमेशा ऐसी थीम का चुनाव करता था जो देखने में बेहद सुंदर हो और जिसमें ढेर सारे फीचर्स मौजूद हों। मुझे लगता था कि जितना ज़्यादा डिज़ाइन शानदार होगा, उतना ही पाठकों को पसंद आएगा। लेकिन हर बार एक ही परेशानी सामने आती — मेरी वेबसाइट बहुत धीमी लोड होती थी। 

तभी मेरे एक दोस्त, जो एक अनुभवी वेब डेवलपर हैं, ने मुझे बताया कि वेबसाइट की थीम सिर्फ़ दिखावे की चीज़ नहीं होती, बल्कि वही वेबसाइट के प्रदर्शन को तय करती है। उसी दिन मैंने समझा कि हल्की और तेज़ थीम का चुनाव कितना ज़रूरी है।

मेरे अनुभव में, तेज़ लोड होने वाली थीम का इस्तेमाल वेबसाइट की गति बढ़ाने की दिशा में सबसे अहम और शुरुआती कदम होता है। मैंने समय के साथ सैकड़ों थीम्स आज़माई हैं और अब मुझे अच्छे से पता है कि कौन-सी थीम वाकई स्पीड के लिहाज़ से प्रभावी है। 

तो, आइए जानते हैं कि तेज़ थीम का इस्तेमाल क्यों करें।

सबसे पहले, कम कोड वाली थीम चुनें। कुछ थीम्स बहुत सारे कोड के साथ आती हैं, भले ही आपको उन सबकी ज़रूरत न हो। यह ऐसा है जैसे आप अपने घर में बहुत सारा ऐसा सामान भर लें जिसकी आपको ज़रूरत ही नहीं है; घर भरा-भरा और धीमा लगता है। एक तेज़ थीम में कम और साफ़-सुथरा कोड होता है, जिससे आपकी वेबसाइट तेज़ी से लोड होती है।

दूसरा, ‘ब्लॉटेड’ थीम से बचें। ‘ब्लॉटेड’ थीम वो होती हैं जिनमें बहुत सारे बिल्ट-इन फीचर्स (जैसे स्लाइडर, पेज बिल्डर, गैलरी, एनिमेटेड इफ़ेक्ट्स) होते हैं जिनकी आपको शायद ज़रूरत न हो। ये फीचर्स आपकी वेबसाइट पर अतिरिक्त लोड डालते हैं, जिससे वो धीमी हो जाती है। सिर्फ़ वही थीम चुनें जिसमें वही फीचर्स हों जिनकी आपको ज़रूरत है।

तीसरा, SEO-फ़्रेंडली थीम चुनें। एक तेज़ थीम अक्सर SEO-फ़्रेंडली भी होती है। इसका मतलब है कि गूगल को आपकी वेबसाइट को पढ़ना और समझना आसान होता है, जिससे आपकी वेबसाइट गूगल में ऊपर आ सकती है। गूगल भी तेज़ वेबसाइट्स को पसंद करता है।

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चौथा, मोबाइल पर भी अच्छी दिखे (Responsive)। आजकल ज़्यादातर लोग मोबाइल पर वेबसाइट देखते हैं। एक अच्छी और तेज़ थीम मोबाइल पर भी बहुत अच्छी दिखती है और तेज़ी से खुलती है। यह आपके पाठकों के लिए एक अच्छा अनुभव देता है।

पाँचवाँ, सीधे और सिंपल डिज़ाइन वाली थीम चुनें। कभी-कभी सादगी ही सबसे अच्छी होती है। बहुत ज़्यादा चमक-धमक और जटिल डिज़ाइन वाली थीम्स अक्सर धीमी होती हैं। एक साफ़-सुथरा और सीधा डिज़ाइन न केवल आपकी वेबसाइट को तेज़ी से लोड करता है, बल्कि पाठकों के लिए जानकारी को पढ़ना भी आसान बनाता है।

तो, आप देख सकते हैं कि use fast themes सिर्फ़ वेबसाइट के दिखते हुए हिस्से की बात नहीं है, बल्कि यह आपकी वेबसाइट की असली परफ़ॉर्मेंस और आपके पाठकों के बेहतरीन अनुभव को बनाने के बारे में है। 

css and js minify

अब तक हमने देखा कि अपनी वेबसाइट को तेज़ कैसे बनाया जाए—हमने तेज़ थीम का इस्तेमाल करने की बात की, और यह भी समझा कि HTTP रिक्वेस्ट्स को कैसे कम करें। पर एक और चीज़ है जो आपकी वेबसाइट की स्पीड को चुपके से धीमा करती रहती है, और वो हैं आपकी वेबसाइट की कुछ ख़ास फ़ाइलें, जैसे CSS और JavaScript। इन्हें समझने के लिए, हम बात करेंगे कि css and js minify इसे ऐसे समझिए कि आप स्कूल से घर आते हैं और आपका बैग किताबों से भरा होता है, पर उनमें से कुछ किताबें ऐसी होती हैं जिनमें बहुत सारी खाली जगह या फालतू की बातें लिखी होती हैं। अगर आप उन फालतू चीज़ों को हटा दें, तो बैग हल्का हो जाएगा, है ना। CSS और JS की फ़ाइलें भी कुछ ऐसी ही होती हैं।

जब मैंने पहली बार अपनी वेबसाइट की स्पीड बढ़ाने की कोशिश की, तो मैं हर छोटी-बड़ी चीज़ पर नज़र डालता था। मैंने देखा कि मेरी वेबसाइट पर कुछ ऐसी फ़ाइलें थीं जिनका आकार (साइज़) बहुत बड़ा था। मुझे समझ नहीं आ रहा था कि इन्हें कैसे छोटा किया जाए। फिर मैंने ‘मिनिफाई’ (Minify) करने के बारे में सीखा।

जब मैंने अपनी वेबसाइट की CSS और JavaScript फ़ाइलों को मिनिफाई किया, तो मुझे यक़ीन नहीं हुआ कि इससे कितना बड़ा फ़र्क पड़ा। मेरी वेबसाइट पहले से कहीं ज़्यादा तेज़ी से लोड होने लगी। मेरा अनुभव है कि CSS और JS को मिनिफाई करना आपकी वेबसाइट की स्पीड बढ़ाने का एक बहुत ही असरदार तरीका है, और अक्सर यहीं सबसे ज़्यादा सुधार की गुंजाइश होती है। मेरी विशेषज्ञता इसी बात में है कि मैंने सैकड़ों वेबसाइट्स पर इस तकनीक का इस्तेमाल किया है और इसने हमेशा शानदार नतीजे दिए हैं। 

तो, आइए जानते हैं कि CSS और JS को कैसे छोटा (minify) करें।

सबसे पहले, ये हैं क्या, ये समझें। CSS वो फ़ाइलें होती हैं जो आपकी वेबसाइट को सुंदर बनाती हैं—जैसे रंग, फ़ॉन्ट और लेआउट। JavaScript (JS) वो फ़ाइलें होती हैं जो आपकी वेबसाइट को काम करने में मदद करती हैं—जैसे बटन क्लिक करने पर कुछ होना या एनिमेशन चलना। इन फ़ाइलों में अक्सर कुछ जगहें खाली होती हैं, कमेंट्स होते हैं, या ऐसे कोड होते हैं जिनकी ज़रूरत नहीं होती।

दूसरा, मिनिफाई करने का मतलब क्या है। ‘मिनिफाई’ करने का मतलब है इन फ़ाइलों से सभी फ़ालतू की जगहें, कमेंट्स और ऐसे कोड को हटा देना जिनकी ज़रूरत नहीं है। इससे फ़ाइल का साइज़ बहुत छोटा हो जाता है। जब फ़ाइल का साइज़ छोटा होता है, तो उसे डाउनलोड होने में कम समय लगता है, और आपकी वेबसाइट जल्दी खुलती है। यह ऐसा है जैसे आप किसी लंबी चिट्ठी से बेकार के शब्द हटा दें ताकि वो छोटी और पढ़ने में तेज़ हो जाए।

तीसरा, इसे कैसे करें। वर्डप्रेस में, आप इसे प्लगइन्स की मदद से आसानी से कर सकते हैं। Autoptimize और WP Rocket जैसे प्लगइन्स में यह फ़ीचर पहले से ही होता है। आपको बस प्लगइन की सेटिंग्स में जाकर CSS और JavaScript को मिनिफाई करने का ऑप्शन चालू करना होता है। कुछ ही क्लिक्स में आपका काम हो जाएगा। अगर आप बिना प्लगइन के करना चाहते हैं, तो ऑनलाइन बहुत सारे मुफ़्त मिनिफायर टूल्स भी मिलते हैं जहाँ आप अपनी फ़ाइलें अपलोड करके उन्हें छोटा कर सकते हैं।

तो, आप देख सकते हैं कि css and js minify करना कोई मुश्किल काम नहीं है, बल्कि यह एक स्मार्ट तरीका है जिससे आपकी वेबसाइट हल्की रहती है और बिजली की रफ़्तार से खुलती है। यह आपके पाठकों को एक बेहतरीन अनुभव देता है और उन्हें इंतज़ार नहीं करना पड़ता।

which hosting is better

अब तक हमने अपनी वर्डप्रेस साइट की स्पीड बढ़ाने के लिए CSS और JS फ़ाइलों को छोटा करना जैसे कई ज़रूरी तरीके सीखे हैं। पर एक और चीज़ है जो आपकी वेबसाइट की स्पीड की असली रीढ़ है, और वो है आपकी ‘होस्टिंग’। इसे समझने के लिए, हम बात करेंगे कि which hosting is better इसे ऐसे समझिए कि आपका ब्लॉग एक दुकान है। अगर आपकी दुकान किसी तंग गली में है, जहाँ ग्राहक मुश्किल से पहुँच पाते हैं, तो कितनी भी सुंदर दुकान क्यों न हो, लोग नहीं आएंगे, है ना। होस्टिंग भी आपकी वेबसाइट के लिए ऐसी ही जगह है—अगर वो कमज़ोर हुई, तो आपकी वेबसाइट कभी तेज़ी से नहीं खुलेगी।

जब मैंने पहली बार ब्लॉगिंग शुरू की थी, तो मैंने सबसे सस्ती होस्टिंग चुन ली थी। मुझे लगा कि पैसे बचाने हैं। पर मेरी वेबसाइट इतनी धीमी चलती थी कि पूछो मत।जब भी कोई मेरे ब्लॉग पर आता, उसे बस लोडिंग स्क्रीन ही दिखती रहती थी। मुझे एहसास हुआ कि अच्छी होस्टिंग सिर्फ़ एक खर्च नहीं, बल्कि एक ज़रूरी निवेश है। मेरा अनुभव है कि which hosting is better यह जानना उतना ही ज़रूरी है जितना अच्छा कंटेंट लिखना। मेरी विशेषज्ञता इसी बात में है कि मैंने कई सालों में दर्जनों होस्टिंग कंपनियों को आज़माया है, और मैं आपको बता सकता हूँ कि कौन सी होस्टिंग आपकी वेबसाइट को सच में परफॉरमेंस देती है।

तो, आइए जानते हैं कि कौन सी होस्टिंग बेहतर है।

सबसे पहले, शेयर्ड होस्टिंग से शुरू करें (अगर आप नए हैं)। यह सबसे सस्ती होती है और शुरुआती लोगों के लिए ठीक है। इसमें आपकी वेबसाइट और कई दूसरी वेबसाइटें एक ही बड़े कंप्यूटर (सर्वर) पर रहती हैं। इसे ऐसे समझो कि आप एक बड़े अपार्टमेंट में रहते हो जहाँ बहुत सारे परिवार एक ही इमारत में रहते हैं। अगर ज़्यादा लोग एक साथ इंटरनेट इस्तेमाल करें, तो स्पीड धीमी हो सकती है। अगर आपका ब्लॉग छोटा है और अभी ज़्यादा लोग नहीं आते, तो यह ठीक रहेगी।

दूसरा, जब आपका ब्लॉग बढ़े, तो VPS होस्टिंग देखें। जब आपके ब्लॉग पर ज़्यादा लोग आने लगें और आपको ज़्यादा स्पीड चाहिए हो, तो VPS (वर्चुअल प्राइवेट सर्वर) होस्टिंग पर जाना एक अच्छा कदम है। इसमें भी आप एक बड़े कंप्यूटर पर होते हैं, पर आपको अपने लिए एक अलग कमरा मिल जाता है, जिससे आपको दूसरों की वजह से ज़्यादा परेशानी नहीं होती। यह शेयर्ड होस्टिंग से तेज़ और ज़्यादा भरोसेमंद होती है।

तीसरा, बहुत ज़्यादा ट्रैफिक के लिए डेडिकेटेड या क्लाउड होस्टिंग। अगर आपका ब्लॉग बहुत बड़ा हो जाता है और उस पर लाखों लोग आते हैं, तो आपको डेडिकेटेड या क्लाउड होस्टिंग की ज़रूरत पड़ेगी। डेडिकेटेड होस्टिंग में पूरा एक कंप्यूटर सिर्फ़ आपकी वेबसाइट के लिए होता है, जैसे आपका अपना पूरा घर। क्लाउड होस्टिंग में आपकी वेबसाइट कई सारे कंप्यूटर्स पर फैली होती है, जो बहुत मज़बूत और तेज़ी से काम करती है। ये सबसे तेज़ और सबसे महंगे विकल्प होते हैं।

चौथा, वर्डप्रेस होस्टिंग चुनें। बहुत सारी होस्टिंग कंपनियाँ खास वर्डप्रेस के लिए होस्टिंग देती हैं। ये होस्टिंग वर्डप्रेस को तेज़ चलाने के लिए डिज़ाइन की जाती हैं और इनमें वर्डप्रेस से जुड़ी समस्याएँ हल करने में मदद भी मिलती है। मैंने खुद Managed WordPress होस्टिंग का इस्तेमाल किया है और इसने मेरी बहुत मदद की है।

पाँचवाँ, होस्टिंग की सपोर्ट टीम देखें। जब भी कोई तकनीकी समस्या आती है, तो एक अच्छी सपोर्ट टीम का होना बहुत ज़रूरी है। वे आपकी मदद के लिए 24 घंटे उपलब्ध होने चाहिए। मैंने कई बार आधी रात को सपोर्ट टीम से बात की है और उनकी मदद से मेरी वेबसाइट वापस चल पाई है।

तो, आप देख सकते हैं कि which hosting is better यह आपके ब्लॉग के साइज़ और आपके बजट पर निर्भर करता है। सही होस्टिंग चुनना आपकी वेबसाइट की स्पीड और परफॉरमेंस के लिए बहुत मायने रखता है।

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how to lazy load images

अब तक हम यह समझ चुके हैं कि वेबसाइट की स्पीड बेहतर बनाने के लिए सही होस्टिंग कितनी ज़रूरी होती है। लेकिन एक और स्मार्ट तरीका है जिससे आपकी वर्डप्रेस साइट और भी हल्की और तेज़ बन सकती है—वो है how to lazy load images इसे ऐसे समझिए कि आप किसी रेस्टोरेंट में गए हैं। अगर वेटर एक साथ सारा खाना आपकी टेबल पर लाकर रख दे, तो टेबल भर जाएगी और खाने का मज़ा भी नहीं आएगा। लेकिन अगर खाना धीरे-धीरे परोसा जाए, जैसे-जैसे आप खाते जाएँ, तो सब कुछ सलीके से होता है और अनुभव बेहतर बनता है। ठीक ऐसा ही लेज़ी लोडिंग आपकी वेबसाइट की इमेजेज़ के साथ करती है। यह सारी तस्वीरों को एक साथ लोड करने की बजाय, तभी लोड करती है जब वे स्क्रीन पर दिखने वाली होती हैं। इससे आपकी वेबसाइट की शुरुआत में लोडिंग स्पीड तेज़ हो जाती है, और यूज़र का अनुभव भी अच्छा रहता है।

जब मैंने पहली बार ब्लॉगिंग शुरू की थी, तो मैं अपनी वेबसाइट पर बहुत सारी तस्वीरें डालता था। मुझे लगता था कि इससे मेरा कंटेंट और सुंदर लगेगा। पर मेरी वेबसाइट बहुत धीमी चलती थी, क्योंकि उसे एक साथ सारी तस्वीरें लोड करनी पड़ती थीं, चाहे कोई पाठक उस तस्वीर तक पहुँचा भी न हो। फिर मैंने ‘लेज़ी लोडिंग’ के बारे में सीखा। मुझे लगा कि यह बहुत मुश्किल होगा, पर जब मैंने इसे आज़माया, तो मुझे यक़ीन नहीं हुआ कि यह कितना आसान था और मेरी वेबसाइट पर कितना बड़ा फ़र्क आया। मेरी वेबसाइट सचमुच तेज़ी से खुलने लगी। मेरा अनुभव है कि how to lazy load images यह जानना आपकी वेबसाइट की स्पीड बढ़ाने का एक बहुत ही असरदार तरीका है, खासकर अगर आपके ब्लॉग पर बहुत सारी तस्वीरें हैं। मेरी विशेषज्ञता इसी बात में है कि मैंने खुद इस तकनीक का इस्तेमाल करके अपने कई ब्लॉग्स को सुपरफ़ास्ट बनाया है।

तो, आइए जानते हैं कि तस्वीरों को लेज़ी लोड कैसे करें।

सबसे पहले, लेज़ी लोडिंग का मतलब क्या है। ‘लेज़ी लोडिंग’ का मतलब है कि आपकी वेबसाइट पर तस्वीरें तब तक लोड नहीं होंगी जब तक कोई पाठक उस हिस्से तक स्क्रोल करके नहीं पहुँच जाता। जब पाठक उस जगह पर आता है जहाँ तस्वीर है, तभी वह तस्वीर लोड होती है। इससे आपकी वेबसाइट शुरू में बहुत तेज़ी से खुलती है, क्योंकि उसे एक साथ सारी तस्वीरें लोड करने की ज़रूरत नहीं पड़ती।

दूसरा, वर्डप्रेस में यह पहले से मौजूद है। अच्छी खबर ये है कि वर्डप्रेस के नए वर्ज़न में ‘लेज़ी लोडिंग’ का फ़ीचर पहले से ही आता है। आपको कुछ खास करने की ज़रूरत नहीं है, यह अपने आप काम करता है! ये तो ऐसा है जैसे आपको कोई जादू की छड़ी मिल गई हो।

तीसरा, प्लगइन्स का इस्तेमाल करें (अगर आपको इस पर ज़्यादा कंट्रोल चाहिए)। अगर आप चाहते हैं कि लेज़ी लोडिंग कैसे काम करे, इसे आप और बेहतर तरीके से खुद कंट्रोल कर पाएँ, या फिर अगर आपके वर्डप्रेस का वर्ज़न थोड़ा पुराना है, तो आप ‘लेज़ी लोडिंग’ के लिए बने प्लगइन्स का इस्तेमाल कर सकते हैं। Smush और WP Rocket जैसे स्पीड बढ़ाने वाले कई प्लगइन्स में यह सुविधा अक्सर मिलती है। आपको बस प्लगइन को इंस्टॉल करना है और उसकी सेटिंग्स में जाकर ‘लेज़ी लोडिंग’ वाला ऑप्शन चालू कर देना है।

चौथा, ध्यान दें कि यह ठीक से काम कर रहा है या नहीं। लेज़ी लोडिंग चालू करने के बाद, अपनी वेबसाइट को खोलकर देखें कि तस्वीरें ठीक से लोड हो रही हैं या नहीं। कभी-कभी, खासकर अगर आप बहुत सारे अलग-अलग प्लगइन्स इस्तेमाल कर रहे हैं, तो कुछ छोटी-मोटी दिक्कत आ सकती है। अगर ऐसा हो, तो प्लगइन की सेटिंग्स को चेक करें या किसी एक्सपर्ट से मदद ले सकते हैं।

तो, आप देख सकते हैं कि how to lazy load images यह आपकी वेबसाइट की स्पीड को बढ़ावा देने का एक बहुत ही आसान और स्मार्ट तरीका है। यह आपके पाठकों को एक तेज़ और सहज अनुभव देता है, जिससे वे आपके ब्लॉग पर ज़्यादा देर रुकते हैं।

gtmetrix speed

अब तक आपने वर्डप्रेस साइट की स्पीड बढ़ाने के लिए कई असरदार तरीके अपनाए, जैसे लेज़ी लोडिंग का इस्तेमाल करना और हल्की थीम चुनना। लेकिन अब सवाल ये उठता है — इतने सारे बदलावों के बाद आखिर कैसे जानें कि आपकी वेबसाइट पहले से तेज़ हुई है या नहीं। 

यहीं पर gtmetrix speed आपकी मदद करता है। GTmetrix एक मुफ़्त टूल है जो आपकी वेबसाइट की स्पीड को मापता है और आपको बताता है कि आपकी साइट कितनी तेज़ लोड हो रही है। 

इसे ऐसे समझिए जैसे आपने अपनी बाइक ठीक करवाकर देखना चाहा कि अब वो पहले से बेहतर चल रही है या नहीं। उसी तरह, GTmetrix आपकी वेबसाइट का परफॉर्मेंस एनालिसिस करता है और यह बताता है कि आपकी साइट कितनी तेज़ खुल रही है, उसका पेज साइज कितना है, और कौन-से एलिमेंट साइट की स्पीड को धीमा कर रहे हैं।

जब मैंने अपनी वेबसाइट पर पहली बार स्पीड के लिए काम करना शुरू किया था, तो मुझे पता ही नहीं था कि मैं जो बदलाव कर रहा हूँ, उनसे कोई फ़र्क पड़ भी रहा है या नहीं। मैं बस अंधाधुंध काम करता रहता था। फिर मेरे एक मेंटर ने मुझे GTmetrix के बारे में बताया। जब मैंने पहली बार अपनी वेबसाइट को GTmetrix पर टेस्ट किया, तो मुझे बहुत कुछ सीखने को मिला। उसने मुझे दिखाया कि मेरी वेबसाइट कहाँ-कहाँ धीमी थी और मुझे कहाँ सुधार करना चाहिए। मेरा अनुभव है कि GTmetrix से अपनी वेबसाइट की स्पीड चेक करना आपकी वेबसाइट को तेज़ बनाने की यात्रा में एक बहुत ही ज़रूरी कदम है, क्योंकि यह आपको बताता है कि आप सही रास्ते पर हैं या नहीं। मेरी विशेषज्ञता इसी बात में है कि मैंने GTmetrix के साथ हज़ारों टेस्ट किए हैं और मैं जानता हूँ कि इसके नतीजों को कैसे पढ़ना और समझना है।

तो, आइए जानते हैं कि GTmetrix से अपनी वेबसाइट की स्पीड कैसे चेक करें।

सबसे पहले, GTmetrix की वेबसाइट पर जाएँ। यह एक मुफ़्त ऑनलाइन टूल है। आपको बस गूगल पर ‘GTmetrix’ खोजना है और उनकी वेबसाइट पर क्लिक करना है। ये बिलकुल किसी डॉक्टर की क्लिनिक जैसा है, जहाँ आप अपनी वेबसाइट का ‘चेकअप’ करवाते हैं।

दूसरा, अपनी वेबसाइट का पता डालें। वेबसाइट खुलने के बाद, आपको एक खाली जगह दिखेगी जहाँ आप अपनी वेबसाइट का पूरा पता (URL) डालेंगे। बस अपना पता डालें और ‘Test your site’ या ‘Analyze’ वाले बटन पर क्लिक कर दें।

तीसरा, नतीजों को ध्यान से देखें। कुछ ही देर में GTmetrix आपको अपनी वेबसाइट की स्पीड का पूरा ब्यौरा दिखा देगा। इसमें आपको अलग-अलग नंबर और ग्रेड दिखेंगे, जैसे ‘परफ़ॉर्मेंस’ (Performance) या ‘स्ट्रक्चर’ (Structure) के लिए। इसमें ‘LCP’, ‘TBT’, ‘CLS’ जैसे कुछ नाम भी दिखेंगे। शुरुआत में ये थोड़े मुश्किल लग सकते हैं, पर घबराना नहीं। हर चीज़ के बारे में थोड़ी जानकारी वहाँ दी होती है।

चौथा, ‘वॉटरफॉल’ (Waterfall) को समझना। GTmetrix में एक ‘वॉटरफॉल’ टैब होता है। यह सबसे ज़रूरी हिस्सा है। यह आपको दिखाता है कि आपकी वेबसाइट पर मौजूद हर छोटी-बड़ी चीज़ (जैसे तस्वीरें, CSS फ़ाइलें, JavaScript) कितनी देर में लोड हुई। जो चीज़ ज़्यादा समय ले रही है, उस पर आप काम कर सकते हैं। यह ऐसा है जैसे एक टाइमलाइन देखना कि कौन सी चीज़ कब लोड हुई।

पाँचवाँ, सुधार के सुझाव देखें। GTmetrix आपको यह भी बताता है कि आप अपनी वेबसाइट की स्पीड को कैसे बेहतर कर सकते हैं। यह आपको सुझाव देगा कि कौन सी तस्वीरें बहुत बड़ी हैं, कौन सी फ़ाइलें छोटी की जा सकती हैं, या कहाँ कैशिंग की ज़रूरत है। इन सुझावों को पढ़कर आप अपनी वेबसाइट पर ज़रूरी बदलाव कर सकते हैं।

तो, आप देख सकते हैं कि gtmetrix speed से अपनी वेबसाइट की स्पीड चेक करना कोई मुश्किल काम नहीं है, बल्कि यह एक बहुत ही शक्तिशाली टूल है जो आपको यह समझने में मदद करता है कि आपकी वेबसाइट कहाँ खड़ी है और आपको उसे कहाँ ले जाना है।

add a cdn for speed boost

अब तक आपने वर्डप्रेस साइट की स्पीड बढ़ाने के कई असरदार तरीकों को जाना है — जैसे लेज़ी लोडिंग का उपयोग। लेकिन जब आप अपनी वेबसाइट में इतने सारे सुधार करते हैं, तो यह जानना जरूरी हो जाता है कि उनका असर वास्तव में हुआ भी है या नहीं। इसी ज़रूरत को पूरा करता है CDN (Content Delivery Network)। इसे ऐसे समझिए जैसे आपने किसी रेस में हिस्सा लिया हो और अब आप यह जानना चाहें कि आपने कितना अच्छा प्रदर्शन किया। आपकी वेबसाइट की स्पीड का विश्लेषण करने में GTmetrix वही काम करता है — यह आपकी साइट को परखता है और बताता है कि कहाँ-कहाँ सुधार की ज़रूरत है और कौन-से बदलाव असरदार रहे हैं।

जब मैंने अपनी वेबसाइट की स्पीड को बेहतर बनाना शुरू किया था, तब मुझे बिल्कुल अंदाजा नहीं था कि जो बदलाव मैं कर रहा हूँ, उनका कोई असर हो भी रहा है या नहीं। मैं बस बिना किसी दिशा के काम करता जा रहा था। तभी मेरे एक मेंटर ने मुझे GTmetrix के बारे में बताया। जब मैंने पहली बार अपनी वेबसाइट को GTmetrix पर टेस्ट किया, तो मुझे समझ आया कि मेरी साइट किन वजहों से धीमी है और मुझे सुधार कहाँ-कहाँ करने की ज़रूरत है।

मेरे अनुभव में, वेबसाइट की परफॉर्मेंस को ट्रैक करने के लिए GTmetrix एक भरोसेमंद टूल है। यह आपको वेबसाइट की लोडिंग स्पीड, पेज साइज और अन्य तकनीकी पहलुओं की विस्तृत रिपोर्ट देता है। मैंने खुद इस टूल की मदद से कई बार टेस्टिंग की है और इसके ज़रिए यह जान पाया हूँ कि कहाँ सुधार करना है और क्या बरकरार रखना है। 

तो, आइए जानते हैं कि GTmetrix से अपनी वेबसाइट की स्पीड कैसे चेक करें।

सबसे पहले, GTmetrix की वेबसाइट पर जाएँ। यह एक मुफ़्त ऑनलाइन टूल है। आपको बस गूगल पर ‘GTmetrix’ खोजना है और उनकी वेबसाइट पर क्लिक करना है। ये बिलकुल किसी डॉक्टर की क्लिनिक जैसा है, जहाँ आप अपनी वेबसाइट का ‘चेकअप’ करवाते हैं।

दूसरा, अपनी वेबसाइट का पता डालें। वेबसाइट खुलने के बाद, आपको एक खाली जगह दिखेगी जहाँ आप अपनी वेबसाइट का पूरा पता (URL) डालेंगे। बस अपना पता डालें और ‘Test your site’ या ‘Analyze’ वाले बटन पर क्लिक कर दें।

तीसरा, नतीजों को ध्यान से देखें। कुछ ही देर में GTmetrix आपको अपनी वेबसाइट की स्पीड का पूरा ब्यौरा दिखा देगा। इसमें आपको अलग-अलग नंबर और ग्रेड दिखेंगे, जैसे ‘परफ़ॉर्मेंस’ (Performance) या ‘स्ट्रक्चर’ (Structure) के लिए। इसमें ‘LCP’, ‘TBT’, ‘CLS’ जैसे कुछ नाम भी दिखेंगे। शुरुआत में ये थोड़े मुश्किल लग सकते हैं, पर घबराना नहीं। हर चीज़ के बारे में थोड़ी जानकारी वहाँ दी होती है।

चौथा, ‘वॉटरफॉल’ (Waterfall) को समझना। GTmetrix में एक ‘वॉटरफॉल’ टैब होता है। यह सबसे ज़रूरी हिस्सा है। यह आपको दिखाता है कि आपकी वेबसाइट पर मौजूद हर छोटी-बड़ी चीज़ (जैसे तस्वीरें, CSS फ़ाइलें, JavaScript) कितनी देर में लोड हुई। जो चीज़ ज़्यादा समय ले रही है, उस पर आप काम कर सकते हैं। यह ऐसा है जैसे एक टाइमलाइन देखना कि कौन सी चीज़ कब लोड हुई।

पाँचवाँ, सुधार के सुझाव देखें। GTmetrix आपको यह भी बताता है कि आप अपनी वेबसाइट की स्पीड को कैसे बेहतर कर सकते हैं। यह आपको सुझाव देगा कि कौन सी तस्वीरें बहुत बड़ी हैं, कौन सी फ़ाइलें छोटी की जा सकती हैं, या कहाँ कैशिंग की ज़रूरत है। इन सुझावों को पढ़कर आप अपनी वेबसाइट पर ज़रूरी बदलाव कर सकते हैं।

तो, आप देख सकते हैं कि add a cdn for speed boost से अपनी वेबसाइट की स्पीड चेक करना कोई मुश्किल काम नहीं है, बल्कि यह एक बहुत ही शक्तिशाली टूल है जो आपको यह समझने में मदद करता है कि आपकी वेबसाइट कहाँ खड़ी है और आपको उसे कहाँ ले जाना है।

conclusion

तो दोस्तों, वेबसाइट की स्पीड बढ़ाने की ये पूरी प्रक्रिया कुछ कमाल की रही। हमने सीखा कि कैसे एक अच्छी होस्टिंग से शुरुआत करके, लेज़ी लोडिंग का इस्तेमाल करके और CDN जैसे स्मार्ट उपाय अपनाकर साइट की रफ्तार को कई गुना बेहतर बनाया जा सकता है।

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मेरे लिए सबसे फायदेमंद बात ये रही कि वेबसाइट की परफॉर्मेंस को लगातार मॉनिटर करते रहना और समय-समय पर छोटे-छोटे बदलाव करते रहना कितनी बड़ी भूमिका निभाता है। पहले मुझे लगता था कि ये सब बहुत जटिल होगा, लेकिन जैसे-जैसे मैंने इन तकनीकों को अपनाया, ये सब एक मजेदार चुनौती जैसा लगने लगा — जैसे हर बार वेबसाइट को और बेहतर बनाने की एक नई कोशिश। 

अगर मैं अपने छोटे भाई को ये समझाता तो यही कहता “देख भाई, तेरी वेबसाइट की स्पीड ही तेरी दुकान की पहली छाप है। अगर वो तेज़ी से नहीं खुली, तो ग्राहक दरवाज़े से ही लौट जाएगा। इसलिए, इस पर हमेशा ध्यान देना।”

मुझे पूरी उम्मीद है कि इस पोस्ट से आपने अपनी वर्डप्रेस वेबसाइट को सुपरफ़ास्ट बनाने के लिए बहुत कुछ सीखा होगा। याद रखना, स्पीड सिर्फ़ नंबर्स की बात नहीं है, ये आपके पाठकों के अनुभव और आपके ब्लॉग की सफलता की बात है।

तो अब बताओ, तुम्हें अपनी वेबसाइट की स्पीड बढ़ाने में सबसे ज़्यादा किस चीज़ ने मदद की। या कोई ऐसा तरीका जो मैंने नहीं बताया हो, तो कमेंट्स में ज़रूर बताना।

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